बलिया में कमलेश हत्याकांड का पुलिस ने 24 घंटे में खुलासा कर दिया। पुलिस ने बताया कि कमलेश की हत्या उसकी पत्नी कविता और उसके प्रेमी ने मिलकर की। कविता के प्रेमी को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया। जबकि कविता अभी फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। पूरा मामला दोकटी थाना क्षेत्र अंतर्गत श्रीपतिपुर गांव की पांच जून की है। पहले एक नजर में पूरा मामला 6 जून शनिवार की सुबह दोकटी थाना क्षेत्र के श्रीपतिपुर गांव में कमलेश बिंद (34) का शव उसके घर के पास संदिग्ध स्थिति में मिला था। सुबह ग्रामीणों ने देखते ही पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंचे एएसपी दुर्गा प्रसाद तिवारी ने जांच कर शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस केस का खुलासा करने में जुट गई। जांच में पता चला कि मृतक की पत्नी मौके से फरार है। आस-पास पूछताछ के बाद पुलिस ने मृतक कमलेश की पत्नी कविता के प्रेमी श्रीपतिपुर निवासी राजेश साहनी को गिरफ्तार कर लिया, और मामले का खुलासा हो गया। अब सबसे पहले आरोपी राजेश का कबूलनामा राजेश ने बताया कि कमलेश की पत्नी कविता के साथ मेरा काफी दिन से अवैध सम्बन्ध था। कमलेश पहले दुबई रहता था। जिसका फायदा उठाकर हम दोनों एक दूसरे से हमेशा मिलते थे। कुछ दिन बाद कमलेश घर आ गया। फिर भी हमारी बात मुलाकात जारी थी। 5 जून की रात में मैं और कमलेश एक तिलक समारोह में गए थे। तिलक समारोह से मैं कुछ समय बाद ही वापस आ गया। कमलेश तिलक समारोह में था। ऐसे में मैंने कविता को मिलने के लिए बुलाय। कविता घर से बाहर खेत में बने छप्पर में मुझसे मिलने पहुंची। कुछ समय बाद कमलेश भी अपने घर आ गया। घर में अपनी पत्नी को न पाकर वह पत्नी की खोजबीन करने लगा। खोजते हुए कमलेश घर से कुछ दूर बाहर खेत में बने छप्पर तक पहुंच गया और मुझे व अपनी पत्नी कविता को देख लिया। वहां मेरे और कमलेश के बीच विवाद हो गया। तभी गुस्से में आकर मैंने पास में रखी लाठी से उसके सिर पर मार दिया। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हम दोनों कमलेश को वहीं छोड़कर भाग गए। मैं यहां से कहीं दूर भागने की फिराक में था, लेकिन पुलिस ने पकड़ लिया। मुझे नहीं पता कविता कहां है। मुखबिर की सूचना पर आरोपी गिरफ्तार एएसपी दुर्गा प्रसाद तिवारी ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली कि कमलेश हत्याकांड का आरोपी राजेश साहनी कहीं भागने की फिराक में कृष्णानगर ढाला पर मौजूद है। वह किसी वाहन का इन्तजार कर रहा है। सूचना मिलते ही सर्विलांस प्रभारी विश्वनाथ यादव, स्वाट प्रभारी उपनिरीक्षक कौशल कुमार पाठक व थानाध्यक्ष दोकटी मदन पटेल ने राजेश को कृष्णानगर ढाला से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर हत्या में शामिल लाठी बरामद कर लिया। बलिया में कमलेश हत्याकांड का पुलिस ने 24 घंटे में खुलासा कर दिया। पुलिस ने बताया कि कमलेश की हत्या उसकी पत्नी कविता और उसके प्रेमी ने मिलकर की। कविता के प्रेमी को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया। जबकि कविता अभी फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। पूरा मामला दोकटी थाना क्षेत्र अंतर्गत श्रीपतिपुर गांव की पांच जून की है। पहले एक नजर में पूरा मामला 6 जून शनिवार की सुबह दोकटी थाना क्षेत्र के श्रीपतिपुर गांव में कमलेश बिंद (34) का शव उसके घर के पास संदिग्ध स्थिति में मिला था। सुबह ग्रामीणों ने देखते ही पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंचे एएसपी दुर्गा प्रसाद तिवारी ने जांच कर शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस केस का खुलासा करने में जुट गई। जांच में पता चला कि मृतक की पत्नी मौके से फरार है। आस-पास पूछताछ के बाद पुलिस ने मृतक कमलेश की पत्नी कविता के प्रेमी श्रीपतिपुर निवासी राजेश साहनी को गिरफ्तार कर लिया, और मामले का खुलासा हो गया। अब सबसे पहले आरोपी राजेश का कबूलनामा राजेश ने बताया कि कमलेश की पत्नी कविता के साथ मेरा काफी दिन से अवैध सम्बन्ध था। कमलेश पहले दुबई रहता था। जिसका फायदा उठाकर हम दोनों एक दूसरे से हमेशा मिलते थे। कुछ दिन बाद कमलेश घर आ गया। फिर भी हमारी बात मुलाकात जारी थी। 5 जून की रात में मैं और कमलेश एक तिलक समारोह में गए थे। तिलक समारोह से मैं कुछ समय बाद ही वापस आ गया। कमलेश तिलक समारोह में था। ऐसे में मैंने कविता को मिलने के लिए बुलाय। कविता घर से बाहर खेत में बने छप्पर में मुझसे मिलने पहुंची। कुछ समय बाद कमलेश भी अपने घर आ गया। घर में अपनी पत्नी को न पाकर वह पत्नी की खोजबीन करने लगा। खोजते हुए कमलेश घर से कुछ दूर बाहर खेत में बने छप्पर तक पहुंच गया और मुझे व अपनी पत्नी कविता को देख लिया। वहां मेरे और कमलेश के बीच विवाद हो गया। तभी गुस्से में आकर मैंने पास में रखी लाठी से उसके सिर पर मार दिया। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हम दोनों कमलेश को वहीं छोड़कर भाग गए। मैं यहां से कहीं दूर भागने की फिराक में था, लेकिन पुलिस ने पकड़ लिया। मुझे नहीं पता कविता कहां है। मुखबिर की सूचना पर आरोपी गिरफ्तार एएसपी दुर्गा प्रसाद तिवारी ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली कि कमलेश हत्याकांड का आरोपी राजेश साहनी कहीं भागने की फिराक में कृष्णानगर ढाला पर मौजूद है। वह किसी वाहन का इन्तजार कर रहा है। सूचना मिलते ही सर्विलांस प्रभारी विश्वनाथ यादव, स्वाट प्रभारी उपनिरीक्षक कौशल कुमार पाठक व थानाध्यक्ष दोकटी मदन पटेल ने राजेश को कृष्णानगर ढाला से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर हत्या में शामिल लाठी बरामद कर लिया। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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यूपी में बिजली का स्मार्ट मीटर लगवाने से पहले हो जाएं सावधान! ये गलती पड़ सकती है भारी
