डिजिटल अटेंडेंस का आदेश होगा वापस:बेसिक शिक्षा विभाग के 6 लाख टीचर कर रहे विरोध; अखिलेश ने भी किया था समर्थन

डिजिटल अटेंडेंस का आदेश होगा वापस:बेसिक शिक्षा विभाग के 6 लाख टीचर कर रहे विरोध; अखिलेश ने भी किया था समर्थन

यूपी के 6.90 लाख टीचरों को ऑनलाइन अटेंडेंस से राहत मिल सकती है। बेसिक शिक्षा विभाग और शिक्षक संघ के बीच वार्ता हुई है। सूत्रों का कहना है कि जल्द सरकार अपना आदेश वापस ले सकती है। प्रदेश के बेसिक, कंपोजिट और कस्तूरबा स्कूलों में 8 जुलाई से डिजिटल अटेंडेंस व्यवस्था लागू की गई थी। लेकिन, पूरे प्रदेश में टीचरों ने इसका कड़ा विरोध किया। उन्होंने बांह पर काली पट्टी बांधकर बच्चों को पढ़ाया था। सरकार के इस फैसले का सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी विरोध किया था। शिक्षक संघों ने खोला मोर्चा
प्राथमिक शिक्षक संघ, विशिष्ट बीटीसी संघ और शिक्षामित्र अनुदेशक संघ समेत अन्य शिक्षक संघों ने विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मंगलवार शाम लखनऊ में शिक्षक संगठन एकजुट होकर डिजिटल अटेंडेंस के विरोध में संयुक्त मोर्चा बनाने पर राजी हुए। इस पहल में महिला शिक्षक संघ की अहम भूमिका रही। रविवार को भी इसी जगह पर महिला शिक्षा संघ ने प्रदेश भर में विरोध की रणनीति तैयार की थी। फिर जिलों में ऑनलाइन अटेंडेंस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। पहले दिन 12 से अधिक जिलों में रही जीरो अटेंडेंस
प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के 1.32 लाख से अधिक विद्यालय हैं। इनमें 6 लाख 90 हजार से ज्यादा शिक्षक तैनात हैं। पहले दिन सोमवार को महज 16 हजार 15 शिक्षकों ने डिजिटल अटेंडेंस लगाई। कुल शिक्षकों का यह महज 2% है। वहीं, बाराबंकी, गोंडा, गोरखपुर, महराजगंज, पीलीभीत समेत 12 से अधिक जिलों में किसी भी शिक्षक ने अटेंडेंस नहीं लगाई। 24 से अधिक जिलों में महज 1% अटेंडेंस रही। विभाग ने 30 मिनट की दी राहत
बेसिक शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन अटेंडेंस के लिए सुबह 7.45 से 8 बजे तक का समय तय किया। विरोध शुरू हुआ तो महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने थोड़ी राहत दी। 30 मिनट का अतिरिक्त समय दिया गया। यानी 8.30 बजे तक (कारण सहित बताते हुए) अटेंडेंस लगा सकते हैं। हालांकि शिक्षक इससे संतुष्ट नहीं हैं। पहले 15 जुलाई से होना था लागू
परिषदीय विद्यालयों में पिछले साल से शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों की अटेंडेंस को डिजिटल करने की तैयारी चल रही थी। हालांकि तब विरोध के चलते सफल नहीं हुआ था। इस सत्र की शुरुआत के साथ ही एक बार फिर छात्रों की उपस्थिति डिजिटल कर दी गई। 15 जुलाई से फेस रिकग्निजेशन के जरिए शिक्षकों, कर्मचारियों को डिजिटल अटेंडेंस लगाने के निर्देश दिए थे। इस बीच अचानक 8 जुलाई से ही इनकी उपस्थिति भी डिजिटल करने के निर्देश जारी कर दिए गए। शिक्षक बारिश के कारण खराब रास्ते, स्कूलों में जलभराव जैसी व्यवहारिक दिक्कत का हवाला देते हुए इसमें रियायत देने की मांग कर रहे थे। अखिलेश यादव ने X पर लिखा- हम शिक्षकों के साथ यूपी के 6.90 लाख टीचरों को ऑनलाइन अटेंडेंस से राहत मिल सकती है। बेसिक शिक्षा विभाग और शिक्षक संघ के बीच वार्ता हुई है। सूत्रों का कहना है कि जल्द सरकार अपना आदेश वापस ले सकती है। प्रदेश के बेसिक, कंपोजिट और कस्तूरबा स्कूलों में 8 जुलाई से डिजिटल अटेंडेंस व्यवस्था लागू की गई थी। लेकिन, पूरे प्रदेश में टीचरों ने इसका कड़ा विरोध किया। उन्होंने बांह पर काली पट्टी बांधकर बच्चों को पढ़ाया था। सरकार के इस फैसले का सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी विरोध किया था। शिक्षक संघों ने खोला मोर्चा
प्राथमिक शिक्षक संघ, विशिष्ट बीटीसी संघ और शिक्षामित्र अनुदेशक संघ समेत अन्य शिक्षक संघों ने विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मंगलवार शाम लखनऊ में शिक्षक संगठन एकजुट होकर डिजिटल अटेंडेंस के विरोध में संयुक्त मोर्चा बनाने पर राजी हुए। इस पहल में महिला शिक्षक संघ की अहम भूमिका रही। रविवार को भी इसी जगह पर महिला शिक्षा संघ ने प्रदेश भर में विरोध की रणनीति तैयार की थी। फिर जिलों में ऑनलाइन अटेंडेंस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। पहले दिन 12 से अधिक जिलों में रही जीरो अटेंडेंस
प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के 1.32 लाख से अधिक विद्यालय हैं। इनमें 6 लाख 90 हजार से ज्यादा शिक्षक तैनात हैं। पहले दिन सोमवार को महज 16 हजार 15 शिक्षकों ने डिजिटल अटेंडेंस लगाई। कुल शिक्षकों का यह महज 2% है। वहीं, बाराबंकी, गोंडा, गोरखपुर, महराजगंज, पीलीभीत समेत 12 से अधिक जिलों में किसी भी शिक्षक ने अटेंडेंस नहीं लगाई। 24 से अधिक जिलों में महज 1% अटेंडेंस रही। विभाग ने 30 मिनट की दी राहत
बेसिक शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन अटेंडेंस के लिए सुबह 7.45 से 8 बजे तक का समय तय किया। विरोध शुरू हुआ तो महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने थोड़ी राहत दी। 30 मिनट का अतिरिक्त समय दिया गया। यानी 8.30 बजे तक (कारण सहित बताते हुए) अटेंडेंस लगा सकते हैं। हालांकि शिक्षक इससे संतुष्ट नहीं हैं। पहले 15 जुलाई से होना था लागू
परिषदीय विद्यालयों में पिछले साल से शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों की अटेंडेंस को डिजिटल करने की तैयारी चल रही थी। हालांकि तब विरोध के चलते सफल नहीं हुआ था। इस सत्र की शुरुआत के साथ ही एक बार फिर छात्रों की उपस्थिति डिजिटल कर दी गई। 15 जुलाई से फेस रिकग्निजेशन के जरिए शिक्षकों, कर्मचारियों को डिजिटल अटेंडेंस लगाने के निर्देश दिए थे। इस बीच अचानक 8 जुलाई से ही इनकी उपस्थिति भी डिजिटल करने के निर्देश जारी कर दिए गए। शिक्षक बारिश के कारण खराब रास्ते, स्कूलों में जलभराव जैसी व्यवहारिक दिक्कत का हवाला देते हुए इसमें रियायत देने की मांग कर रहे थे। अखिलेश यादव ने X पर लिखा- हम शिक्षकों के साथ   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर