सिकंद्राराऊ में भोले बाबा के सत्संग में हुई भगदड़ मामले में देव प्रकाश के अलावा राम प्रकाश शाक्य और संजू नाम के दो सेवादारों को गिरफ्तार किया गया। देव प्रकाश कार्यक्रम का मुख्य आयोजक था। उसने जान-बूझकर बाबा की गाड़ी भीड़ के बीच से निकलवाई थी। इस संगठन से कुछ पॉलिटिकल पार्टियों ने संपर्क किया था। इसकी जांच की जा रही है। आज मधुकर और सेवादार संजू यादव काे कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। यह बात हाथरस सत्संग कांड को लेकर एसपी निपुण अग्रवाल ने शनिवार को कही। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में देव प्रकाश को लेकर कई बड़े खुलासे किए। भोले बाबा के मुख्य सेवादार देव प्रकाश को पुलिस ने शुक्रवार रात दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया। शनिवार को कड़ी सुरक्षा में पुलिस उसका मेडिकल कराने ले गई। अब पढ़िए देव प्रकाश से पूछताछ में क्या खुलासे हुए एसपी निपुण अग्रवाल ने बताया- देव प्रकाश मधुकर भोले बाबा के संगठन में मुख्य सेवादार के रूप में काम कर रहा था। उसकी गिरफ्तारी नजफगढ़ दिल्ली से हुई है। उसने सरेंडर नहीं किया। देव प्रकाश मधुकर ने बताया कि वह एटा में साल 2010 से मनरेगा में जूनियर इंजीनियर के पद पर संविदा पर काम कर रहा है। वह इस संगठन से कई साल से जुड़ा है। संगठन के कार्यक्रम आयोजित कराना, फंड इकट्ठा करने का काम करता है। मधुकर ने ही ली थी सत्संग की इजाजत
2 जुलाई को फुलरई गांव में हुए सत्संग का मुख्य आयोजक देव प्रकाश था। कार्यक्रम की इजाजत भी देव प्रकाश ने ली थी। देव प्रकाश और उसके डायरेक्शन में काम कर रहे सेवादारों की पंडाल के आसपास बैरिकेडिंग, प्रवेश द्वार, निकास द्वार, बैठने की व्यवस्था, पार्किंग समेत अन्य सुविधाओं की जिम्मेदारी थी। देव प्रकाश ने ही पुलिस प्रशासन को कार्यक्रम स्थल के अंदर हस्तक्षेप करने से रोका था। कार्यक्रम स्थल पर उनके सेवादार तरह-तरह की वेशभूषा में कमांडो के रूप में सारी व्यवस्थाएं देख रहे थे। फंड रेजर था देव प्रकाश, पॉलिटिकल पार्टियों ने किया था संपर्क
देव प्रकाश मधुकर इस संगठन में काफी दिन से जुड़ा था। संगठन का फंड रेजर बन गया था। संगठन को संचालित करने और सत्संग कराने के लिए पैसे इकट्ठा करता था। कुछ समय पहले कुछ राजनीतिक पार्टियों ने भोले बाबा के संगठन और देव प्रकाश से संपर्क किया था। इस तरह के कार्यक्रम और अन्य संसाधन किसी राजनीतिक पार्टी से पोषित तो नहीं हैं, ये भी पुलिस जांच करेगी। SP ने कहा- अब तक की पूछताछ से ऐसा लग रहा है कि कई राजनीतिक दल अपने स्वार्थ के लिए इनसे जुड़े हैं। इसके अलावा देव प्रकाश मधुकर से जुड़े सभी बैंक खाते, चल-अचल संपत्ति, मनी ट्रेल की जांच की जाएगी। इस काम में अन्य जांच एजेंसियों से भी सहयोग लिया जाएगा। भगदड़ का अंदेशा था, फिर भी भीड़ से निकाली गाड़ी
देव प्रकाश और सेवादारों ने प्रवचन देने के बाद भोले बाबा की गाड़ी को भीड़ के बीच से निकाल दिया। इनको यह पता था कि भीड़ से निकालते समय चरण रज के लिए भगदड़ मच सकती है। इसके अलावा ये घटना आयोजक या सेवादारों की तरफ से किसी के कहने से तो नहीं कराई गई, इसका भी पता लगाया जा रहा है। रिमांड पर लेकर की जाएगी पूछताछ
एसपी ने बताया- कार्यक्रम स्थल पर वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी करने से रोका जाता था। आयोजकों ने प्रशासन की तरफ से जारी अनुमति पत्र में कई शर्तों का उल्लंघन किया है। यातायात व्यवस्था को प्रभावित किया गया। इन लोगों ने भीड़ को संभालने का कोई प्रयास नहीं किया। जब भगदड़ मच गई, तो देव प्रकाश समेत सभी सेवादार मौके से भाग गए। इससे घटना इतनी भयावह हो गई। मधुकर और संजू यादव को कोर्ट में पेश कर अलीगढ़ जेल भेज दिया गया। मैनपुरी के खांकेताल के रहने वाले सेवादार राम प्रकाश शाक्य का मेडिकल न हो पाने के कारण उसे आज कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका। सिकंद्राराऊ में भोले बाबा के सत्संग में हुई भगदड़ मामले में देव प्रकाश के अलावा राम प्रकाश शाक्य और संजू नाम के दो सेवादारों को गिरफ्तार किया गया। देव प्रकाश कार्यक्रम का मुख्य आयोजक था। उसने जान-बूझकर बाबा की गाड़ी भीड़ के बीच से निकलवाई थी। इस संगठन से कुछ पॉलिटिकल पार्टियों ने संपर्क किया था। इसकी जांच की जा रही है। आज मधुकर और सेवादार संजू यादव काे कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। यह बात हाथरस सत्संग कांड को लेकर एसपी निपुण अग्रवाल ने शनिवार को कही। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में देव प्रकाश को लेकर कई बड़े खुलासे किए। भोले बाबा के मुख्य सेवादार देव प्रकाश को पुलिस ने शुक्रवार रात दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया। शनिवार को कड़ी सुरक्षा में पुलिस उसका मेडिकल कराने ले गई। अब पढ़िए देव प्रकाश से पूछताछ में क्या खुलासे हुए एसपी निपुण अग्रवाल ने बताया- देव प्रकाश मधुकर भोले बाबा के संगठन में मुख्य सेवादार के रूप में काम कर रहा था। उसकी गिरफ्तारी नजफगढ़ दिल्ली से हुई है। उसने सरेंडर नहीं किया। देव प्रकाश मधुकर ने बताया कि वह एटा में साल 2010 से मनरेगा में जूनियर इंजीनियर के पद पर संविदा पर काम कर रहा है। वह इस संगठन से कई साल से जुड़ा है। संगठन के कार्यक्रम आयोजित कराना, फंड इकट्ठा करने का काम करता है। मधुकर ने ही ली थी सत्संग की इजाजत
2 जुलाई को फुलरई गांव में हुए सत्संग का मुख्य आयोजक देव प्रकाश था। कार्यक्रम की इजाजत भी देव प्रकाश ने ली थी। देव प्रकाश और उसके डायरेक्शन में काम कर रहे सेवादारों की पंडाल के आसपास बैरिकेडिंग, प्रवेश द्वार, निकास द्वार, बैठने की व्यवस्था, पार्किंग समेत अन्य सुविधाओं की जिम्मेदारी थी। देव प्रकाश ने ही पुलिस प्रशासन को कार्यक्रम स्थल के अंदर हस्तक्षेप करने से रोका था। कार्यक्रम स्थल पर उनके सेवादार तरह-तरह की वेशभूषा में कमांडो के रूप में सारी व्यवस्थाएं देख रहे थे। फंड रेजर था देव प्रकाश, पॉलिटिकल पार्टियों ने किया था संपर्क
देव प्रकाश मधुकर इस संगठन में काफी दिन से जुड़ा था। संगठन का फंड रेजर बन गया था। संगठन को संचालित करने और सत्संग कराने के लिए पैसे इकट्ठा करता था। कुछ समय पहले कुछ राजनीतिक पार्टियों ने भोले बाबा के संगठन और देव प्रकाश से संपर्क किया था। इस तरह के कार्यक्रम और अन्य संसाधन किसी राजनीतिक पार्टी से पोषित तो नहीं हैं, ये भी पुलिस जांच करेगी। SP ने कहा- अब तक की पूछताछ से ऐसा लग रहा है कि कई राजनीतिक दल अपने स्वार्थ के लिए इनसे जुड़े हैं। इसके अलावा देव प्रकाश मधुकर से जुड़े सभी बैंक खाते, चल-अचल संपत्ति, मनी ट्रेल की जांच की जाएगी। इस काम में अन्य जांच एजेंसियों से भी सहयोग लिया जाएगा। भगदड़ का अंदेशा था, फिर भी भीड़ से निकाली गाड़ी
देव प्रकाश और सेवादारों ने प्रवचन देने के बाद भोले बाबा की गाड़ी को भीड़ के बीच से निकाल दिया। इनको यह पता था कि भीड़ से निकालते समय चरण रज के लिए भगदड़ मच सकती है। इसके अलावा ये घटना आयोजक या सेवादारों की तरफ से किसी के कहने से तो नहीं कराई गई, इसका भी पता लगाया जा रहा है। रिमांड पर लेकर की जाएगी पूछताछ
एसपी ने बताया- कार्यक्रम स्थल पर वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी करने से रोका जाता था। आयोजकों ने प्रशासन की तरफ से जारी अनुमति पत्र में कई शर्तों का उल्लंघन किया है। यातायात व्यवस्था को प्रभावित किया गया। इन लोगों ने भीड़ को संभालने का कोई प्रयास नहीं किया। जब भगदड़ मच गई, तो देव प्रकाश समेत सभी सेवादार मौके से भाग गए। इससे घटना इतनी भयावह हो गई। मधुकर और संजू यादव को कोर्ट में पेश कर अलीगढ़ जेल भेज दिया गया। मैनपुरी के खांकेताल के रहने वाले सेवादार राम प्रकाश शाक्य का मेडिकल न हो पाने के कारण उसे आज कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर