अयोध्या के राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने सोमवार को बताया कि राम मंदिर की छतों से बारिश का पानी टपक रहा है। उन्होंने कहा कि गर्भगृह में, जहां रामलला विराजमान हैं, वहां भी पानी भर गया। अगर एक-दो दिन में इंतजाम नहीं हुए, तो दर्शन और पूजन की व्यवस्था बंद करनी पड़ेगी। उधर, श्री राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा, ‘मैं अयोध्या में हूं। मैंने पहली मंजिल से बारिश का पानी गिरते हुए देखा है, क्योंकि गुरु मंडप खुला है। जब इसके शिखर का काम पूरा हो जाएगा, तो ये ढक जाएगा। फिलहाल ऐसे हालात में ये होना ही है।’ अयोध्या में शनिवार-रविवार की रात 67 MM बारिश हुई। पूरे शहर में जगह-जगह पानी भर गया। सड़कें धंस गईं। 6 महीने पहले बने अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन की करीब 20 मीटर लंबी बाउंड्री वॉल भी ढह गई। आचार्य ने कहा, सुबह 6 बजे की आरती टॉर्च में करनी पड़ी नृपेंद्र मिश्रा ने कहा, ऐसे हालात में ये होना ही है
श्री राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा का कहना है, ‘मैंने नाली से कुछ रिसाव भी देखा, क्योंकि पहली मंजिल पर काम तेज गति से चल रहा है। इसके पूरा होने पर नाली को बंद कर दिया जाएगा। गर्भगृह में कोई जल निकासी नहीं है, क्योंकि सभी मंडपों में पानी की निकासी के लिए ढलान को मापा गया है और गर्भगृह में पानी को मैन्युअल तरीके से निकाला जाता है।’ उन्होंने बताया, ‘भक्त भगवान का अभिषेक नहीं कर रहे हैं। डिजाइन और निर्माण में किसी भी तरह की समस्या नहीं है। जो मंडप खुले हैं, उनमें बारिश का पानी गिर सकता है, लेकिन नगर वास्तुशिल्प मानदंडों के अनुसार उन्हें खुला रखने का निर्णय लिया गया था।’ राम मंदिर पर अब तक 1800 करोड़ खर्च राम मंदिर में अभी सिर्फ एक फ्लोर तैयार है। इसी पर 1800 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। मुख्य शिखर, परकोटा, 5 छोटे शिखर 13 मंदिर, ट्रस्ट के ऑफिस, VVIP वेटिंग एरिया, यात्री सुविधा केंद्र, म्यूजियम, लाइब्रेरी और शोध संस्थान समेत कई काम बाकी हैं। मंदिर के डिजाइन एंड कंस्ट्रक्शन मैनेजर गिरीश सहस्त्रभोजनी बताते हैं कि बचे काम में 2000 करोड़ रुपए की और जरूरत पड़ सकती है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक, राम मंदिर के लिए अब तक 3200 करोड़ से ज्यादा का दान मिल चुका है। अब भी दान आ रहा है। कथावाचक मोरारी बापू ने सबसे ज्यादा 11.3 करोड़ रुपए दान किए हैं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में गूंजे थे 5.30 लाख मंत्र:10 सेकेंड में विराजे थे सबके राम “नदियप प्रजामे गोपाया अमृतत्वया जीवते, जातांच निश्यामानांच, अमृते सत्ये प्रतिष्ठिताम्” अर्थात, यहां पर प्रतिष्ठित होकर पूरी सृष्टि का संचालन करें। प्रभु धर्म की रक्षा के लिए आप प्रतिष्ठित हो जाइए। 10 सेकेंड के इस मंत्र से अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में इस साल 22 जनवरी को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। पढ़ें पूरी खबर अयोध्या के राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने सोमवार को बताया कि राम मंदिर की छतों से बारिश का पानी टपक रहा है। उन्होंने कहा कि गर्भगृह में, जहां रामलला विराजमान हैं, वहां भी पानी भर गया। अगर एक-दो दिन में इंतजाम नहीं हुए, तो दर्शन और पूजन की व्यवस्था बंद करनी पड़ेगी। उधर, श्री राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा, ‘मैं अयोध्या में हूं। मैंने पहली मंजिल से बारिश का पानी गिरते हुए देखा है, क्योंकि गुरु मंडप खुला है। जब इसके शिखर का काम पूरा हो जाएगा, तो ये ढक जाएगा। फिलहाल ऐसे हालात में ये होना ही है।’ अयोध्या में शनिवार-रविवार की रात 67 MM बारिश हुई। पूरे शहर में जगह-जगह पानी भर गया। सड़कें धंस गईं। 6 महीने पहले बने अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन की करीब 20 मीटर लंबी बाउंड्री वॉल भी ढह गई। आचार्य ने कहा, सुबह 6 बजे की आरती टॉर्च में करनी पड़ी नृपेंद्र मिश्रा ने कहा, ऐसे हालात में ये होना ही है
श्री राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा का कहना है, ‘मैंने नाली से कुछ रिसाव भी देखा, क्योंकि पहली मंजिल पर काम तेज गति से चल रहा है। इसके पूरा होने पर नाली को बंद कर दिया जाएगा। गर्भगृह में कोई जल निकासी नहीं है, क्योंकि सभी मंडपों में पानी की निकासी के लिए ढलान को मापा गया है और गर्भगृह में पानी को मैन्युअल तरीके से निकाला जाता है।’ उन्होंने बताया, ‘भक्त भगवान का अभिषेक नहीं कर रहे हैं। डिजाइन और निर्माण में किसी भी तरह की समस्या नहीं है। जो मंडप खुले हैं, उनमें बारिश का पानी गिर सकता है, लेकिन नगर वास्तुशिल्प मानदंडों के अनुसार उन्हें खुला रखने का निर्णय लिया गया था।’ राम मंदिर पर अब तक 1800 करोड़ खर्च राम मंदिर में अभी सिर्फ एक फ्लोर तैयार है। इसी पर 1800 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। मुख्य शिखर, परकोटा, 5 छोटे शिखर 13 मंदिर, ट्रस्ट के ऑफिस, VVIP वेटिंग एरिया, यात्री सुविधा केंद्र, म्यूजियम, लाइब्रेरी और शोध संस्थान समेत कई काम बाकी हैं। मंदिर के डिजाइन एंड कंस्ट्रक्शन मैनेजर गिरीश सहस्त्रभोजनी बताते हैं कि बचे काम में 2000 करोड़ रुपए की और जरूरत पड़ सकती है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक, राम मंदिर के लिए अब तक 3200 करोड़ से ज्यादा का दान मिल चुका है। अब भी दान आ रहा है। कथावाचक मोरारी बापू ने सबसे ज्यादा 11.3 करोड़ रुपए दान किए हैं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में गूंजे थे 5.30 लाख मंत्र:10 सेकेंड में विराजे थे सबके राम “नदियप प्रजामे गोपाया अमृतत्वया जीवते, जातांच निश्यामानांच, अमृते सत्ये प्रतिष्ठिताम्” अर्थात, यहां पर प्रतिष्ठित होकर पूरी सृष्टि का संचालन करें। प्रभु धर्म की रक्षा के लिए आप प्रतिष्ठित हो जाइए। 10 सेकेंड के इस मंत्र से अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में इस साल 22 जनवरी को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर