चीफ सेक्रेटरी के लिए मनोज सिंह योगी की पहली पसंद:पीएम मोदी के खास दुर्गाशंकर को मिल सकता है चौथा एक्सटेंशन; रेस में कई IAS

चीफ सेक्रेटरी के लिए मनोज सिंह योगी की पहली पसंद:पीएम मोदी के खास दुर्गाशंकर को मिल सकता है चौथा एक्सटेंशन; रेस में कई IAS

यूपी के मुख्य सचिव (CS) दुर्गाशंकर मिश्र का कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो रहा है। ऐसे में सत्ता और शासन के गलियारों में सबकी नजरें नए मुख्य सचिव (CS) पर टिकी हैं। पीएम मोदी के पसंदीदा अफसर होने के चलते दुर्गाशंकर का कार्यकाल लगातार चौथी बार बढ़ने की पूरी संभावना है। CS का कार्यकाल बढ़ाने की दशा में राज्य सरकार को 30 तारीख तक सेवा विस्तार का प्रस्ताव केंद्र को भेजना होगा। केंद्र अगर सीएम योगी पर चयन का फैसला छोड़ता है तो मनोज कुमार सिंह अगले CS बन सकते हैं। वह इस समय कृषि उत्पादन और औद्योगिक विकास एवं अवस्थापना आयुक्त हैं। गुरुवार शाम तक प्रदेश सरकार की ओर से मिश्र के सेवा विस्तार का प्रस्ताव केंद्र सरकार को नहीं भेजा गया था। दुर्गाशंकर मिश्र 31 दिसंबर 2021 को सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन केंद्र सरकार ने उनका कार्यकाल एक साल बढ़ा दिया। योगी सरकार ने उन्हें प्रदेश का मुख्य सचिव नियुक्त किया। तब ऐसा माना जा रहा था कि दुर्गाशंकर की नियुक्ति यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर की गई है, लेकिन केंद्र सरकार ने 31 दिसंबर, 2022 को उन्हें फिर एक साल का एक्सटेंशन दे दिया। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर 31 दिसंबर, 2023 को मिश्र को लगातार तीसरी बार 6 महीने के लिए सेवा विस्तार दिया गया। सूत्रों का कहना है, अगर CS की दौड़ में शामिल मौजूदा अफसरों में से किसी एक के नाम पर सहमति नहीं बनी, तो दुर्गाशंकर को चौथी बार सेवा विस्तार मिलना तय है। अगर ऐसा हुआ तो यह यूपी के इतिहास में पहली बार होगा। पीएम मोदी के पसंदीदा अफसर हैं दुर्गाशंकर
यूपी केंद्र सरकार की पीएम आवास योजना, हर घर नल योजना सहित 50 से ज्यादा योजनाओं में देश में पहले स्थान पर है। दुर्गाशंकर मिश्र का पूरा फोकस केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन और कार्यक्रमों को जमीन पर सफल बनाने पर रहता है। मनोज सिंह सीएम योगी के सबसे करीबी
कृषि उत्पादन और अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह मुख्य सचिव की दौड़ में सबसे आगे हैं। 1988 बैच के आईएएस मनोज कुमार सिंह सीएम योगी के सबसे विश्वसनीय अफसर हैं। वह जुलाई, 2025 में सेवानिवृत्त होंगे। उनके पास पंचायतीराज विभाग, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण सहित 6 से ज्यादा विभागों और संस्थाओं की जिम्मेदारी है। ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट- 2023 में 40 लाख करोड़ रुपए के निवेश करार हुए थे। एक साल की अवधि में करीब 10 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव को धरातल पर उतारने में मनोज सिंह की भूमिका रही। सूत्रों के मुताबिक, मनोज सिंह ने गत दिनों दिल्ली में मोदी सरकार के एक ताकतवर मंत्री से भी मुलाकात की थी। अरुण सिंघल भी हैं मजबूत विकल्प
1987 बैच के आईएएस अरुण सिंघल वर्तमान में भारत सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के सचिव है। केंद्र सरकार की नजर में मुख्य सचिव के लिए अरुण सिंघल दुर्गाशंकर का मजबूत विकल्प हैं। सिंघल अप्रैल, 2025 में सेवानिवृत्त होंगे। वह अगस्त, 2016 से भारत सरकार में प्रतिनियुक्ति पर हैं। कोरोना काल में देशभर में वैक्सीनेशन कार्यक्रम लागू कराने, आयुष्मान भारत जैसी योजनाएं लागू कराने में भी उनकी बड़ी भूमिका रही है। देवेश की भी लग सकती है लॉटरी
कृषि और नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी का नाम भी मुख्य सचिव की दौड़ में है। उनको केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति के लिए योगी सरकार ने NOC दे दी है। लेकिन जातीय समीकरण में दुर्गाशंकर मिश्र के विकल्प के रूप में किसी ब्राह्मण अधिकारी की तलाश हुई, तो देवेश सबसे आगे हैं। 1989 बैच के आईएएस देवेश चतुर्वेदी के साथ सीएम योगी का सामंजस्य भी अच्छा है। महिला अफसर भी दौड़ में
मुख्य सचिव की दौड़ में महिला आईएएस अफसर भी शामिल हैं। इनमें पहला नाम भारत सरकार के कार्मिक विभाग की सचिव राधा एस. चौहान का है। वह 30 जून को सेवानिवृत्त हो रही हैं। मुख्य सचिव बनाने के लिए भारत सरकार को उन्हें कम से कम एक साल का सेवा विस्तार देना होगा। महिला अफसरों में दूसरा बड़ा नाम लीना नंदन का है। 1987 बैच की अफसर लीना फिलहाल केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की सचिव हैं। वह दिसंबर, 2024 में सेवानिवृत्त होंगी। अल्पसंख्यक विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस. गर्ग भी मुख्य सचिव की दौड़ में हैं। 1989 बैच की आईएएस मोनिका अप्रैल, 2025 में सेवानिवृत्त होंगी। वह यूपी में टेक्निकल एजुकेशन, सिंचाई, उच्च शिक्षा विभाग की भी प्रमुख सचिव रही हैं। यूपी के मुख्य सचिव (CS) दुर्गाशंकर मिश्र का कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो रहा है। ऐसे में सत्ता और शासन के गलियारों में सबकी नजरें नए मुख्य सचिव (CS) पर टिकी हैं। पीएम मोदी के पसंदीदा अफसर होने के चलते दुर्गाशंकर का कार्यकाल लगातार चौथी बार बढ़ने की पूरी संभावना है। CS का कार्यकाल बढ़ाने की दशा में राज्य सरकार को 30 तारीख तक सेवा विस्तार का प्रस्ताव केंद्र को भेजना होगा। केंद्र अगर सीएम योगी पर चयन का फैसला छोड़ता है तो मनोज कुमार सिंह अगले CS बन सकते हैं। वह इस समय कृषि उत्पादन और औद्योगिक विकास एवं अवस्थापना आयुक्त हैं। गुरुवार शाम तक प्रदेश सरकार की ओर से मिश्र के सेवा विस्तार का प्रस्ताव केंद्र सरकार को नहीं भेजा गया था। दुर्गाशंकर मिश्र 31 दिसंबर 2021 को सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन केंद्र सरकार ने उनका कार्यकाल एक साल बढ़ा दिया। योगी सरकार ने उन्हें प्रदेश का मुख्य सचिव नियुक्त किया। तब ऐसा माना जा रहा था कि दुर्गाशंकर की नियुक्ति यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर की गई है, लेकिन केंद्र सरकार ने 31 दिसंबर, 2022 को उन्हें फिर एक साल का एक्सटेंशन दे दिया। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर 31 दिसंबर, 2023 को मिश्र को लगातार तीसरी बार 6 महीने के लिए सेवा विस्तार दिया गया। सूत्रों का कहना है, अगर CS की दौड़ में शामिल मौजूदा अफसरों में से किसी एक के नाम पर सहमति नहीं बनी, तो दुर्गाशंकर को चौथी बार सेवा विस्तार मिलना तय है। अगर ऐसा हुआ तो यह यूपी के इतिहास में पहली बार होगा। पीएम मोदी के पसंदीदा अफसर हैं दुर्गाशंकर
