हरियाणा के जींद के सफीदों क्षेत्र की एक महिला ने अपनी सास और देवर पर उसके पति को अफीम और वियाग्रा की ओवरडोज देकर हत्या करने का आरोप लगाया है। महिला थाना पुलिस ने महिला की शिकायत पर उसके सास-ससुर और देवर-देवरानी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार पानीपत की मनीषा की शादी 30 जनवरी 2013 को शिव कालोनी सफीदों निवासी अनिल कुमार के साथ हुई थी। शादी के कुछ साल बाद से ही सास और देवर ने उसे तंग करना शुरू कर दिया। जब वह ये बात अपने पति को बताती तब ये उसके साथ भी मारपीट करते थे। उसका देवर महिला के पति को जान से मारने की धमकी देता था। इसमें सास भी उसका साथ देती थी। मनीषा ने बताया कि बातों से परेशान होकर उसके पति अनिल कुमार ने कनाडा जाने का फैसला लिया। जब उनका वीजा लग के आया तो उसी दिन से देवर और सास ने झगड़ा करना शुरू कर दिया। देवरानी ने भी उसके पति को टॉर्चर करना शुरू कर दिया। महिला ने बताया कि 31 दिसंबर 2023 को वह और उसका पति शाम को कनाडा जाने की खरीद दारी करने के लिए पानीपत आ गए। अगले दिन शाम को वह अपने मायके पानीपत में रुक गई। जबकि पति सफीदों में घर चला गया। 5 जनवरी को उसके पति को आना था, लेकिन वह नहीं आया तो ससुर से फोन किया। उसके ससुर ने बताया कि उसके पति अनिल की तबीयत खराब हो गई है। जब वह सफीदों आई तो उसका पति अस्पताल में दाखिल था और बेहोशी की हालत में था। वहां पर अनिल की तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो वहां से एंबुलेंस के जरिये पानीपत ले गए। यहां उसे होश आया तो उसके पति अनिल ने बताया कि उसे जबरदस्ती खाने में कुछ मिलाकर दिया गया है। इसके बाद चंडीगढ़ पीजीआई में इलाज के दौरान उसके पति की 11 फरवरी को मौत हो गई। उसके घर में रखा सारा सामन, गहने व नकदी गायब थे। महिला ने बताया कि कुछ समय बाद ससुराल के लोगों ने उसके पित का नकली मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया और उसकी मृत्यु की तारीख व जगह गलत दिखाकर बैंक में पति के अकाउंट में आई लोन की राशि 15 लाख रुपये निकलवाने की कोशिश की। जो लोन हमने वीजा एजेंट को पैसे देने के लिए कराया था। महिला ने आरोप लगाया कि उसके पति का हिस्सा हड़पने और महिला और उसके बच्चों को घर से निकालने के लिए सास देवर-देवरानी ने यह साजिश रची है। मनीषा ने आरोप लगाया कि उसके पति को अफीम और वियाग्रा की ओवरडोज देकर मारा गया है। महिला थाना पुलिस ने घरेलू हिंसा, विश्वासघात करने, जान से मारने की धमकी देने, मारपीट करने सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा के जींद के सफीदों क्षेत्र की एक महिला ने अपनी सास और देवर पर उसके पति को अफीम और वियाग्रा की ओवरडोज देकर हत्या करने का आरोप लगाया है। महिला थाना पुलिस ने महिला की शिकायत पर उसके सास-ससुर और देवर-देवरानी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार पानीपत की मनीषा की शादी 30 जनवरी 2013 को शिव कालोनी सफीदों निवासी अनिल कुमार के साथ हुई थी। शादी के कुछ साल बाद से ही सास और देवर ने उसे तंग करना शुरू कर दिया। जब वह ये बात अपने पति को बताती तब ये उसके साथ भी मारपीट करते थे। उसका देवर महिला के पति को जान