NEET-UG एग्जाम का पेपर लीक मामले का पॉलिटिकल कनेक्शन सामने आया है। 26 जून को यूपी की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से विधायक बेदीराम का एक वीडियो वायरल हुआ। जिसमें वह एक युवक से पेपर और लेन-देन की बात करते दिख रहे थे। बेदीराम यूपी की जखनियां सीट से विधायक है। पेपर लीक माफिया बिजेंद्र गुप्ता ने भी बेदी राम का नाम लिया है। बिजेंद्र पहले बेदी राम के साथ जेल भी जा चुका है। हालांकि अब तक बेदीराम को NEET पेपर लीक में आरोपी नहीं बनाया गया है। बेदीराम का नाम 12 साल पहले मप्र लोकसेवा आयोग के पेपर लीक से भी जुड़ा था। उस वक्त मामले की जांच करने वाली एसटीएफ ने बेदीराम, बृजेंद्र समेत 55 लोगों को आरोपी बनाया था और उनकी गिरफ्तारी भी की थी। खास बात ये है कि जिस तरह से नीट एग्जाम का पेपर प्रिंटिंग प्रेस से लीक होने की बात सामने आ रही है। ऐसे ही एमपीपीएससी का पेपर भी लीक करवाया गया था और छात्रों को रिसॉर्ट और होटल में बुलाकर उन्हें रटवाया गया था। यानी नीट का पेपर लीक होने का जैसा पैटर्न सामने आ रहा है वैसा एमपी में 12 साल पहले हो चुका है। पिछले 12 सालों से ये मामला कोर्ट में चल रहा है और इसी महीने की 16 तारीख को इसकी सुनवाई है। दैनिक भास्कर ने 12 साल पुराने इस मामले की पड़ताल की, एसटीएफ के अधिकारियों से बात कर समझा कि आखिर कैसे किया गया था पेपर लीक। अब जानिए कैसे पता चला था कि एमपी में पेपर लीक हुआ एसटीएफ के एसपी राजेश सिंह भदौरिया के अनुसार मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी का यह बड़ा मामला था। 2014 में बेदीराम के गिरोह का नाम रेलवे भर्ती परीक्षा पेपर लीक में आया था। लखनऊ के आशियाना थाने में बेदीराम के खिलाफ मामला दर्ज हुआ तो बेदीराम फरार हो गया। बाद में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उसे पकड़ा। यूपी और दिल्ली पुलिस की पूछताछ के दौरान सामने आया कि इन लोगों ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की आयुर्वेद अधिकारी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक किया था। दिल्ली पुलिस ने यह जानकारी मध्य प्रदेश पुलिस को दी। प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी। एसटीएफ ने जब बेदीराम और उसके साथियों से पूछताछ की तो पता चला कि यह गिरोह मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की राज्य सिविल सेवा परीक्षा-2012 का प्री और मेन्स का पेपर भी लीक करा चुका है। तब तक एमपीपीएसी प्री और मेन्स की परीक्षा हो चुकी थी। इंटरव्यू होना बाकी था। पेपर लीक की जानकारी मिलने के बाद एमपीपीएससी ने इंटरव्यू स्थगित कर दिया था। आगरा के प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ था MPPSC का पेपर एसटीएफ ने दोनों परीक्षाओं के लिए दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की। देश के अलग-अलग हिस्सों से पेपर लीक गिरोह के लोगों और पेपर खरीदने वालों की गिरफ्तारी हुई। एसटीएफ के तत्कालीन जांच अधिकारी राकेश जैन बताते हैं कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग सिविल सेवा परीक्षा का पेपर आगरा के प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ था। बेदीराम के गिरोह ने पीएससी में अपने सूत्रों के जरिए यह पता लगा लिया कि पेपर कहां छप रहा है। इस सूचना के बाद गिरोह के लोगों ने उस प्रिटिंग प्रेस के कर्मचारियों से सांठगांठ की। उन कर्मचारियों ने लोक सेवा आयोग के पेपर छपाई के दौरान खराब बताकर कुछ पेपर कचरे में फेंक दिया था। यहीं से पेपर गिरोह तक पहुंचे। हर पेपर के लिए 8 से 25 लाख तक की डील पेपर लीक का प्लान तय हो जाने के बाद गिरोह का एक बड़ा हिस्सा पेपर के लिए ग्राहक तलाशता और उनसे रुपए की डील करता था। बताया गया कि बिहार के बिजेन्द्र गुप्ता और अखिलेश पांडेय ने लोक सेवा आयोग परीक्षा का पेपर कैंडिडेट्स तक पहुंचाने में भूमिका निभाई। एसटीएफ ने दोनों को 2014 में गिरफ्तार किया था। मथुरा का हेमंत चौहान, पटना का अनिल कुमार भी दलाल बनकर ग्राहक जुटाने में शामिल पाए गए। मंदसौर का दलाल इलियास मोहम्मद तो आयुर्वेद परीक्षा में भी इस गिरोह के साथ शामिल था। पूरा गिरोह कभी पकड़ा ही नहीं गया एसटीएफ भोपाल के अधिकारियों ने पेपर लीक गिरोह की जांच में अनुभव किया कि उनका सामना कितने हॉर्डकोर अपराधियों से पड़ा है। जांच टीम का हिस्सा रहे एक जूनियर अधिकारी ने बताया कि बेदीराम, बृजेंद्र गुप्ता, दीपक कुमार गौतम, अखिलेश कुमार पाण्डेय इस गिरोह के प्रमुख लोग थे। रिमांड पर इनसे सख्ती से पूछताछ हुई थी, लेकिन इन लोगों ने कभी पूरा नेटवर्क नहीं खोला। वे आरोप एक-दूसरे पर डालकर खुद की भूमिका सीमित बताते थे। इससे जांच इन तक और उनसे मिले दस्तावेजों के आसपास ही केंद्रित रह गई। हमें भी संदेह था कि इनका पूरा गिरोह कभी पकड़ा ही नहीं गया। छह महीने की जांच कर एसटीएफ ने चार्जशीट पेश की भोपाल एसटीएफ ने दोनों परीक्षाओं के पेपर लीक में लगभग समानांतर जांच की। आयुर्वेद अधिकारी मामले में 22 जुलाई 2014 को और सिविल सेवा परीक्षा मामले में 10 सितम्बर 2014 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। इस चार्जशीट में पुलिस ने अधिकतर आरोपियों के बयानों के आधार पर अपराध का ब्योरा पेश किया था। आयुर्वेद अधिकारी भर्ती परीक्षा का पेपर 300 से अधिक लोगों तक पहुंचा था। इसमें 55 लोगों को आरोपी बनाया गया, जिसमें से अधिकतर डॉक्टर थे। सिविल सेवा परीक्षा में हिंदी और सामान्य अध्ययन का वह पर्चा भी लगाया गया था जिसकी कॉपी इंदौर के एक होटल में आरोपियों से मिली थी। यह वही पर्चा था जो हूबहू परीक्षा में आया था। इस परीक्षा में लोक प्रशासन और समाज शास्त्र का पर्चा भी लीक कराने की बात आई थी, लेकिन उसका कोई सबूत एसटीएफ को नहीं मिला। सिविल सेवा परीक्षा मामले में 23 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इस केस में अब तक 40 से अधिक लोगों की गवाही हो चुकी है। अब बेदीराम के बारे में जानिए… रेलवे में नौकरी की, वहीं का पेपर लीक कराया बेदीराम के बारे में पुलिस रिकॉर्ड में जो जानकारी है उसके मुताबिक बेदीराम रेलवे में टिकट निरीक्षक हुआ करता था। नौकरी करते हुए बेदीराम ने अधिकारियों से साठगांठ कर भर्ती परीक्षाओं में धांधली का रैकेट खड़ा किया। 2006 में रेलवे की ग्रुप डी भर्ती परीक्षा पेपर लीक में बेदीराम का नाम आया। लखनऊ के कृष्णानगर थाने में बेदीराम के खिलाफ पहली एफआईआर दर्ज हुई। इसके बाद रेलवे ने बेदीराम को नौकरी से हटा दिया। इसके बाद बेदीराम पूरी तरह नकल माफिया बन गया। उसने 2008 में फिर रेलवे परीक्षा का पर्चा लीक कराया। पुलिस ने कार्रवाई की, लेकिन गिरोह अपना काम करता रहा। 2009 में जयपुर एसओजी ने बेदीराम के खिलाफ रेलवे पर्चा लीक का मामला दर्ज किया। इस बीच इस गिरोह ने उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा में सेंध लगा दी। जौनपुर के मडियाहूं थाने में बेदीराम और उसके गिरोह के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। एजेंसियों की निगरानी में था, बचने के लिए राजनीति में उतरा विधायक बेदीराम उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में कुसिया गांव का निवासी है। जौनपुर के एक पुलिस अधिकारी बताते हैं कि 2010 के बाद से ही बेदीराम पुलिस और परीक्षा कराने वाली एजेंसियों के लिए मुख्य संदिग्ध बन चुका था। जौनपुर के जलालपुर थाने में उसकी हिस्ट्री शीट बनाई गई, जिसमें उसको नकल माफिया लिखा गया था। उत्तर प्रदेश में कोई भी भर्ती अथवा पात्रता परीक्षा होती थी तो स्थानीय खुफिया एजेंसियां बेदीराम की निगरानी बढ़ा देती थीं। उसके आने-जाने पर निगाह रखी जाती। पुलिस जब-तब उसके ठिकाने पर पहुंचकर जांच करती। इससे बचने के लिए वह स्थानीय राजनीति में सक्रिय हुआ। इसकी शुरुआत उसने पंचायत चुनाव से की। उसने पत्नी को जौनपुर के जलालपुर क्षेत्र पंचायत (मध्य प्रदेश में जनपद पंचायत) के सदस्य का चुनाव जितवाया। उसी चुनाव में उसने भाजपा को मात देकर ब्लॉक प्रमुख बनवा दिया। 2022 में ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा से जखनियां की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट से चुनाव लड़ा और जीता। पिछली सरकारों में गठबंधन की वजह से सुभासपा का कद बढ़ा हुआ था, जिसका फायदा बेदीराम को भी मिला और उसकी निगरानी लगभग हटा ली गई। NEET-UG एग्जाम का पेपर लीक मामले का पॉलिटिकल कनेक्शन सामने आया है। 26 जून को यूपी की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से विधायक बेदीराम का एक वीडियो वायरल हुआ। जिसमें वह एक युवक से पेपर और लेन-देन की बात करते दिख रहे थे। बेदीराम यूपी की जखनियां सीट से विधायक है। पेपर लीक माफिया बिजेंद्र गुप्ता ने भी बेदी राम का नाम लिया है। बिजेंद्र पहले बेदी राम के साथ जेल भी जा चुका है। हालांकि अब तक बेदीराम को NEET पेपर लीक में आरोपी नहीं बनाया गया है। बेदीराम का नाम 12 साल पहले मप्र लोकसेवा आयोग के पेपर लीक से भी जुड़ा था। उस वक्त मामले की जांच करने वाली एसटीएफ ने बेदीराम, बृजेंद्र समेत 55 लोगों को आरोपी बनाया था और उनकी गिरफ्तारी भी की थी। खास बात ये है कि जिस तरह से नीट एग्जाम का पेपर प्रिंटिंग प्रेस से लीक होने की बात सामने आ रही है। ऐसे ही एमपीपीएससी का पेपर भी लीक करवाया गया था और छात्रों को रिसॉर्ट और होटल में बुलाकर उन्हें रटवाया गया था। यानी नीट का पेपर लीक होने का जैसा पैटर्न सामने आ रहा है वैसा एमपी में 12 साल पहले हो चुका है। पिछले 12 सालों से ये मामला कोर्ट में चल रहा है और इसी महीने की 16 तारीख को इसकी सुनवाई है। दैनिक भास्कर ने 12 साल पुराने इस मामले की पड़ताल की, एसटीएफ के अधिकारियों से बात कर समझा कि आखिर कैसे किया गया था पेपर लीक। अब जानिए कैसे पता चला था कि एमपी में पेपर लीक हुआ एसटीएफ के एसपी राजेश सिंह भदौरिया के अनुसार मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी का यह बड़ा मामला था। 2014 में बेदीराम के गिरोह का नाम रेलवे भर्ती परीक्षा पेपर लीक में आया था। लखनऊ के आशियाना थाने में बेदीराम के खिलाफ मामला दर्ज हुआ तो बेदीराम फरार हो गया। बाद में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उसे पकड़ा। यूपी और दिल्ली पुलिस की पूछताछ के दौरान सामने आया कि इन लोगों ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की आयुर्वेद अधिकारी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक किया था। दिल्ली पुलिस ने यह जानकारी मध्य प्रदेश पुलिस को दी। प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी। एसटीएफ ने जब बेदीराम और उसके साथियों से पूछताछ की तो पता चला कि यह गिरोह मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की राज्य सिविल सेवा परीक्षा-2012 का प्री और मेन्स का पेपर भी लीक करा चुका है। तब तक एमपीपीएसी प्री और मेन्स की परीक्षा हो चुकी थी। इंटरव्यू होना बाकी था। पेपर लीक की जानकारी मिलने के बाद एमपीपीएससी ने इंटरव्यू स्थगित कर दिया था। आगरा के प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ था MPPSC का पेपर एसटीएफ ने दोनों परीक्षाओं के लिए दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की। देश के अलग-अलग हिस्सों से पेपर लीक गिरोह के लोगों और पेपर खरीदने वालों की गिरफ्तारी हुई। एसटीएफ के तत्कालीन जांच अधिकारी राकेश जैन बताते हैं कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग सिविल सेवा परीक्षा का पेपर आगरा के प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ था। बेदीराम के गिरोह ने पीएससी में अपने सूत्रों के जरिए यह पता लगा लिया कि पेपर कहां छप रहा है। इस सूचना के बाद गिरोह के लोगों ने उस प्रिटिंग प्रेस के कर्मचारियों से सांठगांठ की। उन कर्मचारियों ने लोक सेवा आयोग के पेपर छपाई के दौरान खराब बताकर कुछ पेपर कचरे में फेंक दिया था। यहीं से पेपर गिरोह तक पहुंचे। हर पेपर के लिए 8 से 25 लाख तक की डील पेपर लीक का प्लान तय हो जाने के बाद गिरोह का एक बड़ा हिस्सा पेपर के लिए ग्राहक तलाशता और उनसे रुपए की डील करता था। बताया गया कि बिहार के बिजेन्द्र गुप्ता और अखिलेश पांडेय ने लोक सेवा आयोग परीक्षा का पेपर कैंडिडेट्स तक पहुंचाने में भूमिका निभाई। एसटीएफ ने दोनों को 2014 में गिरफ्तार किया था। मथुरा का हेमंत चौहान, पटना का अनिल कुमार भी दलाल बनकर ग्राहक जुटाने में शामिल पाए गए। मंदसौर का दलाल इलियास मोहम्मद तो आयुर्वेद परीक्षा में भी इस गिरोह के साथ शामिल था। पूरा गिरोह कभी पकड़ा ही नहीं गया एसटीएफ भोपाल के अधिकारियों ने पेपर लीक गिरोह की जांच में अनुभव किया कि उनका सामना कितने हॉर्डकोर अपराधियों से पड़ा है। जांच टीम का हिस्सा रहे एक जूनियर अधिकारी ने बताया कि बेदीराम, बृजेंद्र गुप्ता, दीपक कुमार गौतम, अखिलेश कुमार पाण्डेय इस गिरोह के प्रमुख लोग थे। रिमांड पर इनसे सख्ती से पूछताछ हुई थी, लेकिन इन लोगों ने कभी पूरा नेटवर्क नहीं खोला। वे आरोप एक-दूसरे पर डालकर खुद की भूमिका सीमित बताते थे। इससे जांच इन तक और उनसे मिले दस्तावेजों के आसपास ही केंद्रित रह गई। हमें भी संदेह था कि इनका पूरा गिरोह कभी पकड़ा ही नहीं गया। छह महीने की जांच कर एसटीएफ ने चार्जशीट पेश की भोपाल एसटीएफ ने दोनों परीक्षाओं के पेपर लीक में लगभग समानांतर जांच की। आयुर्वेद अधिकारी मामले में 22 जुलाई 2014 को और सिविल सेवा परीक्षा मामले में 10 सितम्बर 2014 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। इस चार्जशीट में पुलिस ने अधिकतर आरोपियों के बयानों के आधार पर अपराध का ब्योरा पेश किया था। आयुर्वेद अधिकारी भर्ती परीक्षा का पेपर 300 से अधिक लोगों तक पहुंचा था। इसमें 55 लोगों को आरोपी बनाया गया, जिसमें से अधिकतर डॉक्टर थे। सिविल सेवा परीक्षा में हिंदी और सामान्य अध्ययन का वह पर्चा भी लगाया गया था जिसकी कॉपी इंदौर के एक होटल में आरोपियों से मिली थी। यह वही पर्चा था जो हूबहू परीक्षा में आया था। इस परीक्षा में लोक प्रशासन और समाज शास्त्र का पर्चा भी लीक कराने की बात आई थी, लेकिन उसका कोई सबूत एसटीएफ को नहीं मिला। सिविल सेवा परीक्षा मामले में 23 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इस केस में अब तक 40 से अधिक लोगों की गवाही हो चुकी है। अब बेदीराम के बारे में जानिए… रेलवे में नौकरी की, वहीं का पेपर लीक कराया बेदीराम के बारे में पुलिस रिकॉर्ड में जो जानकारी है उसके मुताबिक बेदीराम रेलवे में टिकट निरीक्षक हुआ करता था। नौकरी करते हुए बेदीराम ने अधिकारियों से साठगांठ कर भर्ती परीक्षाओं में धांधली का रैकेट खड़ा किया। 2006 में रेलवे की ग्रुप डी भर्ती परीक्षा पेपर लीक में बेदीराम का नाम आया। लखनऊ के कृष्णानगर थाने में बेदीराम के खिलाफ पहली एफआईआर दर्ज हुई। इसके बाद रेलवे ने बेदीराम को नौकरी से हटा दिया। इसके बाद बेदीराम पूरी तरह नकल माफिया बन गया। उसने 2008 में फिर रेलवे परीक्षा का पर्चा लीक कराया। पुलिस ने कार्रवाई की, लेकिन गिरोह अपना काम करता रहा। 2009 में जयपुर एसओजी ने बेदीराम के खिलाफ रेलवे पर्चा लीक का मामला दर्ज किया। इस बीच इस गिरोह ने उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा में सेंध लगा दी। जौनपुर के मडियाहूं थाने में बेदीराम और उसके गिरोह के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। एजेंसियों की निगरानी में था, बचने के लिए राजनीति में उतरा विधायक बेदीराम उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में कुसिया गांव का निवासी है। जौनपुर के एक पुलिस अधिकारी बताते हैं कि 2010 के बाद से ही बेदीराम पुलिस और परीक्षा कराने वाली एजेंसियों के लिए मुख्य संदिग्ध बन चुका था। जौनपुर के जलालपुर थाने में उसकी हिस्ट्री शीट बनाई गई, जिसमें उसको नकल माफिया लिखा गया था। उत्तर प्रदेश में कोई भी भर्ती अथवा पात्रता परीक्षा होती थी तो स्थानीय खुफिया एजेंसियां बेदीराम की निगरानी बढ़ा देती थीं। उसके आने-जाने पर निगाह रखी जाती। पुलिस जब-तब उसके ठिकाने पर पहुंचकर जांच करती। इससे बचने के लिए वह स्थानीय राजनीति में सक्रिय हुआ। इसकी शुरुआत उसने पंचायत चुनाव से की। उसने पत्नी को जौनपुर के जलालपुर क्षेत्र पंचायत (मध्य प्रदेश में जनपद पंचायत) के सदस्य का चुनाव जितवाया। उसी चुनाव में उसने भाजपा को मात देकर ब्लॉक प्रमुख बनवा दिया। 2022 में ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा से जखनियां की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट से चुनाव लड़ा और जीता। पिछली सरकारों में गठबंधन की वजह से सुभासपा का कद बढ़ा हुआ था, जिसका फायदा बेदीराम को भी मिला और उसकी निगरानी लगभग हटा ली गई। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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राजस्थान में उपचुनाव के लिए बीजेपी ने कसी कमर, सदस्यता अभियान के जरिये वोटर्स को साधने की कोशिश
राजस्थान में उपचुनाव के लिए बीजेपी ने कसी कमर, सदस्यता अभियान के जरिये वोटर्स को साधने की कोशिश <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan Bypoll Election 2024:</strong> राजस्थान में आगामी दिनों 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. उपचुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी सदस्यता अभियान को लेकर 20 अगस्त को प्रदेश स्तरीय कार्यशाला का आयोजन करने जा रही है. इस कार्यशाला का उद्देश्य बीजेपी कार्यकर्ताओं में आगामी उपचुनाव को लेकर जोश भरना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं सदस्यता अभियान के प्रदेश संयोजक डॉ अरूण चतुर्वेदी, बीजेपी महामंत्री और सांसद दामोदर अग्रवाल, बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष नाहर सिंह जोधा और सोहनलाल ताम्बी ने कार्यशाला स्थल का निरीक्षण कर लिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कहां होगा कार्यक्रम?</strong><br />बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि बीजेपी की सदस्यता अभियान को लेकर प्रदेश स्तरीय कार्यशाला वैशाली नगर स्थित खण्डेलवाल गर्ल्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी संस्थान के सभागार में आयोजित की जाएगी. बीजेपी ने सदस्यता अभियान के लिए पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ अरूण चतुर्वेदी को प्रदेश संयोजक बनाया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मदन राठौड़ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता अभियान को लेकर उत्साहित है. सदस्यता अभियान में इस साल 1 करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें बीजेपी के प्रत्येक बूथ स्तर से लेकर मंडल स्तर और शक्ति केंद्रों के कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ऐसे बनाए जाएंगे सदस्य</strong><br />बीजेपी के 51 हजार बूथों पर 200-200 सदस्य बनाए जाएंगे. बीजेपी के इस सदस्यता अभियान में पूरे जोश और उत्साह के साथ नए सदस्यों को जोड़ा जाएगा और बीजेपी कार्यकर्ता घर-घर जाकर संपर्क करेंगे और सदस्य बनाए जाएंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि देश में तीसरी बार प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> की सरकार बनी है. उन्होंने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की डबल इंजन सरकार लगातार जनकल्याणकारी कार्यों को पूरा कर रही है, ऐसे में विश्व की सबसे बड़ी पार्टी से जुड़ने के लिए हर नागरिक तैयार है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बीजेपी के नेता और पदाधिकारी लेंगे हिस्सा</strong><br />अभियान को लेकर आयोजित की जा रही कार्यशाला में बीजेपी के राष्ट्रीय पदाधिकारी, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, प्रदेश पदाधिकारी, सांसद, विधायक, बीजेपी के मोर्चो के प्रदेशाध्यक्ष, महामंत्री, प्रकोष्ठों के संयोजक एवं सह-संयोजक, जिला प्रभारी एवं सह-प्रभारी, जिलाध्यक्ष एवं जिला महामंत्री, जिलों की सदस्यता टीम, महापौर-उपमहापौर, जिलों से प्रधान-उप प्रधान के साथ बोर्ड औरआयोगों के अध्यक्ष उपस्थित रहेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”राजस्थान में डॉक्टरों की हड़ताल के बीच चिकित्सा मंत्री ने किया अस्पतालों का दौरा, अब दिए ये आदेश” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/rajasthan-health-minister-gajendra-singh-khimsar-visited-hospitals-amid-doctors-strike-ann-2763938″ target=”_blank” rel=”noopener”>राजस्थान में डॉक्टरों की हड़ताल के बीच चिकित्सा मंत्री ने किया अस्पतालों का दौरा, अब दिए ये आदेश</a></strong></p>
MP Monsoon: पूर्वी एमपी में नहीं बरसी इंद्र देव की कृपा, पश्चिमी मध्य प्रदेश में झमाझम बारिश
MP Monsoon: पूर्वी एमपी में नहीं बरसी इंद्र देव की कृपा, पश्चिमी मध्य प्रदेश में झमाझम बारिश <p style=”text-align: justify;”><strong>MP Rain News:</strong> मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में औसत से अधिक बारिश हो चुकी है, जबकि कई जिलों में अभी भी बारिश का इंतजार हो रहा है. अगर 1 जून से लेकर अभी तक की बात की जाए तो पूर्वी मध्य प्रदेश में 19 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है, जबकि पश्चिमी मध्य प्रदेश में सामान्य से 5 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस तरह अगर पूरे मध्य प्रदेश की बात की जाए तो दीर्घावधि में 7 प्रतिशत तक कम बारिश दर्ज की गई है. मौसम विभाग की ओर से पूरे मध्य प्रदेश में हो रही बारिश पर लगातार नजर रखी जा रही हैं. अभी तक मध्य प्रदेश में 289 मिमी बारिश हुई है, जबकि सामान्य स्थिति में अभी तक 311 मिमी बारिश हो जानी चाहिए थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पूर्वी मध्य प्रदेश के इन जिलों में हुई कम बारिश </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मौसम विशेषज्ञ डॉक्टर वेद प्रकाश सिंह के मुताबिक पूर्वी मध्य प्रदेश में 19% कम बारिश होने की वजह से आंकड़ा औसत बारिश तक नहीं पहुंच पाया है. यहां सबसे कम बारिश रीवा में हुई है. यहां पर सामान्य से 59% कम बारिश हुई है. इसके बाद सीधी में भी 42% कम बारिश दर्ज की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उमरिया में भी सामान्य से 55% कम बारिश दर्ज की गई है. इसके अलावा पूर्वी मध्य प्रदेश की बात की जाए तो सबसे ज्यादा बारिश सिवनी में हुई है. यहां पर सामान्य से 19% अधिक बारिश दर्ज की गई है. जबकि निवाड़ी में 18% अधिक बारिश हुई है. मंडला में 5% अधिक, छिंदवाड़ा में 1% अधिक बाकी पूर्वी मध्य प्रदेश के सब जिलों में कम बारिश हुई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पश्चिमी मध्य प्रदेश में झमाझम बारिश</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यदि पश्चिमी मध्य प्रदेश की बात की जाए तो 1 जून से अभी तक सबसे ज्यादा बारिश श्योपुर में हुई है. यहां पर सामान्य से 60% अधिक बारिश दर्ज की गई है. इसके अलावा ग्वालियर में 55 % अधिक बारिश हुई है. इसी तरह बड़वानी में 18%, भिंड में 45% ,भोपाल में 23%, शिवपुरी में 26 प्रतिशत और शाजापुर में 15% अधिक बारिश दर्ज की गई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसी तरह राजगढ़ में 48%, रतलाम में 9%, बुरहानपुर में 10% अधिक बरसात दर्ज की गई है. पश्चिमी मध्य प्रदेश के नर्मदा पुरम में सबसे कम बारिश हुई है. यहां पर सामान्य से 36% कम बारिश दर्ज की गई. इसके अलावा हरदा में 34% कम बरसात दर्ज की गई है. इसके अतिरिक्त आगर मालवा में पांच प्रतिशत अधिक और अशोकनगर में औसत बारिश हुई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़े: <a title=”सुंदरकांड पाठ की अनुमति देने वाले थाना प्रभारी को नोटिस जारी, कांग्रेस के विरोध पर लिया गया एक्शन” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/sundar-kand-path-show-cause-notice-issued-to-station-in-charge-after-congress-digvijaya-singh-jitu-patwari-protest-2740993″ target=”_self”>सुंदरकांड पाठ की अनुमति देने वाले थाना प्रभारी को नोटिस जारी, कांग्रेस के विरोध पर लिया गया एक्शन</a></strong></p>
महेंद्रगढ़ में लड़की संदिग्ध हालात में लापता:कॉलेज में पेपर देने गई थी; पिता गेट पर करता रहा इंतजार, एक लड़का भी गायब
महेंद्रगढ़ में लड़की संदिग्ध हालात में लापता:कॉलेज में पेपर देने गई थी; पिता गेट पर करता रहा इंतजार, एक लड़का भी गायब हरियाणा के महेंद्रगढ़ क्षेत्र के एक गांव से एक लड़की संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई। वह घर से अपने पिता के साथ पेपर देने के लिए महेंद्रगढ़ के एक निजी कॉलेज में आई थी। पिता कॉलेज के बाहर इंतजार करता रहा। पुलिस ने लड़की के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। महेंद्रगढ़ शहर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी एक व्यक्ति ने पुलिस में दी शिकायत में बताया कि 28 मई को उसकी लड़की का पेपर महेंद्रगढ़ के एक निजी कॉलेज में था। वह उसे लगभग 1:30 बजे कॉलेज के गेट के पास छोड़कर आया था। पेपर का समय पूरा होने के बाद जब वह शाम 5 बजे कॉलेज के गेट के पास लेने पहुंचा तो उसकी लड़की उसे वहां नहीं मिली। पेपर में रही गैर हाजिर उसने बताया कि कुछ समय इंतजार करने के बाद जब वह कॉलेज के अंदर जाकर अपनी बेटी के बारे में पता किया। उसे बताया गया कि लड़की पेपर में अनुपस्थित थी। उसके बाद हमने अपनी सभी रिश्तेदारियों में पता किया, लेकिन उसका कहीं भी सुराग नहीं लगा। फिर हमें रमन नाम के लड़के पर शक हुआ। वह लड़की के संपर्क में था। लड़का भी घर से मिला लापता उसने बताया कि इसके बाद वे लड़के के घर पहुंचे। उनको पता चला कि लड़का भी घर पर नहीं था। उसके घर वालों ने बताया कि लड़का लगभग 1:30 बजे से घर से बाहर है। लड़का व लड़की दोनों का मोबाइल फोन बंद आ रहे हैं। लड़की के पिता ने शहर थाना पुलिस में लड़की के गुम होने की शिकायत दर्ज कराई।