सत्र 2024-25 के लिए राजकीय और निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन आज यानी 10 जुलाई से शुरू हो रहे हैं। अभ्यर्थी राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (scvt) की वेबसाइट www.scvtup.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड के सहयोग से संचालित 149 राजकीय संस्थानों में 11 दीर्घकालीन व्यवसायों के प्रशिक्षण सत्र के लिए भी किया जा सकता है। 4 अगस्त से पहले करना होगा आवेदन व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन में किसी भी प्रकार की त्रुटि के संशोधन के लिए अभ्यर्थियों को 2 दिन का समय दिया जाएगा। ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तारीख 4 अगस्त है। सत्र 2024-25 के लिए राजकीय और निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन आज यानी 10 जुलाई से शुरू हो रहे हैं। अभ्यर्थी राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (scvt) की वेबसाइट www.scvtup.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड के सहयोग से संचालित 149 राजकीय संस्थानों में 11 दीर्घकालीन व्यवसायों के प्रशिक्षण सत्र के लिए भी किया जा सकता है। 4 अगस्त से पहले करना होगा आवेदन व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन में किसी भी प्रकार की त्रुटि के संशोधन के लिए अभ्यर्थियों को 2 दिन का समय दिया जाएगा। ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तारीख 4 अगस्त है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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पंजाब राज्य फार्मेसी काउंसिल की चुनाव प्रक्रिया शुरू, 6 चयनित सदस्य लेंगे हिस्सा जालंधर | पंजाब राज्य फार्मेसी काउंसिल की चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस चुनाव प्रक्रिया में 6 चयनित सदस्यों का चुनाव होगा। चितकारा यूनिवर्सिटी से डॉक्टर ठाकुर सुरजीत सिंह, सरदूलगढ़ से संजीव कुमार, पंजाब फार्मेसी काउंसिल के प्रधान सुशील कुमार बंसल, अमृतसर से सुरेंद्र कुमार शर्मा, जालंधर से तजेंद्र पाल सिंह और रवि शंकर नंदा इस चुनाव प्रक्रिया में अपनी किस्मत को आजमा रहे हैं। इस संबंध में तेजेंद्र पाल सिंह ने बताया कि इस चुनाव प्रक्रिया में पंजाब के 40000 रजिस्टर्ड सदस्य अपने मत का प्रयोग करेंगे। 12 सितंबर से लेकर 5 अक्टूबर तक रजिस्ट्री पत्र के माध्यम से सदस्यों को अपने मत का प्रयोग करने के लिए निमंत्रण दिया जा रहा है । बाद में 28 अक्टूबर शाम तक जो सदस्य ऑनलाइन माध्यम से अपने मत का प्रयोग कर काउंसिल के प्रधान का चुनाव करेंगे। चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने के बाद 5 नवंबर को इसका परिणाम घोषित किया जाएगा। इस काउंसिल में कुल 15 सदस्य होते हैं ।
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हमीरपुर में नशा करने वाले 3 युवक गिरफ्तार:जांच के लिए भेजे ब्लड सैंपल, नशा निवारण केंद्र का मालिक पहुंचा थाने हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में नशे का इंजेक्शन लेने वाले 3 युवकों को बड़सर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनके ब्लड सैंपल लैब में जांच के लिए भेजे हैं। रिपोर्ट सही आई तो फिर उनके खिलाफ पुलिस अगली कार्रवाई अमल में लाएगी। 3 युवक बड़सर ग्राम पंचायत के वार्ड नंबर 7 के एक बाथरूम नुमा कमरे में पिछले रोज नशे का इंजेक्शन लेते हुए पाए गए थे। उधर नशा निवारण केंद्र बनी में हुए मर्डर मामले में केंद्र के कर्ताधर्ता आज सुबह खुद पुलिस स्टेशन पहुंचे। वीडियो हुआ था वायरल बता दे कि नशे का इंजेक्शन लगाते हुए इन युवकों का वीडियो वायरल हुआ था। उसके बाद पुलिस ने एक टीम गठित की थी। जिसने इस सारे मामले की शिनाख्त की। लेकिन पुलिस अभी यह नहीं बता रही कि पकड़े गए युवक कहां के रहने वाले हैं। इसका खुलासा लैब की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही किया जाएगा। जिले में हालत खराब दरअसल में हमीरपुर जिले के अलग-अलग इलाकों में युवाओं में बढ़ी नशे की आदत अभिभावकों के लिए परेशानी का सबक बनी हुई है। हमीरपुर शहर के आसपास भी इस तरह के कई ठिकाने अभी भी मौजूद हैं। जहां युवा नशे का शिकार हो रहे हैं। हालांकि पुलिस ने कई मर्तबा ऐसे युवाओं और लोगों को पकड़ने में भी कामयाबी हासिल की है। लेकिन इस सामाजिक बुराई में हालात अभी भी बेकाबू हैं। नशा निवारण केंद्र का फरार संचालक पहुंचा थाने करीब 5 दिन पहले नशा निवारण केंद्र बणी में हुए मर्डर मामले में फरार केंद्र के संचालक वीरवार सुबह पुलिस स्टेशन बड़सर पहुंच गया। उनके परिजनों से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही थी। सुबह 4:00 बजे भी पुलिस उन्हें के घर पर पहुंची थी। इस घटना के बाद भोरंज इलाके से संबंध रखने वाला यह संचालक तुसार चंदेल 5 दिनों के बाद पुलिस स्टेशन पहुंच गया। अभी एक अन्य आरोपी फरार है। इस मामले में केंद्र से संबंधित रिकार्ड भी पुलिस ने कब्जे में लिया है। जांच के लिए भेजे सैंपल- एसपी हमीरपुर के एसपी भगत सिंह ठाकुर का कहना है कि 3 युवकों की शिनाख्त करके उनके खून के सैंपल लैब में जांच के लिए भेजे गए हैं। ताकि पता लगाया जा सके कि नशे का उन्होंने सेवन किया है, और कितनी डोज ली कौन सी ली है। उन्होंने बताया कि नशा निवारण केंद्र बनी के संचालक को भी अरेस्ट कर लिया गया है। जांच के बाद जब उनके परिवार को पूछताछ के लिए बार-बार बुलाया गया तो आज तड़के आरोपी तुषार चंदेल पुलिस स्टेशन बड़सर पहुंच गया। उसका दूसरा साथी अभी फरार है।
Uttarakhand Foundation Day: नवंबर में 11 नए राज्यों का गठन और उत्तराखंड की ऐतिहासिक यात्रा, यहां जानें सबकुछ
Uttarakhand Foundation Day: नवंबर में 11 नए राज्यों का गठन और उत्तराखंड की ऐतिहासिक यात्रा, यहां जानें सबकुछ <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand Foundation Day:</strong> भारतीय इतिहास में नवंबर का महीना विशेष महत्व रखता है, खासतौर से राज्य गठन के संदर्भ में. इस महीने की 9 तारीख को 24 साल पहले उत्तराखंड का गठन हुआ था. यह वह दिन है जब हिमालय के इस क्षेत्र ने उत्तर प्रदेश से अलग होकर एक ज्य का दर्जा प्राप्त किया. 9 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया उत्तराखंड, जिसे पहले उत्तरांचल कहा गया, उस संघर्ष का परिणाम था जिसमें 42 राज्य आंदोलनकारियों ने अपनी जानें न्यौछावर की थीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र में संसाधनों और विकास योजनाओं की भारी कमी थी जो 1938 में पहली बार श्रीनगर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विशेष सत्र के दौरान सामने आई.इस सत्र में उत्तराखंड को एक अलग राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई गई थी.आजादी के बाद भी यह मांग बनी रही,लेकिन असली जोर 1990 के दशक में आया.जब उत्तराखंड के लोग बड़े पैमाने पर इस आंदोलन में शामिल हुए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आंदोलनकारियों का हौसला नहीं टूटा</strong><br />1994 का साल उत्तराखंड राज्य आंदोलन का निर्णायक मोड़ साबित हुआ. अलग राज्य की मांग ने जन आंदोलन का रूप ले लिया, जिसमें हर वर्ग, जाति और धर्म के लोग शामिल हो गए. इस आंदोलन के दौरान पुलिस दमन में 42 लोगों ने अपनी जान गंवाई. खटीमा और मसूरी में आंदोलनकारियों पर गोलीबारी की गई, जिससे कई आंदोलनकारी शहीद हुए और सैकड़ों घायल हो गए. यह पुलिसिया दमन ब्रिटिश हुकूमत के अत्याचारों की याद दिला रहा था, लेकिन आंदोलनकारियों का हौसला नहीं टूटा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रामपुर तिराहा कांड</strong><br />अक्टूबर 1994 में आंदोलन ने फिर तेजी पकड़ी जब आंदोलनकारी गांधी जयंती पर दिल्ली में प्रदर्शन के लिए निकले. मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा पर पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बैरिकेडिंग की. इस दौरान पुलिस ने अमानवीय बर्ताव करते हुए आंदोलनकारियों पर क्रूरता की हदें पार कर दीं. इस घटना ने देश को झकझोर दिया और उत्तराखंड के लोगों की अलग राज्य की मांग और भी मजबूत हो गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड का गठन</strong><br />उत्तराखंड के राज्य बनने की दिशा में एक निर्णायक कदम तब उठा, जब 15 अगस्त 1996 को तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने <a title=”स्वतंत्रता दिवस” href=”https://www.abplive.com/topic/independence-day-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>स्वतंत्रता दिवस</a> के अवसर पर अलग राज्य की घोषणा की. हालांकि, इस घोषणा को तब की खिचड़ी सरकार के कारण अमल में नहीं लाया जा सका. आखिरकार, जब 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार सत्ता में आई, तो तीन नए राज्यों के गठन की दिशा में ठोस कदम उठाए गए. 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़, 9 नवंबर को उत्तराखंड (उत्तरांचल), और 15 नवंबर को झारखंड का गठन हुआ.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मुख्यमंत्री ने दी अन्य राज्यों को शुभकामनाएं</strong><br />उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस ऐतिहासिक माह में स्थापना दिवस मना रहे राज्यों जैसे कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़, और मध्य प्रदेश को बधाई दी है. मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> के नेतृत्व में ये राज्य निरंतर प्रगति की ओर बढ़ते रहेंगे और विकास के नए आयाम स्थापित करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/samajwadi-party-mp-javed-ali-replied-on-cm-yogi-adityanath-statement-ann-2819460″>सीएम योगी के ‘बिटिया घबराई’ वाले बयान पर तिलमिलाए सपा सांसद जावेद अली, दिया ये जवाब</a></strong></p>