से मारने की धमकी देता था। इसमें सास भी उसका साथ देती थी। मनीषा ने बताया कि बातों से परेशान होकर उसके पति अनिल कुमार ने कनाडा जाने का फैसला लिया। जब उनका वीजा लग के आया तो उसी दिन से देवर और सास ने झगड़ा करना शुरू कर दिया। देवरानी ने भी उसके पति को टॉर्चर करना शुरू कर दिया। महिला ने बताया कि 31 दिसंबर 2023 को वह और उसका पति शाम को कनाडा जाने की खरीद दारी करने के लिए पानीपत आ गए। अगले दिन शाम को वह अपने मायके पानीपत में रुक गई। जबकि पति सफीदों में घर चला गया। 5 जनवरी को उसके पति को आना था, लेकिन वह नहीं आया तो ससुर से फोन किया। उसके ससुर ने बताया कि उसके पति अनिल की तबीयत खराब हो गई है। जब वह सफीदों आई तो उसका पति अस्पताल में दाखिल था और बेहोशी की हालत में था। वहां पर अनिल की तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो वहां से एंबुलेंस के जरिये पानीपत ले गए। यहां उसे होश आया तो उसके पति अनिल ने बताया कि उसे जबरदस्ती खाने में कुछ मिलाकर दिया गया है। इसके बाद चंडीगढ़ पीजीआई में इलाज के दौरान उसके पति की 11 फरवरी को मौत हो गई। उसके घर में रखा सारा सामन, गहने व नकदी गायब थे। महिला ने बताया कि कुछ समय बाद ससुराल के लोगों ने उसके पित का नकली मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया और उसकी मृत्यु की तारीख व जगह गलत दिखाकर बैंक में पति के अकाउंट में आई लोन की राशि 15 लाख रुपये निकलवाने की कोशिश की। जो लोन हमने वीजा एजेंट को पैसे देने के लिए कराया था। महिला ने आरोप लगाया कि उसके पति का हिस्सा हड़पने और महिला और उसके बच्चों को घर से निकालने के लिए सास देवर-देवरानी ने यह साजिश रची है। मनीषा ने आरोप लगाया कि उसके पति को अफीम और वियाग्रा की ओवरडोज देकर मारा गया है। महिला थाना पुलिस ने घरेलू हिंसा, विश्वासघात करने, जान से मारने की धमकी देने, मारपीट करने सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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दिल्ली से करनाल तक चलेगी रैपिड रेल:मेट्रो विस्तार को लेकर CM सैनी की केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल से मुलाकात, प्रोजेक्ट पर रिसर्च होगी
दिल्ली से करनाल तक चलेगी रैपिड रेल:मेट्रो विस्तार को लेकर CM सैनी की केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल से मुलाकात, प्रोजेक्ट पर रिसर्च होगी हरियाणा में मेंट्रो और रिजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) जैसी सुविधाओं के विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री नायब सैनी ने नई दिल्ली में केंद्रीय आवासन एवं शहरी मामले मंत्री मनोहर लाल के साथ मुलाकात की।
दोनों नेताओं के बीच कई घंटे बैठक चली जिसमें हरियाणा और केंद्र से जुड़े अधिकारी भी शामिल हुए। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने हरियाणा में मेंट्रो और RRTS के विस्तार की मांग रखी जिस पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि मेट्रो को गुरुग्राम के पालम विहार से एयरपोर्ट को जोड़ने पर अध्ययन किया जाएगा और दो अलग-अलग लाइनें बिछाने पर भी संभावनाओं को तलाशा जाएगा। इसी तरह बहादुरगढ़ से असौदा मेट्रो लाइन का अध्ययन, बल्लभगढ़ से पलवल, गुरुग्राम के सेक्टर-9 से बाढसा एम्स और दिल्ली के ढांसा से बाढसा एम्स का अध्ययन, सराय कालेखां से पानीपत तक जाने वाली RRTS को करनाल तक बढ़ाने का अध्ययन होगा। उन्होंने बताया कि सराय कालेखां से धारूहेड़ा तक जाने वाली RRTS को बावल व राजस्थान के शाहजहांपुर तक चालू करने पर प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। गुरुग्राम से फरीदाबाद के बीच चलेगी RRTS
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गुरुग्राम से फरीदाबाद के बीच मैट्रो रेल लाइन की व्यवाहरिता नहीं बन रही थी इसलिए अब यहां पर RRTS को क्रियान्वित करने के लिए अध्ययन करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि दिल्ली के पालम एयरपोर्ट से गुरुग्राम, फरीदाबाद होते हुए जेवर एयरपोर्ट तक लाइन बिछाने के लिए अध्ययन होगा। गुरुग्राम के सेक्टर-56 से पंचगांव तक की प्रस्तावित मेट्रो लाइन को बिछाने का खर्च हरियाणा सरकार द्वारा वहन किया जाएगा और इसकी परियोजना की DPR प्राप्त होने के बाद मंजूरी केन्द्रीय मंत्रालय द्वारा 15 दिन के भीतर दे दी जाएगी। दिल्ली एयरपोर्ट से गुरुग्राम-फरीदाबाद-जेवर एयरपोर्ट जोड़ा जाएगा : CM
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि हरियाणा दिल्ली के साथ लगता है और यहां पर लोग अपना कारोबार इत्यादि करते हैं। मेट्रो रेल और RRTS की सुविधा देने के लिए विभिन्न परियोजनाओं पर चर्चा की गई और विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने बताया कि आज दिल्ली एयरपोर्ट से गुरुग्राम-फरीदाबाद-जेवर एयरपोर्ट को जोड़ने के लिए RRTS की संभावनाओं को तलाशा जाएगा और इसका अध्ययन किया जाएगा। इसी प्रकार, दिल्ली के सराय कालेखां से करनाल तक आरआरटीएस, गुरुग्राम से बाढसा के एम्स तक मेट्रो लाइन को जोड़ने पर आज चर्चा की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा को अवश्य ही इन परियोजनाओं को क्रियान्वित करने में लाभ प्राप्त होगा। बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, मुख्यमत्री प्रधान सलाहकार शहरी विकास डी एस ढेसी, हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक चंद्रशेखर खरे, नगर एवं योजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरूण कुमार गुप्ता, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जेटली, एआसी नेहा सिंह और केन्द्रीय आवासन एवं शहरी मामले मंत्रालय, डीएमआरसी सहित अन्य केन्द्रीय एजेंसियों के अधिकारी उपस्थित थे।
हरियाणा-दिल्ली में दहशत फैलाने वाला गैंगस्टर खैरमपुरिया कौन:मां को तंग करने पर मामा पर की थी फायरिंग, पैरोल पर आने के बाद 4 कत्ल
हरियाणा-दिल्ली में दहशत फैलाने वाला गैंगस्टर खैरमपुरिया कौन:मां को तंग करने पर मामा पर की थी फायरिंग, पैरोल पर आने के बाद 4 कत्ल हरियाणा के सोनीपत शहर के फेमस मातूराम हलवाई की शॉप के बाहर एक के बाद एक 30 राउंड गोलियां चली। एक गोली दूध बेचने वाले शख्स को भी लगी। फायरिंग करने वाले शूटर दुकान पर एक पर्ची फेंक गए, जिसमें 2 करोड़ रुपए की फिरौती और हरियाणा के गैंगस्टर हिमांशु भाऊ के साथ काला खैरमपुरिया के नाम का जिक्र था। यहीं वो दिन था, जब काला राणा का नाम अपराध की दुनिया में लाइमलाइट में आया। हिसार शहर में नामी महिंद्रा कंपनी के शोरूम में रूटीन की तरह पूरा स्टाफ अपने काम में लगा हुआ था। दोपहर के समय एक बाइक पर तीन शूटर पहुंचे। शूटर्स ने अंधाधुंध 35 से ज्यादा राउंड फायरिंग की और 5 करोड़ रुपए की फिरौती से संबंधित एक पर्ची फेंक कर फरार हो गए। इस पर्ची में भी हिमांशु भाऊ के साथ काला खैरमपुरिया के नाम का जिक्र था। इसके बाद तो पुलिस के लिए काला राणा एक तरह से टारगेट बन गया। हरियाणा की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने राकेश उर्फ काला को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। हिसार के गांव खैरमपुर के रहने वाले राकेश को क्राइम की दुनिया में काला खैरमपुरिया के नाम से जाना जाता हैं। महज 22 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रख सनसनी फैलाने वाले इस सनकी मिजाज काला राणा ने पिछले एक लाल में हरियाणा ही नहीं, बल्कि दिल्ली पुलिस के सामने भी कई बार चुनौती पेश की। ये बात भी सामने आई कि पिता की मौत के बाद काला की मां को मामा परेशान कर रहे थे। इस पर उसने साथियों के साथ मिलकर मामा पर फायरिंग करवा दी थी। हालांकि उसमें मामा बच गया था। 2024 में पहली वारदात, सजा के बाद देश छोड़ भागा
STF से मिली जानकारी के मुताबिक, काला खैरमपुरिया का पहली बार नाम 2014 में हिसार जिले में हुई एक लूट की वारदात में सामने आया। इस केस में जेल चला गया। यहां उसकी कुछ लोकल बदमाशों से दोस्ती हो गई। जेल से छूटने के बाद उसने इलाके में कई अन्य वारदातें की, लेकिन 2015 में उसने राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में एक शख्स की हत्या कर सबसे बड़ी वारदात को अंजाम दिया। राजस्थान पुलिस ने कुछ समय बाद उसे पकड़ भी लिया और वह हनुमानगढ़ जेल में बंद रहा। 2018 में उसे इसी कत्ल केस में हनुमानगढ़ की अदालत से उम्रकैद की सजा हो गई। हनुमानगढ़ जेल में रहते हुए उसके संपर्क उत्तर भारत में एक्टिव कई बड़े गैंगस्टर से हो गए। सजा के 2 साल बाद उसे 2020 में कोर्ट से पैरोल मिल गई, लेकिन काला खैरमपुरिया वापस जेल जाने की बजाए फरार हो गए। इसके बाद तो उसने ऐसा आतंक मचाया कि टारगेट किलिंग, हत्या का प्रयास, लूट, फिरौती, रंगदारी जैसे 14 वारदातों को या तो खुद अंजाम दिया या फिर विदेश में बैठकर अपने गुर्गो के जरिए अंजाम दिलवाया। उसने 2021 में फतेहाबाद जिले के गांव दरौली में एक शख्स की हत्या की। इसके साथ ही हनुमानगढ़, सिरसा, हिसार में कई जगह गोलियां चलाकर फिरौती मांगी। जब वह पुलिस के लिए सिरदर्द बनने लगा तो वह कुछ समय के लिए शांत बैठ गया। 2023 में उसने फर्जी पते पर फर्जी पासपोर्ट तैयार कराया और फिर पहले यूएई, आर्मीनिया के बाद थाईलैंड पहुंच गया। गैंगस्टर भाऊ और नीरज के संपर्क में आया
यहां पहुंचने के बाद काला राणा गैंगस्टर हिमांशु भाऊ और नीरज फरीदपुरिया के संपर्क में आया। इन दोनों बड़े गैंगस्टर के साथ मिलकर अपनी गैंग को दिल्ली-हरियाणा में एक्टिव कर दिया। गैंग के गुर्गों के जरिए उसने सोनीपत में मातूराम हलवाई के यहां फिरौती के लिए फायरिंग कराई। इसके बाद सोनीपत में ही शराब कारोबारी सुंदर मलिक का कत्ल करा दिया। यही नहीं काला खैरमपुरिया ने दिल्ली के तिलक नगर में एक नामी शोरूम पर फायरिंग कराकर 5 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी। उसके बाद 18 जून को दिल्ली के राजौरी गार्डन में अमन जून नाम के शख्स की गैंगवारी में हत्या करा दी। 24 जून को उसने हिसार में इनेलो नेता रामभगत के बेटे के शोरूम पर फायरिंग कराकर 5 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी। एक बाद एक काला खैरमपुरिया का नाम पुलिस के रोजनामचे में चढ़ता गया। हिसार की घटना के बाद पुलिस के साथ-साथ सरकार की भी काफी किरकिरी हुई। इसी के चलते एसटीएफ ने कमान संभाली और फिर सबसे पहले पुलिस ने उस पते को ढूंढ निकाला, जिसके जरिए काला फर्जी पासपोर्ट बनवाकर देश छोड़कर भागा था। पुलिस ने उसी पते के आधार पर काला की ट्रैवलिंग रूट की हिस्ट्री खंगाली और फिर उसका पुख्ता ठिकाना पता लगने के बाद पासपोर्ट रद्द करवाकर उसे अरेस्ट कर लिया।
गुरुग्राम-बादशाहपुर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला:राव नरबीर को चुनौती देने आए वर्धन; मोहित ग्रोवर के सामने भी कई चुनौती, निर्दलीय बढ़ाएंगे परेशानी
गुरुग्राम-बादशाहपुर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला:राव नरबीर को चुनौती देने आए वर्धन; मोहित ग्रोवर के सामने भी कई चुनौती, निर्दलीय बढ़ाएंगे परेशानी हरियाणा में कांग्रेस ने बहुत ही सधे अंदाज में गुरुग्राम से मोहित ग्रोवर व बादशाहपुर से वर्धन यादव पर दांव लगाकर बीजेपी के सामने कड़ी चुनौती पेश कर दी है। कांग्रेस इनके जरिए यूथ वोटर्स में अपनी पकड़ मजबूत बनाने की कोशिश में है। इसके चलते गुरुग्राम-बादशाहपुर दोनों ही विधानसभा सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन रही है। हालांकि आप का कांग्रेस से गठबंधन हो गया तो फिर गुरुग्राम में बीजेपी के लिए कुछ राहत की खबर हो सकती है। फिलहाल गुरुग्राम सीट पर बीजेपी से बागी होकर चुनावी रण में उतरे नवीन गोयल ने बीजेपी प्रत्याशी की परेशानी बढ़ा रखी है। पंजाबी वोटर्स को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने एक माह पहले पार्टी में आए मोहित ग्रोवर पर दांव लगाया है। बादशाहपुर में राव नरबीर सिंह के कद के आगे वर्धन यादव उनको कड़ी चुनौती देने में शायद ही सफल होंगे। गुरुग्राम में कड़े मुकाबले की संभावनाएं बन रहीं हैं, तो बादशाहपुर में नरबीर सिंह के सामने भीतरघात से निपटना एक बड़ी चुनौती है। भाजपा ब्राह्मण चेहरे पर दांव सबसे पहले गुरुग्राम सीट की बात करें तो बीजेपी ने शायद पहली बार ब्राह्मण चेहरे मुकेश शर्मा पर दांव लगाया है। जबकि उसके मूल कैडर वोटर्स पंजाबी व वैश्य हैं। वहीं कांग्रेस ने करीब एक लाख वोटर्स वाले पंजाबी चेहरे मोहित ग्रोवर पर दांव लगाकर बीजेपी को घेरने की कोशिश की है। कांग्रेस की सोच है कि पंजाबी चेहरे के नाम पर पूरा समाज एकजुट होगा और पार्टी सिंबल होने से मोहित आसानी से जीत हासिल कर लेंगे। 2019 में मोहित दे चुके कड़ी चुनौती 2019 के चुनाव में मोहित ने निर्दलीय चुनाव लड़कर करीब 25 प्रतिशत वोट हासिंल कर बीजेपी के सुधीर सिंगला के बाद दूसरा स्थान हासिल किया था। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व खेल मंत्री सुखबीर कटारिया तीसरे नंबर पर रहे थे। इसी के चलते सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने एक माह पहले ही मोहित ग्रोवर को कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कराई और अब टिकट थमा बीजेपी की धड़कने बड़ा दी हैं। हालांकि बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय चुनावी रण में नवीन गोयल के कारण यहां पर इस समय त्रिकोणीय मुकाबला बनता नजर आ रहा है। वर्धन यादव के सामने कई चुनौती बादशाहपुर हलका में कांग्रेस ने भले ही यूथ चेहरे वर्धन यादव पर दांव लगाया है, लेकिन वह पूर्व मंत्री व प्रदेश के बड़े नेता राव नरबीर सिंह के कद के सामने कहीं टिकते नजर नहीं आते हैं। वैसे भी वर्धन का यह पहला चुनाव है और चुनाव लड़ने का भी उनको अनुभव नहीं है। साथ ही उनके पास सीमित टीम व वर्कर्स हैं। लोकसभा चुनाव में भी वह टिकट के दावेदार थे, लेकिन राजबब्बर के कारण उनका नाम पीछे रह गया था। हालांकि वह अपनी बादशाहपुर विधानसभा से भी राजबब्बर को नहीं जीता पाए थे और इसी के चलते साफ है कि यहां पर उनको अपनी मजबूत पकड़ बनाने के लिए काफी पसीना बहाना पड़ेगा। दीपेंद्र हुड्डा व राहुल गांधी के करीबी होने के साथ ही यूथ चेहरे के कारण उनको कांग्रेस ने टिकट तो दे दिया, लेकिन राव नरबीर को चुनौती देना उनके लिए बड़ा टॉस्क है। नरबीर बादशाहपुर से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं और इसके पहले वह अलग-अलग विधानसभाओं से चुनाव लड़ते आए हैं। 2019 में नरबीर की टिकट कटने के बाद भी वह बादशाहपुर में सक्रिय हैं और बीजेपी ही नहीं बल्कि उनकी अपनी खुद की मजबूत टीम क्षेत्र में सक्रिय है। वहीं यहां पर 2019 में निर्दलीय चुनाव जीतने वाले स्व. राकेश दौलताबाद की पत्नी कुमुदनी जाट चेहरे के रूप में निर्दलीय चुनावी रण में हैं। हालांकि राकेश दौलताबाद वाली बात तो नहीं है लेकिन सहानुभूति के सहारे वह यहां पर त्रिकोणीय मुकाबला बनाने में जुटी हुईं हैं। गुरुग्राम कांग्रेस के जाट नेता नाराज
पूर्व खेल मंत्री सुखबीर कटारिया पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के करीबी थे और गुरुग्राम से वह प्रबल दावेदार थे। हालांकि 2014 में निर्दलीय व 2019 में कांग्रेस टिकट से हारने के कारण कांग्रेस हाईकमान ने उनके नाम पर विचार नहीं किया। वहीं दीपेंद्र हुड्डा एक महीने पहले मोहित ग्रोवर को कांग्रेस में लाए और टिकट भी दिला दी। अब कांग्रेस के जाट नेता इसको हजम नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि सुखबीर कटारिया खुलकर कुछ नहीं कह रहे और मोहित ग्रोवर की मदद की बात कर रहे हैं, लेकिन टिकट कटने से अंदरखाने तो सब ठीक नहीं चल रहा होगा। वहीं पूर्व चेयरमैन कुलदीप कटारिया जो कि गुरुग्राम गांव से आते हैं वह अपने राजस्थान के माध्यम से टिकट की दावेदारी कर रहे थे लेकिन उनको सफलता नहीं मिली। वह दीपेंद्र हुड्डा के भी करीबी हैं और अब टिकट कटने पर समर्थकों की बैठक बुलाकर आगे की रणनीति बना रहे हैं। जाट भले ही बीजेपी से नाराज हो लेकिन कांग्रेस में टिकट नहीं मिलने से वह भी व्यथित नजर आ रहा है। बीजेपी की पंजाबी नेताओं पर नजर
गुरुग्राम पंजाबी बाहुल्य सीट है और यहां पर कांग्रेस का एकाधिकार भी रहा है। इस बार कांग्रेस ने पंजाबी चेहरे पर दांव लगाया है लेकिन सभी की नजर बीजेपी पंजाबी नेताओं पर है। बीजेपी से पंजाबी चेहरे में पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर यशपाल बत्रा, पूर्व जिलाध्यक्ष गार्गी कक्कड़, स्वामी धर्मदेव, बोधराज सिकरी, सीमा पाहूजा आदि टिकट की रेस में थे। अब यह समाज के साथ जाएंगे या फिर बीजेपी संग खड़े रहेंगे यह देखना दिलचस्प होगा। हालांकि ब्राह्मण चेहरे मुकेश शर्मा को लेकर पंजाबी नेताओं में खासी नाराजगी है। ओबीसी यादव वोट बंटने पर कुमुदनी देख रहीं अपना फायदा
बादशाहपुर सीट पर बीजेपी-कांग्रेस दोनों ने ही ओबीसी यानि यादव वोट पर विश्वास जताया है। बीजेपी में यादव समाज की ओर से 2019 का चुनाव लड़ने वाले मनीष यादव, पूर्व सीएम के ओएसडी रहे जवाहर यादव भी टिकट रेस में थे। अब यह दोनों नरबीर का कितना साथ देंगे या फिर 2019 की कहानी दोहराई जाएगी इस पर सभी की नजर है। 2019 चुनाव निर्दलीय जीतने वाले स्व. राकेश दौलताबाद की पत्नी कुमुदनी को उम्मीद है कि कांग्रेस-बीजेपी के दोनों प्रत्याशी यादव हैं, तो यह वोट बंटेगा। वहीं जाट के साथ ही 2019 में राकेश दौलताबाद का साथ देने वाला वोटर सहानुभूति के साथ इस बार पहले से भी अधिक साथ देगा। निर्दलीय ही चुनावी रण में कूदेंगे बीर सिंह आप नेता बीर सिंह राणा उर्फ बीरू सरपंच बादशाहपुर सीट पर लगातार सक्रिय हैं। बड़े-बड़े प्रोग्राम के साथ बड़े स्तर पर जनसंपर्क अभियान कर वह लोगों तक अपनी पहुंच बनाने में लगे हैं। हालांकि आप-कांग्रेस का गठबंधन नहीं हुआ है और कांग्रेस ने बादशाहपुर से प्रत्याशी उतार दिया है, तो साफ है कि बीर सिंह यहां से निर्दलीय चुनावी रण में उतरेंगे। बीर सिंह बताते हैं कि क्षेत्र में उनकी अपनी पहचान है और जनहित के मुद्दे उठाने के साथ ही लोगों की समस्याओं को लेकर उनकी संस्था लगातार सक्रिय है। खुद क्षेत्र के लोग उनको निर्दलीय चुनाव लड़ने का प्रेशर बना रहे हैं। इसके चलते वह जनता के निशान पर चुनाव लड़ेंगे। गुरुग्राम में मोहित का मजबूत पक्ष… -कांग्रेस पार्टी का सिंबल और हुड्डा खेमे की मदद
-पंजाबी चेहरा होने से समाज के वोट एकजुट होने की उम्मीद
-यूवा होने के चलते यूथ वोटर्स में मजबूत पकड़
-पिता स्व. मदन लाल ग्रोवर की पंजाबी समाज में पकड़ मोहित के कमजोर पहलू… -कांग्रेस पार्टी की गुटबाजी
-टिकट कटने से नाराज नेताओं की नाराजगी
-जाट समाज को साथ लाना
-2019 के चुनाव के बाद निष्क्रिय
-लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राजबब्बर का साथ नहीं देने के आरोप वर्धन यादव का मजबूत पक्ष… -राहुल गांधी व दीपेंद्र हुड्डा से नजदीकी
-युवा होने के चलते यूथ वोटर्स में पकड़
-एनएसयूआई के राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेशाध्यक्ष होने से यूथ टीम मजबूत वर्धन का कमजोर पहलू… -चुनाव लड़ने का अनुभव नहीं
-लोकसभा चुनाव में टिकट कटने पर प्रचार से दूर रहना
-कांग्रेस के साथ ही खुद की सीमित टीम
-बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र में मजबूत पकड़ नहीं