जालंधर में पूर्व MLA ​​​​​​​अंगुराल ने किया हंगामा:कहा- अनुमति के बावजूद AAP ने हमारे फ्लैक्स-बोर्ड फाड़े, सरकारी संपत्ति पर अपने बोर्ड लगा दिए

जालंधर में पूर्व MLA ​​​​​​​अंगुराल ने किया हंगामा:कहा- अनुमति के बावजूद AAP ने हमारे फ्लैक्स-बोर्ड फाड़े, सरकारी संपत्ति पर अपने बोर्ड लगा दिए

पंजाब के जालंधर में उपचुनाव को लेकर राजनीति तेज हो गई है। भाजपा प्रत्याशी पूर्व विधायक शीतल अंगुराल ने बबरीक चौक स्थित निगम के जोनल कार्यालय के बाहर हंगामा किया। अंगुराल ने आरोप लगाया है कि पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए पोस्टर आप नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा फाड़ दिए जाते हैं और आप नेताओं के पोस्टर नहीं हटाए जाते। अंगुराल ने आरोप लगाया है कि राज्य में आप की सरकार होने के कारण सरकार उन्हें निशाना बना रही है। पूर्व विधायक शीतल अंगुराल ने कहा- आम आदमी पार्टी को चुनाव में अधिकारियों द्वारा मदद की जा रही है। लोग आम आदमी पार्टी के नेताओं को अपने मोहल्लों में घुसने नहीं दे रहे हैं और उनके बोर्ड और झंडे नहीं लगा रहे हैं। जिसके चलते सरकारी अधिकारियों की मदद से आप नेता चौक-चौराहों पर सरकारी संपत्तियों पर अपने पोस्टर और बोर्ड लगा रहे हैं।
अंगुराल ने कहा- आप नेता बीजेपी के साथ धक्का कर रहे अंगुराल ने कहा- बीजेपी को बोर्ड अगर कोई व्यक्ति लगाता है तो उसे उतरवा दिए जाते हैं। अंगुराल ने कहा- बस्ती गुजा के पास बीजेपी के बोर्ड आप वर्करों द्वारा उतारे गए। दोपहर के वक्त विधायक अंगुराल ने नगर निगम के सब ऑफिस में जमकर हंगामा कर दिया था। जिसके बाद आम आदमी पार्टी के खिलाफ अंगुराल और उनके समर्थकों ने जमकर नारेबाजी भी की। बीजेपी नेता अमित तनेजा ने कहा- वह इसे लेकर उच्च अधिकारियों को लिखित में शिकायत देंगे कि नगर निगम के कमिश्नर गौतम जैन का तबादला किया जाए। साथ ही आईएएस अधिकारी गौतम जैन ने मामले में उचित कार्रवाई की बात कही है। शीतल अंगुराल के इस्तीफे के बाद हो रहा उपचुनाव लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 27 मार्च को शीतल अंगुराल भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। लेकिन 29 मई को अंगुराल ने अपना इस्तीफा वापस लेने का मन बनाया था। 30 मई को अंगुराल ने अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए स्पीकर को पत्र लिखा था। 3 जून को स्पीकर ने अंगुराल को इस्तीफे पर बातचीत को लेकर बुलाया था। मगर 30 मई को अंगुराल का इस्तीफा मंजूर कर दिया गया। इस पर अंगुराल ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही थी। दिलचस्प बात यह है कि भगत और अंगुराल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी मैदान में थे। तब मोहिंदर भगत बीजेपी के उम्मीदवार थे और अंगुराल AAP की तरफ से कैंडिडेट थे। इस बार उलट हो गया है। भगत AAP के तो अंगुराल भाजपा के कैंडिडेट हैं। पंजाब के जालंधर में उपचुनाव को लेकर राजनीति तेज हो गई है। भाजपा प्रत्याशी पूर्व विधायक शीतल अंगुराल ने बबरीक चौक स्थित निगम के जोनल कार्यालय के बाहर हंगामा किया। अंगुराल ने आरोप लगाया है कि पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए पोस्टर आप नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा फाड़ दिए जाते हैं और आप नेताओं के पोस्टर नहीं हटाए जाते। अंगुराल ने आरोप लगाया है कि राज्य में आप की सरकार होने के कारण सरकार उन्हें निशाना बना रही है। पूर्व विधायक शीतल अंगुराल ने कहा- आम आदमी पार्टी को चुनाव में अधिकारियों द्वारा मदद की जा रही है। लोग आम आदमी पार्टी के नेताओं को अपने मोहल्लों में घुसने नहीं दे रहे हैं और उनके बोर्ड और झंडे नहीं लगा रहे हैं। जिसके चलते सरकारी अधिकारियों की मदद से आप नेता चौक-चौराहों पर सरकारी संपत्तियों पर अपने पोस्टर और बोर्ड लगा रहे हैं।
अंगुराल ने कहा- आप नेता बीजेपी के साथ धक्का कर रहे अंगुराल ने कहा- बीजेपी को बोर्ड अगर कोई व्यक्ति लगाता है तो उसे उतरवा दिए जाते हैं। अंगुराल ने कहा- बस्ती गुजा के पास बीजेपी के बोर्ड आप वर्करों द्वारा उतारे गए। दोपहर के वक्त विधायक अंगुराल ने नगर निगम के सब ऑफिस में जमकर हंगामा कर दिया था। जिसके बाद आम आदमी पार्टी के खिलाफ अंगुराल और उनके समर्थकों ने जमकर नारेबाजी भी की। बीजेपी नेता अमित तनेजा ने कहा- वह इसे लेकर उच्च अधिकारियों को लिखित में शिकायत देंगे कि नगर निगम के कमिश्नर गौतम जैन का तबादला किया जाए। साथ ही आईएएस अधिकारी गौतम जैन ने मामले में उचित कार्रवाई की बात कही है। शीतल अंगुराल के इस्तीफे के बाद हो रहा उपचुनाव लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 27 मार्च को शीतल अंगुराल भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। लेकिन 29 मई को अंगुराल ने अपना इस्तीफा वापस लेने का मन बनाया था। 30 मई को अंगुराल ने अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए स्पीकर को पत्र लिखा था। 3 जून को स्पीकर ने अंगुराल को इस्तीफे पर बातचीत को लेकर बुलाया था। मगर 30 मई को अंगुराल का इस्तीफा मंजूर कर दिया गया। इस पर अंगुराल ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही थी। दिलचस्प बात यह है कि भगत और अंगुराल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी मैदान में थे। तब मोहिंदर भगत बीजेपी के उम्मीदवार थे और अंगुराल AAP की तरफ से कैंडिडेट थे। इस बार उलट हो गया है। भगत AAP के तो अंगुराल भाजपा के कैंडिडेट हैं।   पंजाब | दैनिक भास्कर