पंजाब में अभी लोगों को गर्मी और लू का सामना करना पड़ेगा। बारिश के अभी आसार नहीं है। मौसम विभाग की तरफ से आज लू और गर्मी के लिए 12 जिलों में येलो व 11 में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, सभी जिलों का तापमान अब 42 डिग्री को पार कर गया। सबसे अधिक तापमान फरीदकोट में 47.5 डिग्री दर्ज किया गया है। इसके साथ ही धान लगाने का सीजन शुरू हो गया है। बिजली विभाग की तरफ से किसानों को दिन में ही आठ घंटे बिना किसी रुकावट से बिजली मुहैया करवाई जा रही है। हालांकि गर्मी का असर फलों और सब्जियों के दामों पर दिखने लगा है। सभी चीजों के दामों में बढ़ोतरी हुई है। इन जिलों के लिए जारी किया अलर्ट आज पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, पटियाला, रूपनगर, मोहाली और पटियाला के लिए येलाे अलर्ट जारी किया गया है। जबकि मानसा, बरनाला, लुधियाना, बठिंडा, मोगा, मुक्तसर, फरीदकोट, फाजिल्का फिरोजपुर, तरनतारन और अमृतसर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 16 जून तक विभाग तक विभाग ने लू और गर्मी का येलो अलर्ट जारी किया है। ऐसे रहा पंजाब के शहरों का तापमान पंजाब में सबसे अधिक तापमान फरीदकोट में रहा है। जहां पर 47.5 डिग्री तापमान दर्ज किया गया है। जबकि पठानकोट में 45.8, पटियाला 45.3, लुधियाना 45.0, अमृतसर 46.0, गुरदासपुर में 45.0 डिग्री दर्ज किया गया। इसी तरह एसबीएस नगर 43.6, बठिंडा 47.4, मोगा 43.7, मोहाली 44.5 और रूपनगर में 43.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया है। पंजाब में अभी लोगों को गर्मी और लू का सामना करना पड़ेगा। बारिश के अभी आसार नहीं है। मौसम विभाग की तरफ से आज लू और गर्मी के लिए 12 जिलों में येलो व 11 में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, सभी जिलों का तापमान अब 42 डिग्री को पार कर गया। सबसे अधिक तापमान फरीदकोट में 47.5 डिग्री दर्ज किया गया है। इसके साथ ही धान लगाने का सीजन शुरू हो गया है। बिजली विभाग की तरफ से किसानों को दिन में ही आठ घंटे बिना किसी रुकावट से बिजली मुहैया करवाई जा रही है। हालांकि गर्मी का असर फलों और सब्जियों के दामों पर दिखने लगा है। सभी चीजों के दामों में बढ़ोतरी हुई है। इन जिलों के लिए जारी किया अलर्ट आज पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, पटियाला, रूपनगर, मोहाली और पटियाला के लिए येलाे अलर्ट जारी किया गया है। जबकि मानसा, बरनाला, लुधियाना, बठिंडा, मोगा, मुक्तसर, फरीदकोट, फाजिल्का फिरोजपुर, तरनतारन और अमृतसर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 16 जून तक विभाग तक विभाग ने लू और गर्मी का येलो अलर्ट जारी किया है। ऐसे रहा पंजाब के शहरों का तापमान पंजाब में सबसे अधिक तापमान फरीदकोट में रहा है। जहां पर 47.5 डिग्री तापमान दर्ज किया गया है। जबकि पठानकोट में 45.8, पटियाला 45.3, लुधियाना 45.0, अमृतसर 46.0, गुरदासपुर में 45.0 डिग्री दर्ज किया गया। इसी तरह एसबीएस नगर 43.6, बठिंडा 47.4, मोगा 43.7, मोहाली 44.5 और रूपनगर में 43.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में SAD बागी गुट ने लॉबिंग की शुरू:नाराज सीनियर अकाली लीडर्स से गुपचुप मुलाकात जारी; सुखबीर बादल होंगे अकाल तख्त साहिब पर पेश
पंजाब में SAD बागी गुट ने लॉबिंग की शुरू:नाराज सीनियर अकाली लीडर्स से गुपचुप मुलाकात जारी; सुखबीर बादल होंगे अकाल तख्त साहिब पर पेश शिरोमणि अकाली दल में फूट के बाद श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से जारी हुकमों ने अध्यक्ष सुखबीर बादल की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। सुखबीर बादल ने ऐलान कर दिया है कि वे श्री अकाल तख्त साहिब पर जरूर पेश होंगे। वहीं दूसरी तरफ, विरोधी गुट अपने आप को मजबूत करने के लिए नाराज, सस्पेंड, एसजीपीसी व पूर्व जत्थेदारों से लॉबिंग में जुट गया है। सुखबीर बादल ने अपने सोशल मीडिया पर जानकारी दी है कि वे श्री अकाल तख्त साहिब पर विनम्रता के साथ पेश होंगे। उन्होंने सोशल मीडिया X पर लिखा- एक धर्मनिष्ठ और विनम्र सिख के रूप में, मैं श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज और मिरी पीरी के सर्वोच्च मंदिर, श्री अकाल तख्त साहिब के प्रति समर्पित हूं। श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश के अनुसार, दास अपार श्रद्धा और विनम्रता के साथ सर्वोच्च तीर्थ पर मत्था टेकेंगे। बादल ने खुद दी प्रतिक्रिया बागी गुट की तरफ से शुरू की गई कोशिशों के बाद ये पहला मौका है जब अध्यक्ष सुखबीर बादल ने खुद कोई प्रतिक्रिया दी है। बागी गुट के विरोध और श्री अकाल तख्त साहिब पर माफीनामा सौंपने के बाद भी सुखबीर बादल ने अपनी तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया था। बागी गुट नाराज अकाली नेताओं से कर रहा मुलाकात प्रेम सिंह चंदूमाजरा की अध्यक्षता में अकाली दल बचाओ लहर के तहत सभी बागी लीडर लगातार नाराज नेताओं से मिल रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार, अकाली दल के बागी गुट ने उन नेताओं से भी मुलाकात की है, जिन्हें बीते दिनों किसी ना किसी कारणवश सुखबीर बादल ने सस्पेंड किया था। इनमें उनके अपने जीजा आदेश प्रताप सिंह कैरों, रविकरण सिंह काहलों और मलूका परिवार भी शामिल है। लेकिन अभी तक उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। वहीं, बागी गुट पहले ही कह चुका है कि वे हर नाराज अकाली लीडर से संपर्क करेंगे। इसके अलावा अकाली दल लगातार एसजीपीसी सदस्यों और पूर्व जत्थेदारों से मुलाकात कर रहा है। एक इंटरव्यू में पूर्व जत्थेदार रणजीत सिंह ने कहा कि उनसे भी संपर्क साधा गया था। लेकिन उन्होंने इससे मना कर दिया। उनका कहना था कि वे धर्म की सेवा में लगे हैं, राजसी सेवा वह नहीं करेंगे। जालंधर चुनावों के दौरान शुरू हुई थी बगावत अकाली दल के बीच बगावत जालंधर चुनावों के दौरान ही शुरू हो गई थी। सीनियर अकाली नेता चंदूमाजरा, ढींढसा परिवार, बीबी जगीर कौर व कई सीनियर अकाली नेताओं ने सुखबीर बादल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और अकाली दल को बादल परिवार से मुक्त करवाने की मांग उठने लगी। अकाली दल के नेताओं ने 2022 में सामने आई झूंदा रिपोर्ट को अमल में लाने की मांग की। जिसमें प्रधान को उतारने के लिए सीधे तौर पर नहीं लिखा गया था, लेकिन कहा गया था कि दो टर्म के बाद प्रधान रिपीट नहीं होना चाहिए। बागी श्री अकाल तख्त साहिब का रुख बागी गुट ने इस बगावत को अकाली दल बचाओ लहर नाम दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बागी गुट ने अपना विरोध तो जता दिया था, लेकिन दूसरी तरफ उन्होंने 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब का रुख कर सभी का ध्यान पुराने मुद्दे राम रहीम की माफी, बेअदबी की घटनाओं आदि की तरफ केंद्रित कर दिया। बागी गुट ने सीधे तौर पर सुखबीर बादल के खिलाफ शिकायत नहीं दी, उन्होंने इसे माफीनामा नाम दिया। जिसमें उन्होंने कहा कि वे पार्टी की तरफ से हुई गलतियों का विरोध नहीं कर पाए, इसके लिए वे माफी मांगते हैं। चार आरोप, जो माफीनामा में सुखबीर के खिलाफ लिखे गए 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने दसवें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचाया था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में SAD सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी को ध्यान में रखते हुए इस फैसले से पीछे हटना पड़ा। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। शिरोमणि अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में सफल नहीं हुए। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ SAD सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया था। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पुलिसकर्मी इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। बताना चाहते हैं कि 2012 में बनी SAD सरकार और पिछली अकाली सरकारों ने भी राज्य में झूठे पुलिस मुठभेड़ों की निष्पक्ष जांच करने और पीड़ितों को राहत देने के लिए एक आयोग बनाकर लोगों से किए वादे विफल रहे। बागी गुट झूंदा कमेटी की रिपोर्ट लागू करने की कर रहा मांग बागी गुट लगातार झूंदा कमेटी, जिसे 2022 में भी लागू करने की मांग उठी थी, पर विचार करने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि इसमें पार्टी प्रधान बदलने का प्रस्ताव नहीं है, लेकिन ये लिखा गया है कि पार्टी अध्यक्ष 10 साल के बाद रिपीट नहीं होगा। झूंदा रिपोर्ट पर जब अमल नहीं हुआ तो इसे सार्वजनिक नहीं किया गया था। झूंदा ने सार्वजनिक तौर पर बयान जारी किया था कि 117 विधानसभा हलकों में 100 में जाकर उन्होंने इस रिपोर्ट को तैयार किया है। इस रिपोर्ट में कुछ जानकारियां 2022 में सांझी की थी। तब अकाली नेताओं ने कहा था कि झूंदा रिपोर्ट में 42 सुझाव दिए गए हैं। पार्टी प्रधान को बदले जाने का रिपोर्ट में कहीं जिक्र नहीं है। लेकिन, भविष्य में पार्टी प्रधान के चुने जाने की तय सीमा जरूर तय की गई है। ये भी बात उठाई गई कि अकाली दल अपने मूल सिद्धांतों से भटका है और राज्य सत्ता में रहने के मकसद से कई कमियां आई हैं। सुखबीर बादल का शक्ति प्रदर्शन पूरे घटनाक्रम में सुखबीर बादल ने एक भी शब्द अपनी सफाई व विरोधी गुट के लिए नहीं कहा। लेकिन अकाल तख्त साहिब से सम्मन पर उन्होंने पहली बार कुछ कहा है। वहीं, दूसरी तरफ सुखबीर बादल लगातार बिना कुछ कहे अपना शक्ति प्रदर्शन करते रहे। बागी गुट एक तरफ विरोध तेज कर रहा था, वहीं सुखबीर बादल लगातार बैठकें बुलाकर समर्थन अपने पक्ष में कर रहे थे।
पंजाब सरकार ने की मेडिकल बिल में बढ़ोतरी:अधिकारियों-पेंशनभोगियों को लाभ; नई दिल्ली एम्स की दरों के आधार पर मिलेगा कमरे का किराया
पंजाब सरकार ने की मेडिकल बिल में बढ़ोतरी:अधिकारियों-पेंशनभोगियों को लाभ; नई दिल्ली एम्स की दरों के आधार पर मिलेगा कमरे का किराया पंजाब सरकार ने राज्य के अधिकारियों, कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके आश्रितों के मेडिकल बिलों में कमरे के किराए की दरों में संशोधन करते हुए बढ़ोतरी की है। यह बदलाव 1 दिसंबर 2023 से लागू होग। अब मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्ति अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), नई दिल्ली की नई दरों के अनुसार की जाएगी। कमरे और आईसीयू की नई दरें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, पंजाब ने इस संबंध में सिविल सर्जनों को निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों के अनुसार, राज्य के राजपत्रित और अराजपत्रित अधिकारियों के लिए कमरे और आईसीयू के किराए की दरों में परिवर्तन किया गया है। नए नियमों के तहत राजपत्रित अधिकारियों के लिए कमरे का किराया 6 हजार रुपए प्रतिदिन और आईसीयू का किराया 7 हजार रुपए प्रतिदिन होगा। वहीं, अराजपत्रित कर्मचारियों के लिए यह दरें क्रमशः 3 हजार रुपए प्रतिदिन कमरे के किराए के लिए और 4 हजार रुपए प्रतिदिन आईसीयू के लिए होंगी। एम्स दरों के आधार पर प्रतिपूर्ति सरकार ने स्पष्ट किया है कि चिकित्सा बिलों की प्रतिपूर्ति एम्स, नई