प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह लुधियाना से चुनाव हारने वाले रवनीत सिंह बिट्टू को अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर उन्हें खाद्य प्रसंस्करण और रेलवे राज्य मंत्री बनाया है। इसके जरिए पार्टी सीधे तौर पर किसानों और आम लोगों से अपील करेगी। वहीं, इससे पंजाब के लिए तरक्की के रास्ते खुलेंगे। वहीं, राज्य में कई सालों से हाई स्पीड रेलवे प्रोजेक्ट के पूरा होने की उम्मीद जगी है। इसके अलावा रेलवे आधारित उद्योग को भी नई संजीवनी मिलने की उम्मीद है। हालांकि, जानकारों के मुताबिक बिट्टू को दिए गए पद काफी अहम हैं। वह सीधे तौर पर लोगों से जुड़े हुए हैं। वह हर वक्त चर्चा में रहेंगे। लेकिन, उनके लिए चुनौतियां भी कम नहीं हैं। अगर वह लोगों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे तो उन्हें नुकसान भी उठाना पड़ेगा। हालांकि, 2019 में खाद्य प्रसंस्करण विभाग शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर के पास था। वह केंद्र से कई प्रोजेक्ट लाने में सफल रही थीं। चंडीगढ़ राजपुरा रेलवे ट्रैक लटका काम होगा पूरा बिट्टू को रेलवे का राज्यमंत्री बनाया गया है, उनकी जिम्मेदारी अहम रहने वाली है। जहां तक रेलवे की बात है तो अमृतसर से दिल्ली के बीच हाई स्पीड रेल परियोजना प्रस्तावित है। यह करीब 465 किलोमीटर लंबी है। इसमें पंजाब ही नहीं बल्कि हरियाणा भी जुड़ना है। अभी तक यह प्राथमिक चरण में है। अगर यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाता है तो अमृतसर दिल्ली का सफर मात्र कुछ घंटों का रह जाएगा। इसी तरह चंडीगढ़ राजपुरा रेलवे मार्ग है, जो कि 2016 में मंजूर हुआ था, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ है। इसके लिए टोकन मनी हजार रुपये मंजूर हुई थी। अगर यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाता है तो ट्राइसिटी समेत कई हरियाणा और अन्य राज्यों के लोगों को रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा पंजाब में रेलवे पर आधारित इंडस्ट्री काफी है। क्योंकि लुधियाना, मोहाली व जालंधर में रेलवे से जुड़े कई पुर्जे तैयार होते है। हालांकि रेलवे के करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट पंजाब में चल रहे है। पूर्व कांग्रेसी नेता पवन बंसल के बाद यह विभाग पंजाब या चंडीगढ़ में आया है। किसान फसली चक्र से आ सकते हैं बाहर रवनीत सिंह बिट्टू को दूसरा प्रमुख विभाग फूड प्रोसेसिंग मिला है। यह विभाग उन्हें पंजाब को ध्यान में ही रखकर दिया गया है। पंजाब में 75 फीसदी लोग खेती पर निर्भर है। वहीं, सरकार काफी समय से किसानों काे फसली चक्र से निकालने में जुटी हुई है। जिसमें यह विभाग अहम जिम्मेदारी निभा सकता है। क्योंकि इस डिपार्टमेंट द्वारा किसानों को उन्हें अपने उत्पादन को मार्केट की डिमांड के हिसाब से तैयार करने के काबिल बनाया जाता है। क्योंकि पंजाब में खाद्य प्रसंस्करण के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र है। ऐसे में वह किसानों के लिए मददगार होंगे। यूएई समेत कई देशों में है निर्यात राज्य के विनिर्माण जीएसडीपी में इसकी हिस्सेदारी 21% है (राष्ट्रीय औसत 8.8%) है। जबकि राज्य 1.2 बिलियन डॉलर मूल्य के खाद्य उत्पाद निर्यात करता है। वहीं, प्रमुख निर्यातक देशों में अमेरिका, यूएई, यूके, वियतनाम व मध्य पूर्व और सऊदी अरब है। जबकि पंजाब के किन्नू, अमरूद, लीची आदि के निर्यात को बल मिलेगा। देश के कुल किन्नू का 24 फीसदी पंजाब में पैदा होता है। प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता में नंबर वन पर है। इसके लिए किसानों को नए अवसर पैदा होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह लुधियाना से चुनाव हारने वाले रवनीत सिंह बिट्टू को अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर उन्हें खाद्य प्रसंस्करण और रेलवे राज्य मंत्री बनाया है। इसके जरिए पार्टी सीधे तौर पर किसानों और आम लोगों से अपील करेगी। वहीं, इससे पंजाब के लिए तरक्की के रास्ते खुलेंगे। वहीं, राज्य में कई सालों से हाई स्पीड रेलवे प्रोजेक्ट के पूरा होने की उम्मीद जगी है। इसके अलावा रेलवे आधारित उद्योग को भी नई संजीवनी मिलने की उम्मीद है। हालांकि, जानकारों के मुताबिक बिट्टू को दिए गए पद काफी अहम हैं। वह सीधे तौर पर लोगों से जुड़े हुए हैं। वह हर वक्त चर्चा में रहेंगे। लेकिन, उनके लिए चुनौतियां भी कम नहीं हैं। अगर वह लोगों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे तो उन्हें नुकसान भी उठाना पड़ेगा। हालांकि, 2019 में खाद्य प्रसंस्करण विभाग शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर के पास था। वह केंद्र से कई प्रोजेक्ट लाने में सफल रही थीं। चंडीगढ़ राजपुरा रेलवे ट्रैक लटका काम होगा पूरा बिट्टू को रेलवे का राज्यमंत्री बनाया गया है, उनकी जिम्मेदारी अहम रहने वाली है। जहां तक रेलवे की बात है तो अमृतसर से दिल्ली के बीच हाई स्पीड रेल परियोजना प्रस्तावित है। यह करीब 465 किलोमीटर लंबी है। इसमें पंजाब ही नहीं बल्कि हरियाणा भी जुड़ना है। अभी तक यह प्राथमिक चरण में है। अगर यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाता है तो अमृतसर दिल्ली का सफर मात्र कुछ घंटों का रह जाएगा। इसी तरह चंडीगढ़ राजपुरा रेलवे मार्ग है, जो कि 2016 में मंजूर हुआ था, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ है। इसके लिए टोकन मनी हजार रुपये मंजूर हुई थी। अगर यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाता है तो ट्राइसिटी समेत कई हरियाणा और अन्य राज्यों के लोगों को रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा पंजाब में रेलवे पर आधारित इंडस्ट्री काफी है। क्योंकि लुधियाना, मोहाली व जालंधर में रेलवे से जुड़े कई पुर्जे तैयार होते है। हालांकि रेलवे के करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट पंजाब में चल रहे है। पूर्व कांग्रेसी नेता पवन बंसल के बाद यह विभाग पंजाब या चंडीगढ़ में आया है। किसान फसली चक्र से आ सकते हैं बाहर रवनीत सिंह बिट्टू को दूसरा प्रमुख विभाग फूड प्रोसेसिंग मिला है। यह विभाग उन्हें पंजाब को ध्यान में ही रखकर दिया गया है। पंजाब में 75 फीसदी लोग खेती पर निर्भर है। वहीं, सरकार काफी समय से किसानों काे फसली चक्र से निकालने में जुटी हुई है। जिसमें यह विभाग अहम जिम्मेदारी निभा सकता है। क्योंकि इस डिपार्टमेंट द्वारा किसानों को उन्हें अपने उत्पादन को मार्केट की डिमांड के हिसाब से तैयार करने के काबिल बनाया जाता है। क्योंकि पंजाब में खाद्य प्रसंस्करण के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र है। ऐसे में वह किसानों के लिए मददगार होंगे। यूएई समेत कई देशों में है निर्यात राज्य के विनिर्माण जीएसडीपी में इसकी हिस्सेदारी 21% है (राष्ट्रीय औसत 8.8%) है। जबकि राज्य 1.2 बिलियन डॉलर मूल्य के खाद्य उत्पाद निर्यात करता है। वहीं, प्रमुख निर्यातक देशों में अमेरिका, यूएई, यूके, वियतनाम व मध्य पूर्व और सऊदी अरब है। जबकि पंजाब के किन्नू, अमरूद, लीची आदि के निर्यात को बल मिलेगा। देश के कुल किन्नू का 24 फीसदी पंजाब में पैदा होता है। प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता में नंबर वन पर है। इसके लिए किसानों को नए अवसर पैदा होंगे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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