हरियाणा के हिसार के आदमपुर क्षेत्र की ढाणी मोहबतपुर में खेत में युवक-युवती ने जहरीला पदार्थ खाकर सुसाइड कर लिया। दोनों एक ही गांव के थे। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर आदमपुर पुलिस पहुंची और शव को कब्जे में लिया पोस्टमॉर्टम के लिए हिसार के नागरिक अस्पताल में भिजवा दिया। घटना मामला प्रेम प्रसंग से जोड़कर देखा जा रहा है मृतक का नाम कुलदीप और कोमल है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। मिली जानकारी के अनुसार ढाणी मोहब्बतपुर के महेंद्र के खेत में सुबह कुलदीप और कोमल के शव पड़े हुए मिले। महेंद्र रिश्ते में कोमल का चाचा लगता हैं। दोनों ने कीटनाशक निगला हुआ था। आदमपुर में कार मिस्त्री हैं कुलदीप के पिता सूचना मिलने पर पुलिस और ग्रामीण मौके पर पहुंचे। मिली जानकारी के अनुसार दोनों पड़ोसी है और बताया जा रहा है कि अल सुबह दोनों घर से निकले थे। जानकारी के अनुसार मृतक कुलदीप(23) और कोमल(21) दोनों 12वीं पास है कुलदीप 12वीं के बाद नौकरी के लिए तैयारी कर रहा था। कुलदीप के पिता आदमपुर में कार मिस्त्री हैं। कुलदीप का छोटा भाई पढ़ाई कर रहा है। हरियाणा के हिसार के आदमपुर क्षेत्र की ढाणी मोहबतपुर में खेत में युवक-युवती ने जहरीला पदार्थ खाकर सुसाइड कर लिया। दोनों एक ही गांव के थे। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर आदमपुर पुलिस पहुंची और शव को कब्जे में लिया पोस्टमॉर्टम के लिए हिसार के नागरिक अस्पताल में भिजवा दिया। घटना मामला प्रेम प्रसंग से जोड़कर देखा जा रहा है मृतक का नाम कुलदीप और कोमल है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। मिली जानकारी के अनुसार ढाणी मोहब्बतपुर के महेंद्र के खेत में सुबह कुलदीप और कोमल के शव पड़े हुए मिले। महेंद्र रिश्ते में कोमल का चाचा लगता हैं। दोनों ने कीटनाशक निगला हुआ था। आदमपुर में कार मिस्त्री हैं कुलदीप के पिता सूचना मिलने पर पुलिस और ग्रामीण मौके पर पहुंचे। मिली जानकारी के अनुसार दोनों पड़ोसी है और बताया जा रहा है कि अल सुबह दोनों घर से निकले थे। जानकारी के अनुसार मृतक कुलदीप(23) और कोमल(21) दोनों 12वीं पास है कुलदीप 12वीं के बाद नौकरी के लिए तैयारी कर रहा था। कुलदीप के पिता आदमपुर में कार मिस्त्री हैं। कुलदीप का छोटा भाई पढ़ाई कर रहा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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BJP से किरण चौधरी होंगी राज्यसभा उम्मीदवार:परसों नामांकन भर सकती हैं, उपचुनाव में जीत तय; बेटी का टिकट कटने पर छोड़ी थी कांग्रेस हरियाणा में 3 सितंबर को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए 21 अगस्त को भाजपा की तरफ से किरण चौधरी नामांकन दाखिल कर सकती हैं। भाजपा ने अभी उन्हें उम्मीदवार घोषित नहीं किया है, लेकिन चर्चा है कि उनका नाम फाइनल हो गया है, जल्द अनाउंसमेंट हो जाएगी। किरण चौधरी अपनी बेटी श्रुति चौधरी का कांग्रेस से टिकट कटने पर लोकसभा चुनाव के बाद 19 जून को भाजपा में शामिल हो गई थीं। तभी चर्चा शुरू हो गई थी कि किरण चौधरी राज्यसभा जा सकती हैं। प्रदेश में राज्यसभा की 5 सीट हैं। कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सांसद बनने के बाद राज्यसभा सीट खाली हुई थी। दीपेंद्र हुड्डा का राज्यसभा का कार्यकाल अप्रैल 2026 तक था। चूंकि उनका शेष कार्यकाल एक वर्ष से अधिक है, इसलिए भारतीय चुनाव आयोग इस सीट पर उपचुनाव करा रहा है। राज्यसभा चुनाव के लिए नॉमिनेशन की प्रक्रिया 14 अगस्त से शुरू हो चुकी है। उम्मीदवार 21 अगस्त नॉमिनेशन फाइल कर सकेंगे। 27 अगस्त को प्रत्याशी नाम वापस ले सकेंगे। 3 सितंबर को वोटिंग के बाद ही रिजल्ट जारी होगा। भूपेंद्र हुड्डा कह चुके- हमारे पास नंबर नहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहले ही कह चुके हैं कि कांग्रेस के पास विधानसभा में पूरे नंबर नहीं है। विधानसभा में कांग्रेस के केवल 28 विधायक हैं। इनमें तोशाम की विधायक किरण चौधरी शामिल नहीं हैं, क्योंकि वह भाजपा में शामिल हो चुकी हैं। पर्याप्त संख्याबल नहीं होने के कारण कांग्रेस चुनाव से दूर रहेगी। कांग्रेस को 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इन्हें मिलाकर कांग्रेस के पास 31 विधायक ही बनते हैं। राज्यसभा सीट का चुनाव जीतने के लिए विधानसभा में 44 विधायकों की जरूरत है। अगर कोई 13 विधायक लेकर आता है तो कांग्रेस उसका समर्थन करने को तैयार है। यदि उनके पास पूरे विधायक होते तो वह पहलवान विनेश फोगाट को राज्यसभा भेज देते। इससे खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलता। दुष्यंत बोले- हमारे कुछ विधायक कांग्रेसी हुए, उम्मीदवार खड़ा करें पूर्व डिप्टी सीएम और JJP नेता दुष्यंत चौटाला ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर कांग्रेस पर तंज कसा। उन्होंने लिखा, ’21 अगस्त को हरियाणा राज्यसभा उपचुनाव के नामांकन की अंतिम तिथि है। अब तो हमारे 4-5 विधायक भी कांग्रेसी हो चुके हैं। अब तो कांग्रेस का उम्मीदवार चुनाव जीतने के करीब है। अगर भूपेंद्र हुड्डा की बीजेपी से सांठगांठ नहीं है तो वो राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार खड़ा करें। हम पहले से ही बीजेपी के खिलाफ वोट करने का वादा कर चुके हैं। जेल के डर से बार-बार बिकता रहे, उधर का हो और इधर का दिखता रहे।’ विधानसभा में अभी ये है राजनीतिक समीकरण हरियाणा विधानसभा में भाजपा के पास इस वक्त 41 विधायक हैं। इसकी सहयोगी हलोपा 1 और एक निर्दलीय मिलाकर 43 विधायकों का सीधा समर्थन है। हालांकि कांग्रेस को छोड़कर आई तोशाम से विधायक किरण चौधरी भी अब भाजपा में हैं। वहीं विपक्ष में कांग्रेस के पास अभी 28 (किरण चौधरी को छोड़कर), जजपा के 10, INLD 1 और 4 निर्दलीय यानी कुल 43 विधायक हैं। विधानसभा में अभी सत्ता पक्ष और विपक्ष की स्थिति एक जैसी ही है।
हरियाणा के 11 शहरों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट:देर रात मानसून की वापसी, कुछ जिलों में बूंदाबांदी, अधिकतर जगह बादल छाए
हरियाणा के 11 शहरों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट:देर रात मानसून की वापसी, कुछ जिलों में बूंदाबांदी, अधिकतर जगह बादल छाए हरियाणा में मंगलवार देर रात एक बार फिर मानसून की वापसी हो गई। बुधवार सुबह पंचकूला, रेवाड़ी, फरीदाबाद और उसके आसपास के इलाकों में बारिश हुई। अधिकतर शहरों में बादल छाए हुए हैं। मौसम विभाग ने आज 11 शहरों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इनमें रादौर, थानेसर, शाहाबाद, अंबाला, बराड़ा, जगाधरी , छछरौली, नारायणगढ़, पंचकूला और कालका शामिल हैं। यहां गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं। इस दौरान 30-40 KMPH की स्पीड से हवाएं भी चलेंगी। इन शहरों में आकाशीय बिजली गिरने का भी खतरा जताया है। इसलिए बने बारिश के आसार मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि पंजाब के ऊपर एक और साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने से बंगाल की खाड़ी की ओर से मानसून सक्रियता बढ़ने के आसार बने हैं। जिसके प्रभाव से 9 अगस्त के बीच भी हरियाणा के कई क्षेत्रों में बारिश की संभावना बनी हुई है। कुछ स्थानों पर तेज बारिश भी हो सकती है। जिससे तापमान में गिरावट आ सकती है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि मानसून की अक्षय रेखा उत्तर दिशा की ओर सामान्य स्थिति में रहने के कारण अगस्त के बीच कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। 5 सालों में सबसे कम बारिश हरियाणा में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों को देखे तो 2018 में 549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवैल से सिंचाई करनी पड़ रही है।
