हरियाणा के भिवानी जिले के बवानी खेड़ा क्षेत्र के गांव जमालपुर में परिवार पहचान पत्र (PPP) ने एक परिवार की नींद उड़ा दी है। फैमिली में 3 सदस्य हैं, लेकिन परिवार पहचान पत्र में 68 सदस्य बनाए गए हैं। इसको लेकर परिवार कभी सीएससी सेंटर, कभी खंड विकास अधिकारी कार्यालय तो कभी एडीसी कार्यालय में चक्कर काटने को मजबूर है। आरोप है कि कहीं भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। परिवार की समस्या बढ़ गई है। वे किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं ले पा रहे। गांव जमालपुर के संदीप पुत्र श्री कृष्ण ने बताया कि उसका परिवार पहचान पत्र बना है। उसके परिवार में वह स्वयं, उसकी पत्नी पूजा व माता कमला थे। उनकी माता का वर्ष 2021 में स्वर्गवास हो गया। माता के स्वर्गवास के बाद उसकी बेटी का जन्म हुआ। उसकी माता के जीवित रहते परिवार पहचान पत्र में 3 सदस्य शामिल थे। लेकिन अब उसका परिवार पहचान पत्र संख्या चैक करने पर पाया कि उसका नंबर बदल गया है। इसमें तीन सदस्यों के स्थान पर 68 सदस्य दिखाई देते हैं। हालिया उसके द्वारा दोनों परिवार पहचान पत्रों की संख्या को जांचा तो अब दोनों आईडी ऑनलाइन पोर्टल पर नहीं दिखा रहा। इसके चलते वह गांव में लगे कैंपों में भी पता कर चुका है, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। उसके बाद उसने बवानी खेड़ा खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय में भी टीम से संपर्क साधा। उन्होंने एडीसी कार्यालय में संपर्क करने की बात कही। संदीप की मानें तो सरकार ने परिवार पहचान पत्र को जिस योजना के लाभ के लिए बनाया है। लेकिन वह उनके गले की फांस बनी हुई है। उसने भिवानी एडीसी कार्यालय में अर्जी लगाई है, यदि अब भी उसकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह परिवार सहित मुख्यमंत्री से इसकी गुहार लगाएगा। हरियाणा के भिवानी जिले के बवानी खेड़ा क्षेत्र के गांव जमालपुर में परिवार पहचान पत्र (PPP) ने एक परिवार की नींद उड़ा दी है। फैमिली में 3 सदस्य हैं, लेकिन परिवार पहचान पत्र में 68 सदस्य बनाए गए हैं। इसको लेकर परिवार कभी सीएससी सेंटर, कभी खंड विकास अधिकारी कार्यालय तो कभी एडीसी कार्यालय में चक्कर काटने को मजबूर है। आरोप है कि कहीं भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। परिवार की समस्या बढ़ गई है। वे किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं ले पा रहे। गांव जमालपुर के संदीप पुत्र श्री कृष्ण ने बताया कि उसका परिवार पहचान पत्र बना है। उसके परिवार में वह स्वयं, उसकी पत्नी पूजा व माता कमला थे। उनकी माता का वर्ष 2021 में स्वर्गवास हो गया। माता के स्वर्गवास के बाद उसकी बेटी का जन्म हुआ। उसकी माता के जीवित रहते परिवार पहचान पत्र में 3 सदस्य शामिल थे। लेकिन अब उसका परिवार पहचान पत्र संख्या चैक करने पर पाया कि उसका नंबर बदल गया है। इसमें तीन सदस्यों के स्थान पर 68 सदस्य दिखाई देते हैं। हालिया उसके द्वारा दोनों परिवार पहचान पत्रों की संख्या को जांचा तो अब दोनों आईडी ऑनलाइन पोर्टल पर नहीं दिखा रहा। इसके चलते वह गांव में लगे कैंपों में भी पता कर चुका है, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। उसके बाद उसने बवानी खेड़ा खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय में भी टीम से संपर्क साधा। उन्होंने एडीसी कार्यालय में संपर्क करने की बात कही। संदीप की मानें तो सरकार ने परिवार पहचान पत्र को जिस योजना के लाभ के लिए बनाया है। लेकिन वह उनके गले की फांस बनी हुई है। उसने भिवानी एडीसी कार्यालय में अर्जी लगाई है, यदि अब भी उसकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह परिवार सहित मुख्यमंत्री से इसकी गुहार लगाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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