कपूरथला के गांव कांजली के पास श्रद्धालुओं से भरा छोटा हाथी पलटा गया। इस हादसे में 10 लोग घायल हो गए, जबकि एक व्यक्ति की मौत हो गई। सभी घायलों को इलाज के लिए सिविल अस्पताल कपूरथला में भर्ती कराया गया है। सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में ड्यूटी पर तैनात डॉ. सिद्धार्थ बिंद्रा ने बताया कि घायल श्रद्धालुओं के मुताबिक अमृतसर के मेहता गांव से कुछ श्रद्धालु छोटे हाथी पर सवार होकर नकोदर स्थित एक धार्मिक स्थान पर माथा टेकने जा रहे थे। 2 छोटे बच्चों समेत 10 लोग घायल रास्ते में गांव कांजली के पास टायर फटने से उनका हादसा हो गया। उन्होंने बताया कि जब वे गांव कांजली के पास पहुंचे तो उनकी गाड़ी का टायर फट गया। जिससे छोटा हाथी अचानक पलट गया। इस हादसे में 2 छोटे बच्चों समेत 10 लोग घायल हो गए। इन्हें 108 एंबुलेंस की मदद से सिविल अस्पताल कपूरथला लाया गया। इलाज के दौरान मौत डॉ. सिद्धार्थ बिंद्रा ने बताया कि घायल मनजोत सिंह (23) पुत्र मंगल सिंह निवासी मेहता की इलाज के दौरान मौत हो गई और अन्य 10 लोगों का इलाज चल रहा है। इस संबंध में संबंधित थाने की पुलिस को सूचना दे दी गई है और पुलिस मामले की जांच कर रही है। कपूरथला के गांव कांजली के पास श्रद्धालुओं से भरा छोटा हाथी पलटा गया। इस हादसे में 10 लोग घायल हो गए, जबकि एक व्यक्ति की मौत हो गई। सभी घायलों को इलाज के लिए सिविल अस्पताल कपूरथला में भर्ती कराया गया है। सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में ड्यूटी पर तैनात डॉ. सिद्धार्थ बिंद्रा ने बताया कि घायल श्रद्धालुओं के मुताबिक अमृतसर के मेहता गांव से कुछ श्रद्धालु छोटे हाथी पर सवार होकर नकोदर स्थित एक धार्मिक स्थान पर माथा टेकने जा रहे थे। 2 छोटे बच्चों समेत 10 लोग घायल रास्ते में गांव कांजली के पास टायर फटने से उनका हादसा हो गया। उन्होंने बताया कि जब वे गांव कांजली के पास पहुंचे तो उनकी गाड़ी का टायर फट गया। जिससे छोटा हाथी अचानक पलट गया। इस हादसे में 2 छोटे बच्चों समेत 10 लोग घायल हो गए। इन्हें 108 एंबुलेंस की मदद से सिविल अस्पताल कपूरथला लाया गया। इलाज के दौरान मौत डॉ. सिद्धार्थ बिंद्रा ने बताया कि घायल मनजोत सिंह (23) पुत्र मंगल सिंह निवासी मेहता की इलाज के दौरान मौत हो गई और अन्य 10 लोगों का इलाज चल रहा है। इस संबंध में संबंधित थाने की पुलिस को सूचना दे दी गई है और पुलिस मामले की जांच कर रही है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अंबाला की गुरसिख युवती नहीं दे पाई परीक्षा:कृपाण पहनने के चलते नहीं मिला प्रवेश, SGPC ने जताया विरोध; राजस्थान के विधायक ने उठाया मुद्दा राजस्थान में एक गुरसिख लड़की लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित न्यायिक परीक्षा में इसलिए शामिल नहीं हो पाई, क्योंकि उसने कक्कड़ कृपाण पहन रखी थी। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) और शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा गुरसिख लड़की से कृपाण उतारने को कहने और उसे परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से रोकने का विरोध किया है। वहीं, अब राजस्थान के सिख विधायक भी हरकत में आए हैं। सुखबीर बादल ने जिस गुरसिख लड़की का मामला उठाया है, वह अंबाला कैंट की रहने वाली है। लड़की का नाम लखविंदर कौर है और वह रूप नगर स्थित रियात कॉलेज ऑफ लॉ में असिस्टेंट प्रोफेसर है। लखविंदर कौर ने बताया कि वह पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से पीएचडी कर रही है और यह उसका अंतिम वर्ष है। वह साथ ही न्यायपालिका परीक्षा की तैयारी भी कर रही थी। बीते सप्ताह 23 जून को उसकी राजस्थान ज्यूडीशियरी परीक्षा थी। जिसका केंद्र जोधुपर में बना था। वे तय समय पर संबंधित सेंटर में पहुंच गई थी। जब वे परीक्षा केंद्र में जाने के लिए लाइन में लगी तो उन्हें कड़ा व कृपाण उतारने के लिए कहा गया। प्रधान धामी का आरोप- जानबूझ कर सरकार अनजान बनी हुई है शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने इसे बेहद दर्दनाक और अन्याय बताया है। सरकार ने सिविल जज न्यायिक परीक्षा में कई अमृतधारी सिख उम्मीदवारों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। जालंधर की रहने वाली सिख उम्मीदवार अरमानजोत कौर के मामले के बाद, अब अंबाला छावनी की सिख उम्मीदवार लखविंदर कौर के मामले में परीक्षा केंद्र में ककार (सिखों की आस्था के प्रतीक), किरपान और कड़ा को हटाने के लिए मजबूर किया गया है। जोधपुर में परीक्षा ने एक बार फिर राजस्थान में दीक्षित सिखों के साथ भेदभाव को उजागर किया है। एडवोकेट धामी ने कहा कि इन कृत्यों से सिख भावनाओं को ठेस पहुंची है, जिसके लिए राजस्थान सरकार की जिम्मेदारी है कि वह दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे, लेकिन दुख की बात है कि सिख समुदाय की लगातार आपत्ति के बाद भी सरकार अनजान बनी हुई है और इसे पूरा नहीं कर रही है। 5 ककारों के बारे में भी दी जानकारी लखविंदर कौर ने बताया कि उन्होंने सीनियर अधिकारियों को 5 ककारों के बारे में बताया, लेकिन उन्हें केंद्र में बैठने से रोक दिया गया। जब उनसे नियमों के बारे में पूछा गया तो वे इंस्ट्रक्शन लिस्ट लाए। जिसमें इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, ज्वेलरी etc. के बारे में लिखा था। etc. शब्द में उन्होंने कृपाण व कड़ा को भी जोड़ दिया। जब उन्हें समझाया कि आर्टिकल 25 में संवैधानिक अधिकार दिया गया है। इसके बावजूद उन्होंने उसे परीक्षा केंद्र में बैठने से मना कर दिया। भविष्य के लिए इस मुद्दे को उठाना जरूरी लखविंदर कौर ने बताया कि भविष्य के लिए इस मुद्दे को उठाना बहुत जरूरी है। जो उनके साथ हुआ है, आने वाले समय में अन्य के साथ ना हो, इसलिए इसका हल निकालना जरूरी है। इस परीक्षा से पहले वे अन्य राज्यों में और राजस्थान में भी पहले परीक्षा दे चुकी है। लेकिन, इस बार ही उन्हें परीक्षा देने से रोक दिया गया। सुखबीर ने इस घटना पर जताया विरोध इस घटना के बाद अकाली दल अध्यक्ष ने विरोध जताया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा- यह वास्तव में चौंकाने वाला है कि एक अन्य अमृतधारी महिला वकील- बीबी लखविंदर कौर को 23 जून को राजस्थान न्यायपालिका परीक्षा के एक केंद्र में प्रवेश करने से मना कर दिया गया क्योंकि उन्होंने सिख धर्म की धार्मिक वस्तुएं पहन रखी थीं। इससे पहले बीबी अरमानजोत कौर को परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया था। यह बहुत दुखद है कि लखविंदर कौर को परीक्षा हॉल में प्रवेश करने से पहले अपना ‘कड़ा’ और ‘कृपाण’ उतारने के लिए मजबूर किया गया। राजस्थान सरकार द्वारा जिस तरह से अपनी आस्था का पालन करने के मौलिक अधिकार का हनन किया जा रहा है, वह निंदनीय है। सिख समुदाय के खिलाफ इस अपमान पर प्रतिक्रिया देने और दोषी परीक्षा कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल की देरी ने पूरे समुदाय की भावनाओं को आहत किया है। सिखों को अपने ही देश में दोयम दर्जे के नागरिक जैसा महसूस नहीं कराया जाना चाहिए, जिसके लिए उन्होंने सबसे अधिक बलिदान दिया है। इससे पहले भी आया था एक मामला इससे पहले भी गुरसिख लड़की वकील अरमानजोत कौर को कृपाण सहित न्यायिक परीक्षा देने से रोक दिया गया था। जिस पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के विरोध जताया था। एडवोकेट धामी ने कहा था कि भारत के संविधान के अनुसार सिखों को कृपाण धारण करने का पूरा अधिकार है और सिख रहत मर्यादा के अनुसार कोई भी अमृतधारी सिख पांच सिख ककारों को अपने शरीर से अलग नहीं कर सकता है।
पंजाब की बेटी का 1000 रियाल में सौदा:खाड़ी देश से लौटी वापस, संत सीचेवाल का जताया आभार, मोगा की है रहने वाली
पंजाब की बेटी का 1000 रियाल में सौदा:खाड़ी देश से लौटी वापस, संत सीचेवाल का जताया आभार, मोगा की है रहने वाली राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल के प्रयासों और विदेश मंत्रालय के सहयोग से मस्कट में बेची गई पंजाब की एक और बेटी की वतन वापसी हुई है। मोगा जिले के सुल्तानपुर लोधी से अपने परिवार के साथ आई। पीड़िता ने बताया कि वह गरीब परिवार से है। जो काम के लिए ओमान गई थी। जहां उनके एक ट्रैवल एजेंट रिश्तेदार ने उन्हें एक हजार रियाल (भारतीय मुद्रा में 2 लाख रुपए) में एक अरबी परिवार को बेच दिया था। वीजा खत्म होते ही टूटा दुखों का पहाड़ पीड़िता ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि उसे केवल एक महीने के विजिटर वीजा पर भेजा गया था। जबकि उसे 3 महीने तक रहने के लिए कहा गया था। उसने बताया कि 7 सितंबर 2023 को जब वह ओमान एयरपोर्ट पर उतरी तो उसे लेने आए शख्स ने जबरन उसका मोबाइल फोन और पासपोर्ट छीन लिया। वह हवाई अड्डे से तीन घंटे की दूरी पर एक बहुमंजिला इमारत में एक कार्यालय में बंद थे। पीड़िता ने बताया कि उसके साथ एक केन्या की लड़की भी थी। पीड़िता ने यह भी बताया कि जब तक वीजा वैध था, ट्रैवल एजेंट उसकी देखभाल करता रहा। लेकिन जैसे ही उनका वीजा खत्म हुआ, उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। ट्रैवल एजेंट ने उसके प्रति अपना रवैया बदल दिया और उसे पीटना शुरू कर दिया। लाखों रुपए देने के बाद भी नहीं भेजा वापस पीड़िता ने बताया कि काम के दौरान संक्रमण के कारण उसकी तबीयत काफी खराब हो गई थी और जिस परिवार में वह काम कर रही थी। उन्होंने उसका इलाज करने से मना कर दिया था। लेकिन इस हालत में भी उससे काम करवाया जा रहा था। उन्होंने कहा कि वहां रहकर वह अपने परिवार से बात भी नहीं कर पा रहे हैं। वापसी के लिए उनके द्वारा लाखों रुपए दिए जाने के बावजूद उन्हें वापस नहीं भेजा जा रहा था।इसे लेकर पीड़िता के पति ने 7 मई को राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल से संपर्क किया और पत्नी के बारे में बताया। जिस पर संत सीचेवाल द्वारा तुरंत कार्रवाई करने पर यह लड़की कुछ ही दिनों में वापस आ गई। सीचेवाल ने लोगों से की अपील राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने लोगों से लड़कियों को खाड़ी देशों में भेजने से परहेज करने की अपील की है। उन्होंने पंजाब पुलिस के अधिकारियों को भी सख्ती से कहा कि ट्रैवल एजेंटों द्वारा सताई गई इन लड़कियों के मामलों को सहानुभूतिपूर्वक सुना जाना चाहिए और उन्हें हल करने के लिए ईमानदारी से प्रयास किए जाने चाहिए। इसके लिए उन्होंने विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास को धन्यवाद दिया कि उनके लगातार प्रयासों से इन लड़कियों को विकट परिस्थितियों से बाहर निकाला गया और उन्हें वापस भेजा गया।
5 मार्च से स्कीम जारी, निगम में 43 हजार कनेक्शन हुए रेगुलर
5 मार्च से स्कीम जारी, निगम में 43 हजार कनेक्शन हुए रेगुलर भास्कर न्यूज | बठिंडा पानी सीवरेज के अवैध कनेक्शनों को रेगुलर करवाने के लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम (ओटीएस) के प्रति इलाका निवासी विशेष उत्साह दिखा रहे हैं। सीवर हो या पानी का कनेक्शन को रेगुलर करवाने में हजारों रुपए का खर्च आने की वजह से ज्यादातर लोग हिम्मत नहीं जुटा पाते जबकि अब स्थानीय निकाय विभाग की ओर से लाई गई ओटीएस स्कूल के तहत महज 400 रुपए में सीवर और पानी दोनों कनेक्शन रेगुलर होने की सुविधा से लोगों को भरपूर फायदा हो रहा है। इस स्कीम के तहत 125 गज से 500 गज से अधिक की यूनिट्स (प्रॉपर्टी) बेहद कम रेट पर अपने कनेक्शन रेगुलर करवा रही हैं। इसके साथ ही लोगों को लंबे समय से बकाया पानी व सीवर के बिल भी बिना ब्याज व पैनल्टी के 5 जून 2024 तक जमा करवाए जा सकेंगे। ये पालिसी डिफाल्टर्स व लंबे समय से पेंडिंग चले आ रहे बिल धारकों को बड़ी राहत साबित हो रही है। स्थानीय निकाय विभाग की ओर से वन टाइम सेटलमेंट स्कीम 5 मार्च को निकाली गई, शुरुआत में भले ही जानकारी के अभाव में लोगों ने ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई जबकि मई महीने में सीवर-पानी कनेक्शन को रेगुलर करवाने के लिए अपने डॉक्यूमेंट मुकम्मल करके लोग पहुंच रहे हैं। निगम के पास अब 43 हजार कनेक्शन हो गए हैं। लोगों में ओटीएस 31 मई तक के भ्रम में इस महीने के आखिरी सप्ताह में नगर निगम की पानी-सीवर ब्रांच में लोगों की भीड़ लगी है हालांकि आखिरी तारीख 5 जून तक कनेक्शन रेगुलर करवाए जा सकते हैं। हालांकि नगर निगम में 29 मई तक लगभग 2 हजार लोगों ने सीवर-पानी को रेगुलर करवाने के लिए फार्म भरे हैं। कनेक्शन रेगुलर करवाने वालों में ज्यादातर लाइनपार इलाके के निवासी हैं, वहीं कुछेक हिस्सा किला मुबारक के बैकसाइड, पूजावाला मोहल्ला और बस स्टैंड के बैकसाइड वाले इलाके से हैं। कनेक्शन रेगुलर करवाने में फायदेमंद है ओटीएस : राहुल शहर के नए बसे इलाकों के अलावा पुराने शहर में भी चल रहे अवैध कनेक्शन को रेगुलर करने के लिए वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी बेहद उपयोगी साबित हो रही है, लोग कनेक्शन रेगुलर करवाने में रुचि दिखा रहे हैं। हरेक इलाका निवासी को इसका फायदा लेना चाहिए। – राहुल, कमिश्नर नगर निगम बठिंडा इस तरह फिक्स किए गए हैं चार्जेस : 125 गज रिहायशी मकान – 400 रुपए , 125 से 250 गज रिहायशी मकान – 1000 रुपए, 250 गज से ऊपर रिहायशी मकान – 2000 रुपए, 250 गज तक के कमर्शियल व इंस्टीट्यूट – 2000 रुपए, 250 गज से ऊपर के कॉमर्शियल व इंस्टीट्यूट – 4000 रुपए