लोकसभा चुनाव में हरियाणा में 5 सीट हारने के बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का रुख सख्त हो गया है। विधानसभा चुनाव के लिए बनाए गए प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पहली बैठक में ही मुख्यमंत्री सहित मंत्री, विधायकों को पार्टी नेतृत्व के मंसूबों को साफ कर दिया। उन्होंने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि विधानसभा चुनाव पार्टी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए लोकसभा चुनाव में जो गलतियां हुई हैं, उन्हें विधानसभा में दूर कर लिया जाए। जिन विधानसभाओं में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है, वहां बड़े बदलाव किए जाएंगे। लोकसभा चुनाव में भाजपा 44 विधानसभाओं में ही जीत दर्ज कर पाई थी। सबसे चिंताजनक बात यह है कि सूबे के कुछ शहरी क्षेत्र ऐसे भी रहे, जहां पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। इनमें अंबाला सिटी, जगाधरी, रोहतक, आदमपुर, सिरसा शहर जैसी सीटें शामिल हैं। विधानसभा चुनाव में पुराने फॉर्मूले पर लौटेगी BJP… माइक्रो मैनेजमेंट पर करेगी फोकस विधानसभा चुनाव में हरियाणा भाजपा ‘माइक्रो मैनेजमेंट’ के फॉर्मूले पर चलेगी और बूथ स्तर तक के कार्यकर्ता के घर तक पहुंचेगी। यानी इस बार भाजपा हरियाणा जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। विपक्ष के लिए ऐसा चक्रव्यूह तैयार किया जाएगा, जिसे भेदना आसान नहीं होगा। भाजपा ने अपने पहले कार्यक्रम में ही संकेत दिए हैं कि इस बार किसी भी दूसरे दल के लिए भाजपा को टक्कर देना इतना आसान नहीं होगा। जिस तरह केंद्रीय नेताओं ने हर कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री कहा है, उससे साफ है कि इस बार विधानसभा चुनाव में हर कार्यकर्ता को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी। कार्यकर्ताओं को मिलेगी तवज्जो रविवार को हरियाणा दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि नेता में जो भी कमी हो, वह कमी कार्यकर्ता बताएंगे। कार्यकर्ता के कहने पर फीडबैक लेने के बाद उस कमी को ठीक किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर बड़ा बदलाव करने से भी भाजपा पीछे नही हटेगी। इसका सीधा-सीधा मतलब ये है कि इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा लंगर-लंगोट कसकर मैदान में उतर चुकी है। सियासी जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में मिले फीडबैक के बाद हरियाणा भाजपा में बड़े बदलाव होने तय माने जा रहे हैं। रूठों को मनाएंगे धर्मेंद्र प्रधान हरियाणा लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद रिव्यू मीटिगों में यह भी बात सामने आई है कि सूबे में पार्टी की हार में रूठे नेताओं की भी अहम भूमिका रही। जिसके बाद अब केंद्रीय नेतृत्व ने रोहतक में हुई मीटिंग में यह स्पष्ट संकेत दे दिया है कि पार्टी के हर नाराज नेता को मनाया जाएगा। धर्मेंद्र प्रधान ने मंच से ही नाराज अनिल विज की आवाज लगा दी, जिसके बाद उन्होंने विज को मंच पर बुलाकर उन्हें अपने साथ बिठाया। इस संकेत के बाद कार्यकर्ताओं में यह मैसेज जरूर गया है कि पार्टी में किसी भी नेता की अनदेखी नहीं की जाएगी। अब यहां पढ़िए लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन 11.06% वोट शेयर घटा हरियाणा में इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को 46.06 वोट प्रतिशत मिले हैं। जबकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा का 58 प्रतिशत वोट शेयर था। 5 सालों में पार्टी का प्रदेश में 11.06 वोट प्रतिशत घटा है।वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर देखें तो इस चुनाव में 43.73% वोट शेयर लेकर भाजपा को कड़ी टक्कर दी है। 2019 में कांग्रेस को सिर्फ 28.42% वोट शेयर मिला था। 5 साल में कांग्रेस के वोट शेयर में 15.31% वोट शेयर की बढ़ोतरी हुई है। रिजर्व सीटों पर BJP का बुरा हाल हरियाणा में कुल 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित हैं। इनमें से मात्र 4 सीटों पर ही BJP को जीत मिली है। वहीं, कांग्रेस को 11, आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए भी बेहतर नतीजे आए हैं। AAP ने 2 सीटों पर लीड ली है। ये दोनों आरक्षित सीटें कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट में आती हैं। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 17 सीटों में से कांग्रेस ने मुलाना, सढौरा, खरखौदा, कलानौर, झज्जर, बवानीखेड़ा, उकलाना, कालांवाली, रतिया, नरवाना और होडल सीटें जीती हैं। AAP ने शाहाबाद और गुहला चीका, जबकि BJP ने नीलोखेड़ी, इसराना, पटौदी और बावल सीटें जीती हैं। इन मंत्रियों के गढ़ में पिछड़ी पार्टी भाजपा विधायकों के अंबाला शहर से असीम गोयल (परिवहन मंत्री), जगाधरी से कंवरपाल गुर्जर (कृषि मंत्री), पिहोवा से संदीप सिंह (पूर्व खेल मंत्री), कलायत से कमलेश ढांडा (पूर्व मंत्री), आदमपुर से भव्य बिश्नोई, नलवा से रणबीर सिंह गंगवा, बवानीखेड़ा से बिशंबर वाल्मीकि (राज्य मंत्री), फतेहाबाद से दूडाराम, रतिया से लक्ष्मण नापा, लोहारू से जेपी दलाल (कृषि मंत्री), कोसली से लक्ष्मण यादव, हथीन से प्रवीण डागर, होडल से जगदीश नागर के विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवार की हार हुई। लोकसभा चुनाव में हरियाणा में 5 सीट हारने के बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का रुख सख्त हो गया है। विधानसभा चुनाव के लिए बनाए गए प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पहली बैठक में ही मुख्यमंत्री सहित मंत्री, विधायकों को पार्टी नेतृत्व के मंसूबों को साफ कर दिया। उन्होंने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि विधानसभा चुनाव पार्टी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए लोकसभा चुनाव में जो गलतियां हुई हैं, उन्हें विधानसभा में दूर कर लिया जाए। जिन विधानसभाओं में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है, वहां बड़े बदलाव किए जाएंगे। लोकसभा चुनाव में भाजपा 44 विधानसभाओं में ही जीत दर्ज कर पाई थी। सबसे चिंताजनक बात यह है कि सूबे के कुछ शहरी क्षेत्र ऐसे भी रहे, जहां पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। इनमें अंबाला सिटी, जगाधरी, रोहतक, आदमपुर, सिरसा शहर जैसी सीटें शामिल हैं। विधानसभा चुनाव में पुराने फॉर्मूले पर लौटेगी BJP… माइक्रो मैनेजमेंट पर करेगी फोकस विधानसभा चुनाव में हरियाणा भाजपा ‘माइक्रो मैनेजमेंट’ के फॉर्मूले पर चलेगी और बूथ स्तर तक के कार्यकर्ता के घर तक पहुंचेगी। यानी इस बार भाजपा हरियाणा जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। विपक्ष के लिए ऐसा चक्रव्यूह तैयार किया जाएगा, जिसे भेदना आसान नहीं होगा। भाजपा ने अपने पहले कार्यक्रम में ही संकेत दिए हैं कि इस बार किसी भी दूसरे दल के लिए भाजपा को टक्कर देना इतना आसान नहीं होगा। जिस तरह केंद्रीय नेताओं ने हर कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री कहा है, उससे साफ है कि इस बार विधानसभा चुनाव में हर कार्यकर्ता को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी। कार्यकर्ताओं को मिलेगी तवज्जो रविवार को हरियाणा दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि नेता में जो भी कमी हो, वह कमी कार्यकर्ता बताएंगे। कार्यकर्ता के कहने पर फीडबैक लेने के बाद उस कमी को ठीक किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर बड़ा बदलाव करने से भी भाजपा पीछे नही हटेगी। इसका सीधा-सीधा मतलब ये है कि इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा लंगर-लंगोट कसकर मैदान में उतर चुकी है। सियासी जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में मिले फीडबैक के बाद हरियाणा भाजपा में बड़े बदलाव होने तय माने जा रहे हैं। रूठों को मनाएंगे धर्मेंद्र प्रधान हरियाणा लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद रिव्यू मीटिगों में यह भी बात सामने आई है कि सूबे में पार्टी की हार में रूठे नेताओं की भी अहम भूमिका रही। जिसके बाद अब केंद्रीय नेतृत्व ने रोहतक में हुई मीटिंग में यह स्पष्ट संकेत दे दिया है कि पार्टी के हर नाराज नेता को मनाया जाएगा। धर्मेंद्र प्रधान ने मंच से ही नाराज अनिल विज की आवाज लगा दी, जिसके बाद उन्होंने विज को मंच पर बुलाकर उन्हें अपने साथ बिठाया। इस संकेत के बाद कार्यकर्ताओं में यह मैसेज जरूर गया है कि पार्टी में किसी भी नेता की अनदेखी नहीं की जाएगी। अब यहां पढ़िए लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन 11.06% वोट शेयर घटा हरियाणा में इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को 46.06 वोट प्रतिशत मिले हैं। जबकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा का 58 प्रतिशत वोट शेयर था। 5 सालों में पार्टी का प्रदेश में 11.06 वोट प्रतिशत घटा है।वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर देखें तो इस चुनाव में 43.73% वोट शेयर लेकर भाजपा को कड़ी टक्कर दी है। 2019 में कांग्रेस को सिर्फ 28.42% वोट शेयर मिला था। 5 साल में कांग्रेस के वोट शेयर में 15.31% वोट शेयर की बढ़ोतरी हुई है। रिजर्व सीटों पर BJP का बुरा हाल हरियाणा में कुल 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित हैं। इनमें से मात्र 4 सीटों पर ही BJP को जीत मिली है। वहीं, कांग्रेस को 11, आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए भी बेहतर नतीजे आए हैं। AAP ने 2 सीटों पर लीड ली है। ये दोनों आरक्षित सीटें कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट में आती हैं। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 17 सीटों में से कांग्रेस ने मुलाना, सढौरा, खरखौदा, कलानौर, झज्जर, बवानीखेड़ा, उकलाना, कालांवाली, रतिया, नरवाना और होडल सीटें जीती हैं। AAP ने शाहाबाद और गुहला चीका, जबकि BJP ने नीलोखेड़ी, इसराना, पटौदी और बावल सीटें जीती हैं। इन मंत्रियों के गढ़ में पिछड़ी पार्टी भाजपा विधायकों के अंबाला शहर से असीम गोयल (परिवहन मंत्री), जगाधरी से कंवरपाल गुर्जर (कृषि मंत्री), पिहोवा से संदीप सिंह (पूर्व खेल मंत्री), कलायत से कमलेश ढांडा (पूर्व मंत्री), आदमपुर से भव्य बिश्नोई, नलवा से रणबीर सिंह गंगवा, बवानीखेड़ा से बिशंबर वाल्मीकि (राज्य मंत्री), फतेहाबाद से दूडाराम, रतिया से लक्ष्मण नापा, लोहारू से जेपी दलाल (कृषि मंत्री), कोसली से लक्ष्मण यादव, हथीन से प्रवीण डागर, होडल से जगदीश नागर के विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवार की हार हुई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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विनेश फोगाट के सिल्वर मेडल पर फैसला आज ही:CAS प्रेसिडेंट ने दिए आदेश, पक्ष में 6 दलीलें दी गईं हैं; कल ओलिंपिक का समापन
विनेश फोगाट के सिल्वर मेडल पर फैसला आज ही:CAS प्रेसिडेंट ने दिए आदेश, पक्ष में 6 दलीलें दी गईं हैं; कल ओलिंपिक का समापन हरियाणा की रेसलर विनेश फोगाट को ओलिंपिक में सिल्वर मेडल मिलेगा या नहीं, इसका फैसला आज ही आएगा। इसको लेकर खेल कोर्ट यानी कोर्ट ऑफ आर्बिटरेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) के प्रेसिडेंट ने कोर्ट को आदेश दिए हैं। जिसमें कहा गया है कि पेरिस समय के अनुसार शाम 6 बजे विनेश की याचिका पर फैसला सुना दिया जाए। यानी भारतीय समय के अनुसार रात करीब साढ़े 9 बजे फैसला आएगा। इससे पहले कोर्ट ने कहा था कि ओलिंपिक खत्म होने से पहले फैसला दे देंगे। रविवार को पेरिस ओलिंपिक का समापन है। विनेश फोगाट ने ओलिंपिक में 50 kg वेट कैटेगरी में कुश्ती लड़ी थी। एक दिन में जापान की ओलिंपिक चैंपियन समेत 3 पहलवानों को पटखनी देकर वह फाइनल में पहुंची। हालांकि अगले दिन फाइनल मुकाबले से पहले उसका वेट 100 ग्राम ज्यादा निकल आया। जिस वजह से उसे अयोग्य करार दे दिया गया। इसी को लेकर विनेश ने खेल कोर्ट में अपील दायर की। जिस पर सुनवाई हुई। इस मामले में मोटे तौर पर विनेश के पक्ष में 6 अहम दलीलें दी गई हैं। खेल कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी
विनेश फोगाट की याचिका पर पेरिस स्थित खेल कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। इसमें विनेश भी वर्चुअल तरीके से शामिल हुई। विनेश ने करीब एक घंटे अपना पक्ष रखा। करीब 3 घंटे तक बहस हुई। विनेश की तरफ से भारतीय वकील हरीश साल्वे और विदुष्पत सिंघानिया ने भी उनका पक्ष रखा। डॉक्टर एनाबेल बैनेट ने करीब 3 घंटे तक विनेश, युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग, इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी और IOA का पक्ष सुना। इससे पहले सभी को अपना एफिडेविट भी दाखिल करने को कहा गया था। जिसके बाद ये मौखिक बहस हुई है। विनेश के पक्ष में यह दलीलें भी रखी गईं
खेल कोर्ट में विनेश के पक्ष में कहा गया कि 100 ग्राम वजन बहुत कम है। यह एथलीट के वजन के 0.1% से 0.2% से ज्यादा नहीं है। यह गर्मी के मौसम में इंसान के शरीर के फूलने से भी आसानी से बढ़ सकता है क्योंकि गर्मी के कारण इंसान की जीवित रहने की जरूरत की वजह से शरीर में ज्यादा पानी जमा होता है। इसके अलावा विनेश को एक ही दिन में 3 कॉम्पिटिशन लड़ने पड़े। इस दौरान एनर्जी को मेंटेन करने के लिए भी उन्हें खाना पड़ा। इसके अलावा भारतीय पक्ष ने कहा कि खेल गांव और ओलिंपिक गेम्स के एरीना के बीच की दूरी और पहले दिन फाइट के टाइट शेड्यूल की वजह से विनेश को वजन घटाने का पर्याप्त टाइम नहीं मिला। विनेश का वजन पहले दिन की 3 कुश्तियां लड़ने के बाद 52.7 किलो पहुंच चुका था। भारतीय पक्ष ने यह भी कहा कि विनेश को 100 ग्राम वजन बढ़ने से दूसरे रेसलर के मुकाबले कोई फायदा नहीं होना था। यह सिर्फ जरूरी रिकवरी प्रोसेस का परिणाम था। भारतीय पक्ष ने यह भी दलील दी कि विनेश फोगाट के मामले में कोई धोखाधड़ी या हेराफेरी जैसी बात नहीं है। पहले सारे मुकाबले सही लड़ने और फाइनल में अयोग्य होने की वजह से विनेश को कड़ी मेहनत के बावजूद सिल्वर मेडल से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन ने कहा- पॉजिटिव रिजल्ट की उम्मीद
इस बारे में इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) ने कहा- भारतीय ओलिंपिक संघ को पॉजिटिव रिजल्ट की उम्मीद है। प्रेजिडेंट पीटी उषा ने कहा- विनेश का साथ देना हमारा फर्ज है। फैसला चाहे जो भी आए, हम विनेश के साथ खड़े हैं। इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी अध्यक्ष बोले- CAS का फैसला मानेंगे
विनेश फोगाट के मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (IOC) के अध्यक्ष थॉमस बाक ने कहा कि वह एक वेट कैटेगरी में 2 सिल्वर मेडल देने के पक्ष में नहीं हैं। इसमें इंटरनेशनल फेडरेशन के नियम का पालन किया जाना चाहिए। वेट कट का फैसला यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग का था। यदि हम 100 ग्राम के साथ अनुमति देते हैं तो 102 ग्राम के साथ क्यों नहीं देंगे। अब यह मामला कोर्ट में है। अब हम CAS का फैसला मानेंगे। विनेश फोगाट मामले में अब तक क्या- हुआ, सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें… 1. ओलिंपिक में 1 दिन में 3 पहलवानों को हराया
विनेश फोगाट ने 50 किग्रा वेट कैटेगरी में मंगलवार को 3 मैच खेले। प्री-क्वार्टर फाइनल में उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक की चैंपियन यूई सुसाकी को हरा दिया। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने यूक्रेन और सेमीफाइनल में क्यूबा की रेसलर को पटखनी दी। विनेश फाइनल में पहुंचने वालीं पहली ही भारतीय महिला रेसलर बनीं थीं। 2. डाइट से वजन बढ़ा, पूरी रात कोशिश बेकार गई
सेमीफाइनल तक 3 मैच खेलने के दौरान उन्हें प्रोटीन और एनर्जी के लिए खाना-पानी दिया गया। जिससे उनका वजन 52.700 kg तक बढ़ गया। भारतीय ओलिंपिक टीम के डॉक्टर डॉक्टर दिनशॉ पारदीवाला के मुताबिक विनेश का वेट वापस 50KG पर लाने के लिए टीम के पास सिर्फ 12 घंटे थे। पूरी टीम रातभर विनेश का वजन कम करने की कोशिश में लगी रही। विनेश पूरी रात नहीं सोईं और वजन को तय कैटेगरी में लाने के लिए जॉगिंग, स्किपिंग और साइकिलिंग जैसी एक्सरसाइज करती रहीं। विनेश ने अपने बाल और नाखून तक काट दिए थे। उनके कपड़े भी छोटे कर दिए गए थे। 3. वजन 100 ग्राम ज्यादा मिला, वजन घटाने को सिर्फ 15 मिनट थे
बुधवार सुबह नियम के अनुसार दोबारा से विनेश के वजन की जांच की गई। उनका वजन ज्यादा निकला। उन्हें 15 मिनट मिले लेकिन आखिरी बार वजन में भी वह 100 ग्राम अधिक निकलीं। जिसके बाद उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया। 4. विनेश ने अयोग्य करार देने के खिलाफ अपील की
इसके बाद विनेश ने अयोग्य करार देने पर खेल कोर्ट (CAS) में अपील की। जिसमें विनेश ने फाइनल मुकाबला खेलने देने की अपील की। यह संभव नहीं था तो विनेश ने अपील बदलकर कहा कि सेमीफाइनल तक उसका वजन नियमों के अनुरूप था। उसे संयुक्त सिल्वर मेडल दिया जाए। 5. विनेश ने संन्यास का ऐलान किया
विनेश फोगाट ने गुरुवार सुबह कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। उन्होंने गुरुवार सुबह 5.17 बजे सोशल मीडिया पोस्ट लिखी। विनेश ने लिखा- “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी। …माफी।”। विनेश फोगाट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…
कुरूक्षेत्र में 2 दोषियों को अदालत ने सुनाई सजा:हत्या के मामले में आजीवन कारावास, दोनों पर लगाया जुर्माना, महिला का किया था मर्डर
कुरूक्षेत्र में 2 दोषियों को अदालत ने सुनाई सजा:हत्या के मामले में आजीवन कारावास, दोनों पर लगाया जुर्माना, महिला का किया था मर्डर कुरूक्षेत्र में अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने हत्या करने, षड्यंत्र करने तथा हत्या के सबूत मिटाने के मामले में 2 दोषियों को सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी प्रदीप निवासी जाणी जिला करनाल और गलेडवा जिला कुरूक्षेत्र निवासी एक महिला को आजीवन कठोर कारावास और क्रमशः 1 लाख 3 हजार व 48 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने जुर्माना नहीं भरने पर अधिक सजा का भी आदेश जारी किया है। अदालत ने दोषी व्यक्ति पर 1 लाख 3 हजार और दोषी महिला पर 48 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। 2020 में की थी महिला की हत्या उप जिला न्यायवादी प्रदीप मालिक ने बताया कि दिनांक 6 नवम्बर 2020 को रंजित सिंह निवासी पेहवा ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि उसकी शादी गांव गलेडवा में हुई थी। उसकी ससुराल के सभी बच्चे विदेश में रहते हैं। उसके साले कृपाल सिंह की पत्नी परमजीत कौर अपनी पुत्रवधु के साथ गांव में ही मकान में रहती थी। दिनांक 6 नवम्बर को उसको सूचना मिली कि उसके साले की पत्नी परमजीत कौर की किसी ने रसोई में फंदा लगाकर हत्या कर दी है, तथा गैस की पाइप काटकर आग लगाने की कोशिश की गई है। मार्च 3023 को अदालत में गया था केस सूचना पर वह मौका पर पहुंचा तथा पुलिस को सूचना दी। जिसकी शिकायत पर थाना सदर पेहवा में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करके जांच की गई। तफ्तीश के दौरान आरोपी प्रदीप व गलेडवा जिला कुरूक्षेत्र निवासी एक महिला को गिरफ्तार किया गया था। आरोपियों को गिरफ्तार करके अदालत के आदेश से कारागार भेज दिया था। मामले का चालान दिनांक 2 मार्च 2023 को माननीय अदालत में दिया गया था। सजा के साथ लगाया जुर्माना मामले की नियमित सुनवाई फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट में करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश की अदालत ने गवाहों व सबूतों के आधार पर आरोपी प्रदीप को दोषी करार देते हुए आईपीसी की धारा 302 के तहत आजीवन कठोर कारावास व 40 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 13 माह के अतिरिक्त कठोर कारवास की सजा, आईपीसी की धारा 120बी के तहत आजीवन कठोर कारावास व 40 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 13 माह के अतिरिक्त कठोर कारवास की सजा, आईपीसी की धारा 201 के तहत 7 साल कठोर कारावास व 8 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 8 माह के अतिरिक्त कठोर कारवास की सजा, आईपीसी की धारा 452 के तहत 7 साल कठोर कारावास व 15 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 10 माह के अतिरिक्त कठोर कारवास की सजा सुनाई है। महिला को ये सजा सुनाई आरोपी महिला निवासी गलेडवा जिला कुरुक्षेत्र को दोषी करार देते हुए आईपीसी की धारा 120बी के तहत आजीवन कठोर कारावास व 40 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 13 माह के अतिरिक्त कठोर कारवास की सजा, आईपीसी की धारा 201 के तहत 7 साल कठोर कारावास व 8 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 8 माह के अतिरिक्त कठोर कारवास की सजा सुनाई है।
रोहतक में 5 भ्रष्ट पटवारियों की लिस्ट जारी:नामांतरण और उत्तराधिकार सत्यापन के नाम पर लेते थे रिश्वत, 1 ने रखा था सहायक
रोहतक में 5 भ्रष्ट पटवारियों की लिस्ट जारी:नामांतरण और उत्तराधिकार सत्यापन के नाम पर लेते थे रिश्वत, 1 ने रखा था सहायक हरियाणा सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में पटवारियों की एक सूची जारी की गई है, जिसमें रोहतक जिले के 5 पटवारियों के नाम शामिल किए गए हैं। सूची में शामिल पटवारियों पर पैसों के लेन-देन का आरोप है, जबकि एक पटवारी पर पैसों के लेन-देन के साथ-साथ एक सहायक रखने का आरोप है। सूची जारी होते ही पटवारी एसोसिएशन में भी हड़कंप मच गया। तहसील कार्यालय में जमीन की रजिस्ट्री से लेकर नामांतरण और जमीन की पैमाइश तक के लिए पटवारियों की जरूरत होती है, जिसके लिए या तो पटवारियों द्वारा लोगों को इधर-उधर दौड़ाया जाता है या फिर उनसे पैसे मांगे जाते हैं। ऐसे में लोगों द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों और सीएम विंडो पर भी शिकायत दर्ज कराई जाती है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता ही की जाती है। इन कार्यों के लिए मांगी जाती है रिश्वत तहसील कार्यालय में पटवारियों की तरफ से जमीन की पैमाइश करने, फसलों की गिरदावरी करने, रजिस्ट्री करवाने व इंतकाल के लिए रुपयों की डिमांड की जाती है। जो लोग पटवारियों की डिमांड को पूरा कर देते हैं, उनका काम तुरंत हो जाती है। लेकिन जो लोग पैसे नहीं देते, उन्हें ठोकरे खानी पड़ती है। कुछ पटवारियों ने इन कामों के लिए निजी लोगों को भी लगा रखा है। सूची में शामिल पटवारियों पर ये आरोप लगे हैं सरकार की ओर से जारी सूची में राहुल पटवारी शहर रोहतक नंबर 1, संजय पटवारी आउटर रोहतक नंबर 1, संदीप बूरा गांव खिडवाली नंबर 1, वेद प्रकाश गांव लाहली पर नामांतरण और वारिसों के सत्यापन के मामले में पैसे उधार लेने का आरोप है। संदीप दलाल गांव बोहर पर सहायक रखने और पैसे का लेन-देन करने का आरोप है। अगर सबूत है तो पेश करें, पटवारियों को बदनाम न करें: पवन पटवार एवं कानूनगो एसोसिएशन के जिला प्रधान पवन कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा जारी की गई सूची में पटवारियों को बदनाम करने की कोशिश की गई है। अगर सरकार के पास तथ्य और सबूत है तो पेश करें। एसोसिएशन चंडीगढ़ में सरकार से बातचीत कर रही है। एसोसिएशन के प्रदेश नेता जो भी फैसला लेंगे, उसी आधार पर आगे की रणनीति तय की जाएगी।