<p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana Electric Bill News:</strong> हरियाणा के बिजली उपभोक्ताओं को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बड़ा तोहफा दिया. उन्होंने घोषणा की बिजली के बिलों पर अब मासिक रेंट प्रदेश के उपभोक्ताओं से नहीं लिया जाएगा. यूनिट के हिसाब से जो बिल आएगा, वह बिल ही भरना होगा. इस संबंध में करीब चार महीने पर मनोहर सरकार के कार्यकाल में यह निर्णय लिया गया था. अब सैनी सरकार में इसे लागू किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने कार्यकाल में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 2 किलोवाट तक के घरेलू कनेक्शन के टेरिफ श्रेणी-1 में आने वाले बिजली उपभोक्ताओं पर मासिक शुल्क नहीं लगाने की बात कही थी, यह शुल्क 115 रुपये था. चुनावी मौसम में यह घोषणा लागू नहीं हो पाई थी. अब हरियाणा के नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस फैसले को लागू कर दिया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>केवल यूनिट के हिसाब से भरना होगा बिल </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम के इस एलान के बाद बिजली उपभोक्ताओं को केवल यूनिट के हिसाब से ही बिल भरना होगा. इस योजना का प्रदेश के करीब साढ़े नौ लाख लोगों को लाभ मिलेगा. उनका करीब 180 करोड़ रुपये बचेगा. बिजली उपभोक्ताओं को केवल खपत की गई बिजली यूनिट के लिए भुगतान करना होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 23 फरवरी को अपने 2024-25 के बजट प्रस्तावों में सबसे गरीब लोगों को राहत देने की घोषणा के दौरान यह योजना बताई थी. मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा विधानसभा में कहा था कि वे 2 किलोवाट तक के घरेलू कनेक्टेड लोड वाले टैरिफ श्रेणी-1 के उपभोक्ताओं के लिए एमएमसी को समाप्त करने का प्रस्ताव करते हैं. इस प्रस्ताव को ध्वनि मत से हरियाणा के भाजपा व उनको समर्थन देने वाले विधायकों ने पास किया था. उन्होंने बताया था कि सरकार के इस फैसले से प्रदेश के सबसे गरीब परिवारों को लगभग 180 करोड़ रुपए की राहत मिलेगी. एमएमसी समाप्त करने के निर्णय से प्रदेश के लगभग 9.5 लाख गरीब परिवारों को फायदा मिलेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>(राजेश यादव की रिपोर्ट )</strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana Electric Bill News:</strong> हरियाणा के बिजली उपभोक्ताओं को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बड़ा तोहफा दिया. उन्होंने घोषणा की बिजली के बिलों पर अब मासिक रेंट प्रदेश के उपभोक्ताओं से नहीं लिया जाएगा. यूनिट के हिसाब से जो बिल आएगा, वह बिल ही भरना होगा. इस संबंध में करीब चार महीने पर मनोहर सरकार के कार्यकाल में यह निर्णय लिया गया था. अब सैनी सरकार में इसे लागू किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने कार्यकाल में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 2 किलोवाट तक के घरेलू कनेक्शन के टेरिफ श्रेणी-1 में आने वाले बिजली उपभोक्ताओं पर मासिक शुल्क नहीं लगाने की बात कही थी, यह शुल्क 115 रुपये था. चुनावी मौसम में यह घोषणा लागू नहीं हो पाई थी. अब हरियाणा के नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस फैसले को लागू कर दिया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>केवल यूनिट के हिसाब से भरना होगा बिल </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम के इस एलान के बाद बिजली उपभोक्ताओं को केवल यूनिट के हिसाब से ही बिल भरना होगा. इस योजना का प्रदेश के करीब साढ़े नौ लाख लोगों को लाभ मिलेगा. उनका करीब 180 करोड़ रुपये बचेगा. बिजली उपभोक्ताओं को केवल खपत की गई बिजली यूनिट के लिए भुगतान करना होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 23 फरवरी को अपने 2024-25 के बजट प्रस्तावों में सबसे गरीब लोगों को राहत देने की घोषणा के दौरान यह योजना बताई थी. मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा विधानसभा में कहा था कि वे 2 किलोवाट तक के घरेलू कनेक्टेड लोड वाले टैरिफ श्रेणी-1 के उपभोक्ताओं के लिए एमएमसी को समाप्त करने का प्रस्ताव करते हैं. इस प्रस्ताव को ध्वनि मत से हरियाणा के भाजपा व उनको समर्थन देने वाले विधायकों ने पास किया था. उन्होंने बताया था कि सरकार के इस फैसले से प्रदेश के सबसे गरीब परिवारों को लगभग 180 करोड़ रुपए की राहत मिलेगी. एमएमसी समाप्त करने के निर्णय से प्रदेश के लगभग 9.5 लाख गरीब परिवारों को फायदा मिलेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>(राजेश यादव की रिपोर्ट )</strong></p> पंजाब Buxar News: बक्सर में भतीजे ने भाला घोंपकर की चाचा की हत्या, घर पर अकेला था बुजुर्ग