यूपी में बिजली का स्मार्ट मीटर लगवाने से पहले हो जाएं सावधान! ये गलती पड़ सकती है भारी <p style=”text-align: justify;”><strong>UP Electricity Bill:</strong> उत्तर प्रदेश में बिजली के स्मार्ट मीटर लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. अगर आप अपने घर या दुकान में नया कनेक्शन लेने जा रहे हैं या बिजली का स्मार्ट मीटर लगवा रहे हैं तो सावधान हो जाएं. नया मीटर लगवाने से पहले उसे अच्छी तरह से जांच परख लें, नहीं तो थोड़ी सी लापरवाही आपकी जेब पर बहुत भारी पड़ सकती है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि बिजली विभाग द्वारा लगाए जा रहे स्मार्ट मीटरों तकनीकी खामी की बात सामने आई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल यूपी के कई जिलों में इन दिनों स्मार्ट मीटर लगाने का काम किया जा रहा है. ये मीटर इंटेली स्मार्ट और पोलारिस कंपनी के लगाए जा रहे हैं. लेकिन, इनमें से कुछ मीटरों में तकनीकी खामी का पता चला है. यूपी पॉवर कॉरपोरेशन की जाँच में पता चला है कि इन मीटरों की रियल टाइम क्लॉक यानी RTC में तकनीकी खामी पाई गई है. हालांकि ये गड़बड़ी सारे स्मार्ट मीटर में नहीं है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लखनऊ समेत 19 जिलों में लग रहे हैं स्मार्ट मीटर</strong><br />मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के द्वारा इन दिनों लखनऊ समेत 19 जिलों में स्मार्ट मीटर लगाए जाने का काम किया जा रहा है. ये मीटर इंटेली स्मार्ट और पोलारिस कंपनी के लगाए जा रहे हैं. ये स्मार्ट मीटर बिजली की खपत की रीडिंग सीधा ऑटोमैटिक तरीके से कॉर्पोरेशन के सिस्टम तक भेजते हैं, जिसके आधार पर बिल तैयार होता है. लेकिन जांच में पता चला है कि कुछ मीटरों में ज्यादा रीडिंग आ रही है जिसकी वजह से उपभोक्ताओं को तीन गुना ज्यादा तक भुगतान करना पड़ सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कॉर्पोरेशन ने मीटर में तकनीकी खामी मिलने पर हर 21वें उपभोक्ता मीटर के साथ चेक मीटर लगाने के निर्देश दिए हैं ताकि गड़बड़ी पकड़ी जा सके. ऐसे में उपभोक्ताओं से भी डायरी बनाने को कहा गया है ताकि उनके पास भी पूरी जानकारी रह सके. इस बार में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लखनऊ के निदेशक योगेश कुमार ने कहा कि इंटेली कंपनी लखनऊ में स्मार्ट मीटर लगा रही है, अगर उपभोक्ताओं को इनमें कोई तकनीकी खामी महसूस होती है तो वो शिकायत कर मीटर चेक भी करवा सकते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ऐसे पकड़े मीटर में गड़बड़ी</strong><br />आपका स्मार्ट में ठीक है या नहीं इसे जानने के लिए उपभोक्ता कम से कम सात दिन तक रोजाना सुबह रीडिंग और लोड को चेक कर डायरी में नोट कर लें. मीटर में KWH के सामने खपत की रीडिंग और KW के सामने लोड के बारे में पता चलेगा. गड़बड़ी होने पर दोनों की रीडिंग अलग-अलग दिखेगी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/yogi-adityanath-orders-to-put-teachers-photo-frame-in-school-otherwise-have-to-face-consequences-2819506″>यूपी में सरकारी स्कूलों के टीचर्स के लिए अब ये काम जरूरी, वरना होगी कार्रवाई, सरकार ने भेजे 150 रुपये</a></strong><br /><br /></p>
लुधियाना में 4 नशा तस्करों की प्रॉपर्टी सील:हेरोइन बेचकर अर्जित की थी 6.90 करोड़ की संपत्ति, लग्जरी कारों को लिया कब्जे में
लुधियाना में 4 नशा तस्करों की प्रॉपर्टी सील:हेरोइन बेचकर अर्जित की थी 6.90 करोड़ की संपत्ति, लग्जरी कारों को लिया कब्जे में लुधियाना में पुलिस द्वारा नशे के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम के तहत दो नशा तस्करों की करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी को सील कर उनकी लग्जरी कारें भी जब्त कर ली गई। लुधियाना के सीपी कुलदीप सिंह चहल की हिदायतों पर पुलिस टीमों ने आज दो नशा तस्करों के घरों को सील कर दिया। लुधियाना के डीसीपी जसकरन सिंह तेजा ने बताया कि लुधियाना की डेहलो थाना की पुलिस द्वारा तीन नशा तस्करों होशियार सिंह उर्फ सोनी निवासी लुधियाना, मुकेश कुमार निवासी पटियाला और जम्मू सिंह निवासी लुधियाना पर मामला दर्ज कर इनके कब्जे से भारी मात्रा में नशा बरामद किया था। आज पुलिस ने इनसे पूछताछ दौरान नशे के पैसे से खरीदी गई प्रॉपर्टी को सील कर दिया है। इसी तरह पुलिस द्वारा दूसरे केस में अनिल सभरवाल निवासी लुधियाना पर भी केस दर्ज कर इसकी करोड़ों की प्रॉपर्टी और लग्जरी कार को जब्त कर लिया है। यह प्रॉपर्टी और कारें की सील डीसीपी जसकरन सिंह तेजा ने बताया कि पुलिस ने पहले केस में तीन नशा तस्करों की 5 करोड 34 लाख की तीन प्रॉपर्टी को सील कर दिया है जोकि इन्होंने नशा बेचकर उस पैसे की प्रॉपर्टी खरीदी थी। इसी तरह दूसरे मामले में अनिल सभरवाल नशा तस्कर से पुलिस ने 1 करोड 56 लाख 18 हजार की प्रॉपर्टी और 7 लाख की कीमत की लग्जरी कार भी जब्त कर ली है। जारी रहेगी मुहिम डीसीपी जसकरन सिंह तेजा ने बताया कि ये मुहिम पुलिस की जारी रहेगी जो भी नशा तस्कर नशा बेच रहे हैं वह अभी से ये काम छोड दें, वरना जेल यात्रा के साथ-साथ उनकी सारी परापर्टी, वाहन, जेवरात इत्यादि भी जब्त कर लिए जाएंगे।
हरियाणा के सिरसा में इंटरनेट बंद:डेरा मुखी के निधन से छिड़ा गद्दी विवाद, कल रस्म पगड़ी, सरकार ने सुरक्षा का हवाला दिया
हरियाणा के सिरसा में इंटरनेट बंद:डेरा मुखी के निधन से छिड़ा गद्दी विवाद, कल रस्म पगड़ी, सरकार ने सुरक्षा का हवाला दिया हरियाणा के सिरसा में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। इंटरनेट आज बुधवार शाम 5 बजे से कल गुरुवार की रात 12 बजे तक बंद रहेगा। इस दौरान बल्क SMS भेजने पर भी रोक रहेगी। हालांकि ब्रॉडबैंड और लीजलाइन का इंटरनेट चलता रहेगा। इसके अलावा कॉल भी हो सकेगी। यहां कुछ दिन पहले डेरा जगमालवाली में डेरा प्रमुख महाराज बहादुर चंद वकील का निधन हुआ था। जिसके बाद 2 पक्षों में गद्दी का विवाद छिड़ा हुआ है। सिरसा में ही कल डेरा प्रमुख की रस्म पगड़ी है। गद्दी को लेकर विवाद और न बढ़े, इसे देखते हुए सरकार ने यह कार्रवाई की है। इस बारे में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अनुराग रस्तोगी ने सिरसा के DC को चिट्ठी लिख नेट बंद करने के आदेश दिए हैं। इस आदेश में हवाला दिया गया है कि सिरसा जिले में शांति व्यवस्था कायम रखने व सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। बता दें कि डेरा जगमालवाली के संत वकील साहब का 1 अगस्त को निधन हो गया था। जिस दिन डेरा प्रमुख को डेरा लाया गया, उसी दिन से ही गद्दी को लेकर विवाद हो गया था और 2 पक्षों में फायरिंग भी हुई। तब से लेकर आज तक गद्दी पर फैसला नहीं हो पाया है। सूफी सिंगर बीरेंद्र सिंह और भतीजे में चल रही गद्दी की लड़ाई
डेरा प्रमुख महाराज बहादुर चंद वकील के निधन के बाद डेरे के मुख्य सेवक सूफी गायक महात्मा बीरेंद्र सिंह गद्दी पर वसीयत के आधार पर अपना दावा ठोक रहे हैं। वहीं, डेरामुखी के भतीजे अमर सिंह वसीयत और उनकी मौत को संदिग्ध मान रहे हैं। ये दोनों पक्ष आमने-सामने हैं। भतीजे का दावा: मौत की जानकारी छिपाई
डेरा मुखी के भतीजे अमर सिंह का दावा है कि डेरा प्रमुख वकील साहब की मौत 21 जुलाई को हो चुकी थी। मौत के बाद डेरे और संगत को गुमराह किया गया कि महाराज की हालत स्थिर है। गद्दी हथियाने के चक्कर में जानबूझकर मौत को छिपाया गया और 1 अगस्त को उनकी मौत दिखाकर तुरंत डेरे में अंतिम संस्कार की योजना बनाई गई। बीरेंद्र सिंह और उसके साथियों ने मिलकर यह सब किया। मुख्य सेवक बोले- डेढ़ साल पहले की वसीयत
वहीं, दूसरे पक्ष में महात्मा बीरेंद्र सिंह से जुड़े शमशेर सिंह लहरी ने कहा कि डेरा प्रमुख ने बिना किसी के दबाव में डेरे की वसीयत डेढ़ साल पहले ही महात्मा बीरेंद्र सिंह सिंह के नाम की थी। वसीयत के अनुसार महात्मा बीरेंद्र ही डेरे के उत्तराधिकारी हैं। मगर पहला पक्ष इनको उत्तराधिकारी मानने को तैयार नहीं है। महात्मा बीरेंद्र सिंह ने कहा- मैं गद्दी पर नहीं बैठूंगा
वहीं, अब तक विवाद में खामोश रहे महात्मा बीरेंद्र सिंह ने प्रेस कान्फ्रेंस कर अपनी बात रखी। महात्मा बीरेंद्र सिंह ने कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती या सच्चाई सामने नहीं आती, वह डेरे की गद्दी पर नहीं बैठेंगे। महात्मा ने कहा, ‘महाराज जी का बेटा (चंद सिंह) 3 साल पहले महाराज जी के पास आया और बोला कि मेरे हार्ट की बाइपास सर्जरी होनी है, मुझे 1 लाख रुपए उधार दे दो। मेरी फसल आएगी तो मैं फसल बेचकर आपको दे दूंगा। महाराज जी ने कहा कि यह परमार्थ का पैसा है। यहां से मैं 1 लाख रुपए नहीं दे सकता। तू किसी रिश्तेदार से ले ले। आप देखो, महाराज जी के लड़के के पास गाड़ी नहीं है, वह स्कूटर या बाइक से चलता है। महाराज जी परमार्थ का एक पैसा किसी को नहीं देते थे। मेरे बैंक खातों की जांच की जा सकती है। महाराज जी दिसंबर 2022 से बीमार हुए हैं, तब से अब तक मेरे खातों की जांच करवा ली जाए। डेरा का मैनेजमेंट, ट्रस्ट यही चाहता है कि किसी भी स्तर की कोई जांच करवा ली जाए। मैं संगत से अपील करता हूं कि आप कल के कार्यक्रम में आएं, शांति बनाकर रखें, कोई गद्दी पर नहीं बैठ रहा है। जब तक दूध का दूध पानी का पानी नहीं हो जाता, तब तक न तो मैं कोई सत्संग करूंगा, न ही गद्दी पर बैठूंगा। डेरे का काम मैनेजमेंट देखती रहेगी।’ प्रशासन ने दोनों पक्षों से की शांति की अपील
डेरे जगमालवाली में टकराव को देखते हुए प्रशासन ने दोनों पक्षों से बातचीत की है। पुलिस ने महात्मा बीरेंद्र सिंह और भतीजे अमर सिंह के अलावा जगमालवाली ग्राम पंचायत से भी बातचीत की है। प्रशासन ने कहा है कि किसी भी कीमत पर शांति भंग नहीं होने दी जाएगी। अगर किसी पक्ष का नाम हिंसा में आया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। सिरसा डेरे की गद्दी का विवाद क्या, पॉइंट्स में समझिए 1. डेरा मुखी का निधन, 2 पक्ष आमने-सामने
सिरसा में डेरा जगमालवाली के प्रमुख महाराज बहादुर चंद वकील साहब की एक अगस्त को मौत हो गई थी। इसके बाद गद्दी को लेकर डेरे में 2 पक्ष आमने-सामने हो गए थे। यहां गोलियां भी चलीं। तनावपूर्ण माहौल के चलते डेरे में पुलिस फोर्स तैनात की गई। परिवार के लोगों ने 2 अगस्त (शुक्रवार) को मस्ताना शाह बलोचिस्तानी आश्रम जगमालवाली में डेरा प्रमुख को समाधि दी गई। इस दौरान परिवार के लोग और डेरे से जुड़े लोग मौजूद रहे। 2. महात्मा ने खुद को डेरामुखी घोषित किया
इसके बाद सूफी गायक और महात्मा बीरेंद्र सिंह ने खुद को डेरा जगमालवाली का नया प्रमुख घोषित किया। सूफी गायकी में बीरेंद्र सिंह के साथी और डेरे के अनुयायी शमशेर लहरी ने दावा किया कि महाराज जी ने चोला छोड़ने से डेढ़ साल पहले ही अपनी वसीयत महात्मा बीरेंद्र सिंह के नाम बिना किसी दबाव में लिख दी थी। इसमें बीरेंद्र सिंह को संगत की सेवा करने का हुकुम दिया गया था। वसीयत लिखे जाने के बाद उसे महाराजजी की मौजूदगी में वकील की ओर से बाकायदा पढ़ा गया था और उसकी पूरी वीडियोग्राफी करवाई गई थी। जल्द ही महात्मा बीरेंद्र सिंह संगत के बीच आएंगे। महाराज बहादुर चंद वकील साहब जी ने जो हुकुम दिया, सबको उनकी पालना करनी है। 3. भतीजे ने महात्मा को डेरामुखी मानने से इनकार किया
महाराज बहादुर चंद वकील साहब के भतीजे अमर सिंह और कुछ लोगों ने बीरेंद्र सिंह को नया डेरा प्रमुख मानने से इनकार कर दिया है। अमर सिंह ने कहा कि बीरेंद्र सिंह, बलकौर सिंह, शमशेर लहरी और नंदलाल ग्रोवर ही 1 अगस्त को डेरे की गद्दी हथियाने के चक्कर में महाराज जी का जल्दबाजी में संस्कार करना चाहते थे। महाराज जी की मौत संदिग्ध है और इसकी CBI जांच होनी चाहिए। अमर सिंह ने दावा किया है कि उनके पास सारे मेडिकल सबूत हैं, जिनसे साबित होता है कि महाराज जी की मौत 11 दिन पहले यानि 21 जुलाई को ही हो गई थी। हम हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। 60 साल पहले बना था बलूचिस्तानी आश्रम
सिरसा के जगमालवाली स्थित मस्ताना शाह बलूचिस्तानी आश्रम की शुरुआत 1964-65 में हुई। यहां बाबा सज्जन सिंह रूहल ने संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब को अपनी कई एकड़ जमीन दान में देकर डेरा बनाने का अनुरोध किया। इसके बाद संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब ने यहां मस्ताना शाह बलूचिस्तानी आश्रम की स्थापना की। पहले यह छोटा सा आश्रम था लेकिन उसके बाद तकरीबन 100-100 फीट का सचखंड बनाया गया। इसकी खासियत यह है कि इसमें कोई स्तंभ नहीं बना हुआ। सरकार की ओर से जारी इंटरनेट बंद करने के आदेश…