हिमाचल सरकार ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर राजकीय शोक घोषित करते हुए दो दिन के सरकारी अवकाश का ऐलान किया है। इसके बाद अब सभी सरकारी स्कूल, कालेज और दफ्तर 2 दिन तक बंद रहेंगे। प्रदेश में सरकारी समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी नहीं होंगे। डॉ. मनमोहन का हिमाचल से विशेष लगाव रहा है। उन्होंने मात्र 4 लोकसभा सीटों वाले छोटे से राज्य हिमाचल से UPA-2 सरकार में 2 मंत्री बनाए थे। तब उन्होंने पहले से केंद्रीय राजनीति में रहे आनंद शर्मा और वीरभद्र सिंह को केंद्रीय मंत्री बनाया था। उन्होंने दोनों टर्म प्रधानमंत्री रहते हुए सीएम ने जताया शोक वहीं हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने शोक व्यक्त किया है। प्रदेश के दोनों नेताओं ने मनमोहन सिंह के निधन की खबर को कांग्रेस के लिए अपूर्णीय क्षति बताया। सीएम सुक्खू ने लिखा कि भारतीय राजनीति में उनके योगदान को युगो-युगो तक याद किया जाएगा। मुकेश अग्निहोत्री ने लिखा, डॉ. मनमोहन के नेतृत्व में भारत ने आर्थिक सुधारों का एक नया अध्याय लिखा। हिमाचल सरकार ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर राजकीय शोक घोषित करते हुए दो दिन के सरकारी अवकाश का ऐलान किया है। इसके बाद अब सभी सरकारी स्कूल, कालेज और दफ्तर 2 दिन तक बंद रहेंगे। प्रदेश में सरकारी समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी नहीं होंगे। डॉ. मनमोहन का हिमाचल से विशेष लगाव रहा है। उन्होंने मात्र 4 लोकसभा सीटों वाले छोटे से राज्य हिमाचल से UPA-2 सरकार में 2 मंत्री बनाए थे। तब उन्होंने पहले से केंद्रीय राजनीति में रहे आनंद शर्मा और वीरभद्र सिंह को केंद्रीय मंत्री बनाया था। उन्होंने दोनों टर्म प्रधानमंत्री रहते हुए सीएम ने जताया शोक वहीं हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने शोक व्यक्त किया है। प्रदेश के दोनों नेताओं ने मनमोहन सिंह के निधन की खबर को कांग्रेस के लिए अपूर्णीय क्षति बताया। सीएम सुक्खू ने लिखा कि भारतीय राजनीति में उनके योगदान को युगो-युगो तक याद किया जाएगा। मुकेश अग्निहोत्री ने लिखा, डॉ. मनमोहन के नेतृत्व में भारत ने आर्थिक सुधारों का एक नया अध्याय लिखा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के शहीद को मरणोपरांत शौर्य चक्र:राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिया सम्मान; बारामूला में शहीद हुए थे कुलभूषण मांटा
हिमाचल के शहीद को मरणोपरांत शौर्य चक्र:राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिया सम्मान; बारामूला में शहीद हुए थे कुलभूषण मांटा हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के कुपवी उपमंडल के अंतर्गत गांव गौठ से सम्बन्ध रखने वाले शहीद राइफल मेन कुलभूषण मांटा को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया कया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बीती शाम दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में यह सम्मान शहीद की धर्मपत्नी व माता को प्रदान किया। दरअसल, शिमला के चौपाल क्षेत्र के कुलभूषण मांटा अक्टूबर 2022 में अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में रक्षक नामक संयुक्त ऑपरेशन के दौरान शहीद हो गए थे। कुलभूषण के नेतृत्व में तलाशी दल आतंकवादियों के नजदीक पहुंच गया। इस दौरान कुलभूषण ने एक आतंकवादी को जिंदा पकड़वाया और तब दूसरे आतंकवादी ने उन पर गोली दागी। इसके बाद कुलभूषण को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां पर उन्होंने अंतिम सास ली। उनके इस साहस को देखते हुए राष्ट्रपति ने मरणोपरांत यह पुरस्कार दिया। वीरता की यह निशानी शहीद की पत्नी नीतू कुमारी और उनकी माता दूरमा देवी को सौंपी गई। बेटे का नाम लेते ही मां के छलटे आंसू जैसे ही अवार्ड के लिए शहीद का नाम लिया गया, मां की आंखे आंसुओ से भर पाई। तब राष्ट्रपति ने भी शहीद की मां को ढांढस बंधाया। वहीं शहीद की पत्नी निशब्द खड़ी रही। कुलभूषण अपने पीछे पत्नी नीतू, बेटा, पिता प्रताप, माता दुर्मा देवी, तीन बहन रेखा, किरण और रजनी को छोड़ गए हैं। उनकी शहादत के वक्त उनका बेटा मात्र ढाई माह का था।
हिमाचल के कई क्षेत्रों में बारिश जारी:10 जिलों में आज भारी बारिश और लैंडस्लाइड का अलर्ट; सावधानी बरतने की सलाह
हिमाचल के कई क्षेत्रों में बारिश जारी:10 जिलों में आज भारी बारिश और लैंडस्लाइड का अलर्ट; सावधानी बरतने की सलाह हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में बीती रात से बारिश हो रही है। मौसम विभाग (IMD) ने आज 10 जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी कर रखा है। यह चेतावनी बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन और ऊना जिला को जारी की गई है। IMD के अनुसार, लाहौल स्पीति और किन्नौर को छोड़कर अन्य जिलों में कुछेक स्थानों पर भारी बारिश, लैंडस्लाइड और बाढ़ जैसी घटनाएं पेश आ सकती है। इसे देखते हुए प्रदेश के लोगों के साथ-साथ पहाड़ों पर आने वाले पर्यटकों को भी एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। प्रदेश में बारिश के कारण 60 से ज्यादा सड़कें बंद पड़ी है। मानसून सीजन में 36 फीसदी कम बारिश मौसम विभाग के अनुसार, पूरे मानसून सीजन में प्रदेश में सामान्य से 36 फीसदी कम बारिश हुई है। ऐसा एक भी जिला नहीं है, जहां पूरे सीजन में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई हो। 1 जून से 30 जुलाई तक सामान्य बारिश 348.6 मिमी होती है, लेकिन इस बार 224.4 मिमी बारिश हुई है। 435 करोड़ की संपत्ति नष्ट इस मानसून सीजन में राज्य में 435 करोड़ की सरकारी और निजी संपत्ति नष्ट हो गई है। भारी बारिश के कारण 19 घर पूरी तरह जमींदोज हो गए हैं, जबकि 95 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। इसी तरह 1 दुकान, 87 गौशालाएं और 5 लेबर शेड भी बारिश की भेंट चढ़ गए हैं। प्रदेश के प्रमुख शहरों का अधिकतम पारा बीती शाम को शिमला में हल्की बारिश हुई। इसके बाद शिमला का अधिकतम तापमान 25.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं सुंदरनगर का तापमान 34.3 डिग्री, भुंतर 36.2डिग्री, ऊना का 33.0 डिग्री, नाहन का 28.7 डिग्री, सोलन का 31.2 डिग्री, मनाली का 27.7 डिग्री, कांगड़ा का 32.4 डिग्री, मंडी का 33.2 डिग्री, बिलासपुर का 35.6 डिग्री, हमीरपुर का 34.8 डिग्री, चंबा का 34.6 डिग्री,रिकांगपिओ का 32.2 डिग्री और धौलाकुआं का पारा 34.4 डिग्री दर्ज किया गया।
चौहारघाटी में डेढ़ माह बाद भी सामान्य नहीं हुए हालात:सड़कें बंद, बाजार नहीं पहुंच पा रहीं फसलें; जायजा लेने पहुंचे पूर्व विधायक जवाहर
चौहारघाटी में डेढ़ माह बाद भी सामान्य नहीं हुए हालात:सड़कें बंद, बाजार नहीं पहुंच पा रहीं फसलें; जायजा लेने पहुंचे पूर्व विधायक जवाहर मंडी जिले की चौहारघाटी की ग्राम पंचायत तरसवाण में बरसात से हुई तबाही के बाद सवा महीना बीत गया। लेकिन अब तक हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। यहां अभी भी जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त है। ग्रामीण खासी परेशानी झेल रहे हैं। हालांकि बरसात में तबाह हुई धरमेहड़-तरसवाण-गढ़ गांव सड़क को बहाल करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने बड़ी पोकलेन मशीन यहां लगाई है। लेकिन कई जगह पर नई सड़क बनाने में समय लग रहा है। ऐसे में किसानों की आलू – गोभी सहित अन्य फसलें बाजार तक पहुंचना ने भारी परेशानियों का सामना करना पड़ करा है। पूर्व विधायक जवाहर ठाकुर भी सोमवार देर शाम को ग्रामीणों का हाल जानने और घटना में हुए नुकसान का जायजा लेने द्रगड़, गढ़ गांव और समालंग गांव पहुंचे। पीड़ित परिवारों की सहायता करने सरकार से की मांग उन्होंने पीड़ित परिवारों की हर संभव सहायता करने की प्रदेश सरकार से मांग उठाई। गांव की सड़क के पुनर्निर्माण को लेकर राहत कार्य में तेजी लाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि इस वर्ष सामान्य बरसात होने के बावजूद चौहारघाटी में खासा नुकसान हुआ है। जिस कारण लोगों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। गौरतलब है कि बीते 31 जुलाई रात्रि को चौहारघाटी के राजबन के साथ ग्राम पंचायत तरसवाण के समालंग, द्रगड़ और गढ़गांव में भी मूसलाधार बारिश से करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। यहां पहाड़ी में बादल फटने के बाद गढ़गांव खड्ड और रुलंग नाले ने खासा कहर बरपाया था। दो किलोमीटर तक सड़क हो गई थी तबाह इस दौरान दो रिहायशी मकान, एक पुल, तीन फुटब्रिज, एक आरा मशीन, एक घराट, दो गौशालाएं और दो कारें पानी के तेज बहाव में बह गए थे। जबकि दो किलोमीटर के करीब सड़क का नामोनिशान मिट गया था। सड़क बंद होने के कारण ग्रामीणों के डेढ़ दर्जन के करीब छोटे वाहन गांव में फंसे हुए हैं। आने-जाने के सभी रास्ते बंद हैं। खड्ड नालों के सभी फुटब्रिज बह चुके हैं। ग्रामीणों ने अपने दम पर रास्ते बना पैदल आवाजाही बहाल की है।