अनंत-राधिका की शादी में मां नीता अंबानी खास बनारसी लहंगे में दिखेंगी। मुंबई में होने वाले फंक्शन के लिए वाराणसी के बुनकरों ने बनारसी कोरा ट्रेंड का कपड़ा तैयार किया है। ये कपड़ा मुंबई भेज दिया गया है। खास टेलर इसी कपड़े से लहंगा तैयार करेंगे। 24 जून को वाराणसी आई नीता अंबानी ने यह कपड़ा पसंद किया था। इसे रामनगर के साहित्य नाका में तैयार किया गया। दैनिक भास्कर इस खास बुनाई को समझने के लिए HKV हैंडलूम प्राइवेट लिमिटेड पहुंचा… मास्टर आर्टिजन प्रभात सिंह ने इस खास कपड़े से जुड़े फैक्ट हमें बताए… साड़ी नहीं, थान की तरह बुना गया
प्रभात सिंह ने बताया- नीता अंबानी 24 जून को काशी आईं। उन्होंने खास कोरा ट्रेंड को कपड़े की तरह बनवाया। इसको साड़ी की तरह नहीं, कपड़े के थान की तरह बुना गया। इस कपड़े को मुंबई भेजा गया है। ट्रेडिशनल कढ़ुआ साड़ी कहते हैं
यह ट्रेंड बहुत खास होता है। इसको बनाने में बहुत सावधानी रखनी पड़ती है। इस शादी के लिए हमारे बुनकरों ने 40-45 दिन में तैयार होने वाले कपड़े को चंद दिनों में बुन दिया। इसके लिए 8-8 घंटे की शिफ्ट में काम किया गया। जो कपड़ा तैयार हुआ, उसको ट्रेडिशनल कढ़ुआ साड़ी कहते हैं। सिल्क भी ऐसा, जिसमें रेशम के कीड़े का केमिकल रहता है
कोरा की खासियत बताते हुए प्रभात ने कहा- यह अन-डीम्ड सिल्क से बनती है, मतलब रॉ सिल्क। जिसमें रेशम के कीड़े का केमिकल मौजूद रहता है और ये खरी साड़ी होती है। यह सॉफ्ट साड़ी नहीं होती। इस सिल्क की वैल्यू मार्केट तय करता है
प्रभात ने बताया- इस तरह के कपड़े की कोई फिक्स कीमत नहीं होती। यह साड़ी अगर रियल जरी से नहीं बुनी जाए, तो 45 हजार में हमारे यहां बिकती है। अगर रियल जरी का काम हो, तब 1 से 1.40 लाख तक कीमत पहुंच जाती है। मार्केट वैल्यू 2 से 2.5 लाख तक होती है। विदेशों में इसकी कीमत और ज्यादा है। इस कपड़े में धागे की गांठ नहीं होती
प्रभात ने बताया- कोरा साड़ी सबसे डिफिकल्ट फार्म है, क्योंकि यह साड़ी डीम्ड सिल्क से तैयार होती है। लूम पर सावधानी से काम करना होता है। यह भी ट्रेडिशनल कढ़ुआ होती है। इसमें फ्लोट्स (धागे की गांठ) नहीं होती। इसमें भी बूटी और जानवरों के चित्र का इस्तेमाल किया जाता है। बुनकर को एक स्पीड में लूम को बार-बार खींचना पड़ता है, क्योंकि अगर स्पीड अगर धीमी या तेज होगी तो साड़ी में डिफेक्ट आ जाएगा। हैंडलूम में बुनकर को इसमें एक हिसाब से पिक लेना पड़ता है। अगर पिक की स्पीड कम हुई, तो साड़ी में दाग आ जाएगा। एक दिन में सिर्फ 5 से 10 इंच बुनाई
प्रभात ने BHU से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री की है। वह अपने पूर्वजों के 100 साल के काम को आगे बढ़ा रहे हैं। प्रभात ने बताया- हमारे यहां 200 से अधिक हैंडलूम पर कारीगर बुनकरी कर रहे हैं। कोरा साड़ी सबसे डिफिकल्ट है। ऐसे में उसके कुछ ही आर्टिजन हैं, जो उसे बुनते हैं। दिन भर में एक कोरा साड़ी 5 से 10 इंच ही बनती है। बुनकर क्या कहते हैं… जरा सी लापरवाही में खराब हो जाता है कपड़ा
30 साल से काम कर रहे बुनकर फारुख खां से कोरा साड़ी की बुनाई के बारे में जाना। उन्होंने कहा- कोरा साड़ी की डिजाइन बहुत हार्ड होती है और इसे लूम पर बहुत संभाल कर चलाना होता है। अगर इसमें जरा भी लापरवाही की गई, तो पूरा माल खराब हो जाता है। यह भी पढ़ें नीता अंबानी की ‘लाख-बूटी’ साड़ी में 400 ग्राम सोना-चांदी:बनारस में रोज 3 इंच बुनी गई, बेटे अनंत की शादी में गिफ्ट करेंगी 100 साड़ी रिलायंस फाउंडेशन की चेयरमैन नीता अंबानी ने छोटे बेटे अनंत अंबानी की शादी के लिए वाराणसी से खरीदारी की। खुद के लिए सोना-चांदी से बनी 10 लाख कीमत की कोनिया ट्रेंड की लाख-बूटी साड़ी खरीदी। परिवार और रिश्वेतदारों के लिए भी 100 साड़ी का ऑर्डर दिया। पढ़िए पूरी खबर… अनंत-राधिका की शादी में मां नीता अंबानी खास बनारसी लहंगे में दिखेंगी। मुंबई में होने वाले फंक्शन के लिए वाराणसी के बुनकरों ने बनारसी कोरा ट्रेंड का कपड़ा तैयार किया है। ये कपड़ा मुंबई भेज दिया गया है। खास टेलर इसी कपड़े से लहंगा तैयार करेंगे। 24 जून को वाराणसी आई नीता अंबानी ने यह कपड़ा पसंद किया था। इसे रामनगर के साहित्य नाका में तैयार किया गया। दैनिक भास्कर इस खास बुनाई को समझने के लिए HKV हैंडलूम प्राइवेट लिमिटेड पहुंचा… मास्टर आर्टिजन प्रभात सिंह ने इस खास कपड़े से जुड़े फैक्ट हमें बताए… साड़ी नहीं, थान की तरह बुना गया
प्रभात सिंह ने बताया- नीता अंबानी 24 जून को काशी आईं। उन्होंने खास कोरा ट्रेंड को कपड़े की तरह बनवाया। इसको साड़ी की तरह नहीं, कपड़े के थान की तरह बुना गया। इस कपड़े को मुंबई भेजा गया है। ट्रेडिशनल कढ़ुआ साड़ी कहते हैं
यह ट्रेंड बहुत खास होता है। इसको बनाने में बहुत सावधानी रखनी पड़ती है। इस शादी के लिए हमारे बुनकरों ने 40-45 दिन में तैयार होने वाले कपड़े को चंद दिनों में बुन दिया। इसके लिए 8-8 घंटे की शिफ्ट में काम किया गया। जो कपड़ा तैयार हुआ, उसको ट्रेडिशनल कढ़ुआ साड़ी कहते हैं। सिल्क भी ऐसा, जिसमें रेशम के कीड़े का केमिकल रहता है
कोरा की खासियत बताते हुए प्रभात ने कहा- यह अन-डीम्ड सिल्क से बनती है, मतलब रॉ सिल्क। जिसमें रेशम के कीड़े का केमिकल मौजूद रहता है और ये खरी साड़ी होती है। यह सॉफ्ट साड़ी नहीं होती। इस सिल्क की वैल्यू मार्केट तय करता है
प्रभात ने बताया- इस तरह के कपड़े की कोई फिक्स कीमत नहीं होती। यह साड़ी अगर रियल जरी से नहीं बुनी जाए, तो 45 हजार में हमारे यहां बिकती है। अगर रियल जरी का काम हो, तब 1 से 1.40 लाख तक कीमत पहुंच जाती है। मार्केट वैल्यू 2 से 2.5 लाख तक होती है। विदेशों में इसकी कीमत और ज्यादा है। इस कपड़े में धागे की गांठ नहीं होती
प्रभात ने बताया- कोरा साड़ी सबसे डिफिकल्ट फार्म है, क्योंकि यह साड़ी डीम्ड सिल्क से तैयार होती है। लूम पर सावधानी से काम करना होता है। यह भी ट्रेडिशनल कढ़ुआ होती है। इसमें फ्लोट्स (धागे की गांठ) नहीं होती। इसमें भी बूटी और जानवरों के चित्र का इस्तेमाल किया जाता है। बुनकर को एक स्पीड में लूम को बार-बार खींचना पड़ता है, क्योंकि अगर स्पीड अगर धीमी या तेज होगी तो साड़ी में डिफेक्ट आ जाएगा। हैंडलूम में बुनकर को इसमें एक हिसाब से पिक लेना पड़ता है। अगर पिक की स्पीड कम हुई, तो साड़ी में दाग आ जाएगा। एक दिन में सिर्फ 5 से 10 इंच बुनाई
प्रभात ने BHU से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री की है। वह अपने पूर्वजों के 100 साल के काम को आगे बढ़ा रहे हैं। प्रभात ने बताया- हमारे यहां 200 से अधिक हैंडलूम पर कारीगर बुनकरी कर रहे हैं। कोरा साड़ी सबसे डिफिकल्ट है। ऐसे में उसके कुछ ही आर्टिजन हैं, जो उसे बुनते हैं। दिन भर में एक कोरा साड़ी 5 से 10 इंच ही बनती है। बुनकर क्या कहते हैं… जरा सी लापरवाही में खराब हो जाता है कपड़ा
30 साल से काम कर रहे बुनकर फारुख खां से कोरा साड़ी की बुनाई के बारे में जाना। उन्होंने कहा- कोरा साड़ी की डिजाइन बहुत हार्ड होती है और इसे लूम पर बहुत संभाल कर चलाना होता है। अगर इसमें जरा भी लापरवाही की गई, तो पूरा माल खराब हो जाता है। यह भी पढ़ें नीता अंबानी की ‘लाख-बूटी’ साड़ी में 400 ग्राम सोना-चांदी:बनारस में रोज 3 इंच बुनी गई, बेटे अनंत की शादी में गिफ्ट करेंगी 100 साड़ी रिलायंस फाउंडेशन की चेयरमैन नीता अंबानी ने छोटे बेटे अनंत अंबानी की शादी के लिए वाराणसी से खरीदारी की। खुद के लिए सोना-चांदी से बनी 10 लाख कीमत की कोनिया ट्रेंड की लाख-बूटी साड़ी खरीदी। परिवार और रिश्वेतदारों के लिए भी 100 साड़ी का ऑर्डर दिया। पढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर