मंडी में बुधवार को एचआरटीसी पेंशनर कल्याण संगठन की मासिक बैठक का आयोजन किया गया। इसमें हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एचआरटीसी) के पेंशनरों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आगामी बजट सत्र में सड़कों पर उतर आंदोलन करेंगे। संगठन के प्रधान अनूप कपूर ने बताया कि पेंशनरों को कई महीनों से समय पर पेंशन नहीं मिल पा रही है। लोहड़ी का त्योहार भी पेंशन के बिना फीका रहा, जबकि सेवारत कर्मचारियों को समय पर वेतन मिल गया। उप मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि सरकार हर माह निगम को वेतन और पेंशन के लिए 67 करोड़ रुपए दे रही है, लेकिन पेंशनरों को उनका पैसा नहीं मिल रहा है। अनूप ने बताया कि उनकी मुख्य मांगों में सरकारी पेंशनरों की तरह समय पर पेंशन और पेंशन लाभ, बजट में पेंशन के लिए अलग से राशि का प्रावधान, संशोधित पेंशन के एरियर की पहली किस्त 50,000 रुपए का भुगतान और दूसरी किस्त की अदायगी शामिल हैं। इसके अलावा, मुख्यमंत्री द्वारा अक्टूबर 2024 में स्वर्ण जयंती समारोह में चिकित्सा बिलों के लिए घोषित 9 करोड़ रुपए का भुगतान भी अभी तक नहीं किया गया है। विशेष रूप से चिंता का विषय यह है कि मार्च 2024 के बाद सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को 10 महीने से पेंशन नहीं मिली है, जिससे वे आर्थिक और मानसिक परेशानी झेल रहे हैं। संगठन ने सरकार से तत्काल समस्याओं का समाधान करने और पदाधिकारियों से संवाद स्थापित करने की मांग की है। पेंशनर्स ने मांगें माने जाने तक संघर्ष जारी रखने की चेतावनी दी है। मंडी में बुधवार को एचआरटीसी पेंशनर कल्याण संगठन की मासिक बैठक का आयोजन किया गया। इसमें हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एचआरटीसी) के पेंशनरों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आगामी बजट सत्र में सड़कों पर उतर आंदोलन करेंगे। संगठन के प्रधान अनूप कपूर ने बताया कि पेंशनरों को कई महीनों से समय पर पेंशन नहीं मिल पा रही है। लोहड़ी का त्योहार भी पेंशन के बिना फीका रहा, जबकि सेवारत कर्मचारियों को समय पर वेतन मिल गया। उप मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि सरकार हर माह निगम को वेतन और पेंशन के लिए 67 करोड़ रुपए दे रही है, लेकिन पेंशनरों को उनका पैसा नहीं मिल रहा है। अनूप ने बताया कि उनकी मुख्य मांगों में सरकारी पेंशनरों की तरह समय पर पेंशन और पेंशन लाभ, बजट में पेंशन के लिए अलग से राशि का प्रावधान, संशोधित पेंशन के एरियर की पहली किस्त 50,000 रुपए का भुगतान और दूसरी किस्त की अदायगी शामिल हैं। इसके अलावा, मुख्यमंत्री द्वारा अक्टूबर 2024 में स्वर्ण जयंती समारोह में चिकित्सा बिलों के लिए घोषित 9 करोड़ रुपए का भुगतान भी अभी तक नहीं किया गया है। विशेष रूप से चिंता का विषय यह है कि मार्च 2024 के बाद सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को 10 महीने से पेंशन नहीं मिली है, जिससे वे आर्थिक और मानसिक परेशानी झेल रहे हैं। संगठन ने सरकार से तत्काल समस्याओं का समाधान करने और पदाधिकारियों से संवाद स्थापित करने की मांग की है। पेंशनर्स ने मांगें माने जाने तक संघर्ष जारी रखने की चेतावनी दी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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मंडी के पडडल मैदान को पक्का करने की मांग:देवी देवताओं के बैठने का स्थान, लकडी के तख्तों की व्यवस्था नहीं ठीक अंतरराष्ट्रीय महा शिवरात्रि महोत्सव निकट है और इसी के चलते हिमाचल प्रदेश के मंडी में सर्व देवता सेवा समिति की साधारण सभा की बैठक संस्कृति सदन में आयोजित हुई। जिसकी अध्यक्षता अध्यक्ष शिवपाल शर्मा ने की। सभी सदस्यों ने मांग की कि पड्डल में देवताओं के बैठने की व्यवस्था ठीक की जाए। सीढ़ियों पर जो देवी देवता बैठते हैं, उस स्थान को पक्का किया जाए। गत वर्ष देवताओं को बैठाने के लिए लकड़ी के तख्ते जोड़े हुए थे। पीढ़ी दर पीढ़ी चलते रहेंगे धार्मिक उत्सव उसमें देवी देवताओं के गिरने का डर रहता है, इसलिए उस स्थान को पक्का किया जाए, ताकि देवी देवताओं को बैठने मैं सुविधा हो सके। इसके अतिरिक्त सभी कारदारों ने सरकार और प्रशासन से मांग रखी कि सदियों से चले आ रहे धार्मिक उत्सव पीढ़ी दर पीढ़ी चलते रहेंगे। इसलिए अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेला को देखने के लिए देश विदेश से लोग आते हैं और ऐसे उत्सवों को देखकर देव संस्कृति ही जीवित रहती है। देवताओं के लिए स्थायी स्थान करें चिह्नित पड्डल में देवी देवताओं को बैठने के लिए स्थायी स्थान चिह्नित किया जाए, जिससे आने वाली पीढ़ी को भी अपनी ऐतिहासिक धरोहर याद रहे और उसका निर्वहन कर सके। बैठक मैं सभी सदस्यों ने मांग रखी कि जो पिछली शिवरात्रि में पड्डल में जहां देवता बैठते हैं, वहां पर जो मैटिंग की गई थी, वैसी ही इस बार भी की जाए। इंडोर स्टेडियम से आपत्ति नहीं सभी सदस्यों ने पुरजोर मांग रखी कि मुख्यमंत्री ने 2022 को आधा बीघा भूमि देवताओं को सामुदायिक भवन बनाने हेतु भूमि प्रदान करने की घोषणा की। मगर अभी तक किसी भी देवी देवताओं को उपरोक्त विषय के लिए भूमि स्वीकृत नहीं की गई। कहा कि मुख्यमंत्री कहा था कि यह कार्रवाई 45 दिन के अंदर हो जाएगी, मगर आज तक नहीं मिल पाई है। उधर अध्यक्ष शिवपाल शर्मा ने पड्डल मैदान में बनने जा रहे इंडोर स्टेडियम पर अपनी बात रखते हुए कहा कि अगर मैदान में देवी देवताओं का स्थान प्रभावित नहीं होता है, तो उनको स्टेडियम से कोई भी आपत्ति नहीं है।
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