रोहतक के राजीव गांधी खेल स्टेडियम में 10 से 15 जुलाई तक अग्निवीर एवं नियमित वर्ग के लिए अग्निवीर भर्ती रैली का आयोजन किया जाएगा। इस भर्ती में सैनिक नर्सिंग सहायक, सिपाही फार्मा, आरटी जेसीओ, अग्निवीर तकनीकी, अग्निवीर कार्यालय सहायक एवं स्टोर कीपर तकनीकी, अग्निवीर ट्रेड्समैन 10वीं पास तथा अग्निवीर ट्रेड्समैन 8वीं पास तथा अग्निवीर जनरल ड्यूटी के पदों पर भर्ती की जाएगी। स्थानीय सेना भर्ती कार्यालय के भर्ती निदेशक दीपक कटारिया ने बताया कि भर्ती रैली के लिए चयनित अभ्यर्थियों के लिए रैली नोटिफिकेशन में उल्लेखित दस्तावेजों के अलावा एडमिट कार्ड एवं आधार कार्ड अनिवार्य है। सामान्य प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर भर्ती रैली के लिए चयनित अभ्यर्थी सेना की वेबसाइट www.joinindianarmy.nic.in से अपने यूजर नेम व पासवर्ड की सहायता से एडमिट कार्ड डाउनलोड कर लें। यदि किसी अभ्यर्थी को एडमिट कार्ड डाउनलोड करने में कोई परेशानी आती है तो वह 9 जुलाई तक स्थानीय सेना भर्ती कार्यालय से संपर्क कर सकता है। अभ्यर्थी दलालों के बहकावे में न आएं भर्ती निदेशक ने कहा कि सेना में भर्ती निशुल्क और योग्यता के आधार पर की जाती है। अभ्यर्थियों को किसी दलाल के बहकावे में नहीं आना चाहिए। सेना में भर्ती पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी होती है। सभी शर्तें पूरी करने वाले अभ्यर्थियों को ही भर्ती किया जाता है। भर्ती प्रक्रिया में कोई दलाल हस्तक्षेप नहीं कर सकता। अभ्यर्थियों को कड़ी मेहनत के साथ भर्ती रैली की तैयारी करनी चाहिए। अभ्यर्थियों को शक्तिवर्धक दवाओं और नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। यदि कोई अभ्यर्थी ऐसी वस्तुओं का सेवन करता पाया जाता है या अभ्यर्थी के पास ऐसी कोई वस्तु पाई जाती है तो उसे चयन से वंचित कर दिया जाएगा। भले ही वह परीक्षा में पास हो जाए। अभ्यर्थी की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी दीपक कटारिया ने कहा कि बाहर से आने वाले अभ्यर्थी रैली के दौरान ठहरने के लिए पुरी धाम धर्मशाला, श्री जोरावर सिंह जैन धर्मशाला, राजपूत धर्मशाला (परमार), सैनी धर्मशाला, छोटू राम धर्मशाला और धोबी धर्मशाला में संपर्क कर सकते हैं। अभ्यर्थी किसी भी प्रकार की सहायता के लिए भर्ती कार्यालय के दूरभाष नंबर 01262-253431 तथा हेल्पलाइन नंबर 8901384498 पर संपर्क कर सकते हैं। रोहतक के राजीव गांधी खेल स्टेडियम में 10 से 15 जुलाई तक अग्निवीर एवं नियमित वर्ग के लिए अग्निवीर भर्ती रैली का आयोजन किया जाएगा। इस भर्ती में सैनिक नर्सिंग सहायक, सिपाही फार्मा, आरटी जेसीओ, अग्निवीर तकनीकी, अग्निवीर कार्यालय सहायक एवं स्टोर कीपर तकनीकी, अग्निवीर ट्रेड्समैन 10वीं पास तथा अग्निवीर ट्रेड्समैन 8वीं पास तथा अग्निवीर जनरल ड्यूटी के पदों पर भर्ती की जाएगी। स्थानीय सेना भर्ती कार्यालय के भर्ती निदेशक दीपक कटारिया ने बताया कि भर्ती रैली के लिए चयनित अभ्यर्थियों के लिए रैली नोटिफिकेशन में उल्लेखित दस्तावेजों के अलावा एडमिट कार्ड एवं आधार कार्ड अनिवार्य है। सामान्य प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर भर्ती रैली के लिए चयनित अभ्यर्थी सेना की वेबसाइट www.joinindianarmy.nic.in से अपने यूजर नेम व पासवर्ड की सहायता से एडमिट कार्ड डाउनलोड कर लें। यदि किसी अभ्यर्थी को एडमिट कार्ड डाउनलोड करने में कोई परेशानी आती है तो वह 9 जुलाई तक स्थानीय सेना भर्ती कार्यालय से संपर्क कर सकता है। अभ्यर्थी दलालों के बहकावे में न आएं भर्ती निदेशक ने कहा कि सेना में भर्ती निशुल्क और योग्यता के आधार पर की जाती है। अभ्यर्थियों को किसी दलाल के बहकावे में नहीं आना चाहिए। सेना में भर्ती पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी होती है। सभी शर्तें पूरी करने वाले अभ्यर्थियों को ही भर्ती किया जाता है। भर्ती प्रक्रिया में कोई दलाल हस्तक्षेप नहीं कर सकता। अभ्यर्थियों को कड़ी मेहनत के साथ भर्ती रैली की तैयारी करनी चाहिए। अभ्यर्थियों को शक्तिवर्धक दवाओं और नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। यदि कोई अभ्यर्थी ऐसी वस्तुओं का सेवन करता पाया जाता है या अभ्यर्थी के पास ऐसी कोई वस्तु पाई जाती है तो उसे चयन से वंचित कर दिया जाएगा। भले ही वह परीक्षा में पास हो जाए। अभ्यर्थी की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी दीपक कटारिया ने कहा कि बाहर से आने वाले अभ्यर्थी रैली के दौरान ठहरने के लिए पुरी धाम धर्मशाला, श्री जोरावर सिंह जैन धर्मशाला, राजपूत धर्मशाला (परमार), सैनी धर्मशाला, छोटू राम धर्मशाला और धोबी धर्मशाला में संपर्क कर सकते हैं। अभ्यर्थी किसी भी प्रकार की सहायता के लिए भर्ती कार्यालय के दूरभाष नंबर 01262-253431 तथा हेल्पलाइन नंबर 8901384498 पर संपर्क कर सकते हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में मंत्री बनने के लिए 15 MLA शॉर्टलिस्ट:केंद्रीय नेतृत्व ने नाम को अंतिम रूप देने से पहले इन MLA की प्रोफाइल मंगवाई
हरियाणा में मंत्री बनने के लिए 15 MLA शॉर्टलिस्ट:केंद्रीय नेतृत्व ने नाम को अंतिम रूप देने से पहले इन MLA की प्रोफाइल मंगवाई हरियाणा में नई सरकार के लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने कवायद तेज कर दी है। मंत्रिमंडल के लिए 15 विधायकों के नाम शॉर्टलिस्ट किए गए हैं। इन विधायकों में से 7 मंत्री और एक डिप्टी स्पीकर रह चुके हैं। केंद्रीय नेतृत्व ने नाम को अंतिम रूप देने से पहले इन MLA की प्रोफाइल मंगवाई है। हरियाणा में मिनिस्टर बनने के लिए जो चेहरे शॉर्टलिस्ट किए गए हैं, उनमें नायब सैनी, अनिल विज, राव नरबीर सिंह, विपुल गोयल, मूलचंद शर्मा, कृष्णा गहलावत, कृष्णलाल पंवार, हरविंदर कल्याण, रणबीर गंगवा, महिपाल ढांडा, बिमला चौधरी, लक्ष्मण यादव, घनश्याम सर्राफ, आरती राव और श्रुति चौधरी शामिल हैं। 8 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आया था। भाजपा ने 48, कांग्रेस ने 37, इनेलो ने 2 और 3 निर्दलीयों ने जीत दर्ज की। तीनों निर्दलीय विधायक भाजपा को समर्थन दे चुके हैं। जिसके बाद भाजपा के पास विधायकों की संख्या 51 हो गई है। कल पंचकूला में विधायक दल की मीटिंग होगी। मीटिंग में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ऑब्जर्वर के तौर पर मौजूद रहेंगे। सिलसिलेवार ढंग से जानिए, किसकी दावेदारी क्यों मजबूत…. 1. राव नरबीर सिंह : बादशाहपुर सीट से चुनाव जीते राव नरबीर सिंह अहीरवाल बेल्ट के बड़े नेता कहे जाने वाले राव इंद्रजीत सिंह के धुर विरोधी रहे हैं। पूरे इलाके में राव नरबीर ही इकलौते ऐसे नेता हैं, जिन्होंने अपने दम पर न केवल हाईकमान से सीधे टिकट हासिल की, बल्कि इस इलाके में सबसे बड़ी जीत भी दर्ज की है। नरबीर सिंह 2014 में मनोहर लाल खट्टर की सरकार में पावरफुल कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। उनके सीधे हाईकमान से अच्छे संबंध है। उनकी कैबिनेट मंत्री के पद पर दावेदारी काफी मजबूत है। इसकी दूसरी वजह उनका राव इंद्रजीत सिंह का विरोधी होना भी है। 10 विधायकों में राव इंद्रजीत सिंह के धुर विरोधी में इकलौते राव नरबीर ही है। भाजपा नरबीर को मंत्री बनाकर इलाके में राव इंद्रजीत सिंह के बराबर नेता खड़ा कर सकती है। 2. बिमला चौधरी : बिमला चौधरी ने पटौदी विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है। वह 2014 में भी इसी सीट से विधायक बनी थीं। 2019 में भाजपा ने उनका टिकट काट दिया था। वह राव इंद्रजीत सिंह की करीबी हैं। बिमला चौधरी की दावेदारी इसलिए भी मजबूत है, क्योंकि वह जातीय संतुलन के हिसाब से राव इंद्रजीत सिंह के कोटे में वह फिट बैठती हैं। इसके अलावा उन्हें विधायक रहते हुए प्रशासनिक अनुभव भी है। 3. लक्ष्मण यादव : वह रेवाड़ी सीट से चुनाव जीते है। वह 2019 में कोसली से विधायक चुने गए थे। राव इंद्रजीत सिंह और संगठन दोनों की पसंद की वजह से उन्हें टिकट मिला। अहीरवाल इलाके में यादवों की वोट एक तरह से एक तरफा भाजपा के पक्ष में पड़ा। 2019 में भले ही रेवाड़ी सीट पर भाजपा जीत दर्ज नहीं कर पाई, लेकिन 2014 में यहां पहली बार कमल खिला था।अहीरवाल बेल्ट की राजधानी कहे जाने वाले रेवाड़ी को पिछले 10 सालों में मंत्रीपद नहीं मिल पाया। ऐसे में लक्ष्मण सिंह यादव के नाम पर राव इंद्रजीत सिंह भी सहमति जता सकते हैं। 4. आरती राव : राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव ने अटेली से चुनाव जीता है। पिछले 3 चुनाव में अटेली में भाजपा उम्मीदवार ही चुनाव जीतते आ रहे हैं। इलाके में खुद के प्रभाव के चलते ही राव इंद्रजीत सिंह ने बेटी को टिकट दिलाया। ऐसे में आरती राव को मंत्रिमंडल में शामिल कराकर राव इंद्रजीत सिंह महेंद्रगढ़ जिले को मजबूत करने की कोशिश कर सकते हैं। 5. विपुल गोयल : यह वैश्य समुदाय से आते हैं। 2014 में चुनाव जीतकर कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। हालांकि फरीदाबाद सांसद कृष्ण पाल गुर्जर के मतभेदों के कारण टिकट काट दिया गया था। इस बार सीधी हाईकमान में पकड़ होने के कारण इनको टिकट मिला, इसके साथ ही नए मंत्रिमंडल में इसी कारण से कैबिनेट मंत्री के रूप में मजबूत दावेदार बने हुए हैं। 6 मूलचंद शर्मा: भाजपा में ब्राह्मणों के सबसे बड़े चेहरे के रूप में पंडित रामबिलास शर्मा का नाम आता था, लेकिन 2019 में उनके चुनाव हारने के बाद उनके ही रिश्तेदार बल्लभगढ़ से विधायक मूलचंद शर्मा को मनोहर लाल के दूसरे टर्म में परिवहन मंत्री बनाया गया। मूलचंद शर्मा लगातार तीसरी बार इस सीट से विधायक चुने गए हैं। 5 साल मंत्री रहने के दौरान उनकी परफॉर्मेंस ठीक रही, जिसकी वजह से वह इस बार भी कैबिनेट मंत्री पद के दावेदार हैं। उनकी दावेदारी की दूसरी बड़ी वजह इस बार के चुनाव में ब्राह्मण वोटर्स का एकतरफा झुकाव भाजपा की तरफ रहना भी है। 7. महिपाल ढांडा: पानीपत ग्रामीण से विधायक बने हैं। पार्टी का बड़ा जाट चेहरा बनकर उभरे हैं। नायब सैनी के सीएम बनाए जाने के बाद ढांडा को राज्यमंत्री बनाया गया था। अपने छोटे से कार्यकाल में काफी एक्टिव दिखाई दिए थे। जिसके बाद भाजपा ने इन्हें तीसरी बार फिर टिकट दिया। ढांडा की सबसे बड़ी बात यह भी है कि उनके ऊपर अभी तक कोई भी भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे हैं। 8. कृष्णा गहलावत: राई विधानसभा सीट पर कृष्णा गहलावत ने जीत दर्ज की है। ये सीट पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ मानी जाती है। जाट समुदाय से आने वाली कृष्णा गहलावत 1996 में बंसीलाल सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। भाजपा सोनीपत, रोहतक और झज्जर की जाट बेल्ट में अपना आधार बढ़ाने के लिए उन्हें कैबिनेट में जगह दे सकती है। 9. श्रुति चौधरी: तोशाम विधानसभा सीट पर भाजपा से श्रुति चौधरी ने जीत दर्ज की है। इस सीट पर उनका मुकाबला अपने चचेरे भाई अनिरुद्ध चौधरी से था। भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से सांसद रही श्रुति चौधरी को लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट नहीं मिला था। इसके बाद वे अपनी मां किरण चौधरी के साथ बीजेपी में शामिल हो गईं। तोशाम पर बंसीलाल परिवार का खासा प्रभाव रहा है। इससे पहले किरण चौधरी इस सीट से लगातार जीत हासिल करती रही हैं। उन्हें अब राज्यसभा भेज दिया गया है। ऐसे में श्रुति चौधरी कैबिनेट में मंत्रीपद के मजबूत दावेदारी मानी जा रही है। 10. हरविंदर कल्याण: ये रोड़ समाज से आते हैं। प्रदेश की घरौंडा सीट से इन्होंने जीत दर्ज की है। 2019 में भी चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे, लेकिन मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था। मनोहर लाल खट्टर के बाद नायब सैनी के कार्यकाल में भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हो पाए थे, इस बार इस समाज को बीजेपी नई सरकार में प्रतिनिधित्व देना चाहती है, इसलिए दावेदारी मजबूत है। ये पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के करीबी माने जाते हैं। 11. कृष्ण लाल पंवार: बतौर राज्यसभा सांसद रहते हुए इसराना से विधानसभा चुनाव लड़ा। अब तक 6 बार के विधायक रह चुके हैं। सीनियोरिटी के हिसाब से बीजेपी में दूसरे नंबर पर आते हैं। इनसे पहले अनिल विज सात बार के विधायक बन चुके हैं। दलित समाज से आते हैं। इस चुनाव में दलितों के समर्थन मिलने के बाद बीजेपी में पंवार की मजबूत दावेदारी है। इसके साथ ही पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के भी काफी करीबी हैं। 12. रणबीर गंगवा: संसदीय मामलों के अच्छे जानकार हैं। मनोहर लाल खट्टर और नायब सैनी की सरकार में डिप्टी स्पीकर रह चुके हैं। गंगवा इस बार बरवाला सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचेंगे। इस नई सरकार में उन्हें स्पीकर या डिप्टी स्पीकर की जिम्मेदारी दी जा सकती है। 13. घनश्याम सर्राफ: भिवानी से लगातार चार बार विधायक हैं। 2014 में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में राज्य मंत्री रह चुके हैं। वैश्य समाज से आते हैं। बीजेपी ने इस चुनाव में 36 बिरादरी को साथ लेकर चलने का वादा किया है, ऐसे में उनके अनुभव को देखते हुए केंद्रीय नेतृत्व उन्हें राज्य मंत्री पद की जिम्मेदारी दे सकता है। 14. अनिल विज: हरियाणा में इस बार विधानसभा में सबसे सीनियर अनिल विज होंगे। इसकी वजह यह है कि यह ऐसे पहले विधायक बने हैं, जिन्होंने सात बार लगातार विधानसभा चुनाव जीता है। मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में सेकेंड पोजीशन पर रहे। हालांकि नायब सैनी के कार्यकाल में उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था, लेकिन इस बार वह फिर से कैबिनेट में अहम विभागों की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। पार्टी यदि डिप्टी सीएम फॉर्मूला लाती है तो विज को डिप्टी सीएम भी बनाया जा सकता है। अनिल विज पंजाबी समुदाय से आते हैं। Add Cover Image Header Preview Image avatarNo file chosen Caption (Optional) Graphics Editor Carousel Template (Optional) Video / Audio Summary (Optional) Save Content Upload Video / Audio Summary Category URL haryana-bjp-cabinet-ministers-list-nayab-saini-anil-vij-133809601 Meta Title (English) Haryana BJP Cabinet Ministers List; Nayab Singh Saini Anil Vij | Arti Rao Meta Description Haryana CM Nayab Singh Saini Cabinet Ministers List Update; हरियाणा में नई सरकार के लिए बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने कवायद शुरू कर दी है। मंत्रिमंडल के लिए 16 विधायकों के नाम शॉर्टलिस्ट किए जा चुके हैं। SEO Keyword Haryana Cabinet, BJP MLA, Haryana New Government, BJP, Aarti Rao, Tosham MLA Shruti Chaudhary, Krishna Gehlawat News Type (Multi Selection) Related News (Optional) शाह मौजूद रहेंगे; बड़ौली बोले- 17 को शपथग्रहण में PM समेत 37 CM-डिप्टी CM, केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे × चीफ सेक्रेटरी प्रसाद की 31 को रिटायरमेंट; CM के प्रिंसिपल सेक्रेटरी उमाशंकर दिल्ली जाने के इच्छुक × कई दिन से मिल 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कुरुक्षेत्र में महिला को गाय ने पटक-पटककर मारा:हुई मौत, घर के बाहर खड़ी थी, सींग से मारी टक्कर, पैरों से कुचला
कुरुक्षेत्र में महिला को गाय ने पटक-पटककर मारा:हुई मौत, घर के बाहर खड़ी थी, सींग से मारी टक्कर, पैरों से कुचला हरियाणा के कुरूक्षेत्र पटेल नगर में आज सुबह घर के बाहर एक महिला को गाय ने टक्कर मारकर मौत के घाट उतार दिया। घटना सुबह करीब 8 बजे की बताई जा रही है। मृतक महिला की शिनाख्त 65 वर्षीय गुरदीप कौर के रूप में हुई है। इस घटना के बाद कॉलोनी के लोगों में रोष है। लोगों का कहना है कि हर तीसरे दिन आवारा पशुओं की वजह से कोई ना कोई हादसा होता है। लेकिन प्रशासन इस तरफ कोई ध्यान नहीं देता। महिला पर किया हमला जानकारी के मुताबिक गुरदीप कौर सुबह अपने घर के गेट के बाहर खड़ी थी। घुटनों में परेशानी के चलते बुजुर्ग महिला छड़ी के सहारे बाहर आई थी। इसी दौरान गली में आए 3 गोवंश ने बुजुर्ग महिला पर हमला कर दिया। टक्कर लगते ही बुजुर्ग गली में गिर गई। मगर गाय ने उन हमला जारी रखा। शोर सुनकर अन्य परिजनों ने उनको छुड़ाने का प्रयास किया। घायल अवस्था में परिजनों ने उनको अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने उनको मृत घोषित कर दिया। घर के बाहर खड़ी थी महिला मृतक महिला के पति वीरेंद्र सिंह ने बताया कि मृतक महिला का नाम गुरप्रीत कौर (65) था। महिला सुबह घर के बाहर थी, तभी अचानक गाय ने उस पर हमला बोल दिया। आस पास खड़े लोगों ने महिला को बचाने की कोशिश की लेकिन जब तक महिला की मौत नहीं हो गई। तब तक गाय का हमला जारी रहा। उनका कहना है कि पहले भी आवारा पशुओं की वजह से कई लोगों के साथ हादसे हो चुके हैं। कई लोग आज भी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। पीड़ित ने बताया कि प्रशासन को भी कई बार शिकायत दी गई है, लेकिन किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा घटना के बाद से परिजनों में प्रशासन के खिलाफ रोष फेल रहा है। उनका कहना है कि पटेल नगर ही नहीं बल्कि पूरे शहर में बेसहारा गोवंश सड़कों और गलियों में घूम रहे है। लेकिन प्रशासन सिर्फ शहर को गोवंश मुक्त के दावे कर रहा है। शहर में हजारों की संख्या में गोवंश डेरा डाले हुए हैं। जिससे पहले भी कई घटनाएं हो चुकी है। पड़ोस में रहने वाली बबीता नामक महिला का कहना है कि कॉलोनी आवारा पशु लोगों पर भारी पड़ी है। हर सड़क हर रास्ते पर आवारा पशु नजर आते हैं, और लगातार इस तरह के हादसे हो रहे है। फिलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं लोगों की मांग है कि आवारा पशुओं से निजात दिलाई जाए।
पलवल में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान और पूर्व मंत्री भड़के:विधानसभा चुनाव में लगाया गड़बड़ी का आरोप, कैमरे बंद होने का मांगा रिकार्ड
पलवल में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान और पूर्व मंत्री भड़के:विधानसभा चुनाव में लगाया गड़बड़ी का आरोप, कैमरे बंद होने का मांगा रिकार्ड हरियाणा के पलवल जिले में विधानसभा चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष उदयभान व पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल ने बुधवार को डीसी डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ से मुलाकात कर जांच की मांग की। उन्होंने डीसी से पलवल के पांच मतदान केंद्रों की ईवीएम मशीन की जांच, पुलिस की चुनाव में संदिग्धता तथा एसपी द्वारा भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए की गई गड़बड़ी की जांच कराने की भी मांग की। एसपी ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका दोनों नेताओं ने एसपी की निगरानी में ईवीएम को मतगणना से पूर्व बदलने तथा उनमें गड़बड़ी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एसपी ने चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को फायदा पहुंचाने के लिए रुपए और शराब बंटवाने में भूमिका निभाई। हथियारों से लैस भाजपा समर्थकों को चुनाव के दौरान लोगों को धमकाते पकड़े जाने के बाद भी छोड़ने तथा कांग्रेस समर्थकों पर झूठ मुकदमा को रद्द कराने की मांग की। ईवीएम मशीनों का पूरा रिकार्ड देने की मांग डीसी से चुनाव के दौरान पलवल विधानसभा 84 में मतगणना से पूर्व 8 अक्टूबर को सुबह 2 बजकर 58 मिनट से 3 बजकर 36 मिनट तक ईवीएम मशीन वाले कक्ष के कैमरे बंद होने का रिकार्ड मांगा। पूर्व मंत्री दलाल ने जिले में प्रशासन की तरफ से मतदान केंद्रों पर भेजी गई ईवीएम मशीनों का पूरा रिकार्ड देने, पांच मतदान केंद्रों की मशीनों की जांच कराने तथा जांच होने तक उन्हें उनकी निगरानी में सुरक्षित रखवाने, मतगणना से पहले 38 मिनट तक बंद रहे ईवीएम कक्ष के कैमरों का रिकार्ड उपलब्ध कराने, मतदान केंद्रों पर भेजी गईं ईवीएम के नंबर सहित रिकार्ड देने तथा पलवल जिले में मतदान कराने के लिए बाहर से आई ईवीएम के नंबर, तिथि तथा ठीक प्रमाण पत्र होने का रिकार्ड भी मांगा है। उन्होंने डीसी से मांग की कि उनके द्वारा मांगी गई जानकारियों को तुरंत दिलवाया जाए, ताकि वे आगे अपनी कार्यवाही को जारी रख सकें। झूठे मुकदमों को रद्द करने की मांग उन्होंने भाजपा समर्थकों की चुनाव में रुपए और शराब बांटने तथा हथियार लेकर लोगों को धमकाने के सबूत देते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई कराने तथा कांग्रेस समर्थकों पर दर्ज कराए गए झूठे मुकदमों को रद्द कराने की भी मांग की। डीसी डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने आश्वासन दिया कि वे उनके द्वारा मांगी गई सूचनाओं को जल्द से जल्द उपलब्ध कराएंगे तथा उनकी मांग पर जांच करा उनकी तसल्ली कराने का काम करेंगे। डीसी ने कहा कि नियमानुसार जांच प्रक्रिया में जो तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आगे की जानकारी उन्हें उपलब्ध कराई जाएगी। इस दौरान पलवल व होडल के एसडीएम भी मौजूद रहे।