दिल्ली की नई दरों के अनुसार की जाएगी। इससे पहले तक पुरानी दरों पर प्रतिपूर्ति की जाती थी, लेकिन अब एम्स द्वारा कमरे और आईसीयू के किराए में वृद्धि कर दी गई है, जिसके आधार पर यह नई व्यवस्था लागू की गई है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी सिविल सर्जनों को निर्देश दिया है कि वे इन दरों का कड़ाई से पालन करें और चिकित्सा बिलों की प्रतिपूर्ति इसी आधार पर करें। यह आदेश विभाग के सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन के बाद जारी किया गया है। सभी सिविल सर्जनों को निर्देश सभी सिविल सर्जनों को निर्देश दिए गए हैं कि वे 1 दिसंबर 2023 के बाद किए गए सभी उपचारों के बिलों में इन नई दरों का पालन करें। इसमें कमरे के किराए के साथ-साथ आईसीयू में भर्ती होने वाले मरीजों के लिए भी नई दरें लागू होंगी।
लुधियाना में 2 साल की बच्ची को कुत्ते ने नोचा:घर बाहर थी खेल रही, सिर,चेहरे और लात पर लगे टांके, इलाके में सहम
लुधियाना में 2 साल की बच्ची को कुत्ते ने नोचा:घर बाहर थी खेल रही, सिर,चेहरे और लात पर लगे टांके, इलाके में सहम पंजाब के लुधियाना में एक 2 साल की बच्ची को कुत्ते ने बुरी तरह से नोच खाया। बच्ची ही हालत काफी गंभीर है। प्राइवेट अस्पताल में उसके सिर, चेहरे और लात पर टांके लगवाए गए। बच्ची के सिर और चेहरे पर कुत्ते के दांत लगे है। बच्ची के उपचार पर परिवार का करीब डेढ़ लाख रुपया लग गया है। अवारा कुत्तों के डर के कारण पूरे इलाके में अब सहम है। घर के बाहर खेल रही थी जानवी जानकारी देते हुए राजगढ़ फ्यूजन के रहने वाले नरेश कुमार ने बताया कि उनकी बेटी जानवी अपने घर के बाहर ही खेल रही थी। इस दौरान गली के कुत्ते ने उनकी बेटी को घेर लिया और बुरी तरह से नोचा। बच्ची के चीखने की आवाज सुनकर वह घर से बाहर निकले। उस समय बच्ची बेहोश गली में पड़ी हुई थी। गली में शोर मचाया और लोगों की मदद से खून से लथपथ बच्ची को फोर्टिस अस्पताल भर्ती करवाया। परिवार की है इकलौती बेटे नरेश मुताबिक जानवी उनकी इकलौती बेटी है। नरेश ने कहा कि वह ट्रांसपोर्ट का काम करते है। कालोनी में अक्सर कुत्तों के झुंड घुमते है जो किसी न किसी को काट लेते है। नगर निगम से उनकी मांग है कि उनकी कालोनी में कुत्तों के आपरेशन करवाए जाए ताकि उनकी जनसंख्या न बढ़े। बच्चों में डर का माहौल
कालोनी के प्रधान गौरव ने बताया कि कुत्तों के हमले के बाद इलाका के बच्चों में भी डर का माहौल है। बच्चे घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। वहीं इलाके के अन्य लोगों ने बताया कि कई बार पहले भी ये कुत्ते लोगों को काटने का प्रयास कर चुके हैं।
इस बाबत कई बार प्रशासन से गुहार भी लगा चुके हैं, लेकिन समस्या का कोई हल नहीं निकल रहा। उन्होंने मांग की कि उनकी समस्या का समाधान किया जाए। ताकि बिना किसी डर के बच्चे गली मोहल्ले में खेल सके। कुत्तों के नहीं हो रहे ऑपरेशन
इलाका निवासियों का कहना है कि आए दिन फीमेल डॉग बच्चों को जन्म दे रही हैं। इससे इलाके में कुत्तों की संख्या में काफी इजाफा हो रहा है। इलाके में कुत्तों की नसबंदी नहीं हो रही। आने वाले समय में ये इलाके के लोगों के लिए बड़ी समस्या है। कुत्ते के काटने पर करवाना चाहिए टीकाकरण
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यदि कुत्ता काट ले तो तुरंत टीकाकरण करवाना चाहिए अन्यथा रेबीज नाम के वायरस से बीमारी लग जाती है। रेबीज का वायरस इन्फेक्टेड जानवर की लार में रहता है। रेबीज कुत्ते, बिल्ली, बंदर या चमगादड़ से फैल सकता है, लेकिन रेबीज के 90 प्रतिशत से ज्यादा मामले कुत्ते के काटने से ही आते हैं। जब व्यक्ति इस वायरस से इन्फेक्टेड हो जाता है तो उसे रेबीज की बीमारी हो जाती है।