यूपी केंद्र सरकार की पीएम आवास योजना, हर घर नल योजना सहित 50 से ज्यादा योजनाओं में देश में पहले स्थान पर है। दुर्गाशंकर मिश्र का पूरा फोकस केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन और कार्यक्रमों को जमीन पर सफल बनाने पर रहता है। मनोज सिंह सीएम योगी के सबसे करीबी
कृषि उत्पादन और अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह मुख्य सचिव की दौड़ में सबसे आगे हैं। 1988 बैच के आईएएस मनोज कुमार सिंह सीएम योगी के सबसे विश्वसनीय अफसर हैं। वह जुलाई, 2025 में सेवानिवृत्त होंगे। उनके पास पंचायतीराज विभाग, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण सहित 6 से ज्यादा विभागों और संस्थाओं की जिम्मेदारी है। ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट- 2023 में 40 लाख करोड़ रुपए के निवेश करार हुए थे। एक साल की अवधि में करीब 10 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव को धरातल पर उतारने में मनोज सिंह की भूमिका रही। सूत्रों के मुताबिक, मनोज सिंह ने गत दिनों दिल्ली में मोदी सरकार के एक ताकतवर मंत्री से भी मुलाकात की थी। अरुण सिंघल भी हैं मजबूत विकल्प
1987 बैच के आईएएस अरुण सिंघल वर्तमान में भारत सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के सचिव है। केंद्र सरकार की नजर में मुख्य सचिव के लिए अरुण सिंघल दुर्गाशंकर का मजबूत विकल्प हैं। सिंघल अप्रैल, 2025 में सेवानिवृत्त होंगे। वह अगस्त, 2016 से भारत सरकार में प्रतिनियुक्ति पर हैं। कोरोना काल में देशभर में वैक्सीनेशन कार्यक्रम लागू कराने, आयुष्मान भारत जैसी योजनाएं लागू कराने में भी उनकी बड़ी भूमिका रही है। देवेश की भी लग सकती है लॉटरी
कृषि और नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी का नाम भी मुख्य सचिव की दौड़ में है। उनको केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति के लिए योगी सरकार ने NOC दे दी है। लेकिन जातीय समीकरण में दुर्गाशंकर मिश्र के विकल्प के रूप में किसी ब्राह्मण अधिकारी की तलाश हुई, तो देवेश सबसे आगे हैं। 1989 बैच के आईएएस देवेश चतुर्वेदी के साथ सीएम योगी का सामंजस्य भी अच्छा है। महिला अफसर भी दौड़ में
मुख्य सचिव की दौड़ में महिला आईएएस अफसर भी शामिल हैं। इनमें पहला नाम भारत सरकार के कार्मिक विभाग की सचिव राधा एस. चौहान का है। वह 30 जून को सेवानिवृत्त हो रही हैं। मुख्य सचिव बनाने के लिए भारत सरकार को उन्हें कम से कम एक साल का सेवा विस्तार देना होगा। महिला अफसरों में दूसरा बड़ा नाम लीना नंदन का है। 1987 बैच की अफसर लीना फिलहाल केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की सचिव हैं। वह दिसंबर, 2024 में सेवानिवृत्त होंगी। अल्पसंख्यक विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस. गर्ग भी मुख्य सचिव की दौड़ में हैं। 1989 बैच की आईएएस मोनिका अप्रैल, 2025 में सेवानिवृत्त होंगी। वह यूपी में टेक्निकल एजुकेशन, सिंचाई, उच्च शिक्षा विभाग की भी प्रमुख सचिव रही हैं।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर