NEET-UG एग्जाम का पेपर लीक मामले का पॉलिटिकल कनेक्शन सामने आया है। 26 जून को यूपी की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से विधायक बेदीराम का एक वीडियो वायरल हुआ। जिसमें वह एक युवक से पेपर और लेन-देन की बात करते दिख रहे थे। बेदीराम यूपी की जखनियां सीट से विधायक है। पेपर लीक माफिया बिजेंद्र गुप्ता ने भी बेदी राम का नाम लिया है। बिजेंद्र पहले बेदी राम के साथ जेल भी जा चुका है। हालांकि अब तक बेदीराम को NEET पेपर लीक में आरोपी नहीं बनाया गया है। बेदीराम का नाम 12 साल पहले मप्र लोकसेवा आयोग के पेपर लीक से भी जुड़ा था। उस वक्त मामले की जांच करने वाली एसटीएफ ने बेदीराम, बृजेंद्र समेत 55 लोगों को आरोपी बनाया था और उनकी गिरफ्तारी भी की थी। खास बात ये है कि जिस तरह से नीट एग्जाम का पेपर प्रिंटिंग प्रेस से लीक होने की बात सामने आ रही है। ऐसे ही एमपीपीएससी का पेपर भी लीक करवाया गया था और छात्रों को रिसॉर्ट और होटल में बुलाकर उन्हें रटवाया गया था। यानी नीट का पेपर लीक होने का जैसा पैटर्न सामने आ रहा है वैसा एमपी में 12 साल पहले हो चुका है। पिछले 12 सालों से ये मामला कोर्ट में चल रहा है और इसी महीने की 16 तारीख को इसकी सुनवाई है। दैनिक भास्कर ने 12 साल पुराने इस मामले की पड़ताल की, एसटीएफ के अधिकारियों से बात कर समझा कि आखिर कैसे किया गया था पेपर लीक। अब जानिए कैसे पता चला था कि एमपी में पेपर लीक हुआ एसटीएफ के एसपी राजेश सिंह भदौरिया के अनुसार मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी का यह बड़ा मामला था। 2014 में बेदीराम के गिरोह का नाम रेलवे भर्ती परीक्षा पेपर लीक में आया था। लखनऊ के आशियाना थाने में बेदीराम के खिलाफ मामला दर्ज हुआ तो बेदीराम फरार हो गया। बाद में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उसे पकड़ा। यूपी और दिल्ली पुलिस की पूछताछ के दौरान सामने आया कि इन लोगों ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की आयुर्वेद अधिकारी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक किया था। दिल्ली पुलिस ने यह जानकारी मध्य प्रदेश पुलिस को दी। प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी। एसटीएफ ने जब बेदीराम और उसके साथियों से पूछताछ की तो पता चला कि यह गिरोह मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की राज्य सिविल सेवा परीक्षा-2012 का प्री और मेन्स का पेपर भी लीक करा चुका है। तब तक एमपीपीएसी प्री और मेन्स की परीक्षा हो चुकी थी। इंटरव्यू होना बाकी था। पेपर लीक की जानकारी मिलने के बाद एमपीपीएससी ने इंटरव्यू स्थगित कर दिया था। आगरा के प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ था MPPSC का पेपर एसटीएफ ने दोनों परीक्षाओं के लिए दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की। देश के अलग-अलग हिस्सों से पेपर लीक गिरोह के लोगों और पेपर खरीदने वालों की गिरफ्तारी हुई। एसटीएफ के तत्कालीन जांच अधिकारी राकेश जैन बताते हैं कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग सिविल सेवा परीक्षा का पेपर आगरा के प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ था। बेदीराम के गिरोह ने पीएससी में अपने सूत्रों के जरिए यह पता लगा लिया कि पेपर कहां छप रहा है। इस सूचना के बाद गिरोह के लोगों ने उस प्रिटिंग प्रेस के कर्मचारियों से सांठगांठ की। उन कर्मचारियों ने लोक सेवा आयोग के पेपर छपाई के दौरान खराब बताकर कुछ पेपर कचरे में फेंक दिया था। यहीं से पेपर गिरोह तक पहुंचे। हर पेपर के लिए 8 से 25 लाख तक की डील पेपर लीक का प्लान तय हो जाने के बाद गिरोह का एक बड़ा हिस्सा पेपर के लिए ग्राहक तलाशता और उनसे रुपए की डील करता था। बताया गया कि बिहार के बिजेन्द्र गुप्ता और अखिलेश पांडेय ने लोक सेवा आयोग परीक्षा का पेपर कैंडिडेट्स तक पहुंचाने में भूमिका निभाई। एसटीएफ ने दोनों को 2014 में गिरफ्तार किया था। मथुरा का हेमंत चौहान, पटना का अनिल कुमार भी दलाल बनकर ग्राहक जुटाने में शामिल पाए गए। मंदसौर का दलाल इलियास मोहम्मद तो आयुर्वेद परीक्षा में भी इस गिरोह के साथ शामिल था। पूरा गिरोह कभी पकड़ा ही नहीं गया एसटीएफ भोपाल के अधिकारियों ने पेपर लीक गिरोह की जांच में अनुभव किया कि उनका सामना कितने हॉर्डकोर अपराधियों से पड़ा है। जांच टीम का हिस्सा रहे एक जूनियर अधिकारी ने बताया कि बेदीराम, बृजेंद्र गुप्ता, दीपक कुमार गौतम, अखिलेश कुमार पाण्डेय इस गिरोह के प्रमुख लोग थे। रिमांड पर इनसे सख्ती से पूछताछ हुई थी, लेकिन इन लोगों ने कभी पूरा नेटवर्क नहीं खोला। वे आरोप एक-दूसरे पर डालकर खुद की भूमिका सीमित बताते थे। इससे जांच इन तक और उनसे मिले दस्तावेजों के आसपास ही केंद्रित रह गई। हमें भी संदेह था कि इनका पूरा गिरोह कभी पकड़ा ही नहीं गया। छह महीने की जांच कर एसटीएफ ने चार्जशीट पेश की भोपाल एसटीएफ ने दोनों परीक्षाओं के पेपर लीक में लगभग समानांतर जांच की। आयुर्वेद अधिकारी मामले में 22 जुलाई 2014 को और सिविल सेवा परीक्षा मामले में 10 सितम्बर 2014 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। इस चार्जशीट में पुलिस ने अधिकतर आरोपियों के बयानों के आधार पर अपराध का ब्योरा पेश किया था। आयुर्वेद अधिकारी भर्ती परीक्षा का पेपर 300 से अधिक लोगों तक पहुंचा था। इसमें 55 लोगों को आरोपी बनाया गया, जिसमें से अधिकतर डॉक्टर थे। सिविल सेवा परीक्षा में हिंदी और सामान्य अध्ययन का वह पर्चा भी लगाया गया था जिसकी कॉपी इंदौर के एक होटल में आरोपियों से मिली थी। यह वही पर्चा था जो हूबहू परीक्षा में आया था। इस परीक्षा में लोक प्रशासन और समाज शास्त्र का पर्चा भी लीक कराने की बात आई थी, लेकिन उसका कोई सबूत एसटीएफ को नहीं मिला। सिविल सेवा परीक्षा मामले में 23 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इस केस में अब तक 40 से अधिक लोगों की गवाही हो चुकी है। अब बेदीराम के बारे में जानिए… रेलवे में नौकरी की, वहीं का पेपर लीक कराया बेदीराम के बारे में पुलिस रिकॉर्ड में जो जानकारी है उसके मुताबिक बेदीराम रेलवे में टिकट निरीक्षक हुआ करता था। नौकरी करते हुए बेदीराम ने अधिकारियों से साठगांठ कर भर्ती परीक्षाओं में धांधली का रैकेट खड़ा किया। 2006 में रेलवे की ग्रुप डी भर्ती परीक्षा पेपर लीक में बेदीराम का नाम आया। लखनऊ के कृष्णानगर थाने में बेदीराम के खिलाफ पहली एफआईआर दर्ज हुई। इसके बाद रेलवे ने बेदीराम को नौकरी से हटा दिया। इसके बाद बेदीराम पूरी तरह नकल माफिया बन गया। उसने 2008 में फिर रेलवे परीक्षा का पर्चा लीक कराया। पुलिस ने कार्रवाई की, लेकिन गिरोह अपना काम करता रहा। 2009 में जयपुर एसओजी ने बेदीराम के खिलाफ रेलवे पर्चा लीक का मामला दर्ज किया। इस बीच इस गिरोह ने उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा में सेंध लगा दी। जौनपुर के मडियाहूं थाने में बेदीराम और उसके गिरोह के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। एजेंसियों की निगरानी में था, बचने के लिए राजनीति में उतरा विधायक बेदीराम उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में कुसिया गांव का निवासी है। जौनपुर के एक पुलिस अधिकारी बताते हैं कि 2010 के बाद से ही बेदीराम पुलिस और परीक्षा कराने वाली एजेंसियों के लिए मुख्य संदिग्ध बन चुका था। जौनपुर के जलालपुर थाने में उसकी हिस्ट्री शीट बनाई गई, जिसमें उसको नकल माफिया लिखा गया था। उत्तर प्रदेश में कोई भी भर्ती अथवा पात्रता परीक्षा होती थी तो स्थानीय खुफिया एजेंसियां बेदीराम की निगरानी बढ़ा देती थीं। उसके आने-जाने पर निगाह रखी जाती। पुलिस जब-तब उसके ठिकाने पर पहुंचकर जांच करती। इससे बचने के लिए वह स्थानीय राजनीति में सक्रिय हुआ। इसकी शुरुआत उसने पंचायत चुनाव से की। उसने पत्नी को जौनपुर के जलालपुर क्षेत्र पंचायत (मध्य प्रदेश में जनपद पंचायत) के सदस्य का चुनाव जितवाया। उसी चुनाव में उसने भाजपा को मात देकर ब्लॉक प्रमुख बनवा दिया। 2022 में ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा से जखनियां की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट से चुनाव लड़ा और जीता। पिछली सरकारों में गठबंधन की वजह से सुभासपा का कद बढ़ा हुआ था, जिसका फायदा बेदीराम को भी मिला और उसकी निगरानी लगभग हटा ली गई। NEET-UG एग्जाम का पेपर लीक मामले का पॉलिटिकल कनेक्शन सामने आया है। 26 जून को यूपी की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से विधायक बेदीराम का एक वीडियो वायरल हुआ। जिसमें वह एक युवक से पेपर और लेन-देन की बात करते दिख रहे थे। बेदीराम यूपी की जखनियां सीट से विधायक है। पेपर लीक माफिया बिजेंद्र गुप्ता ने भी बेदी राम का नाम लिया है। बिजेंद्र पहले बेदी राम के साथ जेल भी जा चुका है। हालांकि अब तक बेदीराम को NEET पेपर लीक में आरोपी नहीं बनाया गया है। बेदीराम का नाम 12 साल पहले मप्र लोकसेवा आयोग के पेपर लीक से भी जुड़ा था। उस वक्त मामले की जांच करने वाली एसटीएफ ने बेदीराम, बृजेंद्र समेत 55 लोगों को आरोपी बनाया था और उनकी गिरफ्तारी भी की थी। खास बात ये है कि जिस तरह से नीट एग्जाम का पेपर प्रिंटिंग प्रेस से लीक होने की बात सामने आ रही है। ऐसे ही एमपीपीएससी का पेपर भी लीक करवाया गया था और छात्रों को रिसॉर्ट और होटल में बुलाकर उन्हें रटवाया गया था। यानी नीट का पेपर लीक होने का जैसा पैटर्न सामने आ रहा है वैसा एमपी में 12 साल पहले हो चुका है। पिछले 12 सालों से ये मामला कोर्ट में चल रहा है और इसी महीने की 16 तारीख को इसकी सुनवाई है। दैनिक भास्कर ने 12 साल पुराने इस मामले की पड़ताल की, एसटीएफ के अधिकारियों से बात कर समझा कि आखिर कैसे किया गया था पेपर लीक। अब जानिए कैसे पता चला था कि एमपी में पेपर लीक हुआ एसटीएफ के एसपी राजेश सिंह भदौरिया के अनुसार मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी का यह बड़ा मामला था। 2014 में बेदीराम के गिरोह का नाम रेलवे भर्ती परीक्षा पेपर लीक में आया था। लखनऊ के आशियाना थाने में बेदीराम के खिलाफ मामला दर्ज हुआ तो बेदीराम फरार हो गया। बाद में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उसे पकड़ा। यूपी और दिल्ली पुलिस की पूछताछ के दौरान सामने आया कि इन लोगों ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की आयुर्वेद अधिकारी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक किया था। दिल्ली पुलिस ने यह जानकारी मध्य प्रदेश पुलिस को दी। प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी। एसटीएफ ने जब बेदीराम और उसके साथियों से पूछताछ की तो पता चला कि यह गिरोह मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की राज्य सिविल सेवा परीक्षा-2012 का प्री और मेन्स का पेपर भी लीक करा चुका है। तब तक एमपीपीएसी प्री और मेन्स की परीक्षा हो चुकी थी। इंटरव्यू होना बाकी था। पेपर लीक की जानकारी मिलने के बाद एमपीपीएससी ने इंटरव्यू स्थगित कर दिया था। आगरा के प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ था MPPSC का पेपर एसटीएफ ने दोनों परीक्षाओं के लिए दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की। देश के अलग-अलग हिस्सों से पेपर लीक गिरोह के लोगों और पेपर खरीदने वालों की गिरफ्तारी हुई। एसटीएफ के तत्कालीन जांच अधिकारी राकेश जैन बताते हैं कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग सिविल सेवा परीक्षा का पेपर आगरा के प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ था। बेदीराम के गिरोह ने पीएससी में अपने सूत्रों के जरिए यह पता लगा लिया कि पेपर कहां छप रहा है। इस सूचना के बाद गिरोह के लोगों ने उस प्रिटिंग प्रेस के कर्मचारियों से सांठगांठ की। उन कर्मचारियों ने लोक सेवा आयोग के पेपर छपाई के दौरान खराब बताकर कुछ पेपर कचरे में फेंक दिया था। यहीं से पेपर गिरोह तक पहुंचे। हर पेपर के लिए 8 से 25 लाख तक की डील पेपर लीक का प्लान तय हो जाने के बाद गिरोह का एक बड़ा हिस्सा पेपर के लिए ग्राहक तलाशता और उनसे रुपए की डील करता था। बताया गया कि बिहार के बिजेन्द्र गुप्ता और अखिलेश पांडेय ने लोक सेवा आयोग परीक्षा का पेपर कैंडिडेट्स तक पहुंचाने में भूमिका निभाई। एसटीएफ ने दोनों को 2014 में गिरफ्तार किया था। मथुरा का हेमंत चौहान, पटना का अनिल कुमार भी दलाल बनकर ग्राहक जुटाने में शामिल पाए गए। मंदसौर का दलाल इलियास मोहम्मद तो आयुर्वेद परीक्षा में भी इस गिरोह के साथ शामिल था। पूरा गिरोह कभी पकड़ा ही नहीं गया एसटीएफ भोपाल के अधिकारियों ने पेपर लीक गिरोह की जांच में अनुभव किया कि उनका सामना कितने हॉर्डकोर अपराधियों से पड़ा है। जांच टीम का हिस्सा रहे एक जूनियर अधिकारी ने बताया कि बेदीराम, बृजेंद्र गुप्ता, दीपक कुमार गौतम, अखिलेश कुमार पाण्डेय इस गिरोह के प्रमुख लोग थे। रिमांड पर इनसे सख्ती से पूछताछ हुई थी, लेकिन इन लोगों ने कभी पूरा नेटवर्क नहीं खोला। वे आरोप एक-दूसरे पर डालकर खुद की भूमिका सीमित बताते थे। इससे जांच इन तक और उनसे मिले दस्तावेजों के आसपास ही केंद्रित रह गई। हमें भी संदेह था कि इनका पूरा गिरोह कभी पकड़ा ही नहीं गया। छह महीने की जांच कर एसटीएफ ने चार्जशीट पेश की भोपाल एसटीएफ ने दोनों परीक्षाओं के पेपर लीक में लगभग समानांतर जांच की। आयुर्वेद अधिकारी मामले में 22 जुलाई 2014 को और सिविल सेवा परीक्षा मामले में 10 सितम्बर 2014 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। इस चार्जशीट में पुलिस ने अधिकतर आरोपियों के बयानों के आधार पर अपराध का ब्योरा पेश किया था। आयुर्वेद अधिकारी भर्ती परीक्षा का पेपर 300 से अधिक लोगों तक पहुंचा था। इसमें 55 लोगों को आरोपी बनाया गया, जिसमें से अधिकतर डॉक्टर थे। सिविल सेवा परीक्षा में हिंदी और सामान्य अध्ययन का वह पर्चा