यूपी में भीषण गर्मी से राहत मिली है। कल लखनऊ समेत 8 शहरों में आंधी के साथ जोरदार बारिश हुई। बहराइच में इतनी बारिश हुई कि सड़कों पर पानी भर गया। मौसम विभाग ने गुरुवार को प्रदेश के 50 जिलों में प्री-मानसून बारिश का अलर्ट जारी किया है। इनमें 20 जिलों में ओले भी गिर सकते हैं। लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, लखीमपुर, अमेठी समेत 10 से ज्यादा जिलों में सुबह बादल छाए हुए हैं। ठंडी हवा चल रहीं हैं। पश्चिम बंगाल और बिहार बॉर्डर में अटके मानसून का रास्ता अब साफ हो चुका है। बुधवार देर रात तक मानसून यूपी से करीब 650 किमी. दूर बिहार के किशनगंज पहुंच चुका है। किशनगंज में 107MM से ज्यादा बारिश हुई। वहां से मानसून के बादलों को यूपी पहुंचने में 7 से 8 दिन का समय लग सकता है। हालांकि, प्री मानसून यूपी के 50 जिलों में एक्टिव हो चुका है। बिहार और नेपाल से सटे जिलों में 40 किमी की स्पीड से हवा के साथ बारिश हो रही है। बारिश से कई जिलों में तापमान 6-8 डिग्री तक नीचे दर्ज किया गया है। देर रात हुई बरसात की तस्वीरें… यूपी में भीषण गर्मी से राहत मिली है। कल लखनऊ समेत 8 शहरों में आंधी के साथ जोरदार बारिश हुई। बहराइच में इतनी बारिश हुई कि सड़कों पर पानी भर गया। मौसम विभाग ने गुरुवार को प्रदेश के 50 जिलों में प्री-मानसून बारिश का अलर्ट जारी किया है। इनमें 20 जिलों में ओले भी गिर सकते हैं। लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, लखीमपुर, अमेठी समेत 10 से ज्यादा जिलों में सुबह बादल छाए हुए हैं। ठंडी हवा चल रहीं हैं। पश्चिम बंगाल और बिहार बॉर्डर में अटके मानसून का रास्ता अब साफ हो चुका है। बुधवार देर रात तक मानसून यूपी से करीब 650 किमी. दूर बिहार के किशनगंज पहुंच चुका है। किशनगंज में 107MM से ज्यादा बारिश हुई। वहां से मानसून के बादलों को यूपी पहुंचने में 7 से 8 दिन का समय लग सकता है। हालांकि, प्री मानसून यूपी के 50 जिलों में एक्टिव हो चुका है। बिहार और नेपाल से सटे जिलों में 40 किमी की स्पीड से हवा के साथ बारिश हो रही है। बारिश से कई जिलों में तापमान 6-8 डिग्री तक नीचे दर्ज किया गया है। देर रात हुई बरसात की तस्वीरें… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Related Posts
ग्रेटर नोएडा एक टावर में आग लगने से मचा हड़कंप, घटना को लेकर हुआ चौंकाने वाला खुलासा
ग्रेटर नोएडा एक टावर में आग लगने से मचा हड़कंप, घटना को लेकर हुआ चौंकाने वाला खुलासा <p style=”text-align: justify;”><strong>Greater Noida News Today:</strong> ग्रेटर नोएडा के गौर सिटी 2 में गुरुवार (17 अक्टूबर) की रात को अचानक आग लग गई. इस घटना के बाद स्थानीय निवासियों में हड़कंप मच गया. इस घटना की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन और दमकल विभाग मौके पर पहुंच गया. दमकल विभाग ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गौर सिटी 2 में गुरुवार रात 8 बजे के करीब ये आग लगी थी. उस समय घर पर कोई मौजूद नहीं था. पड़ोसियों ने बताया कि गौर सिटी 2 के 16वें एवेन्यू के एल टावर से अचानक धुआं उठते देखा गया. इसके बाद आसपास के लोगों ने तुरंत गार्ड को सूचित किया. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कड़ी मशक्कत के बाद बुझी आग</strong><br />आग लगने की जानकारी किसी ने पुलिस और अग्निशमन विभाग को दे दी. इसकी सूचना मिलते ही दमकल विभाग मौके पर पहुंच गया और आग पर काबू पाने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी. करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कंप्यूटर पीसी से लगी आग?</strong><br />इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. शुरुआती जानकारी के मुताबिक, आग शॉर्ट सर्किट होने की वजह से लगी. हालांकि सोसाइटी में रहने वाले लोगों का मानना है कि आग एक कंप्यूटर की पीसी से फैली हैं. चूंकि परिवार के लोग बाहर थे ऐसे में कंप्यूटर या डेस्कटॉप के लंबे समय तक ऑन होने की वजह से गर्म हो गया, जिसकी वजह से यह हादसा होने की संभावना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आग से बचने के उपाय</strong><br />गौरतलब है कि इसी साल 7 मार्च को भी गौर सिटी-2 के 16th एवेन्यू के ही एक टावर में आग लगने की घटना सामने आयी थी. आग लगने की घटना होने पर कुछ उपायों को अपना कर बड़े नुकसान से बचा जा सकता है. आइये जानते हैं वे उपाय-</p>
<p style=”text-align: justify;”>1. उपकरणों की जांच: घर से बाहर निकलने से पहले सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बंद करें. खासकर कंप्यूटर, टीवी और अन्य डिवाइस.</p>
<p style=”text-align: justify;”>2. सर्किट ब्रेकर: लंबे समय तक घर से बाहर रहने से पहले सर्किट ब्रेकर को बंद करने के बारे में सोच सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>3. धुआं संकेतक: अपने घर में धुआं संकेतक लगवाएं और नियमित रूप से उनकी जांच करें, जिससे समय पर अलार्म मिल सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”>4. अग्निशामक यंत्र यानी आग बुझाने वाला सिलेंडर जरुर रखें, जिससे इस तरह के किसी भी आपात स्थिति में इसका इस्तेमाल किया जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Aligarh: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में दिव्यांग छात्रों का प्रदर्शन, प्रबंधन पर लगाया हक छीनने का आरोप” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/demonstration-of-disabled-students-outside-aligarh-muslim-university-and-blamed-ann-2804324″ target=”_blank” rel=”noopener”>Aligarh: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में दिव्यांग छात्रों का प्रदर्शन, प्रबंधन पर लगाया हक छीनने का आरोप</a></strong></p>
केदारनाथ यात्रा मार्ग में बोल्डर गिरने से एक तीर्थयात्री की मौत, 3 लोगों का SDRF ने किया रेस्क्यू
केदारनाथ यात्रा मार्ग में बोल्डर गिरने से एक तीर्थयात्री की मौत, 3 लोगों का SDRF ने किया रेस्क्यू <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> उत्तराखंड में केदारनाथ यात्रा मार्ग के सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच भूस्खलन-प्रभावित क्षेत्र में लगातार पत्थर गिरने के कारण कुछ तीर्थ यात्री मलबे की चपेट में आ गए. बताया जा रहा है कि इस घटना में एक तीर्थ यात्री की मौके पर ही मौत हो गई है, जबकि तीन घायलों का रेस्क्यू किया गया है. सूचना पर कार्रवाई करते हुए एसडीआरएफ की टीम तुरंत घटनास्थल की ओर रवाना हो चुकी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उप निरीक्षक आशीष डिमरी ने बताया कि सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच लगातार भूस्खलन हो रहा है. ऐसे में तीर्थ यात्रियों के आवागमन के समय दिक्कतें हो रही हैं. सोमवार (9 सितंबर) सायं के समय राजमार्ग पर पहाड़ी से मलबा आने के कारण कुछ तीर्थ यात्री दब गए और बड़ा हादसा हो गया और एक तीर्थ यात्री की मौत हो गई. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तीन लोगों को मलबे से सुरक्षित निकाला गया</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>घटनास्थल पर पहुंचने के बाद एसडीआरएफ की टीम ने मलबे से तीन घायलों को सुरक्षित निकाल लिया. इसके साथ ही एक शव भी बरामद किया गया. सभी घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद नजदीकी अस्पताल भेजा गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रेक्क्यू ऑपरेशन जारी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उप निरीक्षक आशीष डिमरी ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान लगातार पत्थर गिरने की वजह से चुनौतीपूर्ण हालात बने हुए हैं, लेकिन एसडीआरएफ की टीम पूरी मुस्तैदी से अपना कार्य कर रही है. मौके पर स्थानीय पुलिस और एनडीआरएफ की टीम भी मौजूद हैं और सभी मिलकर रेस्क्यू कार्य को जारी रखे हुए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पत्थर गिरने से एक तीर्थयात्री की मौत</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तराखंड में इन दिनों बारिश की वजह से स्थिति खराब हो गई है. लगातार हो रही बारिश की वजह से इलाके में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है और लोगों को भारी नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. बारिश की वजह से प्रदेश के कई हिस्सों में लैंडस्लाइड की घटना सामने आ रही है. ताजा मामला सोनप्रयाग-गौरीकुंड का है, जहां पत्थर गिरने से एक तीर्थयात्री की मौत हो गई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने की फिर उठी मांग, संजीव बालियान बोले- ‘UP का बंटवारा जरूरी'” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/former-union-minister-sanjeev-balyan-demand-make-western-up-a-separate-state-division-necessary-ann-2779889″ target=”_self”>पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने की फिर उठी मांग, संजीव बालियान बोले- ‘UP का बंटवारा जरूरी'</a></strong></p>
अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा, आज नरसिंह भगवान की शाही जलेब:373 साल का इतिहास; 283 देवी-देवता ढालपुर पहुंचे, कई देश के लोग ले रहे हिस्सा
अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा, आज नरसिंह भगवान की शाही जलेब:373 साल का इतिहास; 283 देवी-देवता ढालपुर पहुंचे, कई देश के लोग ले रहे हिस्सा अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा में आज दोपहर बाद भगवान नरसिंह की शाही जलेब निकाली जाएगी। आगे-आगे नरसिंह भगवान की घोड़ी चलेगी। पीछे आधा दर्जन से ज्यादा देवी-देवता और बीच में भगवान नरसिंह की पालकी चलेगी। पालकी में रूपी रियासत के राज घराना से संबंध रखने वाले रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह नरसिंह भगवान की निशानी ढाल लेकर सवार होंगे। कुल्लू की सांस्कृतिक धरोहर एवं राजा की जलेब का दशहरे में विशेष महत्व है। जलेब यानी राजा की शोभा यात्रा। इसमें हजारों लोग और देवलू (देवता के कारिंदें) पारंपरिक बाध्य यंत्रों की थाप पर नाचते-गाते हुए आगे बढ़ेंगे। देवी देवताओं के भव्य मिलन के बाद आज दोपहर बाद नरसिंह भगवान की जलेब निकलेगी। 7 दिन तक चलने वाला अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा भगवान रघुनाथ जी की शोभा यात्रा के साथ बीते रविवार को शुरू हो गया है। इसमें 283 देवी देवता भाग ले रहे हैं, जबकि निमंत्रण 332 देवी-देवताओं को दिया गया था। इस मेले के लिए बाह्य सराज, आनी, निरमंड और सैंज की शांघड़ घाटी के दूरस्थ इलाकों के देवी-देवता पैदल चलकर पहुंचे है। जलेब का इतिहास और क्यों निकाली जाती है? माना जाता है कि रजवाड़ाशाही के दिनों में राजा यह जलेब सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था देखने के लिए निकालते थे। वहीं, देवी-देवता बुरी आसुरी शक्तियों को खत्म करने के मकसद से इस जलेब में शामिल होते थे। स्थानीय लोग इस प्रथा को आज भी कायम रखे हुए हैं। सदियों से जलेब निकालने की परंपरा अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में नरसिंह भगवान की जलेब निकालने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। नरसिंह की जलेब अगले 3 दिन तक निकाली जाएगी। इस दौरान अलग-अलग घाटियों के देवी-देवता अलग-अलग दिनों में शरीक होते हैं, जिसमें लोग नाचते गाते हुए आगे बढ़ते हैं। नरसिंग भगवान के सिंहासन से शुरू होगी जलेब यह शोभा यात्रा कुल्लू के ढालपुर में भगवान रघुनाथ के अस्थाई शिविर के साथ बने नरसिंह भगवान के सिंहासन से शुरू होगी। जो क्षेत्रीय अस्पताल, कॉलेज गेट, लाल चंद प्रार्थी कला केंद्र से पीछे और BDO दफ्तर होकर वापस नरसिंह भगवान के सिंहासन तक पहुंचेगी। राजा जगत सिंह के समय से शुरू हुई दशहरा मनाने की परम्परा रूपी रियासत के राजा जगत सिंह ने 1637 से 1662 तक शासन किया। तब उन्होंने दमोदर दास को मूर्ति लाने का जिम्मा दिया गया। 1651 में मूर्ति राजभवन मकराहड़ वर्तमान गड़सा घाटी लाई गई। यहां मूर्ति का भव्य स्वागत हुआ। 1653 में पहला दशहरा मणिकर्ण में मनाया गया। वहीं पर दशहरा मनाने का फैसला लिया गया। 1660 में ढालपुर में मनाना शुरू हुआ। उस दौरान से मूर्ति यहां पर ही है। कुल्लू में एक साथ दिखेगी देशी और विदेशी संस्कृति कुल्लू दशहरा में करीब 25 देशों के कलाकार भाग ले रहे हैं। इसमें रूस, अमेरिका, थाईलैंड, उज्बेकिस्तान, इंडोनेशिया, म्यांमार और किर्गिस्तान के कलाकार भाग लेंगे। आईसीसीआर का संयुक्त सांस्कृतिक दल भी प्रस्तुति देगा। वहीं, उतराखंड, असम, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के सांस्कृतिक दल भी दशहरा में अपने कार्यक्रम देंगे। रात्रि सांस्कृतिक कार्यक्रम में शाहिद माल्या, कुलविंदर बिल्ला, ट्रेप बैंड, शारदा पंडित, हिमालयन रूट्स, गुरनाम भुल्लर, कुमार साहिल, नीरज श्रीधर और बांबे वाइकिंग जैसे कलाकार और बैंड उत्सव में लोगों का मनोरंजन करेंगे। दशहरा उत्सव में कई विदेशी राजदूत भी शामिल होंगे। इस मेले का शुभारंभ राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने किया, जबकि समापन्न अवसर पर 18 अक्टूबर को CM सुखविंदर सुक्खू विशेष तौर पर मौजूद रहेंगे।