शिमला शहर में पेयजल किल्लत को देखते हुए निर्माण गतिविधियों पर पूर्णत: रोक लगा दी गई है। इस बाबत शिमला नगर निगम आयुक्त ने देर शाम ऑर्डर जारी कर दिए है। इन आदेशों के तहत शिमला में प्राइवेट और सरकारी निर्माण कार्य पर 30 जून तक रोक रहेगा। यह आदेश शिमला नगर निगम की परिधि में आने वाले क्षेत्रों पर लागू रहेंगे। इन आदेशों के बाद शहर में सभी निर्माण कार्य रोकने होंगे। ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ नगर निगम कार्रवाई करेगा। बता दें कि शिमला के अधिकांश क्षेत्रों में चार-चार दिन बाद पानी की सप्लाई हो पा रही है। लंबे ड्राइ स्पेल की वजह से पेयजल स्त्रोत सूखने लगे है। कई स्त्रोतों में 20 से 30 प्रतिशत तक ही पानी रह गया है। इससे शिमला के लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। 45 MLD की जरूरत, मिल रहा 32 MLD शिमला में रोजाना 45 से 48 एमएलडी पानी की जरूरत रहती है। मगर पिछले कुछ दिनों से शिमला शहर को विभिन्न योजनाओं से मुश्किल से 30 से 32 एमएलडी पानी मिल पा रहा है, जबकि पर्यटकों के बड़ी संख्या में शिमला पहुंचने से पानी की मांग बढ़ी है, लेकिन सप्लाई कम हुई है। इसे देखते हुए प्रदेश के शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी पिछले कल रिव्यू मीटिंग ली। इसमें निर्माण कार्य पर रोक लगाने का फैसला हुआ और देर शाम तक मंत्री के आदेशों के बाद नगर निगम शिमला ने आदेश भी जारी कर दिए। पानी बर्बाद करने वालों पर एक्शन होगा शहरी विकास विभाग ने स्पष्ट किया है कि जो व्यक्ति पानी की बर्बादी करते पकड़ा जाता है और जिनकी टंकियां ओवर-फ्लो होती है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शहरी विकास मंत्री ने शिमला जल प्रबंधन निगम को आदेश दिए कि जहां पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही, वहां टैंकरों से पानी की सप्लाई दी जाए। शिमला शहर में पेयजल किल्लत को देखते हुए निर्माण गतिविधियों पर पूर्णत: रोक लगा दी गई है। इस बाबत शिमला नगर निगम आयुक्त ने देर शाम ऑर्डर जारी कर दिए है। इन आदेशों के तहत शिमला में प्राइवेट और सरकारी निर्माण कार्य पर 30 जून तक रोक रहेगा। यह आदेश शिमला नगर निगम की परिधि में आने वाले क्षेत्रों पर लागू रहेंगे। इन आदेशों के बाद शहर में सभी निर्माण कार्य रोकने होंगे। ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ नगर निगम कार्रवाई करेगा। बता दें कि शिमला के अधिकांश क्षेत्रों में चार-चार दिन बाद पानी की सप्लाई हो पा रही है। लंबे ड्राइ स्पेल की वजह से पेयजल स्त्रोत सूखने लगे है। कई स्त्रोतों में 20 से 30 प्रतिशत तक ही पानी रह गया है। इससे शिमला के लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। 45 MLD की जरूरत, मिल रहा 32 MLD शिमला में रोजाना 45 से 48 एमएलडी पानी की जरूरत रहती है। मगर पिछले कुछ दिनों से शिमला शहर को विभिन्न योजनाओं से मुश्किल से 30 से 32 एमएलडी पानी मिल पा रहा है, जबकि पर्यटकों के बड़ी संख्या में शिमला पहुंचने से पानी की मांग बढ़ी है, लेकिन सप्लाई कम हुई है। इसे देखते हुए प्रदेश के शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी पिछले कल रिव्यू मीटिंग ली। इसमें निर्माण कार्य पर रोक लगाने का फैसला हुआ और देर शाम तक मंत्री के आदेशों के बाद नगर निगम शिमला ने आदेश भी जारी कर दिए। पानी बर्बाद करने वालों पर एक्शन होगा शहरी विकास विभाग ने स्पष्ट किया है कि जो व्यक्ति पानी की बर्बादी करते पकड़ा जाता है और जिनकी टंकियां ओवर-फ्लो होती है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शहरी विकास मंत्री ने शिमला जल प्रबंधन निगम को आदेश दिए कि जहां पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही, वहां टैंकरों से पानी की सप्लाई दी जाए। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
कांगड़ा का जवान लेह में शहीद:ड्यूटी के दौरान हुआ हादसा, पिता भी फौज में थे, शुभम की अभी नहीं हुई थी शादी
कांगड़ा का जवान लेह में शहीद:ड्यूटी के दौरान हुआ हादसा, पिता भी फौज में थे, शुभम की अभी नहीं हुई थी शादी हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले का जवान शुभम धीमान लेह में शहीद हो गया। जिसके बाद क्षेत्र में शोक की लहर है। शुभम का पार्थिव शरीर रविवार को दोपहर बाद गांव में पहुंच जाने के आसार है। शहीद शुभम धीमान(26) पुत्र स्वर्गीय रूमाल सिंह जवाली विधानसभा क्षेत्र की पंचायत ढोल के दुराना गांव के रहने वाले हैं। शुभम धीमान के पिता भी आर्मी से रिटायर्ड फौजी थे। उनका डेढ़ साल पहले ही देहांत हो गया। शुभम धीमान अभी अविवाहित था। वह अपने पीछे माता संतोष (53) और बड़े भाई पंकज कुमार को छोड़ गया है। परिजनों ने बताया कि शहीद शुभम धीमान 14 डोगरा रेजीमेंट में थे और वह वर्तमान में लेह में अपनी सेवाएं दे रहे थे। गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त में हुए शहीद वह शुक्रवार शाम को लेह में अपनी ड्यूटी करते हुए गाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के कारण शहीद हो गए। जवान के शहीद होने की खबर सुनकर परिजनों पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया है।
हिमाचल के 600 पटवार-कानूनगो दफ्तर पर लटक सकते है ताले:महासंघ का फैसला; एसडीएम-तहसीलदार को सौंपेंगे ऑफिस की चाबी, ऑनलाइन काम 10 दिन से बंद
हिमाचल के 600 पटवार-कानूनगो दफ्तर पर लटक सकते है ताले:महासंघ का फैसला; एसडीएम-तहसीलदार को सौंपेंगे ऑफिस की चाबी, ऑनलाइन काम 10 दिन से बंद हिमाचल प्रदेश के लगभग 600 पटवार सर्कल और कानूनगो दफ्तर में कल से ताले लटक सकते हैं। पटवारी-कानूनगो को स्टेट कॉडर बनाने जाने से नाराज हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ ने इसका ऐलान कर दिया है। महासंघ ने सरकार को चेतावनी दी है कि स्टेट कॉडर बनाने के फैसले से सरकार पीछे नहीं हटती है तो 25 जुलाई से एडिशनल पटवार और कानूनगो सर्कल का काम देखना बंद करेंगे। ऐसा हुआ तो प्रदेश के लोगों को इससे परेशानी झेलनी पड़ेगी। प्रदेश में पहले 10 दिन से ऑनलाइन सेवाएं इनकी हड़ताल की वजह से बंद पड़ी है। स्टेट कॉडर बनाए जाने से नाराज पटवारी कानून ने बीते 15 जुलाई से ही ऑनलाइन काम करने बंद कर दिए है। इससे लोग परेशान है। लेकिन अब तक सरकार ने महासंघ को वार्ता के लिए भी नहीं बुलाया। इससे नाराज महासंघ ने कल से एडिशनल काम बंद करने का ऐलान कर दिया है। शिमला कानूनगो-पटवारी महासंघ शिमला के अध्यक्ष चमन ठाकुर ने बताया कि कल कानूनगो-पटवारी एडिशनल चार्ज वाले दफ्तरों की कल संबंधित एसडीएम और तहसीलदार को चाबी सौंप देंगे। किस वजह से हड़ताल कर रहे कानूनगो-पटवारी दरअसल, 12 जुलाई की कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने पटवारी-कानूनगो को स्टेट कॉडर बनाने का फैसला लिया था। अभी पटवारी और कानूनगो दोनों ही जिला कॉडर है। कैबिनेट द्वारा इन्हें स्टेट कॉडर बनाए जाने के फैसले लिया है। इस पर महासघ भड़क गया है। कैबिनेट के फैसले के बाद पटवारी कानूनगो सभी ऑफिशियल वॉट्सऐप ग्रुप से भी एग्जिट कर चुके है। ये काम 10 दिन से प्रभावित बोनोफाइड सर्टिफकेट, करेक्टर सर्टिफिकेट, इनकम सर्टिफिकेट, ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट, ओबीसी सर्टिफिकेट, कास्ट सर्टिफिकेट, एग्रीकल्चर सर्टिफिकेट, अन-इम्पलायमेंट सर्टिफिकेट, लैंड होल्डिंग सर्टिफिकेट, PM किसान सम्मान निधि योजना की ऑनलाइन रिपोर्टिंग जैसे काम बंद कर दिए हैं। स्टेट कॉडर से प्रभावित होगी सीनियोरिटी: सतीश हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने बताया कि पटवारी और कानूनगों की भर्ती जिला कॉडर के हिसाब से हुई है। अब उन्हें अचानक स्टेट कॉडर बना देने से सीनियोरिटी प्रभावित होगी। इससे प्रमोशन में देरी होगी और स्टेट कॉडर में मर्ज होने से सीनियोरिटी में पीछे जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि पटवारी कानून को इसलिए जिला कॉडर में रखा गया, क्योंकि अपने जिला में उन्हें लोकल बोल चाल और एरिया के बारे में जानकारी होती है। यदि उन्हें दूसरे जिला में ट्रांसफर जाता है तो इससे उन्हें बोल चाल और एरिया समझने में वक्त लगेगा। इससे काम में एफिशिएंसी नहीं आएगी। उन्होंने बताया कि भर्ती एवं पदोन्नति नियम के हिसाब से उन्हें जिला कॉडर में रखा जाए।
हिमाचल में हादसे में 3 की मौत:मृतकों में दो महिला और एक युवक शामिल, सवारियों को लेकर जा रही थी टाटा सूमो
हिमाचल में हादसे में 3 की मौत:मृतकों में दो महिला और एक युवक शामिल, सवारियों को लेकर जा रही थी टाटा सूमो हिमाचल प्रदेश के भरमौर क्षेत्र की ग्राम पंचायत गुराड के राख सामरा रोड पर आज सुबह हुए सड़क हादसे में दो लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि एक महिला ने अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में दम तोड़ दिया। इस हादसे में दस लोगों के घायल होने की खबर है। पुलिस ने तीनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। जानकारी के अनुसार आज सुबह करीब साढ़े दस बजे टाटा सूमो HP01C 0871 सवारियों को लेकर सामरा से राच की तरफ जा रही थी। टाटा सूमो को चालक संजय कुमार चला रहा था। बताया जाता है कि टाटा सूमो में कुल 13 यात्री सवार थे। बताया जाता है कि राख बग्गा बिंदला सामरा रोड पर सूमो अनियंत्रित हो गई और गहरी खाई में गिरकर पलट गई। इस हादसे में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक महिला ने अस्पताल ले जाते हुए दम तोड़ दिया। हादसे की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को उपचार के लिए मेडिकल कालेज चंबा में भर्ती कराया। इस हादसे में सूमो सवार दस यात्री घायल हुए हैं। मृतकों में सरला देवी पत्नी प्रवेश निवासी गांव सालवां, पिंकी देवी पत्नी भगत राम निवासी गांव बगोदी सामरा और चमन सिंह पुत्र ओंकार सिंह गांव पुखरेड शामिल हैं।