भी लगाया गया था जिसकी कॉपी इंदौर के एक होटल में आरोपियों से मिली थी। यह वही पर्चा था जो हूबहू परीक्षा में आया था। इस परीक्षा में लोक प्रशासन और समाज शास्त्र का पर्चा भी लीक कराने की बात आई थी, लेकिन उसका कोई सबूत एसटीएफ को नहीं मिला। सिविल सेवा परीक्षा मामले में 23 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इस केस में अब तक 40 से अधिक लोगों की गवाही हो चुकी है। अब बेदीराम के बारे में जानिए… रेलवे में नौकरी की, वहीं का पेपर लीक कराया बेदीराम के बारे में पुलिस रिकॉर्ड में जो जानकारी है उसके मुताबिक बेदीराम रेलवे में टिकट निरीक्षक हुआ करता था। नौकरी करते हुए बेदीराम ने अधिकारियों से साठगांठ कर भर्ती परीक्षाओं में धांधली का रैकेट खड़ा किया। 2006 में रेलवे की ग्रुप डी भर्ती परीक्षा पेपर लीक में बेदीराम का नाम आया। लखनऊ के कृष्णानगर थाने में बेदीराम के खिलाफ पहली एफआईआर दर्ज हुई। इसके बाद रेलवे ने बेदीराम को नौकरी से हटा दिया। इसके बाद बेदीराम पूरी तरह नकल माफिया बन गया। उसने 2008 में फिर रेलवे परीक्षा का पर्चा लीक कराया। पुलिस ने कार्रवाई की, लेकिन गिरोह अपना काम करता रहा। 2009 में जयपुर एसओजी ने बेदीराम के खिलाफ रेलवे पर्चा लीक का मामला दर्ज किया। इस बीच इस गिरोह ने उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा में सेंध लगा दी। जौनपुर के मडियाहूं थाने में बेदीराम और उसके गिरोह के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। एजेंसियों की निगरानी में था, बचने के लिए राजनीति में उतरा विधायक बेदीराम उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में कुसिया गांव का निवासी है। जौनपुर के एक पुलिस अधिकारी बताते हैं कि 2010 के बाद से ही बेदीराम पुलिस और परीक्षा कराने वाली एजेंसियों के लिए मुख्य संदिग्ध बन चुका था। जौनपुर के जलालपुर थाने में उसकी हिस्ट्री शीट बनाई गई, जिसमें उसको नकल माफिया लिखा गया था। उत्तर प्रदेश में कोई भी भर्ती अथवा पात्रता परीक्षा होती थी तो स्थानीय खुफिया एजेंसियां बेदीराम की निगरानी बढ़ा देती थीं। उसके आने-जाने पर निगाह रखी जाती। पुलिस जब-तब उसके ठिकाने पर पहुंचकर जांच करती। इससे बचने के लिए वह स्थानीय राजनीति में सक्रिय हुआ। इसकी शुरुआत उसने पंचायत चुनाव से की। उसने पत्नी को जौनपुर के जलालपुर क्षेत्र पंचायत (मध्य प्रदेश में जनपद पंचायत) के सदस्य का चुनाव जितवाया। उसी चुनाव में उसने भाजपा को मात देकर ब्लॉक प्रमुख बनवा दिया। 2022 में ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा से जखनियां की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट से चुनाव लड़ा और जीता। पिछली सरकारों में गठबंधन की वजह से सुभासपा का कद बढ़ा हुआ था, जिसका फायदा बेदीराम को भी मिला और उसकी निगरानी लगभग हटा ली गई। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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UP Election Results 2024: क्रिकेट खेलने के शौकीन हैं फूलपुर के नए सांसद प्रवीण पटेल, अब भी जड़ लेते हैं चौके-छक्के
UP Election Results 2024: क्रिकेट खेलने के शौकीन हैं फूलपुर के नए सांसद प्रवीण पटेल, अब भी जड़ लेते हैं चौके-छक्के <p style=”text-align: justify;”><strong>UP Lok Sabha Election Results 2024:</strong> संगम नगरी प्रयागराज की फूलपुर सीट बीजेपी प्रत्यशी प्रवीण पटले ने जीत दर्ज की है. सपा प्रत्याशी अमर नाथ सिंह मौर्य को 448268, लेकिन वो बीजेपी प्रत्याशी से 4332 अंतर से हार गए. बसपा उम्मीदवार जगन्नाथ पाल को 82586 मिले, जिससे बीजेपी प्रत्याशी प्रवीण पटेल को जीत हासिल करने में मदद मिली. </p>
<p style=”text-align: justify;”>फूलपुर सीट से नवनिर्वाचित सांसद प्रवीण पटेल का कहना है कि यहां की जनता ने उन पर जो भरोसा जताया है. वह उस पर पूरी तरह खरा उतरने का काम करेंगे. जनता के सुख दुख में पहले से ज्यादा सक्रिय होकर मौजूद रहेंगे. जनता की आवाज को मजबूती के साथ संसद में उठाने का काम करेंगे और विकास के तमाम प्रोजेक्ट को प्रयागराज में लाने कोशिश करेंगे. प्रयागराज में एम्स की स्थापना का काम प्राथमिकता के आधार पर कराने का काम करेंगे. <br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/06/e13445ae1bdc851e063a217c3cdc71251717688419260664_original.jpg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इंडिया गठबंध पर लगाए आरोप </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रवीण पटेल के मुताबिक इंडिया गठबंधन ने फूलपुर में भी वोटरों को गुमराह करने की भरपूर कोशिश की. काफी लोग विपक्ष के बहकावे में भी आ गए, लेकिन इसके बावजूद वह तकरीबन चार हजार वोट से चुनाव जीतने में कामयाब रहे. प्रवीण पटेल का कहना है कि उनका चुनाव आईपीएल के 20-20 मैच की तरह हो गया था, लेकिन अंत में सब कुछ ठीक हो गया. उनका कहना है कि वह जल्द ही शहर में किसी ऐसी जगह अपना कार्यालय बनाएंगे, जहां पूरे लोकसभा क्षेत्र से लोग आसानी से पहुंच सके और उन्हें कोई दिक्कत ना हो.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रवीण पटेल को पसंद है क्रिकेट खेलना</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रवीण पटेल ने एबीपी नेटवर्क से की गई खास बातचीत में कहा कि उन्हें क्रिकेट खेलना बहुत पसंद है. अब भी कभी मौका मिलने पर वह बच्चों के बीच जाकर चौके छक्के लगा लेते हैं. उनके मुताबिक साल 2007 में वह जनता के कहने पर राजनीति में आए थे. राजनीति में उनके आदर्श उनके अपने पिता हैं. उनके पिता राजनीति को सत्ता हासिल करने का माध्यम नहीं बल्कि जनता की सेवा करने का जरिया मानते थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रवीण पटेल ने बताया कि सार्वजनिक जीवन में होने की वजह से वह परिवार को बहुत कम समय दे पाते हैं. परिवार के लोग जब नाराज होते हैं तो वह बच्चों को बाहर डिनर कर कर उन्हें संतुष्ट कर देते हैं. प्रवीण पटेल के मुताबिक राजनीति में उन्हें पत्नी गोल्डी पटेल और परिवार के दूसरे सदस्यों का पूरा सहयोग मिलता है. पत्नी गोल्डी खुद भी सियासी परिवार से हैं, इसलिए वह उनके कामों में हाथ बंटाकर उनकी मदद कर देती हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Lok Sabha Election Result 2024: पल्लवी पटेल को भारी पड़ी अखिलेश यादव से नाराजगी, नहीं भाया ओवैसी का साथ” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/lok-sabha-election-pallavi-patel-got-angry-with-akhilesh-yadav-did-not-like-asaduddin-owaisi-support-ann-2709176″ target=”_self”>Lok Sabha Election Result 2024: पल्लवी पटेल को भारी पड़ी अखिलेश यादव से नाराजगी, नहीं भाया ओवैसी का साथ</a></strong></p>
प्रेम-प्रसंग को लेकर पंचायत का तुगलकी फरमान, महिला का सिर मुंडवा कर मुंह पर कालिख पोती
प्रेम-प्रसंग को लेकर पंचायत का तुगलकी फरमान, महिला का सिर मुंडवा कर मुंह पर कालिख पोती <p style=”text-align: justify;”><strong>Pratapgarh News:</strong> उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में पंचायत में ग्रामीणों ने तुगलकी फरमान सुनाते हुए महिला का सिर मुंडवा कर मुंह पर कालिख पोतकर गांव में घुमाया. महिला को गांव के लड़के से प्रेम था और इसी के चलते आपत्ति करते हुए ग्रामीणों ने पेड़ से बांधकर दोनों के मुंह पर कालिख पोती और बाल काटने का फरमान सुनाया. हालांकि प्रेमी मौका पाकर फरार हो गया तो ग्रामीणों ने महिला को पकड़कर पेड़ से बांध दिया और मुंह पर कालिख पोत दी और बाल भी काट दिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ग्रामीणों के चंगुल से छूटकर भागे प्रेमी ने इसकी जानकारी पुलिस को दी तो हड़कंप मच गया. इस सूचना पर अपर पुलिस अधीक्षक समेत कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गई. पंचायत में शामिल दर्जनभर से अधिक ग्रामीणों को हिरासत में लिया गया है. कटे हुए बाल पुलिस ने बरामद किए और घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह मामला हथिगवां थाना क्षेत्र के छोटकी इब्राहिमपुर गांव का बताया जा रहा है. यहां पर एक महिला को तीन बच्चे हैं, बड़ा बेटा करीब 12 साल का है और दो बेटियां छोटी हैं. महिला का पति मुंबई में रहकर नौकरी करता है. आरोप है कि महिला का प्रेम प्रसंग गांव के ही एक युवक से चल रहा है. यह बात धीरे-धीरे गांव में फैल गई और ग्रामीणों ने इस पर आपत्ति की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>फिर भी युवक का महिला के घर आना जाना बंद नहीं हुआ. गांव का माहौल खराब न हो इस को लेकर लोगों ने इस तरह के प्रेम प्रपंच पर रोक लगाने की बात कही. लेकिन दोनों के बीच संबंध जारी रहा, इस को लेकर कई बार पहले भी पंचायत हो चुकी थी. रविवार को ग्रामीणों की पंचायत हुई, यहां दोनों के प्रेम प्रपंच को गांव के मान सम्मान से जोड़ते हुए दोनों को दंडित करने का फरमान सुनाया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं पेड़ से बांधकर दोनों के मुंह पर कालिख पोतने और उनके बाल काटने का निर्णय लिया गया. यह सुनकर पंचायत में मौजूद प्रेमी ग्रामीणों के चंगुल से भाग निकला. ग्रामीणों ने विवाहिता को पकड़ लिया और बगीचे में ले जाकर पेड़ से बांध दिया. उसके मुंह पर कालिख पोत दी गई और बाल भी काट दिया. उधर ग्रामीणों के चंगुल से छूटकर भागे प्रेमी ने इसकी जानकारी पुलिस को दी तो खलबली मच गई. पंचायत में शामिल दर्जन भर से अधिक लोगों को पुलिस थाने लेकर आई और उनसे पूछताछ कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गांव में फोर्स तैनात</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ है, इसमें महिला के बच्चे यह कहते हुए सुने जा रहे हैं कि उन्होंने ही अपनी मां को पेड़ से बांधा है और मुंह पर कालिख पोती है. लेकिन छोटे-छोटे बच्चे इस घटना को कैसे अंजाम दे सकते हैं, इस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. फिलहाल गांव में फोर्स तैनात कर दी गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अवैध संबंध का विरोध करता था पति </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं घटना को लेकर सीओ कुंडा अजीत सिंह ने बयान जारी कर बताया कि हथिगवां थाना के कुढ़ा इब्राहिम पुर में अवैध संबंध का पति विरोध करता था नहीं मानने पर गांव के लोगों ने महिला और उसके प्रेमी को बांध कर बाल काट कर चेहरे पर कालिख पोत कर पेड़ बांध दिया. इस मामले में पंद्रह लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/agra-traffic-police-issued-route-advisory-regarding-the-second-monday-of-sawan-and-kanwar-yatra-ann-2747999″>Agra Traffic Advisory: आगरा में 29 जुलाई तक रूट डायवर्ट, सावन के दूसरे सोमवार को लेकर लिया गया फैसला</a></strong></p>
हिमाचल घूमने का सही मौका! इन होटलों में 40 फीसदी तक डिस्काउंट! ऐसे मिलेगा फायदा
हिमाचल घूमने का सही मौका! इन होटलों में 40 फीसदी तक डिस्काउंट! ऐसे मिलेगा फायदा <p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh Hotel Booking:</strong> हिमाचल प्रदेश घूमने के लिए आने वाले पर्यटकों के लिए खुशखबरी आई है. हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम अपने होटल में 40 फीसदी तक का डिस्काउंट दे रहा है. यह डिस्काउंट 1 नवंबर से 20 दिसंबर तक जारी रहेगा. इस दौरान पर्यटन विकास निगम के होटल में 20 फीसदी, 30 फीसदी और 40 फीसदी तक का डिस्काउंट दिया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. राजीव कुमार ने बताया कि पर्यटकों के लिए 50 दिनों तक होटल में यह डिस्काउंट दिया जा रहा है. यह डिस्काउंट निगम के 52 होटल में मिलेगा. होटल की बुकिंग www.hptdc.in पर की जा सकती है. हिमाचल पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक राजीव कुमार ने कर्मचारियों को हर संभव कदम उठाने के निर्देश दिए हैं, जिससे निगम के होटल में टूरिस्ट की संख्या बढ़ सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किस होटल में कितना डिस्काउंट?</strong><br />होटल हमीर, होटल चंचल, होटल इरावती, होटल बाघल, चिंतपूर्णी हाइट्स, ज्वालामुखी होटल ज्वालाजी, होटल हिल टॉप, बुशहर रीजेंसी, दि कुनाल, होटल शिवालिक, होटल यमुना, होटल लेक व्यू, पोंग डैम कैंपिंग साइट, होटल चंपक, होटल गिरीगंगा, होटल पालमपुर, यात्री निवास चामुंडाजी, होटल रॉस कॉमन, होटल धौलाधार, होटल श्रीखंड, जोगिंदर नगर होटल पाइन व्यू, होटल पीटर हॉफ, होटल रेणुका जी, होटल क्लब हाउस, होटल गौरीकुंड, होटल टूरिस्ट इन, होटल चंद्रभागा, होटल कश्मीर हाउस, चायल पैलेस, होटल रोहतांग, होटल मेघदूत, किन्नर कैलाश में 20 फीसदी तक का डिस्काउंट दिया जाएगा. इसके साथ ही पर्यटन विकास निगम मनाली के लॉग हट्स में 40 फ़ीसदी तक का डिस्काउंट दे रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मनाली के हडिंबा कॉटेज में 30 फीसदी का डिस्काउंट</strong><br />इसके अलावा होटल नूरपुर में 30 फीसदी, शिमला के होटल होलीडे होम में 25 फीसदी, मैकलोडगंज के होटल भागसु में 10 फीसदी, खजियार के होटल देवदार में 20 फीसदी और कल्लू के होटल सरवरी में 30 डिस्काउंट उपलब्ध होगा. नग्गर के दि कैसल, कल्लू के होटल सिल्वर मून, मनाली के होटल कुंजम नारकंडा के होटल हाटू, डलहौजी के होटल गीतांजलि, फागु के होटल एप्पल ब्लॉसम, डलहौजी के होटल मणिमहेश और मनाली के हडिंबा कॉटेज में 30 फीसदी का डिस्काउंट मिलेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जिला सिरमौर के तहत आने वाले रेणुका जी में रेणुका मेले के दौरान 11 नवंबर से 15 नवंबर तक डिस्काउंट उपलब्ध नहीं होगा. इसी तरह 11 नवंबर से 15 नवंबर तक लवी मेले के दौरान भी होटल बुशहर रीजेंसी में डिस्काउंट नहीं दिया जाएगा.</p>
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