काजल देशवाल बनी पानीपत जिला परिषद चैयरमैन:3 महीने से खाली थी कर्सी, 7 जून को टल गया था चुनाव

काजल देशवाल बनी पानीपत जिला परिषद चैयरमैन:3 महीने से खाली थी कर्सी, 7 जून को टल गया था चुनाव

हरियाणा में पानीपत जिला परिषद की नई चेयरपर्सन काजल देशवाल होंगी। उन्होंने आज यह चुनाव जीत लिया है। पिछले 3 महीने से चेयरपर्सन का पद खाली था। यह चुनाव पानीपत तहसील के नायब तहसीलदार अस्तित्व पाराशर और डॉ. वीरेंद्र कुमार दहिया की जिम्मेदारी में करवाया। चुनाव आयोग के आदेश पर चुनाव की वीडियोग्राफी भी कराई गई। 17 पार्षदों में 13 पार्षदों का उनके पास समर्थनदिया। सीनियर अफसरों के रहते नायब तहसीलदार को चुनाव कराने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट बनाने पर पार्षदों को संशय है। अगर नायब तहसीलदार से ही चुनाव कराना था तो यह काम 7 जून को भी हो सकता था। तब यह कहकर चुनाव को टाल दिया गया था कि डीसी और एडीसी दोनों छुट्टी पर हैं। 6 मार्च को दिया था अविश्वास प्रस्ताव 6 मार्च को 17 में से 13 पार्षदों ने भाजपा की ज्योति शर्मा को चेयरपर्सन पद से हटा दिया था। उसके बाद लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा की एक और हार से बचने के लिए चेयरपर्सन का चुनाव नहीं करवाया गया। चेयरपर्सन को पद से हटाने के लिए पार्षदों को हाईकोर्ट भी जाना पड़ा। अविश्वास प्रस्ताव पर 6 मार्च को बैठक बुलाई गई हाईकोर्ट के आदेश के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर 6 मार्च को बैठक बुलाई गई। इसके बाद जब प्रशासन ने चेयरपर्सन चुनाव की तिथि तय नहीं की तो पार्षद एक बार फिर हाईकोर्ट चले गए। हाईकोर्ट ने जवाब मांगा तो 7 जून की तिथि तय हुई। 27 दिसंबर 2022 को ज्योति शर्मा चेयरपर्सन बनी थीं। तब उन्होंने जेजेपी समर्थित वार्ड-13 कुराड़ की जिला पार्षद काजल देसवाल को 9-7 मतों से हराया था। चूंकि एक साल से पहले अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता। इसलिए एक साल पूरा होने के बाद 25 जनवरी 2024 को 12 पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए। हरियाणा में पानीपत जिला परिषद की नई चेयरपर्सन काजल देशवाल होंगी। उन्होंने आज यह चुनाव जीत लिया है। पिछले 3 महीने से चेयरपर्सन का पद खाली था। यह चुनाव पानीपत तहसील के नायब तहसीलदार अस्तित्व पाराशर और डॉ. वीरेंद्र कुमार दहिया की जिम्मेदारी में करवाया। चुनाव आयोग के आदेश पर चुनाव की वीडियोग्राफी भी कराई गई। 17 पार्षदों में 13 पार्षदों का उनके पास समर्थनदिया। सीनियर अफसरों के रहते नायब तहसीलदार को चुनाव कराने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट बनाने पर पार्षदों को संशय है। अगर नायब तहसीलदार से ही चुनाव कराना था तो यह काम 7 जून को भी हो सकता था। तब यह कहकर चुनाव को टाल दिया गया था कि डीसी और एडीसी दोनों छुट्टी पर हैं। 6 मार्च को दिया था अविश्वास प्रस्ताव 6 मार्च को 17 में से 13 पार्षदों ने भाजपा की ज्योति शर्मा को चेयरपर्सन पद से हटा दिया था। उसके बाद लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा की एक और हार से बचने के लिए चेयरपर्सन का चुनाव नहीं करवाया गया। चेयरपर्सन को पद से हटाने के लिए पार्षदों को हाईकोर्ट भी जाना पड़ा। अविश्वास प्रस्ताव पर 6 मार्च को बैठक बुलाई गई हाईकोर्ट के आदेश के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर 6 मार्च को बैठक बुलाई गई। इसके बाद जब प्रशासन ने चेयरपर्सन चुनाव की तिथि तय नहीं की तो पार्षद एक बार फिर हाईकोर्ट चले गए। हाईकोर्ट ने जवाब मांगा तो 7 जून की तिथि तय हुई। 27 दिसंबर 2022 को ज्योति शर्मा चेयरपर्सन बनी थीं। तब उन्होंने जेजेपी समर्थित वार्ड-13 कुराड़ की जिला पार्षद काजल देसवाल को 9-7 मतों से हराया था। चूंकि एक साल से पहले अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता। इसलिए एक साल पूरा होने के बाद 25 जनवरी 2024 को 12 पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए।   हरियाणा | दैनिक भास्कर