‘पापा आप लोग सही थे, मैं ही खराब था, प्लीज माफ करना, मॉम का ख्याल रखना, आई एम सॉरी’। ये बयान नोएडा में सुसाइड करने वाले MCA के छात्र यश वर्मा का है। उसने 27 जनवरी को मिग्सन ग्रीन सोसाइटी में फ्लैट से छलांग लगाई थी। वह कानपुर का रहने वाला था। उसने अपनी मौत से 10 मिनट पहले पिता को Whatsapp मैसेज भेजा था। उसने इशारों में अपनी तकलीफ बयां की थी। घरवाले उससे बात करते इस पहले ही उसने जान दे दी। बेटे के मैसेज को जितनी बार भी पिता विजय कुमार वर्मा पढ़ते हैं तो उनकी आंखें भर आती है। यश के पिता ने दैनिक भास्कर से बात कर आपबीती बयां की है। बेटे का एक महीने पहले डाटा हैक हो गया था यश के पिता विजय कुमार वर्मा ने बताया- बेटा पढ़ाई में काफी तेज था, लेकिन वह कुछ महीनों से मानसिक रूप से परेशान चल रहा था। इसके पीछे का कारण जानने का बहुत प्रयास किया, मगर कुछ पता नहीं कर पाया। बेटे ने एक महीने पहले शिकायत की थी कि मेरे मोबाइल का डाटा किसी ने हैक कर लिया है। उसकी सारी चैट, फोटो सब लीक हो रही है। इस पर मैंने उसे काफी समझाया था। मैं अपनी पत्नी के साथ तुरंत बेटे के पास नोएडा गया था। वहां पर जाने पर उससे बात की। इसके बाद जब उसके साथ कुछ दिन रुका तो वह नॉर्मल हो गया और हम लोग वापस घर आ गए थे। उन्होंने कहा- घटना वाले दिन 45 मिनट तक हुई बात विजय कुमार ने बताया- घटना वाले दिन 26 जनवरी को बेटे से फोन पर 45 मिनट तक बात की। वह कह रहा था मैं परेशान चल रहा हूं, जब कानपुर आउंगा तो बताउंगा। बात बताने पर जोर दिया लेकिन यश ने कुछ भी नहीं बताया। चचेरे भाई वेदांत के अनुसार-अभी तक उसके साथ के लड़कों से ये पता चला कि यश एक महीने से डिप्रेशन में था। वह सबसे एक बाद बोलता था कि मेरा फोन हैक हो रहा है, मेरी सारी डिटेल लीक हो रही है। किसी भी कॉल आती थी तो वह क्रॉस चेक करता था। घर वालों को भी कॉल करता था। वह क्रॉस चेक करता था कि घर से कॉल आया है या फिर कोई और कर रहा। फोन करने के बाद बोलता था मां कैमरे के सामने आओ। उसे लगता था कि उसे कोई वॉच कर रहा हैं। पढ़ाई और खेल में था अव्वल वेदांत ने बताया कि यश परिवार में सबसे शार्प माइंड का था। पढ़ाई में भी बहुत तेज था। 2023 में गलगोटियास यूनिवर्सिटी से उसने बीसीए किया था और 8.07 सीजीपी से पास हुआ है। अभी वह नोएडा से एमसीए कर रहा था। प्रथम वर्ष में उसने 8.05 सीजीपी अंक प्राप्त किए है। यश स्पोर्ट्स में भी काफी रुचि रखता था। वह पहले क्रिकेट का अभ्यास करता लेकिन कंधे में चोट लगने के बाद से उसने कबड्डी खेलना शुरू किया था। कबड्डी में उसने नेशनल प्रतियोगिता तक खेला है। ………………………… ये खबर भी पढ़िए… भगदड़ के बाद का मंजर 45 तस्वीरों में:परिजन ने शव का हाथ नहीं छोड़ा, डर था बॉडी खो न जाए; अस्पताल में 11 बॉडीज थीं प्रयागराज के संगम तट पर 28 जनवरी की आधी रात बाद भगदड़ मच गई। हादसे में अब तक 35 से 40 लोगों की मौत होने की खबर है। 50 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हैं। घायलों के रेस्क्यू और शवों की तलाश का काम अभी जारी है। परिजन भी अपनों को ढूंढ रहे हैं…(पढ़ें पूरी खबर) ‘पापा आप लोग सही थे, मैं ही खराब था, प्लीज माफ करना, मॉम का ख्याल रखना, आई एम सॉरी’। ये बयान नोएडा में सुसाइड करने वाले MCA के छात्र यश वर्मा का है। उसने 27 जनवरी को मिग्सन ग्रीन सोसाइटी में फ्लैट से छलांग लगाई थी। वह कानपुर का रहने वाला था। उसने अपनी मौत से 10 मिनट पहले पिता को Whatsapp मैसेज भेजा था। उसने इशारों में अपनी तकलीफ बयां की थी। घरवाले उससे बात करते इस पहले ही उसने जान दे दी। बेटे के मैसेज को जितनी बार भी पिता विजय कुमार वर्मा पढ़ते हैं तो उनकी आंखें भर आती है। यश के पिता ने दैनिक भास्कर से बात कर आपबीती बयां की है। बेटे का एक महीने पहले डाटा हैक हो गया था यश के पिता विजय कुमार वर्मा ने बताया- बेटा पढ़ाई में काफी तेज था, लेकिन वह कुछ महीनों से मानसिक रूप से परेशान चल रहा था। इसके पीछे का कारण जानने का बहुत प्रयास किया, मगर कुछ पता नहीं कर पाया। बेटे ने एक महीने पहले शिकायत की थी कि मेरे मोबाइल का डाटा किसी ने हैक कर लिया है। उसकी सारी चैट, फोटो सब लीक हो रही है। इस पर मैंने उसे काफी समझाया था। मैं अपनी पत्नी के साथ तुरंत बेटे के पास नोएडा गया था। वहां पर जाने पर उससे बात की। इसके बाद जब उसके साथ कुछ दिन रुका तो वह नॉर्मल हो गया और हम लोग वापस घर आ गए थे। उन्होंने कहा- घटना वाले दिन 45 मिनट तक हुई बात विजय कुमार ने बताया- घटना वाले दिन 26 जनवरी को बेटे से फोन पर 45 मिनट तक बात की। वह कह रहा था मैं परेशान चल रहा हूं, जब कानपुर आउंगा तो बताउंगा। बात बताने पर जोर दिया लेकिन यश ने कुछ भी नहीं बताया। चचेरे भाई वेदांत के अनुसार-अभी तक उसके साथ के लड़कों से ये पता चला कि यश एक महीने से डिप्रेशन में था। वह सबसे एक बाद बोलता था कि मेरा फोन हैक हो रहा है, मेरी सारी डिटेल लीक हो रही है। किसी भी कॉल आती थी तो वह क्रॉस चेक करता था। घर वालों को भी कॉल करता था। वह क्रॉस चेक करता था कि घर से कॉल आया है या फिर कोई और कर रहा। फोन करने के बाद बोलता था मां कैमरे के सामने आओ। उसे लगता था कि उसे कोई वॉच कर रहा हैं। पढ़ाई और खेल में था अव्वल वेदांत ने बताया कि यश परिवार में सबसे शार्प माइंड का था। पढ़ाई में भी बहुत तेज था। 2023 में गलगोटियास यूनिवर्सिटी से उसने बीसीए किया था और 8.07 सीजीपी से पास हुआ है। अभी वह नोएडा से एमसीए कर रहा था। प्रथम वर्ष में उसने 8.05 सीजीपी अंक प्राप्त किए है। यश स्पोर्ट्स में भी काफी रुचि रखता था। वह पहले क्रिकेट का अभ्यास करता लेकिन कंधे में चोट लगने के बाद से उसने कबड्डी खेलना शुरू किया था। कबड्डी में उसने नेशनल प्रतियोगिता तक खेला है। ………………………… ये खबर भी पढ़िए… भगदड़ के बाद का मंजर 45 तस्वीरों में:परिजन ने शव का हाथ नहीं छोड़ा, डर था बॉडी खो न जाए; अस्पताल में 11 बॉडीज थीं प्रयागराज के संगम तट पर 28 जनवरी की आधी रात बाद भगदड़ मच गई। हादसे में अब तक 35 से 40 लोगों की मौत होने की खबर है। 50 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हैं। घायलों के रेस्क्यू और शवों की तलाश का काम अभी जारी है। परिजन भी अपनों को ढूंढ रहे हैं…(पढ़ें पूरी खबर) उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Year Ender 2024: टॉयलेट टैक्स से लेकर समोसा प्रकरण पर घिरी सुक्खू सरकार, जाते-जाते ‘जंगली मुर्गा’ कांड ने किया परेशान <p style=”text-align: justify;”><strong>Year Ender 2024:</strong> हिमाचल प्रदेश के लिए साल 2024 कई मायनों में खास रहा. इस साल <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में हिमाचल कांग्रेस को बड़ा झटका लगा. दूसरी तरफ उपचुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को झटका दिया. चुनावी राजनीति में हार-जीत का बड़ा महत्व है. इसी तरह बड़ा महत्व नेरेटिव बिल्डिंग का भी है. इस साल सुक्खू सरकार को कई घटनाओं ने बैकफुट पर ला दिया. समोसे गुम होने की जांच, टॉयलेट टैक्स, जंगली मुर्गा प्रकरण और एचआरटीसी ऑडियो मामला शामिल है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>फरवरी महीने में राज्यसभा चुनाव के दौरान मची सियासी उठापटक को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जून-जुलाई तक सेटल कर लिया. हालांकि एक के बाद एक उपजे विवाद ने सरकार की परेशानी बढ़ा दी. सबसे पहले बात आई टॉयलेट टैक्स की. जल शक्ति विभाग की ओर से नोटिफिकेशन जारी हुआ. नोटिफिकेशन में टॉयलेट टैक्स का जिक्र था. देश भर में शोर मच गया कि सरकार टॉयलेट पर भी टैक्स लेने जा रही है. बीजेपी ने सरकार को जमकर घेरा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कांग्रेस सरकार को बीजेपी ने बैकफुट पर धकेला </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>विवाद बढ़ने पर स्पष्टीकरण आया कि विभागीय मंत्री की ओर से नोटिफिकेशन वापस ले लिया गया. सरकार ने नोटिफिकेशन जारी होने की बात से इंकार कर दिया. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने भी टैक्स को खारिज कर दिया. बाद में नोटिफिकेशन नए रूप में सामने आया. तब तक सरकार टॉयलेट टैक्स के मामले में घिर चुकी थी. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी ट्वीट कर सुक्खू सरकार को घेरा था. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मुख्यमंत्री के लिए लाया समोसा किसने खाया?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार टॉयलेट टैक्स के विवाद से बाहर निकली. तब तक समोसा प्रकरण सामने आ गया. हिमाचल सीआईडी ने अनोखी जांच की थी. जांच रिपोर्ट बाद में लीक हो गई. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए शिमला में एक निजी होटल से मंगवाए गए स्नैक्स सीआईडी ने किसी और को परोस डाले थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अधिकारियों का कारनामा CM को पड़ा भारी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>21 अक्टूबर को मुख्यमंत्री के लिए नामी होटल से समोसे और केक मंगवाए गए थे. मुख्यमंत्री को स्नेक्स परोसने की बजाय किसी और को खिला दिए गए. अनोखी बात ये हुई कि सीआईडी ने मामले की जांच भी की. सीआईडी ने पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए. समोसे पर जांच के बाद गुप्तचर विभाग के महानिरीक्षक को रिपोर्ट भेजी गई. रिपोर्ट सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सरकार और गुप्तचर विभाग की जमकर फजीहत हुई. विभाग के अधिकारियों की गलती पर विपक्ष ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को आड़े हाथों लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बाद में गुप्तचर विभाग की ओर से प्रेस रिलीज जारी कर स्पष्टीकरण भी दिया गया. प्रेस नोट में बताया गया कि 21 अक्टूबर को मुख्यमंत्री ने 1930 हेल्पलाइन डाटा सेंटर के उद्घाटन और वरिष्ठ अधिकारियों संग बैठक के लिए गुप्तचर विभाग कार्यालय का दौरा किया था. उद्घाटन और अधिकारियों संग बैठक के बाद पुलिस महानिदेशक गुप्तचर विभाग कार्यालय में ब्रीफिंग सत्र हुआ.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ब्रीफिंग सत्र में एक अधिकारी ने जलपान प्रबंधन विशेष तौर पर पर्यटन निगम और बाहर से लाई गई खाने की चीजों की तरफ ध्यान दिलाया. पता चला कि मुख्यमंत्री को कुछ खाद्य सामग्री नहीं परोसी गई. गुप्तचर विभाग के पुलिस महानिदेशक संजीव रंजन ओझा ने पता लगाना चाहा कि स्नैक्स भोजन की सूची से कैसे गायब हो गया. गुप्तचर विभाग ने सीआईडी का आंतरिक मामला बताया. सीआईडी की ओर से कहा गया है कि मामले से सरकार का कोई लेना-देना नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राहुल गांधी के खिलाफ ऑडियो पर नोटिस!</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>नवंबर में हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस का ऑडियो का मामला सामने आ गया. एक यात्री बस में विपक्षी नेताओं का डिबेट सुन रहा था. फोन की तेज आवाज पूरी बस में सुनाई दे रही थी. डिबेट में इंडिया एलाइंस के बड़े-बड़े नेताओं का नाम लिया जा रहा था. 1 नवंबर को बस संख्या HP-63-C-5134 शिमला से संजौली की तरफ जा रही थी. आरोप था कि बस में ऑडियो प्रोग्राम चलाया जा रहा था. आचार्य प्रमोद और अन्य के बीच बातचीत हो रही थी. नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी और तेजस्वी यादव का नाम भी आ रहा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सभी नेताओं के खिलाफ दुष्प्रचार का आरोप लगा. सरकारी वाहन में किसी भी राजनेता के विरुद्ध ऐसी वार्ता का ऑडियो चलाना उचित नहीं होता. नोटिस में कहा गया कि ड्राइवर और कंडक्टर की सरकारी बस में आपत्तिजनक ऑडियो को रोकने की जिम्मेदारी थी. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. 25 नवंबर को नोटिस जारी कर तीन दिन में दोनों से जवाब मांगा गया. जवाब दाखिल न होने की स्थिति में विभागीय कार्रवाई की भी बात कही गई. ड्राइवर टेक राज और कंडक्टर शेषराम ने जवाब दे दिया. बाद में नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हिमाचल पथ परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने कहा था कि ड्राइवर और कंडक्टर पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं होगी. उन्होंने कहा कि नोटिस ढली उपमंडलीय प्रबंधक की ओर से जारी किया गया था. व्यक्तिगत तौर पर समझा दिया है कि नोटिस देते हुए भाषा शैली का ध्यान रखा जाए. उन्होंने कहा कि शिकायत निराधार थी. इस तरह की शिकायत का कोई औचित्य नहीं बनता. ऐसे में ड्राइवर और कंडक्टर पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं होगी. रोहन चंद ठाकुर ने कहा कि बस में ऑडियो यात्री के मोबाइल पर चल रहा था. बस में ऑडियो को नहीं लगाया गया था. ऐसे में ड्राइवर और कंडक्टर की गलती नहीं है. ड्राइवर कंडक्टर के बच निकलने पर सरकार की खूब ट्रोलिंग हुई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जाते-जाते जंगली मुर्गा भी कर गया परेशान </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>साल 2024 के जाते-जाते दिसंबर महीने में एक बार फिर सरकार जंगली मुर्गा प्रकरण पर फंस गई. कथित तौर पर जंगली मुर्गे परोसे जाने ने सरकार को बैकफुट पर खड़ा कर दिया. मुख्यमंत्री ने न तो समोसा खाया था और न ही जंगली मुर्गा, फिर भी विपक्ष के पास बैठे-बिठाए सरकार को घेरने का मौका हाथ लग गया. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शिमला के कुपवी दौरे पर थे. कुपवी में मुख्यमंत्री ‘सरकार- आपके द्वार’ कार्यक्रम के तहत पहुंचे थे. रात करीब नौ बजे डिनर में कथित तौर पर जंगली मुर्गा भी शामिल था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विपक्ष ने विधानसभा परिसर में किया प्रदर्शन</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि मुख्यमंत्री ने जंगली मुर्गा नहीं खाया, लेकिन वीडियो में अन्य लोगों से नॉन वेज खाने के लिए पूछते हुए नजर आए. बाद में स्पष्टीकरण आया कि डिनर में प्रतिबंधित प्रजाति का जंगली मुर्गा के बजाय देसी मुर्गा परोसा गया था. लोगों ने मामला दर्ज करवाकर पुलिस से भावनाओं को आहत करने वालों पर कार्रवाई की मांग की. शीतकालीन सत्र में विपक्ष ने विधानसभा परिसर में जंगली मुर्गा का कट आउट लाकर प्रदर्शन भी किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”हिमाचल में 6 राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूलों का निर्माण शुरू, बच्चों को मिलेगी हाईटेक सुविधा” href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/rajiv-gandhi-day-boarding-school-congstruction-started-in-kangra-hamirpur-ann-2852426″ target=”_self”>हिमाचल में 6 राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूलों का निर्माण शुरू, बच्चों को मिलेगी हाईटेक सुविधा</a></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”> </p>