‘अगर आवश्यकता पड़ी तो मैं प्रलय भी ला सकता हूं। दृष्टि से ही सृष्टि का विनाश कर सकता हूं। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई का भेद खत्म करने के लिए मेरा जन्म हुआ है। अब मैं बख्शने वाला नहीं हूं। मैं संकल्प करता हूं, संकल्प करता हूं…अन्याय और अधर्म का नाश करूंगा।’ ये दावा भोले बाबा उर्फ सूरज पाल का है, जो उसने 2020 में एक समागम में किया था। तब उसने एक नहीं, कई बड़े दावे किए। वह अपने चरण की धूल से शारीरिक कष्ट दूर करने की बात कहता है। वह भक्तों से सीधे कोई चढ़ावा नहीं लेता। इस वजह से वह लोगों का विश्वास जीत लेता है। इसीलिए उसके फॉलोअर्स भी लाखों में हैं। अनुयायी उसे परमात्मा मानते हैं। वह खुद परमात्मा होने का दावा भी करता है। दैनिक भास्कर ने बाबा के समागम कार्यक्रम के प्रवचनों के वीडियो खंगाले, उसके दावों को जाना, फिलॉसफी क्या है? उसके इलाज करने के तरीके को समझा। पढ़िए इस रिपोर्ट में… सबसे पहले जानिए उसके 2 अनुयायी क्या कहते हैं- अब समझिए बाबा कैसे कष्ट दूर करने का दावा करता 1. चरण की धूल- बाबा अपने सत्संगों में दावा करता कि मेरे चरणों की धूल ले लो। जो बीमार हैं, जहां पर दिक्कत है, वहां लगा लो। सब कष्ट दूर हो जाएगा। हाथरस के फुलरई गांव में 2 जुलाई को मची भगदड़ के पीछे मुख्य वजह भी यही सामने आई। पुलिस और सरकार का दावा भी यही है कि बाबा के चरणों की धूल लेने के लिए भीड़ टूट पड़ी। सेवादारों और बाबा के सुरक्षाकर्मियों ने अनुयायियों को धक्का दिया और भगदड़ मच गई। सत्संग में शामिल महिलाओं ने भी यही बात कही है। 2. पानी से इलाज- भोले बाबा उर्फ सूरजपाल शुरू से ही पानी से इलाज करने का दावा करता रहा है। कासगंज में उसके गांव बहादुर नगर में पहले एक हैंडपंप था। उसी का पानी लोगों को पिलाता और कहता कि जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाएंगे। धीरे-धीरे यहां एक कतार में पांच नल लग गए। हर मंगलवार को यहां उसके अनुयायी नल का पानी पीने और अपने साथ ले जाने के लिए आते हैं। हाथरस हादसे के बाद भी यह जारी है। सत्संग के दौरान भी बाबा पानी पिलाकर हर कष्ट दूर करने का दावा करता था। 3. नहाए दूध से बनती खीर- एक बात और सामने आई है कि विशेष आयोजनों पर बाबा दूध से नहाता। इस दूध से खीर बनती और अनुयायियों को प्रसाद के रूप में बांटा जाता। हालांकि इसकी पुष्टि के लिए वीडियो या फोटो सामने नहीं आए हैं। बाबा किस तरह के प्रवचन देता, उसकी फिलॉसफी समझिए परमात्मा से डरने की सलाह तीन साल पहले भोले बाबा का अलीगढ़ में समागम था। सत्संग करते हुए बाबा कहता है- मानव धर्म सत्य था… है… और रहेगा। टूटी हुई मानवता को जोड़ना, बिखरी मानवता को समेटना, ये जीवन का लक्ष्य है। समझें ना समझें, ये आपका अपना निर्णय है। नारायण हरि कहता कि परमात्मा के दरबार में बोलने की जरूरत नहीं है। हिंदुस्तान की सरजमीं पर ज्ञानियों की कमी नहीं है। ध्यानियों की कमी नहीं। भोले बाबाओं की कमी नहीं। जलेबी की चासनी से मीठा बोलते हैं। लेकिन, यहां बोलने का कोई काम नहीं। हमको तो बोलने की कोई जरूरत नहीं। क्यों? क्योंकि, नारायण हरि परमात्मा केवल दृष्टि से ही दृष्टिपात कर देते हैं। इसलिए बोलने की जरूरत नहीं है। सभी धर्मों को आदर-सम्मान बाबा के सभी प्रवचनों में एक बात जो बार-बार दोहराई जा रही है, वो है मानवता का धर्म। अपने सभी प्रवचनों में वो कहता है- राम, कृष्ण, शंकर, दुर्गा, देवी…जिसे मानना है मानो। जिसे पूजना है पूजो। मंदिर जाना है तो मंदिर जाओ। मस्जिद जाना है तो मस्जिद जाओ। गिरजाघर जाना है तो गिरजाघर जाओ। चाहे माता-पिता की पूजा करो। चाहे भाई-बहन की पूजा करो। चाहे पति-पत्नी की पूजा करो। चाहे प्रकृति की पूजा करो। इतनी विविध प्रकार की प्रजातियां हैं। भूलोक में किसी की पूजा करो, हमारे यहां कोई प्रतिबंध नहीं है। हम कभी किसी पर उंगली नहीं उठाते हैं। ना कभी किसी का खंडन करते हैं। क्यों? क्योंकि हमें पता है कि जस कर्मी, जस धर्मी। खुद के अंदर झांकने की सलाह बाबा अपने प्रवचनों में कहता है- हमें हमारे पाप दिखाई नहीं देते। हमें हमारे दोष दिखाई नहीं देते। हमें अपनी बुराइयां दिखाई नहीं देतीं। अगर हम अपने दोषों को झांकने लगे, अपनी बुराइयों को झांकने लगे, अपने पापों को झांकने लगे तो और की जरूरत नहीं पड़ेगी। बोलते-बोलते माइक फेंक देता है भोले बाबा खुद को नारायण हरि मानता। इस दौरान मंच पर वो तमाशा करता कि उसके अंदर दैवीय शक्ति है। बोलते-बोलते मंच से माइक फेंक देता। वह कहता- नारायण हरि परमात्मा अजन्मा है। अविनाशी है। ना जन्म लेते हैं, ना मरते हैं। ब्रह्मंड के कुल मालिक हैं। अस्तित्व के स्वामी हैं। संसार को कर्म करने के लिए स्वतंत्र छोड़ दिया है, तो समझ सकते हैं कि कर्मों की मार से इस भूलोक में कोई बच नहीं सकता है। और सुनिए…पहले होता था, अब हमारे द्वारा घोषित किया गया है, जो सत्य का साथ देगा, वचन सेवा कर्म करेंगे, आते-जाते रहेंगे। दुनिया में लाभ कमाएंगे और भी आगे बढ़ सकते हैं। आप जब हरि परमात्मा के दर पर आते हैं, तो वो साकार में हैं। हमें तो उनके शरीर को भी सुरक्षित रखना पड़ता है। जीवन को गति देने के लिए अंध-विश्वास, पाखंड, ढकोसला, भेदभाव से बचना होगा। इससे लाभ नहीं, हानि जरूर होती है। विनाशकारी लीला की बात करता बाबा अपने सत्संग में कहता- जब समस्त संसार भौतिकतावाद के जुनून में डूबा हुआ है। भेदभाव के जुनून में डूबा हुआ है। कामवासना के जुनून में डूबा हुआ है। झूठ के जुनून में डूबा हुआ है, तो स्पष्ट संकेत मिलने लगते हैं कि अब विनाशकारी लीला प्रारंभ होने वाली है। बाबा खुद को जगत का रचयिता कहता है यूट्यूब पर बाबा का एक छह साल पुराना वीडियो मौजूद है। इसमें वो खुद को जगत का रचयिता कहता है। दूसरे बाबाओं से खुद की तुलना करते हुए कहता है- जिन बाबा की यहां बात की जाती है, वो हाड़-मांस नहीं, वो बाबा जगत के रचयिता हैं। उनका अंश सबके अंदर है। एक नहीं, अनेक भी ध्यान लगाते, सुमरत-सत्संग करते भाग जाएंगे तो प्रह्लाद बन सकते हैं। मीरा बन सकते हैं। पार्वती बन सकते हैं। सीता बन सकते हैं। राम बन सकते हैं। श्रीकृष्ण बन सकते हैं। राधे बन सकते हैं। लेकिन, संसार वाले बाबाओं के साथ भागोगे तो पुलिस मौजूद है। जगत रचयिता के साथ तुम्हारा शरीर नहीं भागेगा। जगत रचयिता के साथ तुम्हारी आत्मा भागेगी। ऑनलाइन नारायण साकार हरि चालीसा से लेकर आरती मौजूद यूट्यूब पर बाबा के नाम पर चालीसा से लेकर आरती तक मौजूद है। अलग-अलग नामों से बने चैनल पर इन गानों का एल्बम बनाकर डाला गया है। इसके अलावा नारायण साकार हरि के नाम से सैकड़ों भजन भी मौजूद हैं। वीडियो में अलग-अलग कलाकार बाबा के नाम पर भजन गाते हुए दिख रहे हैं। इन वीडियोज के लाखों में व्यूज है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आधिकारिक रूप से बाबा का कोई चैनल ना होने के बावजूद वह ऑनलाइन भी फेमस थे। पहले ऐंबैस्डर से चलता था बाबा बाबा की पुरानी वीडियो देखने पर पता चलता है कि कैसे समय के साथ उसने गाड़ियां भी अपडेट की हैं। वीडियो में बाबा ऐंबैस्डर कार में सवार होकर आश्रम से निकलते हुए दिखाई दे रहा है। सुरक्षा के लिए बाबा के आसपास पुलिस दिखाई दे रही है। साथ ही ब्लैक कमांडो भी दिखाई दे रहे हैं। फिलहाल बाबा के गाड़ियों में एसयूवी शामिल हैं। यानी समय के साथ बाबा ने अपनी सवारी भी अपडेट कर ली। अपने प्रवचन में भक्तों को भौतिकतावाद से दूर रहने की बात करने वाले बाबा खुद गाड़ियों और बड़े आश्रमों में पूरी सुख-सुविधा के साथ रहने को प्राथमिकता देता है। बाबा की भाषा और प्रवचन में पुलिसिया अंदाज की झलक बाबा अपने प्रवचनों में अपराध करने पर पुलिस से न बच पाने की भी चेतावनी देता है। वो पुलिस में रहने के दौरान अपने अनुभव का हवाला देता है और कहता है कि अगर कुछ गलत किया तो पुलिस तो पकड़ेगी ही। एक प्रवचन में वो महिलाओं पर किसी तरह के हमला होने की स्थिति पर कहता है- अगर किसी बहन बेटी को कोई शैतान छूता है तो आपके पास दांत रूपी शस्त्र है। उसे काट लो। मांस निकाल लो। ये वैज्ञानिक युग है। 21 वीं सदी है, जब परीक्षण होगा तो वही साक्ष्य काफी है। फिर आपको कोर्ट में भागने की जरूरत नहीं है। अन्यथा किस तरह से बहन-बेटियां अदालतों में मारी-मारी फिर रही हैं। जिनका मुंह नहीं देखा, उनके चरणों में पड़ रही हैं। जिस विभाग से आया हूं, वहां ये देखा हुआ है। बाबा के प्रवचनों को सुनने पर उसकी भाषा में पुलिस में रहने की झलक साफ दिखाई देती है। उदाहरण के लिए ‘मेरे द्वारा पूर्व में कहा गया’, अथवा, द्वारा, स्मरण रहे, आगमन हुआ है…इस तरह की शब्दावली का इस्तेमाल पुलिस विभाग में होता है। आम इंसान बोलचाल में इन शब्दों का इस्तेमाल नहीं करता है। ये भी पढ़ें: हाथरस हादसे का मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर अरेस्ट हाथरस हादसे का मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर अरेस्ट कर लिया गया है। उसने दिल्ली के नजफगढ़-उत्तम नगर के बीच एक अस्पताल में पुलिस के सामने सरेंडर किया। इस बात की पुष्टि खुद भोले बाबा के वकील ने की है। यूपी पुलिस ने उस पर एक लाख इनाम घोषित किया था…(पढ़ें पूरी खबर) भोले बाबा की आर्मी पुलिस से भी नहीं डरती:100 ब्लैक कमांडो इशारा मिलते ही मरने-मारने को तैयार सत्संग के बाद भोले बाबा के चरण की धूल माथे पर लगाने के लिए लोग आगे बढ़े। उस दौरान बाबा के सुरक्षाकर्मी (ब्लैक कमांडो) और सेवादारों ने भीड़ के साथ धक्का-मुक्की शुरू कर दी। लोग गिर गए। फिर भगदड़ मच गई। यह जांच रिपोर्ट SDM ने हाथरस DM को सौंपी है। CM योगी आदित्यनाथ ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाबा की आर्मी का जिक्र किया…(पढ़ें पूरी खबर) ‘अगर आवश्यकता पड़ी तो मैं प्रलय भी ला सकता हूं। दृष्टि से ही सृष्टि का विनाश कर सकता हूं। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई का भेद खत्म करने के लिए मेरा जन्म हुआ है। अब मैं बख्शने वाला नहीं हूं। मैं संकल्प करता हूं, संकल्प करता हूं…अन्याय और अधर्म का नाश करूंगा।’ ये दावा भोले बाबा उर्फ सूरज पाल का है, जो उसने 2020 में एक समागम में किया था। तब उसने एक नहीं, कई बड़े दावे किए। वह अपने चरण की धूल से शारीरिक कष्ट दूर करने की बात कहता है। वह भक्तों से सीधे कोई चढ़ावा नहीं लेता। इस वजह से वह लोगों का विश्वास जीत लेता है। इसीलिए उसके फॉलोअर्स भी लाखों में हैं। अनुयायी उसे परमात्मा मानते हैं। वह खुद परमात्मा होने का दावा भी करता है। दैनिक भास्कर ने बाबा के समागम कार्यक्रम के प्रवचनों के वीडियो खंगाले, उसके दावों को जाना, फिलॉसफी क्या है? उसके इलाज करने के तरीके को समझा। पढ़िए इस रिपोर्ट में… सबसे पहले जानिए उसके 2 अनुयायी क्या कहते हैं- अब समझिए बाबा कैसे कष्ट दूर करने का दावा करता 1. चरण की धूल- बाबा अपने सत्संगों में दावा करता कि मेरे चरणों की धूल ले लो। जो बीमार हैं, जहां पर दिक्कत है, वहां लगा लो। सब कष्ट दूर हो जाएगा। हाथरस के फुलरई गांव में 2 जुलाई को मची भगदड़ के पीछे मुख्य वजह भी यही सामने आई। पुलिस और सरकार का दावा भी यही है कि बाबा के चरणों की धूल लेने के लिए भीड़ टूट पड़ी। सेवादारों और बाबा के सुरक्षाकर्मियों ने अनुयायियों को धक्का दिया और भगदड़ मच गई। सत्संग में शामिल महिलाओं ने भी यही बात कही है। 2. पानी से इलाज- भोले बाबा उर्फ सूरजपाल शुरू से ही पानी से इलाज करने का दावा करता रहा है। कासगंज में उसके गांव बहादुर नगर में पहले एक हैंडपंप था। उसी का पानी लोगों को पिलाता और कहता कि जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाएंगे। धीरे-धीरे यहां एक कतार में पांच नल लग गए। हर मंगलवार को यहां उसके अनुयायी नल का पानी पीने और अपने साथ ले जाने के लिए आते हैं। हाथरस हादसे के बाद भी यह जारी है। सत्संग के दौरान भी बाबा पानी पिलाकर हर कष्ट दूर करने का दावा करता था। 3. नहाए दूध से बनती खीर- एक बात और सामने आई है कि विशेष आयोजनों पर बाबा दूध से नहाता। इस दूध से खीर बनती और अनुयायियों को प्रसाद के रूप में बांटा जाता। हालांकि इसकी पुष्टि के लिए वीडियो या फोटो सामने नहीं आए हैं। बाबा किस तरह के प्रवचन देता, उसकी फिलॉसफी समझिए परमात्मा से डरने की सलाह तीन साल पहले भोले बाबा का अलीगढ़ में समागम था। सत्संग करते हुए बाबा कहता है- मानव धर्म सत्य था… है… और रहेगा। टूटी हुई मानवता को जोड़ना, बिखरी मानवता को समेटना, ये जीवन का लक्ष्य है। समझें ना समझें, ये आपका अपना निर्णय है। नारायण हरि कहता कि परमात्मा के दरबार में बोलने की जरूरत नहीं है। हिंदुस्तान की सरजमीं पर ज्ञानियों की कमी नहीं है। ध्यानियों की कमी नहीं। भोले बाबाओं की कमी नहीं। जलेबी की चासनी से मीठा बोलते हैं। लेकिन, यहां बोलने का कोई काम नहीं। हमको तो बोलने की कोई जरूरत नहीं। क्यों? क्योंकि, नारायण हरि परमात्मा केवल दृष्टि से ही दृष्टिपात कर देते हैं। इसलिए बोलने की जरूरत नहीं है। सभी धर्मों को आदर-सम्मान बाबा के सभी प्रवचनों में एक बात जो बार-बार दोहराई जा रही है, वो है मानवता का धर्म। अपने सभी प्रवचनों में वो कहता है- राम, कृष्ण, शंकर, दुर्गा, देवी…जिसे मानना है मानो। जिसे पूजना है पूजो। मंदिर जाना है तो मंदिर जाओ। मस्जिद जाना है तो मस्जिद जाओ। गिरजाघर जाना है तो गिरजाघर जाओ। चाहे माता-पिता की पूजा करो। चाहे भाई-बहन की पूजा करो। चाहे पति-पत्नी की पूजा करो। चाहे प्रकृति की पूजा करो। इतनी विविध प्रकार की प्रजातियां हैं। भूलोक में किसी की पूजा करो, हमारे यहां कोई प्रतिबंध नहीं है। हम कभी किसी पर उंगली नहीं उठाते हैं। ना कभी किसी का खंडन करते हैं। क्यों? क्योंकि हमें पता है कि जस कर्मी, जस धर्मी। खुद के अंदर झांकने की सलाह बाबा अपने प्रवचनों में कहता है- हमें हमारे पाप दिखाई नहीं देते। हमें हमारे दोष दिखाई नहीं देते। हमें अपनी बुराइयां दिखाई नहीं देतीं। अगर हम अपने दोषों को झांकने लगे, अपनी बुराइयों को झांकने लगे, अपने पापों को झांकने लगे तो और की जरूरत नहीं पड़ेगी। बोलते-बोलते माइक फेंक देता है भोले बाबा खुद को नारायण हरि मानता। इस दौरान मंच पर वो तमाशा करता कि उसके अंदर दैवीय शक्ति है। बोलते-बोलते मंच से माइक फेंक देता। वह कहता- नारायण हरि परमात्मा अजन्मा है। अविनाशी है। ना जन्म लेते हैं, ना मरते हैं। ब्रह्मंड के कुल मालिक हैं। अस्तित्व के स्वामी हैं। संसार को कर्म करने के लिए स्वतंत्र छोड़ दिया है, तो समझ सकते हैं कि कर्मों की मार से इस भूलोक में कोई बच नहीं सकता है। और सुनिए…पहले होता था, अब हमारे द्वारा घोषित किया गया है, जो सत्य का साथ देगा, वचन सेवा कर्म करेंगे, आते-जाते रहेंगे। दुनिया में लाभ कमाएंगे और भी आगे बढ़ सकते हैं। आप जब हरि परमात्मा के दर पर आते हैं, तो वो साकार में हैं। हमें तो उनके शरीर को भी सुरक्षित रखना पड़ता है। जीवन को गति देने के लिए अंध-विश्वास, पाखंड, ढकोसला, भेदभाव से बचना होगा। इससे लाभ नहीं, हानि जरूर होती है। विनाशकारी लीला की बात करता बाबा अपने सत्संग में कहता- जब समस्त संसार भौतिकतावाद के जुनून में डूबा हुआ है। भेदभाव के जुनून में डूबा हुआ है। कामवासना के जुनून में डूबा हुआ है। झूठ के जुनून में डूबा हुआ है, तो स्पष्ट संकेत मिलने लगते हैं कि अब विनाशकारी लीला प्रारंभ होने वाली है। बाबा खुद को जगत का रचयिता कहता है यूट्यूब पर बाबा का एक छह साल पुराना वीडियो मौजूद है। इसमें वो खुद को जगत का रचयिता कहता है। दूसरे बाबाओं से खुद की तुलना करते हुए कहता है- जिन बाबा की यहां बात की जाती है, वो हाड़-मांस नहीं, वो बाबा जगत के रचयिता हैं। उनका अंश सबके अंदर है। एक नहीं, अनेक भी ध्यान लगाते, सुमरत-सत्संग करते भाग जाएंगे तो प्रह्लाद बन सकते हैं। मीरा बन सकते हैं। पार्वती बन सकते हैं। सीता बन सकते हैं। राम बन सकते हैं। श्रीकृष्ण बन सकते हैं। राधे बन सकते हैं। लेकिन, संसार वाले बाबाओं के साथ भागोगे तो पुलिस मौजूद है। जगत रचयिता के साथ तुम्हारा शरीर नहीं भागेगा। जगत रचयिता के साथ तुम्हारी आत्मा भागेगी। ऑनलाइन नारायण साकार हरि चालीसा से लेकर आरती मौजूद यूट्यूब पर बाबा के नाम पर चालीसा से लेकर आरती तक मौजूद है। अलग-अलग नामों से बने चैनल पर इन गानों का एल्बम बनाकर डाला गया है। इसके अलावा नारायण साकार हरि के