हरियाणा के करनाल में विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 300 एकड़ कृषि भूमि पर मिट्टी का अवैध खनन किया जा रहा है, जिससे किसानों, पर्यावरण और सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हो रहा है। प्रशासन और खनन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के कारण खनन माफियाओं का मनोबल बढ़ता जा रहा है। अवैध मिट्टी खनन के कारण कृषि भूमि, पर्यावरण और सरकारी राजस्व को हो रहे नुकसान को रोकने के लिए तुरंत प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता है। कृषि भूमि का नेचर बदल रहा, पर्यावरण को नुकसान बिजना गांव में कई एकड़ कृषि भूमि से बिना अनुमति और रॉयल्टी के मिट्टी उठाने का काम जोरों पर चल रहा है। खनन माफिया द्वारा मिट्टी की गहरी खुदाई के कारण कृषि भूमि की उर्वरा शक्ति नष्ट हो रही है। पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। 3 फीट से अधिक गहराई तक खुदाई के कारण नीचे की रेत भी बाहर आ गई है, जो कृषि भूमि के लिए हानिकारक है। किसानों की मजबूरी और राजस्व का नुकसान किसान एक फीट मिट्टी उठाने के लिए 1 लाख से 1.25 लाख रुपए तक वसूल रहे हैं, जिससे उन्हें प्रति एकड़ 10 से 12 लाख रुपए की आय हो रही है।इसके लिए खनन विभाग से कोई अनुमति नहीं ली गई है, जिससे करोड़ों रुपए की रॉयल्टी चोरी हो रही है। पड़ोसी किसान अपनी मिट्टी बेचने को मजबूर हैं, क्योंकि 15 फीट गहराई वाले खेतों की मिट्टी कटने लगती है। रिंग रोड निर्माण में मिट्टी का अवैध उपयोग 34 किलोमीटर लंबे रिंग रोड के निर्माण के लिए 23 गांवों से होकर मिट्टी डाली जा रही है। यह मिट्टी आसपास के खेतों से अवैध रूप से उठाई जा रही है। टेंडर में मिट्टी के स्रोत का उल्लेख है, लेकिन खनन विभाग इसकी कोई जानकारी नहीं दे रहा है। इस अनियमितता से सरकारी राजस्व को सीधा नुकसान हो रहा है। बरसात के दिनों में बढ़ेगी परेशानी गहरी खुदाई वाले खेतों में बरसात के दिनों में पानी भरने से हादसों का खतरा भी बढ़ गया है। किसानों की शिकायतें प्रशासन तक पहुँचने के बावजूद कार्रवाई के बजाय समझौता करवा दिया जाता है, जिससे खनन माफिया का हौसला बढ़ा है। प्रशासन का आश्वासन करनाल SDM अभिनव मेहता ने बीजना गांव में मिट्टी उठाने के मामले में जांच का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि संबंधित टीम को भेजकर जांच की जाएगी कि किससे परमिशन ली गई है और कौन मिट्टी का उठान कर रहा है। हरियाणा के करनाल में विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 300 एकड़ कृषि भूमि पर मिट्टी का अवैध खनन किया जा रहा है, जिससे किसानों, पर्यावरण और सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हो रहा है। प्रशासन और खनन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के कारण खनन माफियाओं का मनोबल बढ़ता जा रहा है। अवैध मिट्टी खनन के कारण कृषि भूमि, पर्यावरण और सरकारी राजस्व को हो रहे नुकसान को रोकने के लिए तुरंत प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता है। कृषि भूमि का नेचर बदल रहा, पर्यावरण को नुकसान बिजना गांव में कई एकड़ कृषि भूमि से बिना अनुमति और रॉयल्टी के मिट्टी उठाने का काम जोरों पर चल रहा है। खनन माफिया द्वारा मिट्टी की गहरी खुदाई के कारण कृषि भूमि की उर्वरा शक्ति नष्ट हो रही है। पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। 3 फीट से अधिक गहराई तक खुदाई के कारण नीचे की रेत भी बाहर आ गई है, जो कृषि भूमि के लिए हानिकारक है। किसानों की मजबूरी और राजस्व का नुकसान किसान एक फीट मिट्टी उठाने के लिए 1 लाख से 1.25 लाख रुपए तक वसूल रहे हैं, जिससे उन्हें प्रति एकड़ 10 से 12 लाख रुपए की आय हो रही है।इसके लिए खनन विभाग से कोई अनुमति नहीं ली गई है, जिससे करोड़ों रुपए की रॉयल्टी चोरी हो रही है। पड़ोसी किसान अपनी मिट्टी बेचने को मजबूर हैं, क्योंकि 15 फीट गहराई वाले खेतों की मिट्टी कटने लगती है। रिंग रोड निर्माण में मिट्टी का अवैध उपयोग 34 किलोमीटर लंबे रिंग रोड के निर्माण के लिए 23 गांवों से होकर मिट्टी डाली जा रही है। यह मिट्टी आसपास के खेतों से अवैध रूप से उठाई जा रही है। टेंडर में मिट्टी के स्रोत का उल्लेख है, लेकिन खनन विभाग इसकी कोई जानकारी नहीं दे रहा है। इस अनियमितता से सरकारी राजस्व को सीधा नुकसान हो रहा है। बरसात के दिनों में बढ़ेगी परेशानी गहरी खुदाई वाले खेतों में बरसात के दिनों में पानी भरने से हादसों का खतरा भी बढ़ गया है। किसानों की शिकायतें प्रशासन तक पहुँचने के बावजूद कार्रवाई के बजाय समझौता करवा दिया जाता है, जिससे खनन माफिया का हौसला बढ़ा है। प्रशासन का आश्वासन करनाल SDM अभिनव मेहता ने बीजना गांव में मिट्टी उठाने के मामले में जांच का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि संबंधित टीम को भेजकर जांच की जाएगी कि किससे परमिशन ली गई है और कौन मिट्टी का उठान कर रहा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में चुनाव तारीख बदली:वोटिंग और काउंटिंग 4-4 दिन आगे बढ़ी, BJP ने की थी मांग; कांग्रेस बोली- आयोग भाजपा के इशारे पर चल रहा
हरियाणा में चुनाव तारीख बदली:वोटिंग और काउंटिंग 4-4 दिन आगे बढ़ी, BJP ने की थी मांग; कांग्रेस बोली- आयोग भाजपा के इशारे पर चल रहा चुनाव आयोग ने हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनाव की तारीख बदल दी है। अब यहां 5 अक्टूबर को वोटिंग और 8 अक्टूबर को जम्मू कश्मीर के साथ ही मतगणना होगी। पहले वोटिंग की तारीख 1 अक्टूबर और मतगणना की 4 अक्टूबर रखी गई थी। चुनाव की तारीख बदलने के लिए सबसे पहले भाजपा ने मांग उठाई थी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने वोटिंग के दौरान वीकेंड की छुट्टियां और बिश्नोई समाज के कार्यक्रम का हवाला दिया था। इसके बाद इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) ने भी चुनाव तारीख बढ़ाने की मांग की। इसको लेकर चुनाव आयोग ने मीटिंग भी की थी। उस वक्त इस बारे में कोई फैसला नहीं दिया गया था। हालांकि शनिवार शाम को चुनाव तारीख बदलने का ऐलान कर दिया गया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने कहा, ‘भाजपा इलेक्शन से भाग रही है। इलेक्शन कमीशन भाजपा के इशारों पर चल रहा है।’ चुनाव आयोग ने तारीख बदलने पर क्या कहा… ऑल इंडिया बिश्नोई महासभा ने मांग की चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने पर आयोग ने कहा कि इस बारे में राष्ट्रीय और राज्य की राजनीतिक पार्टियों के अलावा, ऑल इंडिया बिश्नोई महासभा ने मांग की थी। उनका कहना था कि कई पीढ़ियों से पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के कई परिवार गुरु जम्भेश्वर की याद में बीकानेर जिले में ‘आसोज’ महीने की अमावस्या के दौरान पैतृक गांव मुकाम में सालाना उत्सव में भाग लेते हैं। बिश्नोई समाज के लोग वोट नहीं डाल पाएंगे इस साल यह उत्सव 2 अक्टूबर को पड़ रहा है। इसके चलते सिरसा, फतेहाबाद और हिसार के हजारों बिश्नोई परिवार मतदान के दिन राजस्थान की यात्रा करेंगे, जिससे वे 1 अक्टूबर को वोट नहीं डाल पाएंगे। पहले भी तारीखों में बदलाव किया चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि इससे पहले भी हमने कई समुदायों की भावनाओं का सम्मान करते हुए चुनाव की तारीखों में बदलाव किया है। उदाहरण के लिए 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान हमने गुरु रविदास जयंती के लिए वाराणसी जाने वाले भक्तों की सुविधा की खातिर मतदान एक हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया था। मणिपुर में संडे प्रेयर के लिए तारीख बदली ठीक इसी तरह, मणिपुर में 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान ईसाई समुदाय की संडे प्रेयर का सम्मान करने के लिए वोटिंग की तारीख बदली गई थी। 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनावों में देवउठनी एकादशी के चलते वोटिंग की डेट बदली गई थी, क्योंकि यह दिन राजस्थान में सामूहिक विवाहों के लिए महत्व रखता है। 2012 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बारावफात के कारण मतदान की तारीख बदली गई थी। तारीख बदलने पर किसने क्या कहा.. हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान चौधरी उदयभान ने कहा कि भाजपा इलेक्शन से भाग रही थी। वह तारीख आगे बढ़ना चाहती थी, हम चाहते थे कि पीछे हो जाए। चुनाव आयोग ने 4 दिन का और जीवन दान दे दिया। छुट्टियों के कारण कभी इलेक्शन की तारीख बदली है?। छुट्टी तो थी, छुट्टी तो आगे भी होगी। तारीख को पहले भी तो कर सकते थे, आगे क्यों बढ़ाया?। भाजपा इलेक्शन से भाग रही है, उसको समय चाहिए। इलेक्शन कमीशन भाजपा के इशारों पर चल रहा है। कांग्रेस तैयार है। ये लोग जितना डिले करेंगे, उनकी हवा खराब होगी। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, ‘जब BJP ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा, तब मैंने कहा था कि BJP हार मान चुकी है। चुनाव आयोग का अधिकार है, उन्होंने डेट बढ़ा दी।’ कुमारी सैलजा सिरसा से कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने कहा, ‘तारीख बदलने से परिणाम नहीं बदलेंगे।’ बिश्नोई समाज का 11 विधानसभा क्षेत्रों में असर बिश्नोई समाज की वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक भिवानी, हिसार, सिरसा और फतेहाबाद जिलों में बिश्नोई बाहुल्य गांव हैं। इनका असर करीब 11 विधानसभा क्षेत्रों में है। जिनमें करीब डेढ़ लाख वोट है। इसमें आदमपुर, उकलाना, नलवा, हिसार, बरवाला, फतेहाबाद, टोहाना, सिरसा, डबवाली, ऐलनाबाद, लोहारू विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। चुनाव की तारीख बदलने पर किसने क्या कहा था 1. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने चुनाव आयोग को लेटर लिखकर कहा था कि 28 और 29 सितंबर को शनिवार-रविवार है। 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी, जबकि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती और 3 अक्टूबर को अग्रसेन जयंती की छुट्टी है। इतनी लंबी छुट्टियों में वोटर बाहर घूमने निकल जाएंगे। इससे वोटिंग कम हो सकती है। बड़ौली ने लेटर में यह भी बताया कि 2 अक्टूबर को राजस्थान में मुकाम धाम में आसोज का मेला शुरू होगा। यह बिश्नोई समाज का बड़ा धार्मिक कार्यक्रम है। इस मेले में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली से लोग पहुंचते हैं। हरियाणा में बिश्नोई समाज की जनसंख्या अधिक है। इसका असर भी वोटिंग पर हो सकता है। 2. INLD के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर 1 अक्टूबर को होने वाले मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने की BJP की मांग को समर्थन दिया था। उन्होंने लेटर में लिखा, चूंकि लोग आमतौर पर वीकेंड पर छुट्टियों पर जाते हैं, इसलिए यह निश्चित रूप से मतदान को प्रभावित करेगा। मत प्रतिशत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और मतदान प्रतिशत में 15 से 20 प्रतिशत की कमी होने की संभावना है। इसके अलावा चुनाव के लिए कर्मचारियों के प्रशिक्षण के साथ-साथ चुनाव की तैयारी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। हरियाणा में मतदाताओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने और मतदान प्रतिशत को अधिकतम करने के लिए मतदान की तारीख/दिन को एक या दो सप्ताह तक आगे बढ़ाया जाए। 3. अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा ने भी मुख्य चुनाव आयुक्त को लेटर लिखकर चुनाव की डेट बदलने की मांग की थी। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुडिया ने कहा कि एक अक्टूबर को राजस्थान के बीकानेर में बड़े मेले का आयोजन होगा। इसमें बिश्नोई समाज के काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में चुनाव की डेट बदली जाए। राजस्थान के बीकानेर में मुकाम धाम स्थित है, जहां आसोज अमावस्या पर मेला लगता है। इस बार आसोज अमावस्या एक अक्टूबर को रात 9.39 बजे शुरू होगी और 3 अक्टूबर को 12:18 बजे समाप्त होगी। 4. हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान भाजपा में मुख्यमंत्री से लेकर भूतपूर्व प्रदेश अध्यक्ष तक, हार से कोई अछूता नहीं है। इनके मुख्यमंत्री अपने बूथ और विधानसभा में हार गए। इनके पूर्व प्रदेशाध्यक्ष धनखड़ चुनाव हार गए थे। सुभाष बराला तक चुनाव हार गए थे। इसलिए भाजपा छुट्टियों का बहाना बनाकर चुनाव टालना चाहती है। जनता ने भाजपा की छुट्टी करने का फैसला कर लिया है। 5. हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और JJP नेता दुष्यंत चौटाला प्रदेश में समय से पहले मतदान की घोषणा होने से भाजपा बुरी तरह से घबरा गई है और इसी के चलते बीजेपी मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग के दरबार में पहुंच गई है। भाजपा को इस चुनाव में हार का डर स्पष्ट सता रहा है, क्योंकि अब भाजपा का जनाधार प्रदेश में गिर चुका है और इसके चलते वह 20 सीट भी नहीं जीत पा रही। चुनाव से जुड़ी जरूरी जानकारी…
रोहतक में रोडवेजकर्मी से मारपीट:झज्जर से चंडीगढ़ जा रही थी बस, लड़की यात्री को पास दिखाने के लिए कहा तो हुआ झगड़ा
रोहतक में रोडवेजकर्मी से मारपीट:झज्जर से चंडीगढ़ जा रही थी बस, लड़की यात्री को पास दिखाने के लिए कहा तो हुआ झगड़ा रोहतक में रोडवेजकर्मी के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। वारदात उस समय हुई जब हरियाणा रोडवेज की बस झज्जर से चंडीगढ़ जा रही थी। बस में सवार लड़की यात्री से परिचालक ने टिकट मांगी। उसने विद्यार्थी पास होने के बात कही तो पास दिखाने के लिए कहा। लेकिन उस लड़की ने पास दिखाने की बजाय झगड़ा शुरू कर दिया और अपने साथियों को बुलाकर परिचालक से मारपीट की। इसकी शिकायत पुलिस को दे दी। झज्जर के रामनगर मोहल्ला निवासी राजबीर ने पीजीआईएमएस थाना में शिकायत दी। जिसमें बताया कि वह हरियाणा राज्य परिवहन विभाग में बतौर परिचालक कार्यरत है। 31 अगस्त को वह रोडवेज बस लेकर झज्जर से चंडीगढ़ वाया रोहतक जा रहा था। जिसे चालक अनिल कुमार चला रहा था। बस में एक लड़की यात्री बैठी थी। जिसे टिकट लेने के लिए कहा तो उसने विद्यार्थी पास होने की बात कही। जिसके बाद उसे पास दिखाने के लिए बोला तो उस लड़की ने पास नहीं दिखाया और बहस करने लगी। साथ ही आगे चलकर देख लेने की धमकी भी दी। 8-10 लड़कों ने किया लाठी-डंडे व लोहे की रॉड से हमला
परिचालक रामबीर ने बताया कि जब वह दिल्ली बाईपास पर पहुंचा तो सवारी उतार रहा था। इसी दौरान 8-10 लड़के लाठी-डंडे व लोहे के रॉड लेकर वहां आए और हमला कर दिया। बड़ी मुश्किल से चालक व सवारियों ने उसे बचाया। वहीं आरापियों ने जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद उक्त लड़की ने कहा देख लिया पास। इसके बाद मामले की सूचना पुलिस को दी। जब उसने अपना बैग चेक किया तो उसमें से करीब 10 हजार रुपए भी छीन ले गए। इसके बाद घायल को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया। इधर, मामले की सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी।
कुमारी सैलजा को बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी:कांग्रेस में संगठन महासचिव बन सकती हैं, केसी वेणुगोपाल की जगह लेने की चर्चा
कुमारी सैलजा को बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी:कांग्रेस में संगठन महासचिव बन सकती हैं, केसी वेणुगोपाल की जगह लेने की चर्चा हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कद कमजोर पड़ते दिखाई दे रहा है। कुमारी सैलजा के समर्थक भी लगातार हुड्डा ग्रुप पर हार का ठीकरा फोड़ रहा है। इसके बाद कांग्रेस हाईकमान अपना हर कदम फूंक फूंक कर रख रहा है। महाराष्ट्र व झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस बड़ा बदलाव करने के मूड में नजर आ रही है। सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा को कांग्रेस बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। चर्चाएं है कि उन्हें राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बनाया जा सकता है। अभी तक यह जिम्मेदारी केसी वेणुगोपाल संभाल रहे हैं। इन चर्चाओं को तब और हवा मिली, जब 29 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी हुई। अमूमन इस तरह की लिस्ट केसी वेणुगोपाल की तरफ से ही जारी की जाती थीं। इस बार कुमारी सैलजा की तरफ से लिस्ट जारी की गई। उसमें हरियाणा से सिर्फ राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला का नाम था। टिकट बंटवारे में हुड्डा की चली हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 37 सीट मिलीं। कांग्रेस ने पूर्व CM भूपेंद्र हु्ड्डा के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा था। टिकट के बंटवारे से लेकर स्टार कैंपेनरों की रैलियों तक में हुड्डा की ज्यादा चली। कुमारी सैलजा कहीं फ्रंट पर नहीं दिखीं। इसे कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा में हार का एक बड़ा कारण भी माना है। इस गुटबाजी के कारण संगठन कमजोर हुआ। एक्सपर्ट बोले- कांग्रेस में बदलाव की जरूरत करनाल DAV कॉलेज के प्राचार्य एवं राजनीतिक विशेषज्ञ आरपी सैनी ने बताया कि कांग्रेस में जैसे हालात बने हुए है, उसको देखते हुए बदलाव की जरूरत है। कांग्रेस को अपने संगठन में या फिर काम करने के तरीके में बदलाव करने की जरूरत है। कांग्रेस को मंथन नहीं, बल्कि काम करने की जरूरत है। किसी दूसरे नेता को मौका दिया जाना चाहिए, ताकि कांग्रेस आगे बढ़ सके। ऐसे नेता को मौका दिया जाए जो पूरी कांग्रेस को साथ लेकर चले। गोगी बोले- रूटीन वर्क कांग्रेस में जिम्मेदारी मिलने की चर्चाओं को लेकर कुमारी सैलजा से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कॉल नहीं उठाई। जब इस संबंध में असंध के पूर्व विधायक एवं सैलजा समर्थक शमशेर सिंह गोगी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ऐसा कुछ नहीं है। चूंकि सारे नेता बाहर है और हो सकता है कि उस दिन कुमारी सैलजा दिल्ली में हो, उससे महाराष्ट्र वाली लिस्ट पर साइन करवा दिए होंगे, यह एक रूटीन वर्क है। कंफ्यूजन की जरूरत नहीं है। यह बात ठीक है कि वह दिल्ली में मौजूद थी, लिस्ट हाईकमान ने भेज दी थी और उन्होंने साइन करके जारी कर दी। इसलिए उसने संगठन मंत्री की जगह साइन कर दिए। नियमानुसार जो जनरल सेक्रेटरी हेडक्वार्टर में मौजूद होगा, वो ही तो साइन करेगा। भविष्य में चेंज हो सकते है, लेकिन अभी ऐसा कुछ नहीं है।