सहारनपुर लोकसभा सीट भाजपा क्यों हारी? जिसकी समीक्षा के लिए भाजपा के प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला को भेजा गया। पदाधिकारियों की बैठक भी हुई और उसमें हंगामा भी हुआ। समर्थकों ने आरोप-प्रत्यारोपी भी लगाए। रिपोर्ट भी शीर्ष नेताओं को पहुंच चुकी है। हार के कारणों जुबानी जंग को अब विराम तो लगा है। लेकिन मनभेद अब भी है। राघव लखनपाल शर्मा के समर्थकों ने पीडब्ल्यूडी मंत्री और नगर विधायक के अलावा कुछ पदाधिकारियों पर हार का ठिकरा फोड़ा। सीएम ने किया तलब सूत्रों के अनुसार, जब प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला सहारनपुर में हार की समीक्षा करने पहुंचे तो बैठक में हंगामा हुआ। हंगामे की गूंज दिल्ली और लखनऊ तक पहुंची। हालांकि बैठक से पहले ही भाजपा प्रत्याशी राघव लखनपाल शर्मा लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने पहुंच गए और विधायकों और पदाधिकारियों के कारनामों के चिट्ठे दिए। जिसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने बारी-बारी से सबको तलब किया। सीएम योगी से राघव लखनपाल शर्मा ने बताया कि राजपूत समाज के विरोध को देवबंद विधायक एवं मंत्री कुंवर बृजेश सिंह शांत कर सकते थे। उनसे बातचीत कर। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। सूत्रों के अनुसार, आरोप लगाया कि मंत्री द्वारा राजपूत समाज को शह दी गई। वहीं फंड देने का भी आरोप लगाया है। राघव का आरोप है कि लोकल बॉडी ने भी ज्यादा साथ नहीं दिया। वोटर्स की पर्ची घर-घर तक नहीं पहुंचाई गई। कार्यकर्ता भी सुस्त दिखाई दिए। घर-घर से वोटर्स को नहीं निकाला गया। मंत्री, मेयर और विधायक भी पहुंचे लखनऊ सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिए मेयर डॉ.अजय सिंह पहुंचे। सीएम ने उनसे पहले विकास कार्यों को लेकर चर्चा की। उसके बाद हार के कारणों को जाना। सूत्रों के अनुसार, सीएम को हार के कई कारण बताए। मेयर ने भीतरी घात, राजपूत समाज की नाराजगी, वोटर्स तक नहीं पहुंचना के अलावा कई कारण बताए। नगर विधायक राजीव गुंबर भी सीएम योगी आदित्यनाथ के दरबार में पेश हुए। सीएम ने उनसे भी कई सवाल किए। सूत्रों के अनुसार, नगर विधायक राजीव गुंबर ने अपनी सफाई में कहा कि प्रत्याशी की लोगों से दूरी बनाए रखना। लोगों के बीच जाकर उनसे संवाद न करना। यहीं नहीं राजपूत समाज की नाराजगी भी बताई। जिन विधायकों के यहां पर कार्यक्रम थे, उन विधायकों को भी बताया नहीं गया। मंत्री ने भी सीएम को दी सफाई सूत्रों के अनुसार, यूपी सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री कुंवर बृजेश सिंह की हाजिरी भी सीएम योगी के दरबार में लगी। सीएम योगी ने हार के कारणों और प्रत्याशियों के समर्थकों के आरोपों को कहां तक सही है पूछा। सूत्रों के अनुसार, मंत्री ने अपनी सफाई दी और कहा कि बिना वजह से आरोप लगाए जा रहे हैं। राजपूत समाज को उन्होंने समझाने के प्रयास किया था। ठाकुर समाज ने भाजपा को वोट दिया है। लेकिन दलित समाज भाजपा और बसपा की ओर न जाकर गठबंधन की ओर चला गया। जिस कारण ये हार हुई है। शीर्ष नेताओं तक पहुंची समीक्षा
सहारनपुर लोकसभा सीट को लेकर हार की समीक्षा के लिए भाजपा के प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला को भेजा गया था। जिन्होंने अपनी रिपोर्ट तैयार कर शीर्ष नेताओं को भेज दी है। वहीं दिल्ली में हार के कारणों पर मंथन किया जा रहा है। वहीं जिन जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से अलग-अलग कमरे में बुलाकर बात की गई थी। उसके आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है। वहीं सूत्रों का दावा है कि भविष्य में भीतरघात करने वाले नेताओं की मुश्किल भरी राह हो सकती है। सहारनपुर लोकसभा सीट भाजपा क्यों हारी? जिसकी समीक्षा के लिए भाजपा के प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला को भेजा गया। पदाधिकारियों की बैठक भी हुई और उसमें हंगामा भी हुआ। समर्थकों ने आरोप-प्रत्यारोपी भी लगाए। रिपोर्ट भी शीर्ष नेताओं को पहुंच चुकी है। हार के कारणों जुबानी जंग को अब विराम तो लगा है। लेकिन मनभेद अब भी है। राघव लखनपाल शर्मा के समर्थकों ने पीडब्ल्यूडी मंत्री और नगर विधायक के अलावा कुछ पदाधिकारियों पर हार का ठिकरा फोड़ा। सीएम ने किया तलब सूत्रों के अनुसार, जब प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला सहारनपुर में हार की समीक्षा करने पहुंचे तो बैठक में हंगामा हुआ। हंगामे की गूंज दिल्ली और लखनऊ तक पहुंची। हालांकि बैठक से पहले ही भाजपा प्रत्याशी राघव लखनपाल शर्मा लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने पहुंच गए और विधायकों और पदाधिकारियों के कारनामों के चिट्ठे दिए। जिसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने बारी-बारी से सबको तलब किया। सीएम योगी से राघव लखनपाल शर्मा ने बताया कि राजपूत समाज के विरोध को देवबंद विधायक एवं मंत्री कुंवर बृजेश सिंह शांत कर सकते थे। उनसे बातचीत कर। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। सूत्रों के अनुसार, आरोप लगाया कि मंत्री द्वारा राजपूत समाज को शह दी गई। वहीं फंड देने का भी आरोप लगाया है। राघव का आरोप है कि लोकल बॉडी ने भी ज्यादा साथ नहीं दिया। वोटर्स की पर्ची घर-घर तक नहीं पहुंचाई गई। कार्यकर्ता भी सुस्त दिखाई दिए। घर-घर से वोटर्स को नहीं निकाला गया। मंत्री, मेयर और विधायक भी पहुंचे लखनऊ सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिए मेयर डॉ.अजय सिंह पहुंचे। सीएम ने उनसे पहले विकास कार्यों को लेकर चर्चा की। उसके बाद हार के कारणों को जाना। सूत्रों के अनुसार, सीएम को हार के कई कारण बताए। मेयर ने भीतरी घात, राजपूत समाज की नाराजगी, वोटर्स तक नहीं पहुंचना के अलावा कई कारण बताए। नगर विधायक राजीव गुंबर भी सीएम योगी आदित्यनाथ के दरबार में पेश हुए। सीएम ने उनसे भी कई सवाल किए। सूत्रों के अनुसार, नगर विधायक राजीव गुंबर ने अपनी सफाई में कहा कि प्रत्याशी की लोगों से दूरी बनाए रखना। लोगों के बीच जाकर उनसे संवाद न करना। यहीं नहीं राजपूत समाज की नाराजगी भी बताई। जिन विधायकों के यहां पर कार्यक्रम थे, उन विधायकों को भी बताया नहीं गया। मंत्री ने भी सीएम को दी सफाई सूत्रों के अनुसार, यूपी सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री कुंवर बृजेश सिंह की हाजिरी भी सीएम योगी के दरबार में लगी। सीएम योगी ने हार के कारणों और प्रत्याशियों के समर्थकों के आरोपों को कहां तक सही है पूछा। सूत्रों के अनुसार, मंत्री ने अपनी सफाई दी और कहा कि बिना वजह से आरोप लगाए जा रहे हैं। राजपूत समाज को उन्होंने समझाने के प्रयास किया था। ठाकुर समाज ने भाजपा को वोट दिया है। लेकिन दलित समाज भाजपा और बसपा की ओर न जाकर गठबंधन की ओर चला गया। जिस कारण ये हार हुई है। शीर्ष नेताओं तक पहुंची समीक्षा
सहारनपुर लोकसभा सीट को लेकर हार की समीक्षा के लिए भाजपा के प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला को भेजा गया था। जिन्होंने अपनी रिपोर्ट तैयार कर शीर्ष नेताओं को भेज दी है। वहीं दिल्ली में हार के कारणों पर मंथन किया जा रहा है। वहीं जिन जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से अलग-अलग कमरे में बुलाकर बात की गई थी। उसके आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है। वहीं सूत्रों का दावा है कि भविष्य में भीतरघात करने वाले नेताओं की मुश्किल भरी राह हो सकती है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर