हरियाणा के हिसार जिले के हांसी क्षेत्र के गढ़ी गांव में नेशनल हाईवे पर एक केंटर में अचानक आग लग गई। ड्राइवर ने केंटर ने कूद कर अपनी जान बचाई है। उसके बाद आग की सूचना डायल 112 पर पुलिस को दी। पुलिस ने इसकी सूचना हांसी फायर ब्रिगेड को दी। पुलिस ने ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए एक साइड का हाईवे बंद करके वाहनों का रूट डायवर्ट करवाया। आग की लपटे काफी ऊंचाई तक जा रही थी और केंटर में लगी आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों को भी कड़ी मशक्कत का सामना कर आज पर काबू पाया। प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार देर रात करीब 9:30 बजे हांसी से महम की तरफ जा रही केंटर में गढ़ी गांव के पास डेरा सच्चा सौदा के पास अचानक आग लग गई। देखते ही देखते आपकी लपटें काफी ऊंचाई तक जाने लगी। राहगीरों ने ड्राइवर को इशारा करके आग लगने की सूचना दी। आग लगने का पता चलते ही ड्राइवर ने कूद कर अपनी जान बचाई। सूचना के बाद बास थाना पुलिस टीम मौके पर पहुंची।फायर ब्रिगेड की गाड़ी को भी मौके पर बुलाया गया। पुलिस ने एक साइड की हाईवे को कब्जे में लेकर ट्रैफिक रूट डायवर्ट किया। वाहनों को दूसरी साइड से गुजारा गया। कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। केंटर चालक सुभाष गोहाना का रहने वाला है। वह कंडम टायरों का काम करता है। जो यह कंडम टायर गोहाना से लेकर आया था और गाड़ी को हांसी खाली करने के बाद वापस गोहाना जा रहा था। अचानक सीएनजी लीक होने कारण केंटर में आग लग गई। हरियाणा के हिसार जिले के हांसी क्षेत्र के गढ़ी गांव में नेशनल हाईवे पर एक केंटर में अचानक आग लग गई। ड्राइवर ने केंटर ने कूद कर अपनी जान बचाई है। उसके बाद आग की सूचना डायल 112 पर पुलिस को दी। पुलिस ने इसकी सूचना हांसी फायर ब्रिगेड को दी। पुलिस ने ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए एक साइड का हाईवे बंद करके वाहनों का रूट डायवर्ट करवाया। आग की लपटे काफी ऊंचाई तक जा रही थी और केंटर में लगी आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों को भी कड़ी मशक्कत का सामना कर आज पर काबू पाया। प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार देर रात करीब 9:30 बजे हांसी से महम की तरफ जा रही केंटर में गढ़ी गांव के पास डेरा सच्चा सौदा के पास अचानक आग लग गई। देखते ही देखते आपकी लपटें काफी ऊंचाई तक जाने लगी। राहगीरों ने ड्राइवर को इशारा करके आग लगने की सूचना दी। आग लगने का पता चलते ही ड्राइवर ने कूद कर अपनी जान बचाई। सूचना के बाद बास थाना पुलिस टीम मौके पर पहुंची।फायर ब्रिगेड की गाड़ी को भी मौके पर बुलाया गया। पुलिस ने एक साइड की हाईवे को कब्जे में लेकर ट्रैफिक रूट डायवर्ट किया। वाहनों को दूसरी साइड से गुजारा गया। कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। केंटर चालक सुभाष गोहाना का रहने वाला है। वह कंडम टायरों का काम करता है। जो यह कंडम टायर गोहाना से लेकर आया था और गाड़ी को हांसी खाली करने के बाद वापस गोहाना जा रहा था। अचानक सीएनजी लीक होने कारण केंटर में आग लग गई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में बस स्टैंड शिफ्टिंग में मंत्री की नहीं चली:जिंदल परिवार के दबाव में ड्रीम प्रोजेक्ट टाला; गुप्ता बोले- कुछ लोग नहीं चाहते
हरियाणा में बस स्टैंड शिफ्टिंग में मंत्री की नहीं चली:जिंदल परिवार के दबाव में ड्रीम प्रोजेक्ट टाला; गुप्ता बोले- कुछ लोग नहीं चाहते हरियाणा में हिसार के पुराने बस स्टैंड की शिफ्टिंग को लेकर घमासान मचा हुआ है। हिसार की पूर्व विधायक और कुरुक्षेत्र से BJP सांसद नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल और उनके समर्थकों के दबाव में मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने बस स्टैंड शिफ्टिंग के फैसले को टाल दिया है। बस स्टैंड की शिफ्टिंग चाहने वाले लोगों को इससे झटका लगा है। इसके विरोध में रविवार को हिसार मिल गेट पर नए बस स्टैंड के लिए लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। नया बस अड्डा बनाओ संघर्ष समिति के संयोजक सुनील शर्मा ने कहा, ‘जिंदल परिवार ने हमेशा मिल गेट के साथ भेदभाव किया है। अब अपने समर्थकों के जरिए विधायक डॉ. कमल गुप्ता के प्रोजेक्ट को रुकवाया जा रहा है। हिसार बस अड्डे की शिफ्टिंग जरूरी है, क्योंकि इससे कारण शहर में जाम की स्थिति रहती है। इसलिए बस स्टैंड को शहर से बाहर बाइपास पर शिफ्ट होना चाहिए। जो जगह मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने चिह्नित की है, वह एकदम सही है। भविष्य में इसका शहर को लाभ मिलेगा। इसलिए मंत्री डॉ. कमल गुप्ता से मांग है कि बस स्टैंड शिफ्टिंग प्रोजेक्ट को टाला न जाए, बल्कि जल्द से जल्द शिफ्ट करवाया जाए।’ हिसार बस स्टैंड 11 अगस्त 1969 को बना था और यह 21 एकड़ में फैला हुआ है। हिसार डिपो में करीब 279 रोडवेज बसें हैं और करीब 300 निजी बसें ग्रामीण व लंबे रूटों पर चलती हैं। गुप्ता बाले- यह प्रोजेक्ट जरूरी था, मगर कुछ लोग नहीं चाहते
वहीं स्वास्थ्य मंत्री एवं हिसार के विधायक डॉ. कमल गुप्ता ने कहा- बस स्टैंड शिफ्टिंग प्रोजेक्ट शहर के लिए जरूरी था, लेकिन कुछ लोग नहीं चाहते कि यह प्रोजेक्ट आगे बढ़े। वह लोग मुझसे मिलने मेरे आवास पर आए थे। मैंने उनको भी समझाया था कि यह प्रोजेक्ट कितना जरूरी है, मगर जैसा वो चाहते हैं मैंने कर दिया है। मैंने उनको यहां तक कहा कि आप लोगों को इसके लिए पाप लगेगा। इससे हजारों लोगों को फायदा पहुंचता। बस स्टैंड के सामने जाम की समस्या खत्म होगी। अब हर शहर में बाइपास बनाया गया है, इसके कारण वाहन बाहर से निकल जाते हैं। शहर के अंदर के दुकानदारों का काम प्रभावित हुआ है। ऐसे में तो यह बाइपास भी नहीं बनते, मगर अब लोग नहीं चाहते तो यह प्रोजेक्ट फिलहाल टाल दिया गया है। 5 दिन पहले पूर्व विधायक सावित्री जिंदल से मिले थे लोग
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता के बस स्टैंड बाहर शिफ्ट करने के ड्रीम प्रोजेक्ट का सावित्री जिंदल के समर्थकों ने विरोध कर दिया था। भाजपा पार्षद टीनू जैन सावित्री जिंदल खेमे के पार्षद हैं और इनके वार्ड में ही बस स्टैंड आता है। साथ ही आसपास का एरिया भी इनके वार्ड में हैं। यहां के दुकानदार नहीं चाहते कि बस स्टैंड शिफ्ट हो। ऐसे में जिंदल परिवार को अपने वोट बैंक छिटकने का डर है। इस कारण वह बस स्टैंड शिफ्टिंग के पक्ष में नहीं हैं। इसको लेकर पार्षद टीनू जैन के नेतृत्व में 25 से ज्यादा मार्केट एसोसिएशन के एक समूह ने 5 दिन पहले हिसार की पूर्व विधायक सावित्री जिंदल से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा था कि अगर यह बस स्टैंड शिफ्ट किया गया तो उनका कारोबार ठप हो जाएगा। सावित्री जिंदल ने आश्वासन दिया कि अगर सभी दस्तावेज तैयार करके उन्हें दिए जाएं तो वे मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिलकर इस प्रोजेक्ट को रद्द करवाएंगी। लेकिन उससे पहले विधायक से भी बात की जाए। हरियाणा में कई जगह पहले भी बस स्टैंड शिफ्ट हुए
हिसार बस स्टैंड शिफ्ट प्रोजेक्ट से पहले हरियाणा के कुछ शहरों के बस स्टैंड बाहर शिफ्ट हुए हैं और इससे शहर में ट्रैफिक का बोझ कम हुआ है। जींद में साल 2022 में शहर के बीचोंबीच गोहाना रोड से उठाकर बस स्टैंड शहर के बिल्कुल बाहर पांडू पिंडारा गांव के पास शिफ्ट किया गया था। इसी तरह, झज्जर में बस स्टैंड को शहर से बाहर शिफ्ट किया गया। पानीपत में शहर के बीचोंबीच बने बस स्टैंड को हटाकर नया बस स्टैंड शहर से बाहर दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर सिवाह गांव में शिफ्ट किया गया। इसके अलावा, फतेहाबाद में भी बस स्टैंड को हिसार की तरफ बाइपास पर शिफ्ट किया गया है। वहीं सिरसा के लोग भी बस स्टैंड को बाहर शिफ्ट करने की लगातार मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि इसके कारण हिसार रोड पर जाम की स्थिति रहती है। हिसार से चुनाव लड़ना चाहता है जिंदल परिवार
बता दें कि करीब एक सप्ताह पहले हिसार आकर सांसद नवीन जिंदल ने संकेत दिए थे कि उनका परिवार हिसार से विधानसभा चुनाव लड़ेगा। इसके बाद से उनके समर्थक एक्टिव हो गए हैं और शहर में अभी से माहौल बनाना शुरू कर दिया है।
कैथल में आज भी पटवारी बंद रखेंगे अतिरिक्त कार्य:भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद बढ़ा रोष, लिस्ट जारी करने वालों पर कार्रवाई की मांग
कैथल में आज भी पटवारी बंद रखेंगे अतिरिक्त कार्य:भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद बढ़ा रोष, लिस्ट जारी करने वालों पर कार्रवाई की मांग कैथल में पटवारियों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद उनका रोष बढ़ रहा है। आज तीसरे दिन भी पटवारी काली पट्टी बांधकर कार्य करेंगे। अतिरिक्त क्षेत्र के कार्य नहीं करेंगे, केवल अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले गांवों के कार्य करने की पटवारियों ने बात कही है। गौरतलब है कि 16 जनवरी को राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से प्रदेश के भ्रष्ट पटवारियों की सूची जारी की गई। इसमें कैथल में सबसे ज्यादा पटवारियों के नाम शामिल हैं। 46 पटवारियों के साथ- साथ उनके 7 सहायकों को सूची में शामिल किया गया है। न्याय के लिए जाएंगे कोर्ट सूची जारी करने के विरोध में पटवारी जिला स्तर पर प्रदर्शन कर डीसी को ज्ञापन भी दे चुके हैं। उनकी मांग है कि सूची जारी करने वालों पता लगाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। साथ ही उनका कहना है कि वे न्याय के लिए कोर्ट का सहारा लेंगे। मामले को लेकर वे सभी एकजुट हैं।
हिसार में सोनिया दूहन NCP छोड़ने को बताया अफवाह:बोलीं-छात्र संघ से दिया इस्तीफा, वे अभी शरद पवार के साथ; सुप्रिया सुले से नाराजगी
हिसार में सोनिया दूहन NCP छोड़ने को बताया अफवाह:बोलीं-छात्र संघ से दिया इस्तीफा, वे अभी शरद पवार के साथ; सुप्रिया सुले से नाराजगी हरियाणा में गुरुग्राम के होटल से एनसीपी विधायकों को छुड़वाने व पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह के पेहोवा में कार्यक्रम में दखल डाल कर चर्चा में आयी सोनिया दूहन ने शरद पवार की पार्टी को छोड़ने के मैसेज को कोरी अफवाह बताया है। उसने बुधवार को कहा कि वह अभी एनसीपी में ही है। सोनिया दूहन हिसार में नारनौंद क्षेत्र के गांव पेटवाड़ की रहने वाली है। बुधवार को सुबह से ही उनके एनसीपी पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में जाने के मैसेज वायरल हो रहे हैं। नारनौंद हलके में पूरा दिन इसकी चर्चा होती रही। मंगलवार को एनसीपी (एसपी) की छात्र संघ अध्यक्ष सोनिया दूहन ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि सोनिया ने कहा कि उन्होंने एनसीपी नहीं छोडी है। सोनिया दूहन ने इस्तीफा देने के पीछे के कारणों का अभी खुलासा नहीं किया है। सोनिया दूहन पुणे में पायलट की ट्रेनिंग ले रही थीं। इसी दौरान वह एनसीपी के संपर्क में आयी थी। सोनिया करीब 10 साल से एनसीपी से जुड़ी हुई हैं। उनकी गिनती शरद पवार के करीबियों में होती है। सोनिया ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के दो चुनावों में एनसीपी स्टूडेंट्स विंग का नेतृत्व भी किया है। उन्हें एक बार एनसीपी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और फिर राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। वह एनसीपी की नेशनलिस्ट स्टूडेंट कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रह चुकी हैं। सोनिया ने गुरुग्राम के होटल से विधायकों को छुड़वाया था
सोनिया दूहन उस समय चर्चा में आई थी जब 2019 में उन्होंने गुरुग्राम के ओबरॉय होटल से एनसीपी के चार विधायकों को बाहर निकाला था। ये विधायक अजित पवार की बगावत के बाद बीजेपी के साथ जाने की तैयारी में थे। चार विधायकों दौलत दरोदा, नरहरि जिरवाल, नितिन पवार और अनिल पाटिल थे। हरियाणा सरकार इन विधायकों पर नजर रख रही थी। इसके बावजूद सोनिया दूहन अपने विधायकों को वहां से ले जाने में कामयाब रहीं थी। सुप्रिया सुले से नाराजगी की बात कबूली
सोनिया दूहन ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने एनसीपी के छात्र संघ अध्यक्ष से इस्तीफा दिया है मगर वह अभी एनसीपी में हैं और शरद पवार के साथ है। उन्होंने अपनी शिकायत शरद पवार के सामने रख दी है। सोनिया ने कहा कि सुप्रिया सुले का काम करने का तरीका उनको पसंद नहीं है। वह चाहती है एनसीपी राष्ट्रीय पार्टी की तरह काम करे मगर उनका काम करने का तरीका क्षेत्रीय पार्टी की तरह है। सोनिया ने कहा कि चुनाव में ना तो उनको किसी सभा में बुलाया गया और ना ही उनको किसी तरह की कोई जिम्मेदारी दी। वह एनसीपी में सिर्फ खाना खाने और आराम करने के लिए नहीं है। सोनिया ने कहा कि सुप्रिया सुले ने उनको महाराष्ट्र में बैन करवा दिया जबकि वह एनसीपी से एक दशक से जुड़ी हुई हैं। सोशल मीडिया पर दो महीने से सक्रिय नहीं
सोनिया दूहन ने कहा कि चुनाव के समय में वह सोशल मीडिया पर दो महीने से अन एक्टिव हैं। उनको एक भी बार किसी मीटिंग व सभा में बुलाया नहीं गया। इसकी सारी जानकारी शरद पवार के सामने रखी थी। शरद पवार ने इस सब चीजों को समझा भी था और चर्चा करने की बात कही थी। मगर चर्चा हो पाती इससे ही ऐसी चीजें हो गई जिससे उनको छात्र संघ अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा।