आम आदमी पार्टी के अमृतसर सेंट्रल हलके से विधायक डॉ. अजय गुप्ता ने अपनी वीडियो वायरल होने के बाद यू-टर्न ले लिया है। उन्होंने अपना नया वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपनी सफाई दी है। उन्होंने अपने वीडियो में कही बातों को पुरानी सरकारों पर थोप दिया है और अपनी सरकार को उनके कामों को सुधारने वाली करार दिया है। दरअसल, अजय गुप्ता की वीडियो वायरल होने के बाद राजनीति गर्मा गई। उन्होंने कहा कि वह विपक्ष को बताना चाहते हैं कि जो नशे और भ्रष्टाचार को रोकने की उन्होंने बात की थी, वह पुरानी सरकारों को लेकर थी। पुरानी सरकारों ने जो गांठें बांध रखी हैं, AAP सरकार को उन्हें खोलने में समय लग रहा है। उन्होंने कहा कि नशे को खत्म करने के लिए AAP सरकार दिन रात मेहनत कर रही है। नशा और भ्रष्टाचार पंजाब की जड़ों में जा चुका है, जिसे खत्म करने में समय लगेगा। वीडियो AAP पार्टी के खिलाफ नहीं थी डॉ. अजय गुप्ता ने कहा कि बीते दिन जो वीडियो जारी हुई, उसमें उन्होंने ना तो अपनी पार्टी को लेकर कहा था और ना ही आम आदमी पार्टी के किसी नेता के खिलाफ बोले। वह खराब हुए इस सिस्टम के खिलाफ ही बोले है। इस सिस्टम को कैसे खत्म किया जाना है, इसके लिए वह सीएम भगंवत मान के साथ बैठकर विचार करेंगे। डॉ. गुप्ता ने कहा कि राज्य को दोबारा रंगला पंजाब बनाना चाहते हैं। जो लोग इस वीडियो को तोड़-मरोड़ कर पेश करना चाहते हैं, वह उन्हें बताना चाहते हैं कि वे मान सरकार के साथ है। जानें क्या था पहली वीडियो में बता दें कि, पहली वीडियो में AAP विधायक अजय गुप्ता मंत्री से सवाल करते नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा था कि मंत्री AAP के बदलाव का नारा देते थे। बदला क्या है। आप खुद ही बता दें कि पंजाब में कहां नशा बंद हुआ है। नशा बंद होने की जगह उलटा बढ़ गया है। बात करें यदि भ्रष्टाचार की तो भ्रष्टाचार बढ़ गया है। मेरा एक दोस्त है उससे किसी काम के 1 लाख रुपए रिश्वत मांगी गई थी। जब उसने किसी विधायक का फोन करवा दिया तो रिश्वत बढ़ कर 5 लाख रुपए हो गई। सवा दो साल पहले पुलिस प्रशासन पर सरकार सख्ती रखती तो आज हमारी ये हालत न होती। वॉलंटियर बताते हैं कि आज भी थानों में कांग्रेस और अकाली दल के नेता डेरे जमा कर बैठे हैं। उन्हीं के थानों में काम हो रहे है। सरकार की कमजोरियों के कारण ही आज ये हालात बने है। यदि अधिकारियों सो विधायक फोन भी करते थे तो अधिकारी सिर्फ यही कहते थे कि सर काम हो जाएगा लेकिन किसी का काम नहीं होता था। वालंटियरों को अधिकारी बेइज्जत करते है। यदि हालात न बदले तो सरकार भूल जाए कि 2027 में सरकार बनेगी। आम आदमी पार्टी के अमृतसर सेंट्रल हलके से विधायक डॉ. अजय गुप्ता ने अपनी वीडियो वायरल होने के बाद यू-टर्न ले लिया है। उन्होंने अपना नया वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपनी सफाई दी है। उन्होंने अपने वीडियो में कही बातों को पुरानी सरकारों पर थोप दिया है और अपनी सरकार को उनके कामों को सुधारने वाली करार दिया है। दरअसल, अजय गुप्ता की वीडियो वायरल होने के बाद राजनीति गर्मा गई। उन्होंने कहा कि वह विपक्ष को बताना चाहते हैं कि जो नशे और भ्रष्टाचार को रोकने की उन्होंने बात की थी, वह पुरानी सरकारों को लेकर थी। पुरानी सरकारों ने जो गांठें बांध रखी हैं, AAP सरकार को उन्हें खोलने में समय लग रहा है। उन्होंने कहा कि नशे को खत्म करने के लिए AAP सरकार दिन रात मेहनत कर रही है। नशा और भ्रष्टाचार पंजाब की जड़ों में जा चुका है, जिसे खत्म करने में समय लगेगा। वीडियो AAP पार्टी के खिलाफ नहीं थी डॉ. अजय गुप्ता ने कहा कि बीते दिन जो वीडियो जारी हुई, उसमें उन्होंने ना तो अपनी पार्टी को लेकर कहा था और ना ही आम आदमी पार्टी के किसी नेता के खिलाफ बोले। वह खराब हुए इस सिस्टम के खिलाफ ही बोले है। इस सिस्टम को कैसे खत्म किया जाना है, इसके लिए वह सीएम भगंवत मान के साथ बैठकर विचार करेंगे। डॉ. गुप्ता ने कहा कि राज्य को दोबारा रंगला पंजाब बनाना चाहते हैं। जो लोग इस वीडियो को तोड़-मरोड़ कर पेश करना चाहते हैं, वह उन्हें बताना चाहते हैं कि वे मान सरकार के साथ है। जानें क्या था पहली वीडियो में बता दें कि, पहली वीडियो में AAP विधायक अजय गुप्ता मंत्री से सवाल करते नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा था कि मंत्री AAP के बदलाव का नारा देते थे। बदला क्या है। आप खुद ही बता दें कि पंजाब में कहां नशा बंद हुआ है। नशा बंद होने की जगह उलटा बढ़ गया है। बात करें यदि भ्रष्टाचार की तो भ्रष्टाचार बढ़ गया है। मेरा एक दोस्त है उससे किसी काम के 1 लाख रुपए रिश्वत मांगी गई थी। जब उसने किसी विधायक का फोन करवा दिया तो रिश्वत बढ़ कर 5 लाख रुपए हो गई। सवा दो साल पहले पुलिस प्रशासन पर सरकार सख्ती रखती तो आज हमारी ये हालत न होती। वॉलंटियर बताते हैं कि आज भी थानों में कांग्रेस और अकाली दल के नेता डेरे जमा कर बैठे हैं। उन्हीं के थानों में काम हो रहे है। सरकार की कमजोरियों के कारण ही आज ये हालात बने है। यदि अधिकारियों सो विधायक फोन भी करते थे तो अधिकारी सिर्फ यही कहते थे कि सर काम हो जाएगा लेकिन किसी का काम नहीं होता था। वालंटियरों को अधिकारी बेइज्जत करते है। यदि हालात न बदले तो सरकार भूल जाए कि 2027 में सरकार बनेगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अमृतपाल सिंह मां के बयान पर भड़का:बोला- पंथ और परिवार में से हमेशा पंथ ही चुनूंगा, बलविंदर ने कहा था- बेटा खालिस्तान समर्थक नहीं
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मैं अपने परिवार को चेतावनी देता हूं कि वे कभी भी सिख राज्य से समझौता करने के बारे में न सोचें, यह कहना तो बहुत दूर की बात है और सामूहिक दृष्टिकोण से कहें तो ऐसी गलती नहीं की जानी चाहिए। गुरु पंथ का गुलाम अमृतपाल सिंह बंदी डिब्रूगढ़ जेल असम। अमृतपाल की पोस्ट… अब पढ़िए अमृतपाल की मां ने क्या बयान दिया था
अमृतपाल सिंह की माता की तरफ से उसके सांसद पथ की शपथ लेने के बाद बयान दिया था गया कि अमृतपाल सिंह खालिस्तान समर्थक नहीं है। पंजाब के हकों की बात करना और नौजवानों की आवाज उठाने वाला खालिस्तान समर्थक नहीं हो जाता है। उन्होंने संविधान के दायरे में रहकर चुनाव लड़ा है। संविधान की शपथ उठाई है। अब इस तरह की बात नहीं करनी चाहिए। हालांकि बाद में माता ने कहा था कि मीडिया ने तोड़ मरोड़ कर बयान पेश किया। उन्होंने कहा कि वह क्रिमिनल नहीं है। पिता ने कहा- बेटे के ही शब्द हैं
अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने कहा कि उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट पर आई पोस्ट देखी है। जिसे देखकर लगता है कि वह अमृतपाल सिंह का ही हो सकती है। उसमें लिखी गई भाषा से उन्हें लग रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब के कई मुद्दे हैं। जिनकी तरफ सोचना चाहिए। अमृतपाल ने 5 जुलाई को ली थी सांसद की शपथ
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह ने 5 जुलाई को संसद में सांसद पद की शपथ ली। इसका कोई फोटो-वीडियो जारी नहीं किया गया। शपथ के बाद अमृतपाल को परिवार से मुलाकात के लिए सेफ हाउस लाया गया। यहां 50 मिनट तक पिता और चाचा से मुलाकात हुई। इसके बाद पुलिस उसे लेकर डिब्रूगढ़ रवाना हो गई। अमृतपाल को शपथ के लिए 4 दिन की पैरोल मिली थी, लेकिन सुरक्षा कारणों के चलते पुलिस उसे मात्र शपथ लेने व परिवार से 50 मिनट बात करने के बाद शाम 4 बजे आर्मी एयरक्राफ्ट के जरिए डिब्रूगढ़ के लिए रवाना कर दिया गया।
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बठिंडा की धोबियाना बस्ती में पुलिस की छापेमारी:संदिग्धों को हिरासत में लिया, अधिकारी बोले- आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा बठिंडा पुलिस ने आज नशे के लिए बदनाम धोबियाना बस्ती में छापेमारी की। पुलिस ने घरों और वाहनों की चेकिंग की। छापेमारी के दौरान पुलिस बल के साथ पहुंचे स्टाफ 2 के इंचार्ज करणवीर सिंह ने कुछ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया।
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पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट का टर्म समाप्त:नए सुधारों के साथ सुप्रीम बॉडी के गठन की उम्मीद, कोर्ट में चल रहा केस
पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट का टर्म समाप्त:नए सुधारों के साथ सुप्रीम बॉडी के गठन की उम्मीद, कोर्ट में चल रहा केस पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) की सर्वोच्च बॉडी सीनेट का कार्यकाल समाप्त हो गया है। उप राष्ट्रपति और पीयू के चांसलर जगदीप धनखड़ के कार्यालय से अब तक नई सीनेट या गवर्निंग बॉडी को लेकर कोई आधिकारिक निर्देश जारी नहीं हुआ है। हालांकि, उम्मीद है कि जल्द ही सीनेट के गठन को लेकर नोटिफिकेशन जारी हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, चांसलर कार्यालय ने पीयू प्रबंधन से सीनेट चुनावों की प्रक्रिया और इससे संबंधित कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी है। संभावना जताई जा रही है कि इस बार नई सीनेट या सुप्रीम बॉडी का गठन नए सुधारों के साथ किया जा सकता है। वहीं, कैंपस में बोर्ड ऑफ गवर्नेंस बनाए जाने की चर्चा भी जोर पकड़ रही है। कोर्ट में भी मामला लंबित वर्ष 1882 में गठित पीयू की सीनेट का यह कार्यकाल समाप्त हो गया है। सीनेटरों का कार्यकाल भी समाप्त हो चुका है और कोर्ट से भी कोई राहत न मिलने के कारण सीनेटरों में निराशा है। गौरतलब है कि 2020 में कोरोना महामारी के कारण भी सीनेट चुनाव नहीं हो सके थे, और पीयू एक वर्ष तक बिना सीनेट और सिंडीकेट के ही चली थी। बोर्ड ऑफ गवर्नेंस बनने की संभावना, सीनेट की जगह ले सकता है कई शिक्षकों और सीनेटरों का मानना है कि पीयू की सुप्रीम बॉडी के रूप में अब बोर्ड ऑफ गवर्नेंस का गठन हो सकता है। यदि बोर्ड ऑफ गवर्नेंस का गठन होता है, तो सीनेट की तरह इसमें चुनाव नहीं होंगे। इसके सदस्य पीयू चांसलर ऑफिस द्वारा नामांकन के माध्यम से चयनित किए जाएंगे। कोर्ट की सुनवाई से मिल सकती है पुरानी सीनेट को राहत इस बीच, सीनेट के कार्यकाल को लेकर कोर्ट में मामला लंबित है, जिसकी सुनवाई नवंबर के अंत में होनी है। यदि कोर्ट सीनेट की एक्सटेंशन या चुनावों पर कोई रोक लगाता है, तो मौजूदा सीनेट को एक वर्ष का अतिरिक्त कार्यकाल मिल सकता है या फिर नई सीनेट के चुनाव कराने होंगे।