उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जन अभियान-2024’ की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत उत्तर प्रदेश को इस वर्ष 36.46 करोड़ से अधिक का लक्ष्य मिला है। मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि आपसी समन्वय से इस लक्ष्य को हर हाल में आगामी 20 जुलाई को पूरा करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशभर में पौधरोपण महाअभियान के लिए विभागवार व जनपदवार लक्ष्य निर्धारित करते हुए कार्य किया जाए। बैठक में उन्होंने प्रदेश सरकार के मंत्रियों व विभिन्न विभागाध्यक्षों को दिशा-निर्देश भी दिए। उत्तर प्रदेश पर है प्रकृति व परमात्मा की असीम कृपाः सीएम मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश पर प्रकृति व परमात्मा की असीम कृपा है। यहां पौधरोपण अभियान अब जनांदोलन का स्वरूप ले चुका है। विगत छह वर्ष में यहां 168 करोड़ से अधिक पौधे रोपित किए जा चुके हैं। जिनमें 2017-18 में 5.72 करोड़, 2018-19 में 11.77 करोड़, 2019-20 में 22.60 करोड़, 2020-21 में 25.87 करोड़, 2021-22 में 30.53 करोड़, 2022-23 में 35.49, 2023-24 में 36.16 करोड़ पौधरोपण किए गए। प्रदेश में 20 जुलाई को लगेंगे 36.46 करोड़ से अधिक पौधे मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पिछले छह वर्ष में 168 करोड़ से अधिक पौधे रोपित किए जा चुके हैं। और भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा प्रकाशित स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में 1.98 लाख एकड़ भूमि में हरित आवरण में वृद्धि हुई है। वही प्रदेश में आगामी 20 जुलाई को 36.46 करोड़ से अधिक पौधे लगेंगे। सभी मंत्री अपने प्रभार वाले जनपद में उपस्थित रहकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों और आम लोगो के साथ मिलकर पौधरोपण करें। इस कार्यक्रम में नोडल अधिकारी अपनी सक्रिय भूमिका का निर्वहन करें। पौधरोपण जनअभियान के लिए तैयार किए गए हैं 54.20 करोड़ पौधे पौधरोपण जनअभियान की सफलता के लिए पौधों की उपलब्धता अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा 54.20 करोड़ पौधे तैयार किए गए हैं। इन पौधों के रोपण के साथ-साथ इनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। पौधरोपण स्थलों की जियो टैगिंग की जाए। पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान के लोगो का किया अनावरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सारस की ग्रीष्मकालीन गणना-2024 की घोषणा की। उन्होंने बताया कि इस बार गणना 19918 सारस पाए गए हैं। 2023 में यह संख्या 19522, 2022 में 19188 थी। मुख्यमंत्री ने पेड़ लगाओ- पेड़ बचाओ जनअभियान-2024 के लोगो का अनावरण भी किया। साथ ही उन्होंने वृक्षारोपण फ्लिप बुक का भी विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने पौधों को संरक्षित करने के लिए निर्देश •मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापक जनसहयोग से प्रदेश के कुल हरित क्षेत्र में वृद्धि हो रही है। राज्य सरकार का लक्ष्य प्रदेश के कुल हरित क्षेत्र को 2021-22 के 9.23 प्रतिशत से बढ़ाकर 2026-27 तक 15 प्रतिशत तक ले जाने का है। इस लक्ष्य के अनुरूप 175 करोड़ पौधे लगाने और संरक्षित करने होंगे। •मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ‘कार्बन फाइनेंस’ के माध्यम से कृषकों की आय में वृद्धि करने की दिशा में कार्य कर रही है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से किसानों को इंसेटिव भी प्रदान किया जाएगा। कार्बन फाइनेंस की जानकारी अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाई जाई। •मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन विभागों के पास पर्याप्त जमीन नहीं है, वह अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर पौधरोपण के कार्य को प्रमुखता से आगे बढ़ाएं। •मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रभारी मंत्री व नोडल अधिकारी पौधरोपण जन अभियान से जुड़ें। पौधरोपण जन अभियान के संबंध में कुछ नए नवाचारों को भी आगे बढ़ाएं। •मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को सहजन का पौधा उपलब्ध कराएं और आंगनबाड़ी केंद्रों में सहजन का पौध लगाया जाए। यह पौधा कुपोषण से बचाव में काफी कारगर साबित होता है। •मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि के 2.62 करोड़ लाभार्थियों से संवाद बनाकर उन्हें भी पौधरोपण जन अभियान से जोड़ें। उन्होंने यह भी कहा कि अमृत सरोवरों, नदियों के किनारे, खाली जमीन, हाइवे-एक्सप्रेसवे के किनारे, मंडी समितियों में आवश्यक्तानुसार में फलदार-छायादार पौधे रोपित किए जाएं। गंगा, यमुना, हिंडन समेत अन्य नदियों के तटवर्ती क्षेत्रों में सघन पौधरोपण किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पौधे लगवाने के साथ इनकी सुरक्षा के भी प्रबंध किए जाएं। ट्री गार्ड आदि लगाकर इनकी सुरक्षा भी हर हाल में सुनिश्चित की जाए। बाल वन, अमृत वन, नगर वन, युवा वन, शक्ति वन, मित्र वन, विरासत विरासत वाटिका, नक्षत्र वाटिका भी लगाकर पूर्व की भांति इस वर्ष भी नियोजित पौधरोपण के प्रयास किए जाएं। यह वन हरीतिमा बढ़ाने में अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं। •मुख्यमंत्री ने कहा कि पौधरोपण के लिए वन भूमि, ग्राम पंचायत, सामुदायिक भूमि, एक्सप्रेसवे-हाइवे, फोरलेन सड़क, नहर, विकास प्राधिकरणों, चिकित्सा संस्थान, शिक्षण संस्थान की भूमि के साथ नागरिकों के द्वारा निजी परिसरों का उपयोग किया जा सकता है। निजी क्षेत्रों, एनजीओ, धार्मिक-सामाजिक संस्थाओं को भी इस अभियान के साथ जोड़ा जाए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जन अभियान-2024’ की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत उत्तर प्रदेश को इस वर्ष 36.46 करोड़ से अधिक का लक्ष्य मिला है। मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि आपसी समन्वय से इस लक्ष्य को हर हाल में आगामी 20 जुलाई को पूरा करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशभर में पौधरोपण महाअभियान के लिए विभागवार व जनपदवार लक्ष्य निर्धारित करते हुए कार्य किया जाए। बैठक में उन्होंने प्रदेश सरकार के मंत्रियों व विभिन्न विभागाध्यक्षों को दिशा-निर्देश भी दिए। उत्तर प्रदेश पर है प्रकृति व परमात्मा की असीम कृपाः सीएम मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश पर प्रकृति व परमात्मा की असीम कृपा है। यहां पौधरोपण अभियान अब जनांदोलन का स्वरूप ले चुका है। विगत छह वर्ष में यहां 168 करोड़ से अधिक पौधे रोपित किए जा चुके हैं। जिनमें 2017-18 में 5.72 करोड़, 2018-19 में 11.77 करोड़, 2019-20 में 22.60 करोड़, 2020-21 में 25.87 करोड़, 2021-22 में 30.53 करोड़, 2022-23 में 35.49, 2023-24 में 36.16 करोड़ पौधरोपण किए गए। प्रदेश में 20 जुलाई को लगेंगे 36.46 करोड़ से अधिक पौधे मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पिछले छह वर्ष में 168 करोड़ से अधिक पौधे रोपित किए जा चुके हैं। और भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा प्रकाशित स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में 1.98 लाख एकड़ भूमि में हरित आवरण में वृद्धि हुई है। वही प्रदेश में आगामी 20 जुलाई को 36.46 करोड़ से अधिक पौधे लगेंगे। सभी मंत्री अपने प्रभार वाले जनपद में उपस्थित रहकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों और आम लोगो के साथ मिलकर पौधरोपण करें। इस कार्यक्रम में नोडल अधिकारी अपनी सक्रिय भूमिका का निर्वहन करें। पौधरोपण जनअभियान के लिए तैयार किए गए हैं 54.20 करोड़ पौधे पौधरोपण जनअभियान की सफलता के लिए पौधों की उपलब्धता अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा 54.20 करोड़ पौधे तैयार किए गए हैं। इन पौधों के रोपण के साथ-साथ इनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। पौधरोपण स्थलों की जियो टैगिंग की जाए। पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान के लोगो का किया अनावरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सारस की ग्रीष्मकालीन गणना-2024 की घोषणा की। उन्होंने बताया कि इस बार गणना 19918 सारस पाए गए हैं। 2023 में यह संख्या 19522, 2022 में 19188 थी। मुख्यमंत्री ने पेड़ लगाओ- पेड़ बचाओ जनअभियान-2024 के लोगो का अनावरण भी किया। साथ ही उन्होंने वृक्षारोपण फ्लिप बुक का भी विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने पौधों को संरक्षित करने के लिए निर्देश •मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापक जनसहयोग से प्रदेश के कुल हरित क्षेत्र में वृद्धि हो रही है। राज्य सरकार का लक्ष्य प्रदेश के कुल हरित क्षेत्र को 2021-22 के 9.23 प्रतिशत से बढ़ाकर 2026-27 तक 15 प्रतिशत तक ले जाने का है। इस लक्ष्य के अनुरूप 175 करोड़ पौधे लगाने और संरक्षित करने होंगे। •मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ‘कार्बन फाइनेंस’ के माध्यम से कृषकों की आय में वृद्धि करने की दिशा में कार्य कर रही है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से किसानों को इंसेटिव भी प्रदान किया जाएगा। कार्बन फाइनेंस की जानकारी अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाई जाई। •मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन विभागों के पास पर्याप्त जमीन नहीं है, वह अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर पौधरोपण के कार्य को प्रमुखता से आगे बढ़ाएं। •मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रभारी मंत्री व नोडल अधिकारी पौधरोपण जन अभियान से जुड़ें। पौधरोपण जन अभियान के संबंध में कुछ नए नवाचारों को भी आगे बढ़ाएं। •मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को सहजन का पौधा उपलब्ध कराएं और आंगनबाड़ी केंद्रों में सहजन का पौध लगाया जाए। यह पौधा कुपोषण से बचाव में काफी कारगर साबित होता है। •मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि के 2.62 करोड़ लाभार्थियों से संवाद बनाकर उन्हें भी पौधरोपण जन अभियान से जोड़ें। उन्होंने यह भी कहा कि अमृत सरोवरों, नदियों के किनारे, खाली जमीन, हाइवे-एक्सप्रेसवे के किनारे, मंडी समितियों में आवश्यक्तानुसार में फलदार-छायादार पौधे रोपित किए जाएं। गंगा, यमुना, हिंडन समेत अन्य नदियों के तटवर्ती क्षेत्रों में सघन पौधरोपण किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पौधे लगवाने के साथ इनकी सुरक्षा के भी प्रबंध किए जाएं। ट्री गार्ड आदि लगाकर इनकी सुरक्षा भी हर हाल में सुनिश्चित की जाए। बाल वन, अमृत वन, नगर वन, युवा वन, शक्ति वन, मित्र वन, विरासत विरासत वाटिका, नक्षत्र वाटिका भी लगाकर पूर्व की भांति इस वर्ष भी नियोजित पौधरोपण के प्रयास किए जाएं। यह वन हरीतिमा बढ़ाने में अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं। •मुख्यमंत्री ने कहा कि पौधरोपण के लिए वन भूमि, ग्राम पंचायत, सामुदायिक भूमि, एक्सप्रेसवे-हाइवे, फोरलेन सड़क, नहर, विकास प्राधिकरणों, चिकित्सा संस्थान, शिक्षण संस्थान की भूमि के साथ नागरिकों के द्वारा निजी परिसरों का उपयोग किया जा सकता है। निजी क्षेत्रों, एनजीओ, धार्मिक-सामाजिक संस्थाओं को भी इस अभियान के साथ जोड़ा जाए। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Rajkot Fire: राजकोट के ‘अग्निकांड’ में बच्चों समेत 24 जिंदा जले, मुआवजे का ऐलान, जांच के लिए बनी SIT <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajkot TRP Game Zone Fire Update:</strong> गुजरात के राजकोट शहर में शनिवार (25 मई) शाम को एक भीड़भाड़ वाले टीआरपी गेम जोन में लगी भीषण आग में बच्चों सहित कम से कम 24 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है. मृतक के परिवार को 4-4 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की गई है. वहीं, एसआईटी की टीम इस घटना की जांच करेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ”राज्य सरकार मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये देगी. इस संबंध में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है और उसे पूरे मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दो घंटे में आग पर काबू</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>राजकोट कलेक्टर प्रभाव जोशी ने जानकारी देते हुए बताया, “हमें करीब 4:30 बजे आग की सूचना मिली थी, तुरंत एम्बुलेंस और दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची. यहां TRP गेमिंग ज़ोन में जो अस्थायी संरचना थी वह ध्वस्त हो गई. आग पर 2 घंटे पहले काबू पा लिया गया है, मलबा निकाला जा रहा है. राहत और बचाव कार्य जारी है. मुख्यमंत्री के साथ हम संपर्क में हैं.”</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”hi”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a> गुजरात: राजकोट कलेक्टर प्रभाव जोशी ने बताया, “हमें लगभग 4:30 बजे आग की सूचना मिली थी, तुरंत एम्बुलेंस और दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची। यहां TRP गेमिंग ज़ोन में जो अस्थायी संरचना थी वह ध्वस्त हो गई। आग पर 2 घंटे पहले काबू पा लिया गया है, मलबा निकाला जा रहा है। राहत और… <a href=”https://t.co/MRpvCX0DrY”>https://t.co/MRpvCX0DrY</a> <a href=”https://t.co/TH1E8qpOX7″>pic.twitter.com/TH1E8qpOX7</a></p>
— ANI_HindiNews (@AHindinews) <a href=”https://twitter.com/AHindinews/status/1794393611494191186?ref_src=twsrc%5Etfw”>May 25, 2024</a></blockquote>
<p style=”text-align: justify;”>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>बढ़ सकता है मौत का आंकड़ा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रभावित टीआरपी गेम ज़ोन और अधिकारियों को डर है कि हताहतों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि गर्मी की छुट्टियों और सप्ताहांत के कारण कई बच्चे घटनास्थल पर मौजूद थे. अभी 24 लोगों की मौत की जानकारी है. मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने ट्वीट किया कि शहर प्रशासन को आग की घटना में तत्काल बचाव और राहत कार्य करने का निर्देश दिया गया है. नगर निगम और प्रशासन को आग की घटना में तत्काल बचाव और राहत कार्यों के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री पटेल ने घायलों के तत्काल इलाज की व्यवस्था को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है. </p>
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यूपी में निगम, आयोग-बोर्ड तैनाती में उलझी सरकार:जातीय विवाद छिड़ने के बाद भाजपा हाईकमान नाराज, उपचुनाव तक नई तैनाती की उम्मीद कम योगी सरकार 2.0 बनने के करीब 29 महीने बाद 23 अगस्त से प्रदेश में निगम, आयोग और बोर्ड के गठन का सिलसिला शुरू हुआ। एक महीने में 4 बड़ी संस्थाओं में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की गई। लेकिन, इससे भाजपा में ही जातीय विवाद की स्थिति खड़ी हो गई। जिन जातियों को इनमें जगह नहीं मिली, उनके नेता नाराज हैं। यह बात भाजपा नेतृत्व को पता चली तो आगे की राजनीतिक नियुक्तियों में फूंक-फूंक कर कदम रखा जाने लगा। नतीजा, सरकार में समायोजन की आस लगाए नेताओं और कार्यकर्ताओं को अब कुछ दिन और इंतजार करना पड़ सकता है। सरकार ने भाजपा नेता वाईपी सिंह को यूपीसिडको का अध्यक्ष बनाया। वाईपी सिंह क्षत्रिय समाज से हैं। उसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में आरपी सिंह को अध्यक्ष बनाया गया। आरपी सिंह भी क्षत्रिय समाज से हैं। महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान खुद जाट हैं, लेकिन उनका विवाह क्षत्रिय परिवार में हुआ है। आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा खुद क्षत्रिय हैं, लेकिन उनका विवाह यादव परिवार में हुआ है। भाजपा के सूत्रों का कहना है कि यह महज एक संयोग है, लेकिन जाने-अनजाने जातीय विवाद खड़ा हो गया। खास तौर पर ब्राह्मण और वैश्य वर्ग नाराज हो गया। दोनों समुदायों से जुड़े भाजपा के नेताओं और सरकार के मंत्रियों ने भी समाज की नाराजगी से पार्टी नेतृत्व को अवगत कराया। आनन-फानन में लघु उद्योग विकास निगम में राकेश गर्ग को अध्यक्ष और नटवर गोयल को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। इन आयोग और बोर्ड में नियुक्ति को लेकर विवाद हुआ 1- पहले ही घोषणा में हो चुकी चूक: सरकार ने सबसे पहले उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग का गठन किया। आयोग में बाराबंकी के पूर्व विधायक बैजनाथ रावत को अध्यक्ष बनाया गया। दो उपाध्यक्ष और सदस्य भी बनाए गए। सामने आया कि अध्यक्ष बैजनाथ रावत, उपाध्यक्ष और तीन सदस्यों की उम्र 65 साल से अधिक होने से वह पात्र नहीं है। आनन-फानन में एक्ट में संशोधन कर आयु सीमा की बाध्यता को खत्म किया गया। 2- फिर ओबीसी आयोग से नाराजगी: सूत्रों के मुताबिक, भाजपा और सरकार के शीर्ष लोग सीतापुर के पूर्व सांसद राजेश वर्मा को अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग में अध्यक्ष बनाने के पक्ष में नहीं थे। राष्ट्रीय नेतृत्व के कहने पर राजेश वर्मा को आयोग में अध्यक्ष बनाया गया। इससे प्रदेश में आयोग के अध्यक्ष पद की दौड़ में लगे कई ओबीसी नेताओं के हाथ मायूसी लगी। 3- महिला आयोग में भी विवाद: राज्य महिला आयोग में बबीता चौहान को अध्यक्ष बनाया गया। पूर्व सीएम और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा को उपाध्यक्ष बनाया गया। सूत्रों के मुताबिक, बबीता चौहान को अध्यक्ष बनाए जाने से भाजपा का एक खेमा नाराज है। आयोग में सदस्यों की नियुक्ति को लेकर कोर कमेटी के सदस्यों के बीच भी मनमुटाव हुआ। अपर्णा ने तो कई दिनों तक कार्यभार भी ग्रहण नहीं किया। सीएम योगी से मुलाकात के बाद वह कार्यभार ग्रहण करने पहुंची थीं। 4- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में भी पैराशूट लैंडिंग: उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में अध्यक्ष का पद महत्वपूर्ण है। प्रदेश की नौकरशाही चाहती है कि इस पद पर कोई वरिष्ठ आईएएस अफसर ही तैनात रहे। योगी सरकार 1.0 में पहली बार बोर्ड में भाजपा के तत्कालीन प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर को अध्यक्ष बनाया गया था। नौकरशाही ने उनकी नियुक्ति पर भी सवाल खड़े किए थे। योगी सरकार 2.0 में भी बोर्ड में इस पद के लिए कई बड़े नेताओं की दावेदारी थी। लेकिन राष्ट्रीय नेताओं की अनुशंसा पर सरकार ने सीपीडब्लूडी के रिटायर्ड इंजीनियर आरपी सिंह को बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया। सूत्रों के मुताबिक, आरपी सिंह की नियुक्ति से भाजपा के कई बड़े नेता नाराज हैं। 5- अल्पसंख्यक आयोग में सिख या मुस्लिम: सूत्रों के मुताबिक अल्पसंख्यक आयोग में भी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति होनी है। सिख समाज की ओर से भी अध्यक्ष पद की मांग की जा रही है। वहीं, जैन समाज भी इस पद के लिए दावेदारी कर रहा है। भाजपा का एक खेमा अल्पसंख्यक आयोग में अध्यक्ष पद मुस्लिम समुदाय को ही देने का पक्षधर है। 6- लघु उद्योग निगम में भी नाराजगी: भाजपा ने लघु उद्योग विकास निगम में आगरा के राकेश गर्ग को अध्यक्ष और लखनऊ के नटवर गोयल को उपाध्यक्ष नियुक्त किया। राकेश गर्ग तो कैडर के कार्यकर्ता हैं। लेकिन नटवर गोयल पहले विपक्षी दलों में रहे हैं। यह है प्रक्रिया राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के क्षेत्रीय और प्रांत प्रचारक से भी परिवार के सदस्यों का समायोजन करने के लिए नाम मांगे जाते हैं। मुख्यमंत्री और दोनों डिप्टी सीएम भी अपने-अपने सुझाव देते हैं। इसके बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और महामंत्री संगठन निगम, आयोग और बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों के लिए प्रस्तावित नामों का पैनल तैयार करते हैं। पैनल पर भाजपा की कोर कमेटी में चर्चा होती है। इसके बाद जिन नामों पर सर्वसम्मति बनती है, उन्हें नियुक्त करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा जाता है। भाजपा से मिले प्रस्ताव पर सीएम योगी मंजूरी देते हैं। उसके बाद प्रशासनिक विभाग की ओर से संबंधित आयोग, निगम, बोर्ड के गठन की अधिसूचना (शासनादेश) जारी की जाती है। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक का कहना है, भाजपा दावा करती है कि वह संगठित राष्ट्रीय दल है। उनके पास कैडर है। संगठन सरकार को चलाता है। इसके बावजूद अगर निगम, बोर्ड और आयोग में तात्कालिक लाभ के लिए नियुक्तियां की जा रही हैं, तो दावे की पोल खुलती है। सरकार सबका साथ सबका विकास का दावा करती है। सरकार कहती है, हम जातीय मजहब के आधार पर भेदभाव नहीं करेंगे। उसके बाद भी यह सवाल उठ रहा कि सभी जातियों को प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा। यह भाजपा के समावेशी नारे की कमी को उजागर करता है। अब आगे क्या: उपचुनाव के बाद होगी अधिकांश घोषणा
भाजपा के सूत्रों के मुताबिक अब बाकी निगम, आयोग, बोर्ड के गठन की कार्रवाई विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के बाद होगी। पार्टी का मानना है कि उपचुनाव से पहले बड़े निगम, आयोग और बोर्ड घोषित करने से फिर विवाद हुआ तो इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। ये भी पढ़ें… योगी बोले-किसी भी धर्म पर टिप्पणी बर्दाश्त नहीं:विरोध के नाम पर आगजनी, तोड़फोड़ भी स्वीकार नहीं, कीमत चुकानी पड़ेगी जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद के पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान से यूपी में बवाल थम नहीं रहा। इसी बीच सोमवार को सीएम योगी ने बड़ा बयान दिया है। कहा- जाति-धर्म, मजहब, महापुरुषों, देवी-देवता पर टिप्पणी कतई बर्दाश्त नहीं है। योगी ने प्रदर्शन के नाम पर हिंसा करने वालों को हिदायत दी है। कहा- विरोध के नाम पर अराजकता, तोड़फोड़ और आगजनी स्वीकार नहीं है, जो कोई ऐसा दुस्साहस करेगा, उसे कीमत चुकानी पड़ेगी। पढ़ें पूरी खबर…
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शिमला में बस ड्राइवर को आया चक्कर:3 गाड़ियों को मारी टक्कर; साथ बैठे कंडक्टर की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा, 25 यात्री सवार थे शिमला के उप नगर विकास नगर में आज सुबह बड़ा हादसा होने से टल गया। यहां एक प्राइवेट बस ड्राइवर को गाड़ी चलाते-चलाते अचानक चक्कर आ गया। इससे सवारियों से भरी बस 3 गाड़ियों से टकरा गई। सूचना के अनुसार, बुधवार सुबह करीब 9.30 बजे प्राइवेट बस पंथाघाटी से शिमला बस स्टैंड की तरफ जा रही थी। जैसे ही बस विकास नगर पहुंची तो ड्राइवर को चक्कर आ गया। इससे ड्राइवर ने बस पर से नियंत्रण खो दिया और बस वहां से गुजर रही 3 गाड़ियों से टकरा गई। इससे तीनों गाड़ियों को भी काफी नुकसान हुआ है। बस में 25 से 30 सवारियां सवार थी। सभी सुरक्षित बताए जा रहे हैं। तीन गाड़ियों में सवार लोग भी सुरक्षित बताए जा रहे है। कंडक्टर की सूझबूझ से टला हादसा एक अन्य बस के कंडक्टर उमेश ने बताया कि बस ड्राइवर को अचानक चक्कर आने से हादसा हुआ है। उन्होंने बताया कि यह बड़ा हादसा हो सकता था। मगर ड्राइवर के साथ पहली सीट पर दूसरी बस का कंडक्टर बैठा हुआ था। जैसे ही ड्राइवर को चक्कर आया, साथ बैठे कंडक्टर ने बस का स्टीयरिंग पहाड़ी की तरफ काट दिया। यदि उसने ऐसा नहीं किया होता तो बस करीब 70 फीट गहरी गहरी खाई में लुढ़क सकती थी। इससे जान व माल का नुकसान होता। गाड़ियों से बस की टक्कर के बाद मौके पर चीख-पुकार मची रही। गनीमत यह रही कि सभी यात्री पूरी तरह सुरक्षित है।