महेंद्रगढ़ जिले के सीहोर गांव में शाम के समय घर के बाहर बैठे एक रिटायर्ड कर्मचारी पर जानलेवा हमले व गंदी-गंदी गालियां देने का मामला प्रकाश में आया है। शिकायत के आधार पर कनीना शहर थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है। घर के बाहर किया हमला सीहोर गांव निवासी मुसद्दीलाल ने पुलिस में दी शिकायत में बताया कि वह सिंचाई विभाग से सेवानिवृत्त है। वह 25 जून को शाम के समय अपने घर के बाहर बैठा हुआ था तभी गांव का विकास अपने ट्रैक्टर को लेकर आया उसने अपने साथ एक लोहे का फरसा ले रखा था। वह ट्रैक्टर से नीचे उतरकर हाथ में फरसा लेकर आया। जान से मारने की नीयत से उसके ऊपर जानलेवा हमला किया जो वह बाल बाल बच गया। आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज पीड़ित ने बताया कि उसने दौड़कर अपने घर में घुसकर दरवाजा बंद कर लिया। जिससे मेरी जान बच सकी। आरोपी ने शराब का सेवन किया हुआ था। वह घर के बाहर आकर गंदी-गंदी गालियां और जान से मारने की धमकी देने लगा। उससे उसे व उसके परिवार को जान का खतरा है। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। महेंद्रगढ़ जिले के सीहोर गांव में शाम के समय घर के बाहर बैठे एक रिटायर्ड कर्मचारी पर जानलेवा हमले व गंदी-गंदी गालियां देने का मामला प्रकाश में आया है। शिकायत के आधार पर कनीना शहर थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है। घर के बाहर किया हमला सीहोर गांव निवासी मुसद्दीलाल ने पुलिस में दी शिकायत में बताया कि वह सिंचाई विभाग से सेवानिवृत्त है। वह 25 जून को शाम के समय अपने घर के बाहर बैठा हुआ था तभी गांव का विकास अपने ट्रैक्टर को लेकर आया उसने अपने साथ एक लोहे का फरसा ले रखा था। वह ट्रैक्टर से नीचे उतरकर हाथ में फरसा लेकर आया। जान से मारने की नीयत से उसके ऊपर जानलेवा हमला किया जो वह बाल बाल बच गया। आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज पीड़ित ने बताया कि उसने दौड़कर अपने घर में घुसकर दरवाजा बंद कर लिया। जिससे मेरी जान बच सकी। आरोपी ने शराब का सेवन किया हुआ था। वह घर के बाहर आकर गंदी-गंदी गालियां और जान से मारने की धमकी देने लगा। उससे उसे व उसके परिवार को जान का खतरा है। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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करनाल में सड़क की मिट्टी उठाने का मामला:कहां गई मिट्टी मार्केटिंग बोर्ड के अधिकारियों को मालूम नहीं लोकेशन,SDM ने किया सोशल ऑडिट
करनाल में सड़क की मिट्टी उठाने का मामला:कहां गई मिट्टी मार्केटिंग बोर्ड के अधिकारियों को मालूम नहीं लोकेशन,SDM ने किया सोशल ऑडिट हरियाणा में करनाल के ऊंचा समाना-रांवर रोड की निर्माणाधीन सड़क से अतिरिक्त मिट्टी उठाए जाने के मामले में मार्केटिंग बोर्ड और ठेकेदार सवालों के घेरे में है। मजेदार बात तो यह है कि मार्केटिंग बोर्ड के SDO को ही नहीं पता कि ठेकेदार द्वारा सड़क की मिट्टी को किस जगह पर एकत्रित करवाया जा रहा है? SDO विशाल वर्मा ने सिर्फ इतना ही कहा कि मिट्टी नजदीकी साइट पर डंप करवाई जा रही है, लेकिन वह लोकेशन कौन सी है, इसका उनके पास कोई जवाब नहीं था। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि निर्माणाधीन सड़क की जांच को लेकर पहुंचे SDM ने सड़क को लेकर सोशल ऑडिट तो कर लिया, लेकिन मिट्टी उठान वाले मामले का ऑडिट नहीं कर पाए? उन्होंने चंद लोगों से यह तो पूछ लिया कि सड़क ठीक बन रही है या नहीं, लेकिन ठेकेदार से यह नहीं पूछा कि मिट्टी उठवाकर किस लोकेशन पर एकत्रित की जा रही है्? मामले के बाद मौके पर नहीं चली पोकलेन और डंफर। जानिए क्या है पूरा मामला ऊंचा समाना-रांवर रोड करीब ढाई किलोमीटर लंबा है। जिसको 80-85 लाख रुपए की लागत से मार्केटिंग बोर्ड द्वारा बनाया जा रहा है। सड़क की हाइट 6-7 फीट की है और इसके लेवल को ढाई फुट तक के लेवल में लेकर आना है, क्योंकि सड़क की हाइट ज्यादा होने की वजह से आसपास के किसानों को दिक्कते आ रही थी। बीती 9 जुलाई को एक पोकलेन और डंपरों की मदद से मिट्टी को उठाया जा रहा था। नियमानुसार, मार्केटिंग बोर्ड की सड़क की मिट्टी को वाइडनिंग या फिर बर्म के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन मिट्टी यहां से उठाई जा रही थी। मिट्टी विभागीय परमिशन से उठाई जा रही है या ठेकेदार अपनी मर्जी से मिट्टी को उठाकर कहीं ओर भेज रहा है, यहीं जानने के लिए मीडिया पहुंची, लेकिन कैमरा देख पोकलेन और डंफर चालक अपने अपने वाहन लेकर फरार हो गए। जब सब कुछ सही था तो चालक भागे क्यों? जब ग्रामीण गजराज व भारत से बात की तो उन्होंने भी इतना ही बताया था कि सड़क बना रहे है, लेकिन मिट्टी को लेकर हमें कुछ नहीं पता। दैनिक भास्कर के सवालों का SDO विशाल वर्मा से जवाब सवाल: अब मिट्टी कहां डलवाई जा रही है? जवाब: अब लोकल नियरेस्ट प्वाइंट जहां पर भी हाेगा, मौके के अनुसार वही पर डलवा देंगे उसको।सवाल: यहां से मिट्टी के डंपर पे डंपर उठ चुके है, वे कहां पर डाले जा रहे है, क्या वह लोकेशन है आपके पास?जवाब: वो ठेकेदार से हम, क्योंकि हमने लेवलिंग का इसमें प्रोविजन लिया हुआ है। अगर उनकी बनती है तो वे पे करेंगे। सवाल: जब एस्टीमेट या टेंडर होता होगा तो उसमें मिट्टी डंप का भी टेंडर होता होगा? जवाब: नहीं, डंप का तो एज पर साइट सिचुएशन के अकोर्डिंग होता है उसमें। क्योंकि अब यहां पर साइडों में धान लगाई हुई है। सवाल: सड़क की मिट्टी को सड़क में ही यूज किया जा सकता है या फिर गांव में डाला जा सकता है? जवाब: यह मिट्टी यहीं पर यूज होगी, वाइडनिंग के लिए यूज करेंगे। सवाल: क्या इस मिट्टी को बेचा जा सकता है? जवाब: नहीं,सवाल: तो डिपार्टमेंट इसे कहां पर डाल सकता है? सवाल: क्या आपको नियरेस्ट प्वाइंट का पता है कहां पर है? जवाब:नियरेस्ट प्वाइंट तो साइट पर ही है हमारा सवाल: कितने डंपर उठ चुके होंगे यहां से? जवाब: वह तो लेवल के अकोर्डिंग है हमारा उसमें, हमारा एस्टीमेट लेवल के हिसाब से होता है। सवाल: क्या टेंडर में मिट्टी उठाने का ठेका ठेकेदार को दे रखा है? जवाब: हां जी, वो है उसमें। SDO से बार बार डंपिंग लोकेशन पूछी गई, लेकिन वे सिर्फ एक ही रटा लगाए रहे, नियरेस्ट लोकल प्वाइंट, लेकिन वह कहां है इसका उनके पास कोई स्पष्ट जवाब नहीं था।BJP के मंडल महामंत्री और पूर्व सरपंच बोले-ठीक हो रहा है काम-मौके का मुआयना करने पहुंचे SDM राजेश कुमार के सामने BJP के मंडल महामंत्री सतबीर सिंह और गांव के पूर्व सरपंच व अन्य कुछ ग्रामीणों ने बताया कि सड़क का निर्माण बहुत बढ़िया हो रहा है। उन्होंने कहा कि ठेकेदार ने कही पर भी मिट्टी डाली हो, हमें नहीं पता। हमें अपना काम चाहिए। ठेकेदार बोला मैं कैमरे के सामने नहीं बोलूंगा जब ठेकेदार संजय गुप्ता से डंपिंग प्वाइंट के बारे में सवाल किया तो उन्होंने कैमरे के सामने आने से मना कर दिया। जब बिना कैमरे के ही यह सवाल किया गया कि मिट्टी कहां पर डलवाई गई है तो उन्होंने चुप्पी साध ली। सोशल ऑडिट किया है: एसडीएम SDM राजेश कुमार सोनी ने बताया कि ऊंचा समाना-रांवर रोड का मामला सामने आया था कि सड़क का लेवल नीचा करते वक्त मिट्टी उठाई गई है। जिसके बाद हमने गांव में आकर सोशल ऑडिट किया है। यह सड़क ग्रामीणों की डिमांड पर ही नीचे की जा रही है। ग्रामीण सड़क निर्माण से पूरी तरह से संतुष्ट है। यहां पर किसी भी तरह की कोई एबनोर्मल्टी नहीं पाई गई है। SDM से प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व सरपंच का इंटरफेयर जब SDM पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे तो SDM से सवाल किया गया कि जो मिट्टी यहां से उठाई गई है उसको कहां पर डलवाया गया है तो SDM के जवाब से पहले ही पूर्व सरपंच निशांत राणा ने पत्रकारों से बहस पर उतर आए और SDM से सवाल पूछने से मना करने लगे। पूर्व सरपंच ने फिर से स्पष्टीकरण दिया, काम बिल्कुल ठीक हो रहा है। आप बस कीजिए। आम पब्लिक से ज्यादा पूर्व सरपंच तैस में नजर आ रहे थे। पूर्व सरपंच ने SDM को इतना तक कह दिया कि SDM साहब हमारी कंप्लेंट लो इन पत्रकारों के खिलाफ, क्योंकि ये लोग गलत न्यूज़ छापते है।
हरियाणा में कांग्रेस के 45 कैंडिडेट्स का एनालिसिस:हुड्डा का वनमैन शो, 38 टिकटें उनकी पसंद से; सांसद पत्नी-बेटों के सहारे पावर बैलेंस की कोशिश
हरियाणा में कांग्रेस के 45 कैंडिडेट्स का एनालिसिस:हुड्डा का वनमैन शो, 38 टिकटें उनकी पसंद से; सांसद पत्नी-बेटों के सहारे पावर बैलेंस की कोशिश हरियाणा चुनाव के लिए कांग्रेस ने गुरुवार देर रात दो लिस्टों में 45 उम्मीदवारों का ऐलान किया। इसमें पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा का वनमैन शो नजर आया। कांग्रेस हाईकमान ने 45 में से 38 टिकटें उनके करीबियों को दे दी। 2019 के मुकाबले जिन 34 सीटों पर चेहरे बदले गए, उनमें भी 33 हुड्डा खेमे के ही हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों में हुड्डा का दबदबा रहेगा, यह बुधवार को ही साफ हो गया था जब हुड्डा ने बिना टिकट मिले पलवल सीट से अपने समधी करण दलाल और हिसार के सांसद जयप्रकाश जेपी के बेटे विकास सहारण का कलायत से नॉमिनेशन फाइल करवा दिया। बुधवार को घोषित 45 सीटों में से सांसद कुमारी सैलजा के खाते सिर्फ 4 सीटें आईं। सैलजा कैंप में शामिल रणदीप सुरजेवाला को भी हाईकमान ने दो सीटें देकर किनारे कर दिया। कैथल से सुरजेवाला के बेटे और नरवाना से उनके करीबी सतबीर दबलेन को टिकट मिला है। 3 उदाहरण से समझिए टिकट बंटवारे में हुड्डा के दबदबा को 1. हुड्डा ने 2019 ही नहीं बल्कि 2005 से खुद से जुड़े नेताओं या उनके रिश्तेदारों को टिकट दिलाई। इनमें बड़खल से 2009 में MLA रहे महेंद्र प्रताप के बेटे विजय प्रताप, पृथला से 2009 में MLA रहे रघुवीर तेवतिया, पलवल से 2005 में MLA रहे करण दलाल, हथीन से 2009 में MLA रहे जलेब खान के बेटे मुहम्मद इजराइल और अटेली से 2009 में MLA रहीं अनीता यादव का नाम शामिल है। यह सभी लोग हुड्डा की अगुवाई वाली दो सरकारों में उनके साथ रहे। 2. कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला के पुरजोर विरोध के बावजूद हुड्डा लगातार दो चुनाव हार चुके अपने करीबियों को भी टिकट दिलाने में कामयाब रहे। इनमें नारनौल से राव नरिंदर, बरवाला से रामनिवास घोड़ेला और पृथला से रघुवीर तेवतिया का नाम शामिल रहा। राव नरिंदर 2009 में हजकां की टिकट पर जीते और उसके बाद हुड्डा से जुड़ गए थे। 3. सिरसा से 9 दिन पहले कांग्रेस में आए गोकुल सेतिया और हांसी से पूर्व JJP नेता राहुल मक्कड़ को टिकट दिलाने में भी हुड्डा खेमा सफल रहा। आदमपुर सीट से पूर्व IAS अधिकारी चंद्रशेखर को मिली टिकट के पीछे भी हुड्डा का ही रोल रहा। जातीय समीकरण को ऐसे साधा जाट वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश
कांग्रेस ने जाट पॉलिटिक्स पर फिर भरोसा जताया। उसके 45 उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा 13 चेहरे जाट बिरादरी के हैं। लोकसभा चुनाव में जाट वोटरों ने एकतरफा वोटिंग करते हुए कांग्रेस को सोनीपत, हिसार और रोहतक सीट जिताई थी। नलवा, अंबाला कैंट, कलायत, कैथल, राई, फतेहाबाद और ऐलनाबाद जैसी जाट डोमिनेंट सीटों पर उसने जाट नेताओं को टिकट दी। OBC वर्ग को जोड़ने का प्रयास
कांग्रेस ने 45 में से 10 टिकट OBC वर्ग को दिए। अकेले हिसार जिले में ही ओबीसी वर्ग को 3 सीटें दी गईं। इनमें आदमपुर से पूर्व IAS अधिकारी चंद्रप्रकाश, हिसार से रामनिवास राडा और बरवाला से रामनिवास घोड़ेला शामिल हैं। भाजपा अभी तक नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाकर ओबीसी कार्ड खेलती रही है। इसी का तोड़ निकालने की कोशिश कांग्रेस करती हुई नजर आई। 7 SC चेहरे
कांग्रेस ने अपनी तीसरी और चौथी लिस्ट में कुल 7 SC नेताओं को टिकट दिए। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य की 10 में से दोनों रिजर्व सीटें- अंबाला और सिरसा जीती थी। लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी से जुड़े एससी वोटबैंक को हाईकमान खोना नहीं चाहता। इसलिए उसने SC बिरादरी को प्रॉपर प्रतिनिधित्व दिया है। BJP से जुड़े पंजाबियों को लुभाने के लिए 4 टिकट
कांग्रेस ने 4 पंजाबी चेहरों को टिकट दी है। इनमें सिरसा से गोकुल सेतिया, पानीपत शहरी से वरिंदर कुमार शाह, हांसी से राहुल मक्कड़ और अंबाला कैंट से परविंदर परिमल परी शामिल हैं। सीधे तौर पर इन सीटों पर पंजाबी वोट बैंक का डोमिनेंस है। कांग्रेस ने भाजपा में पंजाबी चेहरों को लेकर पैदा हुए खालीपन को कैश करने की कोशिश की है। भाजपा के 3 बड़े पंजाबी चेहरों में से मनोहर लाल खट्टर केंद्र में जा चुके हैं। अनिल विज अपने क्षेत्र तक सीमित हो चुके हैं। वहीं संजय भाटिया ने चुनाव लड़ने से ही इनकार कर दिया। 2 ब्राह्मण, 2 मुस्लिम भी उतारे
कांग्रेस ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के ‘नफरत के बाजार में मुहब्बत की दुकान’ के नारे को कैश करने की भी कोशिश की है। इसके लिए यमुनानगर से रमन त्यागी और बल्लभगढ़ से पराग शर्मा को टिकट दी है। ये दोनों शहरी सीटें हैं। इसके अलावा जगाधरी से अकरम खान और हथीन से मुहम्मद इजराइल को टिकट दी है। हथीन नूंह से सीट सीट है और यहां बड़ा मुस्लिम वोट बैंक है। वहीं जगाधरी में भी मुस्लिम वोट बैंक का असर है। वैश्य, राजपूत और जट्ट सिख को भी टिकट
कांग्रेस ने हर जाति को शामिल करने की कोशिश की है। इनमें 2 वैश्य उम्मीदवार जींद से महाबीर गुप्ता और फरीदाबाद से लखन कुमार सिंगला को टिकट दी है। इन दोनों सीटों पर व्यापारी वोट बैंक ज्यादा है। इसके अलावा घरौंडा से राजपूत वर्ग से वरिंदर सिंह राठौड़ को उतारा है। यहां राजपूत वोट बैंक ज्यादा है। पिहोवा से जट्ट सिख मनदीप सिंह चट्ठा को टिकट दी है। पंजाब से सटी इस सीट पर सिख वोट बैंक ज्यादा है। क्षेत्रीय समीकरण ऐसे साधे जीटी रोड बेल्ट: भाजपा के गढ़ में 13 चेहरे बदले
कांग्रेस ने BJP के स्ट्रॉन्ग होल्ड वाली जीटी रोड बेल्ट में बड़ी सर्जरी की है। 10 साल से सरकार में बैठी भाजपा के खिलाफ भले ही एंटी इनकंबेंसी बताई जा रही हो लेकिन कांग्रेस ने रिस्क लेना ठीक नहीं समझा। उसने पंचकूला से सोनीपत तक इस बेल्ट की पेंडिंग 13 में से 10 सीटों पर 2019 के मुकाबले चेहरे बदल दिए। इनमें से कुछ भूपेंद्र सिंह हुड्डा के 10 से 15 साल पुराने साथी रहे हैं। खास बात यह भी है कि कांग्रेस ने इस एरिया की दो सीटों पर पंजाबी चेहरे भी उतारे हैं। बागड़ बेल्ट: 2019 में जहां हारी, वहां कैंडिडेट बदले
कांग्रेस ने भिवानी से हिसार-सिरसा तक की बागड़ बेल्ट में लोकसभा की तरह विधानसभा में भी दबदबा कायम रखने के लिए 9 नए चेहरे उतारे हैं। उसने बाढ़डा, दादरी, नलवा, लोहारू, बवानीखेड़ा, सिरसा, ऐलनाबाद, आदमपुर और हांसी सीट पर चेहरे बदले हैं। 2019 में कांग्रेस यह सारी सीटें हार गई थीं। इस बेल्ट की तीन सीटों- उकलाना (SC), नारनौंद व भिवानी में कैंडिडेट का इंतजार है। बांगर बेल्ट: धुरंधरों पर भरोसा
बांगर बेल्ट के जींद और कैथल जिलों में पार्टी ने दिग्गजों पर भरोसा जताया है। जींद शहर को साधने के लिए उसने पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता के बेटे महाबीर गुप्ता पर भरोसा जताया है। कैथल जिले की दो सीटों पर अपने सांसदों जयप्रकाश जेपी और रणदीप सुरजेवाला के बेटों को उतारा है। इस एरिया में कांग्रेस खोई जमीन वापस पाने की तलाश में है। दक्षिण हरियाणा-अहीरवाल: 7 टिकट रिपीट, 5 चेहरे बदले
कांग्रेस ने BJP के दूसरे मजबूत गढ़ दक्षिण हरियाणा-अहीरवाल पर भी खास फोकस किया है। 2014 और 2019 में भाजपा को सत्ता तक पहुंचाने में अहम रोल इसी इलाके का रहा। इस बार कांग्रेस इसे तोड़ने की कोशिश करती नजर आ रही है। अहीरवाल भाजपा नेता राव इंद्रजीत का गढ़ माना जाता है इसलिए कांग्रेस ने उनके भाई राव यादवेंद्र सिंह का टिकट काट दिया। इस इलाके की 7 सीटों पर कांग्रेस ने टिकट रिपीट किए हैं वहीं 5 जगह कैंडिडेट बदले हैं। यहां की सोहना सीट का टिकट अभी पेंडिंग है।
सोहना में निजी अस्पताल में CM फ्लाइंग रेड:छानबीन में मिली कई तरह की अनियमितताएं; नोटिस देकर 15 दिन में मांगा जवाब
सोहना में निजी अस्पताल में CM फ्लाइंग रेड:छानबीन में मिली कई तरह की अनियमितताएं; नोटिस देकर 15 दिन में मांगा जवाब हरियाणा के गुरुग्राम के सोहना कस्बे में मुख्यमंत्री उड़नदस्ता टीम ने आज एक निजी अस्पताल में छापा मारा। जांच के दौरान अस्पताल में काफी अनियमितताएं पकड़ी हैं। टीम ने अस्पताल संचालक को नोटिस देकर 15 दिनों में जवाब तलब किया है। ऐसा होने से निजी अस्पताल संचालकों में हडकंप व्याप्त है। बुधवार को सीएम फ्लाइंग की टीम ने कस्बे के कबीर नगर में स्थित मिलेनियम अस्पताल व सर्जिकल सेंटर में अचानक छापा मारा। टीम के अस्पताल में पहुंचने पर हडकंप मच गया था। उक्त अस्पताल को नूहं जिले के गांव रसूलपुर निवासी फारुख संचालित करता है। टीम जब अस्पताल में पहुंची तो कुर्सी पर कबीर नगर निवासी वसीम अकरम बैठा था। टीम के सदस्यों ने अस्पताल की बारीकी से जांच की थी। जिसमें काफी अनियमितताएं पाई गई। टीम में शामिल सीएचसी घेंघोला के डॉक्टर राजेश कुमार ने अस्पताल संचालक को लिखित नोटिस जारी कर दिया है। जिसको सीएमओ गुरुग्राम के समक्ष 15 दिनों के अंदर जवाब देने को कहा गया है। इस अवसर पर एसआई महावीर, सतबीर भी शामिल थे।