हिमाचल में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण बुधवार दोपहर बाद से प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में बारिश हो रही है। प्रदेशवासियों ने इससे भीषण गर्मी से राहत की सांस ली है। तापमान में तीन से चार डिग्री की कमी आई है। आज भी सुबह से ही मौसम खराब बना हुआ है। मौसम विभाग की माने तो वीरवार को भी प्रदेश के अधिकांश भागों में बारिश हो सकती है। इस दौरान कुछेक स्थानों पर आंधी तूफान भी चल सकता है। कुछेक स्थानों पर ओलावृष्टि भी हो सकती है। 21 जून को भी प्रदेश के अधिक ऊंचे और मध्यम ऊंचाई वाले कुछेक स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी हो सकता है। 22, 23 और 24 जून को केवल अधिक ऊंचे क्षेत्रों में ही मौसम खराब रहेगा। अन्य स्थानों पर मौसम साफ होगा। अभी प्री-मानसून की दस्तक नहीं : डॉ. पाल मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल ने बताया कि बीते 24 घंटे के दौरान हुई बारिश पश्चिमी विक्षोभ की वजह से है। अभी प्री-मानसून नहीं आया है। उन्होंने बताया कि केवल पूर्व दिशा में प्री-मानसून का आंशिक प्रभाव नजर आ रहा है। हिमाचल में लगभग 25 दिन तक हीटवेव चली। प्रदेश में इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ है। पिछले सालों के दौरान आठ से 10 दिन जरूर गर्मी का असर रहता था। मगर 25 दिन तक पहले कभी हीटवेव महसूस नहीं की गई। आलम यह रहा कि शिमला जिला जहां गर्मी से बचने से लिए लोग पहुंचते है, वहां भी हीटवेव चली। ऐसे में ताजा बारिश के बाद प्रदेशवासियों ने राहत की सांस ली है। मणिमहेश की चोटियों पर बर्फ के बर्फबारी प्रदेश में बुधवार शाम शिमला, धर्मशाला, चंबा, कुल्लू, हमीरपुर और मंडी में बादल झमाझम बारिश हुई है। सोलन और ऊना के गगरेट व चिंतपूर्णी में भी हल्की बौछारों से तापमान में कमी आई। चंबा में भरमौर और मणिमहेश की चोटियों पर बर्फबारी हुई। रोहतांग में फाहे गिरे। शिमला में तीन घंटे से अधिक समय तक बारिश होती रही। मंडी जिला के जोगेंद्रनगर शहर में तेज बारिश के बाद जलभराव से पानी कुछ दुकानों में भर गया। शहर में कई स्थानों पर बिजली के तारों पर पेड़ गिरने से बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हुई। राजा का तालाब में तूफान के कारण दो पेड़ जड़ से उखड़कर गाड़ी और रेहड़ी फड़ी पर गिए गए, जिससे नुकसान हुआ है। बारिश से पहले इन शहरों में अधिकतम पारा 40 डिग्री पार रहा हिमाचल में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण बुधवार दोपहर बाद से प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में बारिश हो रही है। प्रदेशवासियों ने इससे भीषण गर्मी से राहत की सांस ली है। तापमान में तीन से चार डिग्री की कमी आई है। आज भी सुबह से ही मौसम खराब बना हुआ है। मौसम विभाग की माने तो वीरवार को भी प्रदेश के अधिकांश भागों में बारिश हो सकती है। इस दौरान कुछेक स्थानों पर आंधी तूफान भी चल सकता है। कुछेक स्थानों पर ओलावृष्टि भी हो सकती है। 21 जून को भी प्रदेश के अधिक ऊंचे और मध्यम ऊंचाई वाले कुछेक स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी हो सकता है। 22, 23 और 24 जून को केवल अधिक ऊंचे क्षेत्रों में ही मौसम खराब रहेगा। अन्य स्थानों पर मौसम साफ होगा। अभी प्री-मानसून की दस्तक नहीं : डॉ. पाल मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल ने बताया कि बीते 24 घंटे के दौरान हुई बारिश पश्चिमी विक्षोभ की वजह से है। अभी प्री-मानसून नहीं आया है। उन्होंने बताया कि केवल पूर्व दिशा में प्री-मानसून का आंशिक प्रभाव नजर आ रहा है। हिमाचल में लगभग 25 दिन तक हीटवेव चली। प्रदेश में इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ है। पिछले सालों के दौरान आठ से 10 दिन जरूर गर्मी का असर रहता था। मगर 25 दिन तक पहले कभी हीटवेव महसूस नहीं की गई। आलम यह रहा कि शिमला जिला जहां गर्मी से बचने से लिए लोग पहुंचते है, वहां भी हीटवेव चली। ऐसे में ताजा बारिश के बाद प्रदेशवासियों ने राहत की सांस ली है। मणिमहेश की चोटियों पर बर्फ के बर्फबारी प्रदेश में बुधवार शाम शिमला, धर्मशाला, चंबा, कुल्लू, हमीरपुर और मंडी में बादल झमाझम बारिश हुई है। सोलन और ऊना के गगरेट व चिंतपूर्णी में भी हल्की बौछारों से तापमान में कमी आई। चंबा में भरमौर और मणिमहेश की चोटियों पर बर्फबारी हुई। रोहतांग में फाहे गिरे। शिमला में तीन घंटे से अधिक समय तक बारिश होती रही। मंडी जिला के जोगेंद्रनगर शहर में तेज बारिश के बाद जलभराव से पानी कुछ दुकानों में भर गया। शहर में कई स्थानों पर बिजली के तारों पर पेड़ गिरने से बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हुई। राजा का तालाब में तूफान के कारण दो पेड़ जड़ से उखड़कर गाड़ी और रेहड़ी फड़ी पर गिए गए, जिससे नुकसान हुआ है। बारिश से पहले इन शहरों में अधिकतम पारा 40 डिग्री पार रहा हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के 12 लाख बेरोजगारों से धोखा:रेगुलर के बजाय आउटसोर्स नौकरी; टांडा में ठेकेदारी प्रथा से भरेंगे 458 पद, आंदोलन की तैयारी में युवा हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने हर साल एक लाख नौकरी देने के वादा किया था। इस गारंटी के साथ कांग्रेस सत्ता में आई। मगर अब रेगुलर नौकरी के बजाय ऑउटसोर्स भर्ती करके युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। बीते 8 अगस्त की कैबिनेट ने कांगड़ा के टांडा मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में विभिन्न श्रेणियों के 458 पद सृजित किए। इसके बाद बेरोजगार युवा परीक्षाओं की तैयारी में जुट गए। मगर उनके पांव तले तब जमीन खिसक गई, जब स्वास्थ्य सचिव ने इन पदों को भरने के लिए नोटिफिकेशन जारी की, जिसमें साफ किया गया कि टांडा मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में इन पदों को आउटसोर्स आधार पर भरा जाएगा। इस तरह की अस्थाई भर्ती युवाओं के साथ धोखा है। आउटसोर्स पर किया जाता है शोषण प्रदेश में पहले भी 18 सालों से आउटसोर्स भर्तियां की जाती रही है। नाम मात्र मानदेय पर बेरोजगारों का शोषण किया जाता है। सत्ता बदलने पर इन्हें सरकारें अपनी-अपनी सुविधानुसार बाहर कर देती है। सत्तारूढ़ कांग्रेस ने भी इन बेरोजगारों के साथ यही किया है। स्वास्थ्य विभाग में कोरोना काल में भर्ती आउटसोर्स कर्मियों को सुक्खू सरकार ने बाहर किया। अब फिर से कांग्रेस सरकार आउटसोर्स भर्तियां करने जा रही है। टांडा में आउटसोर्स से भरेंगे ये पद स्वास्थ्य सचिव द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, टांडा मेडिकल कालेज में विभिन्न श्रेणी के 458 पद भरे जाने है। इनमें स्टाफ नर्स के 300 पद, रेडियोग्राफर के 2, वॉर्ड-बॉय के 47, ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट के 12 पद, ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर के 2 पद, डाटा एंट्री ऑपरेटर के 10, क्लास-4 के 5, सफाई कर्मचारी के 50 और सिक्योरिटी गार्ड के 30 पद आउटसोर्स पर भरे जाने है। विपक्ष में आउटसोर्स भर्ती का विरोध करती रही कांग्रेस कांग्रेस जब विपक्ष में थी, तो पांच साल तक आउटसोर्स भर्तियों का विरोध करती रही। मगर सत्ता मिलते ही कांग्रेस खुद भी इसी राह पर चल पड़ी है। इससे पहले शिक्षा विभाग में भी जनवरी माह में टैंपरेरी नौकरी करने की तैयारी कर ली थी। मगर तब बेरोजगार सड़कों पर उतरे और सीएम सुक्खू को यह निर्णय आनन-फानन में वापस लेना पड़ा था। कई अन्य विभागों में इस तरह की अस्थाई भर्तियां कांग्रेस सरकार कर चुकी है। हर साल 1 लाख नौकरी का वादा साल 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी ने हर साल 1 लाख और 5 साल में 5 लाख बेरोजगारों को नौकरी देने का वादा किया था। सत्ता में आए कांग्रेस सरकार को 20 महीने हो गए। मगर 20 महीने में 2000 को भी पक्की नौकरी नहीं दे पाए। लगभग 1000 युवाओं को पक्की नौकरी जरूर दी गई। मगर इनमें ज्यादातर पदों को भरने की प्रक्रिया पूर्व सरकार के कार्यकाल में जारी थी। इससे प्रदेश के 12 लाख से ज्यादा बेरोजगार युवाओं के सब्र का बांध टूटता जा रहा है और सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रही है। शिमला में बनाएंगे आंदोलन की रणनीति : घनश्याम हिमाचल के प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष घनश्याम नेहटू ने बताया कि अगले सप्ताह शिमला में बेरोजगारों की मीटिंग बुलाई जा रही है। इसमें आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। पढ़ा-लिखा युवा लाइब्रेरी में पढ़ते हुए बूढ़ा हो रहा है। मगर सरकार की नींद नहीं टूट रही। उन्होंने बताया कि सरकार एक साल बाद भी राज्य चयन आयोग को फंक्शनल नहीं कर पाई। जब तक इसे फंक्शनल नहीं किया जाता, तब तक नौकरी संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि मौजूदा सरकार ने एक भी पक्की नौकरी नहीं दी। पूर्व सरकार के कार्यकाल की भर्तियों के कुछ रिजल्ट जरूर निकाले गए हैं और टीजीटी की बैचवाइज भर्ती जरूर की गई। मगर नए पद विज्ञापित नहीं किए जा रहे। अब युवाओं को आउटसोर्स भर्ती के नाम पर ठगा जा रहा है।