नाम से सैकड़ों भजन भी मौजूद हैं। वीडियो में अलग-अलग कलाकार बाबा के नाम पर भजन गाते हुए दिख रहे हैं। इन वीडियोज के लाखों में व्यूज है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आधिकारिक रूप से बाबा का कोई चैनल ना होने के बावजूद वह ऑनलाइन भी फेमस थे। पहले ऐंबैस्डर से चलता था बाबा बाबा की पुरानी वीडियो देखने पर पता चलता है कि कैसे समय के साथ उसने गाड़ियां भी अपडेट की हैं। वीडियो में बाबा ऐंबैस्डर कार में सवार होकर आश्रम से निकलते हुए दिखाई दे रहा है। सुरक्षा के लिए बाबा के आसपास पुलिस दिखाई दे रही है। साथ ही ब्लैक कमांडो भी दिखाई दे रहे हैं। फिलहाल बाबा के गाड़ियों में एसयूवी शामिल हैं। यानी समय के साथ बाबा ने अपनी सवारी भी अपडेट कर ली। अपने प्रवचन में भक्तों को भौतिकतावाद से दूर रहने की बात करने वाले बाबा खुद गाड़ियों और बड़े आश्रमों में पूरी सुख-सुविधा के साथ रहने को प्राथमिकता देता है। बाबा की भाषा और प्रवचन में पुलिसिया अंदाज की झलक बाबा अपने प्रवचनों में अपराध करने पर पुलिस से न बच पाने की भी चेतावनी देता है। वो पुलिस में रहने के दौरान अपने अनुभव का हवाला देता है और कहता है कि अगर कुछ गलत किया तो पुलिस तो पकड़ेगी ही। एक प्रवचन में वो महिलाओं पर किसी तरह के हमला होने की स्थिति पर कहता है- अगर किसी बहन बेटी को कोई शैतान छूता है तो आपके पास दांत रूपी शस्त्र है। उसे काट लो। मांस निकाल लो। ये वैज्ञानिक युग है। 21 वीं सदी है, जब परीक्षण होगा तो वही साक्ष्य काफी है। फिर आपको कोर्ट में भागने की जरूरत नहीं है। अन्यथा किस तरह से बहन-बेटियां अदालतों में मारी-मारी फिर रही हैं। जिनका मुंह नहीं देखा, उनके चरणों में पड़ रही हैं। जिस विभाग से आया हूं, वहां ये देखा हुआ है। बाबा के प्रवचनों को सुनने पर उसकी भाषा में पुलिस में रहने की झलक साफ दिखाई देती है। उदाहरण के लिए ‘मेरे द्वारा पूर्व में कहा गया’, अथवा, द्वारा, स्मरण रहे, आगमन हुआ है…इस तरह की शब्दावली का इस्तेमाल पुलिस विभाग में होता है। आम इंसान बोलचाल में इन शब्दों का इस्तेमाल नहीं करता है। ये भी पढ़ें: हाथरस हादसे का मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर अरेस्ट हाथरस हादसे का मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर अरेस्ट कर लिया गया है। उसने दिल्ली के नजफगढ़-उत्तम नगर के बीच एक अस्पताल में पुलिस के सामने सरेंडर किया। इस बात की पुष्टि खुद भोले बाबा के वकील ने की है। यूपी पुलिस ने उस पर एक लाख इनाम घोषित किया था…(पढ़ें पूरी खबर) भोले बाबा की आर्मी पुलिस से भी नहीं डरती:100 ब्लैक कमांडो इशारा मिलते ही मरने-मारने को तैयार सत्संग के बाद भोले बाबा के चरण की धूल माथे पर लगाने के लिए लोग आगे बढ़े। उस दौरान बाबा के सुरक्षाकर्मी (ब्लैक कमांडो) और सेवादारों ने भीड़ के साथ धक्का-मुक्की शुरू कर दी। लोग गिर गए। फिर भगदड़ मच गई। यह जांच रिपोर्ट SDM ने हाथरस DM को सौंपी है। CM योगी आदित्यनाथ ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाबा की आर्मी का जिक्र किया…(पढ़ें पूरी खबर) उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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राम जानकी मंदिर से 50 मीटर आगे बढ़ने पर एक और मंदिर देखने को मिला। यह राधा-कृष्ण का मंदिर है। इस मंदिर के आगे का हिस्सा सुरक्षित है। पीछे मुस्लिमों के दो परिवार रह रहे हैं। मंदिर के पिछले हिस्से में एक परिवार ने गेट बना लिया है। इस मंदिर का सिर्फ जर्जर ढांचा ही खड़ा है। मंदिर के ठीक बगल में अजमेरी बिरयानी की बड़ी दुकान है। मंदिर में कोई अंदर न जा सके, इसलिए चारों ओर से मंदिर को बंद कर दिया गया है। मंदिर के रोड साइड हिस्से में कब्जा करके एक व्यक्ति ने दुकान खोल रखी है। हालांकि पुलिस ने अब इस मंदिर के आगे बैरिकेडिंग कर दी है। मंदिर 3. कर्नलगंज में शिव मंदिर बना कूड़ाघर
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मोहम्मद सगीर कहते हैं- मंदिरों पर हमारा कोई दावा नहीं है। हम लोग किरायेदार हैं। मंदिर का दरवाजा हिंदू लोग ही बंद कर के गए थे। तब से आज तक मंदिर सुरक्षित है और बंद है। हमारे बाप-दादा ने यहां के पन्ना लाल से 20 रुपए महीने के किराए पर मकान लिया था। मंदिरों में कभी पूजा होते हुए नहीं देखी
बेकनगंज निवासी मोहम्मद रईस कहते हैं कि मंदिर खुल रहे हैं तो अच्छी बात है। कानपुर में जब दंगा हुआ था तब हिंदू और मुस्लिम दोनों में ही क्षेत्र के हिसाब से पलायन हुआ था। मुस्लिमों ने कहा कि हमें कोई आपत्ति नहीं है। हालांकि हम लोगों ने मंदिरों में कभी पूजा होते हुए नहीं देखी है। महापौर ने कहा- ढाई साल पहले सर्वे कराया, अब अतिक्रमण बढ़ गए
कानपुर महापौर प्रमिला पांडेय ने दैनिक भास्कर को बताया- करीब ढाई वर्ष पहले मंदिरों का सर्वे कराया था। किसी भी मंदिर में मूर्तियां नहीं बची हैं। दोबारा सर्वे किया तो कई मंदिरों में दुकानें और गेट लग गए हैं। मुस्लिम भाइयों से भी कहा कि वो मंदिर पर कब्जा न करें। उन्होंने कहा- 1930 में कानपुर में जब पहला दंगा हुआ था तो बेकनगंज को सुनार वाली गली कहते थे। वहां हर 5 घर पर एक मंदिर और कुआं था। उसको अब बेकनगंज कहते हैं। दंगा होने के बाद हिंदू परिवार पलायन कर गए। हमारे जो भगवान थे वहां आज मांस बिक रहा है, मैं पुरानी सरकारों से कहना चाहती हूं कि कांग्रेस, बसपा और सपा के लोग सनातनी नहीं थे क्या? मंदिरों पर कब्जे रोकने के प्रयास सभी को करने चाहिए थे। उन्होंने कहा- अब ये कोई नहीं पूछता कि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों से हिंदू कहां और क्यों चले गए। किसी भी मस्जिद में, चर्च में कूड़ा नहीं देखा होगा। मंदिरों में कूड़ा क्या है। मुख्यमंत्री ने इसको लेकर अच्छा काम किया है। कुछ हिंदू परिवार भी मुस्लिमों को मंदिर बेच रहे हैं। मैं आगाह कर दूं कि मंदिर बेच नहीं सकते हैं। मामले में सपा विधायक का पक्ष पढ़िए…
क्षेत्रीय सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने कहा- महापौर फोटो खींचवाने के लिए कुछ भी कर सकती हैं। इमोशन में न आकर पहले ये देखना चाहिए कि मालिकाना हक किसका है। अगर हिंदू का है तो उसे सौंपना चाहिए। मुस्लिम का है तो उसे सौंपा जाना चाहिए और वहीं तय करे। पूजा करने वाले हिंदू परिवार नहीं बचे
बेकनगंज और कर्नलगंज के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में बातचीत करके सामने आया कि करीब 50 वर्ष पहले तक हिंदुओं की बड़ी आबादी बसती थी, लेकिन वक्त के साथ इन क्षेत्रों में मुस्लिमों की आबादी बढ़ती गई। हिंदुओं की आबादी कम होती चली गई। एक वक्त के बाद आलम ये हुआ कि इन मंदिरों में कोई पूजा करने वाला तक नहीं बचा। मौजूदा समय में मंदिर पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं और कब्जों में अब गुम होने लगे हैं। अब 21 दिसंबर को मेयर की कार्रवाई की 2 तस्वीर देखिए… बड़े मंदिरों में शुमार रामजानकी मंदिर कब्जाने के लिए रचा गया था बड़ा षड्यंत्र
मुस्लिम क्षेत्रों में बने सबसे बड़े मंदिर राम-जानकी मंदिर की जमीन को हथियाने के लिए बड़ा षड्यंत्र रचा गया था। करीब 2400 वर्ग गज में बने इस मंदिर प्रांगण को पूरी तरह से मुख्तार बाबा द्वारा कब्जा किया जा चुका है। नगर निगम के रिकॉर्ड के मुताबिक मंदिर कैंपस के बाहर हिंदुओं की 18 दुकानें हुआ करती थीं। नगर निगम पंचशाला के मुताबिक रामजानकी मंदिर ट्रस्ट का संचालन मैनेजर भगवानदीन हलवाई के हाथ में था। पंचशाला रजिस्टर में वर्ष 1927 से 1953 तक भगवानदीन द्वारा ही ट्रस्ट संचालन का जिक्र है। वर्ष 1927 में हिंदुओं के नाम दर्ज थे
मंदिर ट्रस्ट में 18 दुकानें थीं जो आगे की ओर थीं, जबकि अंदरुनी हिस्से में मंदिर था। इन सभी दुकानों पर हिंदू लोग ही काबिज थे। दुकानों में कपड़ा, रेडीमेड, ज्वैलरी, लांड्री, मंदिर की पूजा अर्चना और प्रसाद आदि की दुकानें हुआ करती थीं। नगर निगम के वर्ष 1927 के पंचशाला रजिस्टर में इन सभी दुकानदारों के नाम दर्ज हैं जो वर्ष 1938 तक दर्ज रहे। इनके नाम क्रमश: मन्ना, नाथू, रामभरोसे, गज्जू, नत्था, सतनारायन, बंशीधर, महादेव, बसेसर, मिश्रा, छेदा, विश्वनाथ, अजोध्या, केशव, सुखलेन, धर्मा और मखत थे। 3 जून 2022 को कानपुर में हुई हिंसा के मुख्य आरोपी मुख्तार बाबा ने ही मंदिर की पूरी जमीन को कब्जा कर लिया था।
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कानपुर मेयर मुस्लिम इलाके में बंद मंदिरों को खुलवाने पहुंचीं, मंदिर के पीछे बनती थी बिरयानी; ताला खुलवाया तो अंदर कूड़ा मिला संभल के बाद कानपुर में मेयर ने मुस्लिम बहुल इलाके में बंद मंदिरों को खोलने की शुरुआत की। शनिवार को अचानक प्रमिला पांडेय 7 थानों की फोर्स के साथ बेकनगंज पहुंच गईं। वह एक-एक करके 5 मंदिरों पर गईं। इसमें से एक मंदिर के पीछे पहले बिरियानी बनती थी। मेयर ने मंदिर का ताला खुलवाया। उसमें कूड़ा भरा था। इस पर मेयर नाराज हो गईं। पढ़िए पूरी खबर…
यूपी उपचुनाव के लेकर BSP प्रदेश अध्यक्ष का बड़ा ऐलान, सपा-कांग्रेस और बीजेपी की बढ़ेगी टेंशन?
यूपी उपचुनाव के लेकर BSP प्रदेश अध्यक्ष का बड़ा ऐलान, सपा-कांग्रेस और बीजेपी की बढ़ेगी टेंशन? <p style=”text-align: justify;”><strong>UP By-elections 2024:</strong> उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तैयारियां तेज हो गई है. अक्सर उपचुनाव में दूर रहने वाली बहुजन समाज पार्टी ने भी इस बार सभी दस सीटों पर होने वाले उपचुनाव में उतरने का ऐलान किया है, जिसके लिए पार्टी ने काम शुरू कर दिया है. अब बहुजन समाज पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रमुख विश्वनाथ पाल ने इन सीटों पर जीत का बड़ा दावा किया है.<span class=”Apple-converted-space”> </span></p>
<p style=”text-align: justify;”>यूपी बहुजन समाज पार्टी के यूपी चीफ विश्वनाथ पाल ने कहा, ”विधानसभा उपचुनाव के लिए बसपा तैयार है, पार्टी प्रमुख मायावती की रणनीति पर चलकर 10 की 10 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे.” बसपा ने पहले ही यूपी की सभी सीटों पर उतरने का ऐलान कर दिया था, लेकिन अब विश्वनाथ पाल के बड़े दावे ने सबको हैरान कर दिया है.<span class=”Apple-converted-space”> </span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बसपा</strong> <strong>के</strong> <strong>फैसले</strong> <strong>से</strong> <strong>बिगड़ी</strong> <strong>BJP</strong><strong>-</strong><strong>सपा</strong> <strong>की</strong> <strong>चाल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यूपी में होने वाले उपचुनाव को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने सभी सीटों के प्रभारियों से संभावित मजबूत उम्मीदवारों की सूची मांगी है, लेकिन बसपा के लिए ये राह आसान नहीं है. क्योंकि जिन सीटों पर उपचुनाव होना है उन सीटों पर बसपा की स्थिति मजबूत नहीं है. उपचुनाव को लेकर यूपी की लड़ाई बहुत दिलचस्प बनी हुई है. इस बार बसपा चुनाव में अकेले ताल ठोक रही है. ऐसे में बसपा सुप्रीमो मायावती की रणनीति ने एनडीए हो या इंडिया गठबंधन दोनों की नींद उड़ा रही है.<span class=”Apple-converted-space”> </span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बीजेपी</strong> <strong>अपने</strong> <strong>सहयोगी</strong> <strong>दलों</strong> <strong>के</strong> <strong>साथ</strong> <strong>लड़ेगी</strong> <strong>उपचुनाव</strong><strong><span class=”Apple-converted-space”> </span></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यूपी में होने वाले उपचुनाव में बीजेपी अपने सहयोगी दलों के साथ चुनावी रण में उतरने की तैयारी कर रही है. तो वहीं समाजवादी पार्टी और कांग्रेस <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> की ही तरह एक साथ दिखेंगे, लेकिन बहुजन समाज पार्टी इस बार होने वाले उपचुनाव में भी अकेले ही चुनाव लड़ेगी. तो वहीं नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद की पार्टी आजाद समाज पार्टी भी अकेले ही ताल ठोकने वाली है.<span class=”Apple-converted-space”> </span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन</strong> <strong>सीटों</strong> <strong>पर</strong> <strong>होने</strong> <strong>वाले</strong> <strong>हैं</strong> <strong>उपचुनाव</strong><strong><span class=”Apple-converted-space”> </span></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तर प्रदेश की जिन दस सीटों पर चुनाव होना है उनमें करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर सीट शामिल हैं. इनमें से नौ सीटें विधायकों के सांसद बनने के बाद खाली हुई है, जबकि एक सीट सीसामऊ सपा विधायक इरफान सोलंकी को सात की सजा मिलने की वजह से खाली है. इरफान सोलंकी की सजा पर अगर स्टे लग जाती है तो इस सीट पर उपचुनाव नहीं हो पाएंगे.<span class=”Apple-converted-space”> </span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये</strong> <strong>भी</strong> <strong>पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/nagina-mp-chandrashekhar-azad-on-wrestler-vinesh-phogat-disqualified-in-paris-olympic-50-kg-freestyle-wrestling-2755795″><strong>'</strong><strong>खैरात</strong> <strong>दी</strong> <strong>क्या</strong> <strong>आपने</strong> <strong>कोई</strong><strong>…’, </strong><strong>विनेश</strong> <strong>फोगाट</strong> <strong>के</strong> <strong>मामले</strong> <strong>को</strong> <strong>लेकर</strong> <strong>लोकसभा</strong> <strong>में</strong> <strong>दहाड़े</strong> <strong>चंद्रशेखर</strong> <strong>आजाद</strong></a></p>
Amethi News: चलती ट्रेन में सीट पर बैठने को लेकर हुआ विवाद, फिर प्लेटफॉर्म पर चाकू से किया हमला, एक की मौत
Amethi News: चलती ट्रेन में सीट पर बैठने को लेकर हुआ विवाद, फिर प्लेटफॉर्म पर चाकू से किया हमला, एक की मौत <p style=”text-align: justify;”><strong>Amethi News:</strong> अमेठी में चलती ट्रेन में सीट पर बैठने के मामूली विवाद के बाद दबंगों ने प्लेटफार्म पर उतरते ही दूसरे पक्ष के तीन सगे भाइयों पर चाकुओं से हमला कर दिया. दबंगो के हमले में घायल एक भाई की मौत हो गई जबकि दूसरे भाई का जगदीशपुर सीएचसी में इलाज चल रहा है.तीसरे भाई को इलाज के लिए ट्रामा सेंटर रेफर किया गया है. मृतक के परिजनों ने जीआरपी को तहरीर दी है. जबकि मृतक के शव को सिविल पुलिस कब्जे में लेकर विधिक कार्यवाही करने में जुट गई है<br />दरअसल ये पूरा मामला जगदीशपुर कोतवाली क्षेत्र के निहालगढ़ रेलवे स्टेशन का है. जहाँ मड़कियन का पुरवा रानीगंज थाना भाले सुलतान थान क्षेत्र के रहने वाले तीन सगे भाई तालिब पुत्र तौफीक उमर 20 वर्ष,तौसीफ पुत्र तौफीक उमर 24 वर्ष और तौसीफ पुत्र तौफीक उम्र 27 वर्ष बेगमपुरा एक्सप्रेस से लुधियाना से वापस अपने घर आ रहे थेट्रेन में ही सीट पर बैठने को लेकर विवाद हो गया. जिसके बाद भाइयों ने अपने सगे संबंधियों को स्टेशन पर बुला लिया.<br /><br /><strong>प्लेटफार्म पर दोनो पक्षों में विवाद</strong><br />ट्रेन सुबह 9 बजे स्टेशन पर पहुँची तो प्लेटफार्म पर दोनो पक्षों में विवाद हो गए. जिसके बाद दूसरे पक्ष ने तीनों भाइयों पर चाकुओं से हमला कर दिया.दबंगो के हमले में तीनों सगे भाई गंभीर रूप से घायल हो गए और ट्रेन अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गई.घटना की सूचना मिलते ही जगदीशपुर पुलिस मौके पर पहुँची और तीनों घायलो को जगदीशपुर ट्रामा सेंटर पहुँचाया. जहां इलाज के दौरान तौहीद की मौत हो गई. जबकि तालिब को गंभीर हालत में ट्रामा सेंटर रेफर किया गया है.तौसीफ का जगदीशपुर अस्पताल में इलाज चल रहा है.<br /><br /><strong>क्या बोले एसएचओ धीरेंद्र यादव</strong><br />घटना को लेकर जगदीशपुर एसएचओ धीरेंद्र यादव ने कहा कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजने की कार्रवाई की जा रही है. परिजनों द्वारा सुल्तानपुर जीआरपी को तहरीर दी गई है. अन्य विधिक कार्रवाई जीआरपी द्वारा की जाएगी.</p>
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