हरियाणा की पानीपत सीट, जहां जीतते रहे पुरुष:रोहिता रेवड़ी ने 2014 में खोला था बीजेपी का खाता, इस बार मुकाबला त्रिकोणीय
हरियाणा की पानीपत सीट, जहां जीतते रहे पुरुष:रोहिता रेवड़ी ने 2014 में खोला था बीजेपी का खाता, इस बार मुकाबला त्रिकोणीय हरियाणा की पानीपत शहरी विधानसभा का इतिहास भी पुरुष प्रधान सीटों जैसा ही रहा है। यहां से 18 विधायक चुने गए हैं। इनमें से सिर्फ एक बार ही शहरवासियों ने महिला को विधायक बनने का मौका दिया है। इस सीट के बनने के बाद से भाजपा को यहां हमेशा हार का सामना करना पड़ा है। 2014 में मोदी लहर में हुए पहले हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा 32 साल बाद इस सीट पर जीत दर्ज करने में सफल रही थी। उस समय यहां से पहली महिला रोहिता रेवड़ी विधायक चुनी गई थीं। इसके बाद 2019 में उनका टिकट काटकर प्रमोद विज को टिकट दिया गया। प्रमोद विज ने यहां से भाजपा को दूसरी बार जीत दिलाई थी। इस बार चुनाव की खास बात यह है कि शहर सीट से एकमात्र विधायक रोहिता रेवड़ी अब निर्दलीय के तौर पर मैदान में उतर गए हैं। जिसके बाद मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। अब यहां मुकाबला भाजपा-कांग्रेस और निर्दलीय के बीच है। पानीपत शहर विधानसभा का इतिहास
पानीपत शहर विधानसभा के चुनाव पहली बार 1952 में हुए थे। तब यह सीट कांग्रेस ने जीती थी। कांग्रेस के कृष्ण गोपाल दत्त पहली बार विधायक बने थे। उन्होंने जनसंघ के कुंदन लाल को हराया था। लगातार दो चुनावों में यहां कांग्रेस का दबदबा रहा लेकिन 10 साल बाद जनसंघ ने वापसी की
कांग्रेस का रहा वर्चस्व
जनसंघ के फतेहचंद 1967 और 1968 में हुए विधानसभा चुनाव में पानीपत सिटी सीट जीते थे। यह सीट लगातार तीन बार कांग्रेस के खाते में रही लेकिन कांग्रेस के हुकूमत रे शाह ने 1972 के चुनाव में फतेहचंद को हराकर सीट जीत ली थी। 1977 के चुनाव में फतेह सिंह फिर से चुनाव जीत गए थे। देवीलाल के दौर में भी पानीपत से नहीं डगमगाई कांग्रेस
बलबीर पाल शाह ने 1987 में चुनाव जीता था। इस साल उनका राजनीतिक कद काफी बढ़ गया था, क्योंकि वह चौधरी देवीलाल का दौर था। चौधरी देवीलाल की आंधी में भी बलबीर ने अपनी सीट बचाई थी, जिसके बाद कांग्रेस ने उन्हें हरियाणा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था। निर्दलीय से हारी थी कांग्रेस
1996 में बलबीर पाल शाह निर्दलीय प्रत्याशी ओम प्रकाश जैन से चुनाव हार गए थे। बलबीर पाल 2000, 2005 और 2009 में पानीपत सिटी से विधायक रहे। 2014 में कांग्रेस ने उनके छोटे भाई वीरेंद्र बुल्ले शाह को टिकट दिया और वह रोहिता रेवड़ी से चुनाव हार गए। इस बार चार महिलाएं मैदान में
इस बार चार महिलाएं चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रही हैं। जिसमें से तीन महिलाएं अलग-अलग पार्टियों से जुड़ी हैं। जबकि एक महिला ही निर्दलीय चुनाव लड़ रही है। इस बार सरोज बाला गुर बहुजन समाज पार्टी से, रितु अरोड़ा आम आदमी पार्टी से, भतेरी राष्ट्रीय मजदूर एकता पार्टी से चुनाव लड़ रही हैं। जबकि निर्दलीय रोहिता रेवड़ी हैं। रोहिता ने 2014 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी।