हरियाणा में मानसून आज रात से फिर सक्रिय हो जाएगा। 13 जुलाई तक प्रदेश के ज्यादातर जिलों में कहीं हल्की तो कहीं मध्यम बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। चौधरी चरणसिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार, दक्षिण-पश्चिमी मानसून की सक्रियता के कारण ज्यादातर क्षेत्रों में 11 से 13 जुलाई के दौरान कहीं कहीं हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। परंतु 14 व 15 जुलाई के दौरान मानसूनी हवाओं की सक्रियता में थोड़ी कमी रहने की संभावना से उत्तरी जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश तथा पश्चिमी व दक्षिणी जिलों में कुछ एक स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना है। इस दौरान दिन के तापमान में हल्की गिरावट रहने तथा वातावरण में नमी की मात्रा में बढ़ोतरी होने की संभावना है। 10 दिनों में 73.5 MM बारिश हुई वहीं अभी तक मानसून की बात करें तो हरियाणा में 1 जून से 10 जुलाई तक कुल 73.5 मिली मिलीमिटर बारिश दर्ज हुई है, जबकि इस दौरान पूरे राज्य में 84.4 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, जो सामान्य से 17% कम हैं। मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्र मोहन के अनुसार, हरियाणा राज्य में मानसून ब्रेक और कमजोर मानसून की स्थिति बनी हुई है। आधा से ज्यादा जिलों में मानसून बारिश में कमी बनी हुई है। दक्षिण-पश्चिम में मेहरबान मानसून अभी तक हरियाणा के पश्चिमी और दक्षिणी जिलों में लगातार मानसून मेहरबान रहा है। यहां बारिश सामान्य से ज्यादा दर्ज हों रही है। जबकि उत्तरी और पूर्वी जिलों में अभी भी मानसून की झमाझम बारिश की दरकार बनीं हुईं हैं। हरियाणा-एनसीआर के दक्षिणी हिस्सों पर आज भी उत्तर-पूर्वी राजस्थान के ऊपर एक चक्रवातीय सर्कुलेशन (परिसंचरण तंत्र ) बना हुआ है। जिसका आंशिक असर देखने को मिलेगा। दक्षिण के जिलों महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, मेवात और सोनीपत में कहीं-कहीं बिखराव वाली छिटपुट बूंदा-बांदी/बारिश की गतिविधियां देखने को मिल रही है। बता दें कि हरियाणा-एनसीआर के दक्षिणी हिस्सों पर मानसून का आगमन 28 जून को हुआ था। 11 जुलाई को एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की वजह से एक चक्रवातीय सर्कुलेशन पंजाब पर बनेगा। इस दौरान मानसून ट्रफ लाइन अपनी सामान्य स्थिति यानी हरियाणा-एनसीआर पर पहुंचने की संभावना बन रही है। आज से 13 जुलाई तक हरियाणा-एनसीआर के उत्तरी और पूर्वी जिलों में मेघ गर्जन के साथ हल्की-मध्यम बारिश और कुछ स्थानों पर मूसलाधार बारिश होने की संभावना है। जबकि शेष हरियाणा में इस दौरान हल्की बारिश बूंदाबांदी देखने को मिलेगी। इस मौसम प्रणालियों द्वारा पिछली मौसम प्रणाली से विपरीत स्थानों पर बारिश की गतिविधियों की संभावना है। पिछली बार पश्चिमी और दक्षिणी जिलों पर ज्यादा असर रहा। इस बार उसके विपरीत उत्तरी और पूर्वी जिलों में ज्यादा असर देखने को मिलेगा। हरियाणा-एनसीआर में अधिकतर स्थानों पर रात्रि तापमान 25.0 से 29.0 डिग्री सेल्सियस के बीच चल रहा था। राज्य में एक दिन पहले अधिकतर स्थानों पर दिन का तापमान 35.0 से 38.0 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है। मानसून गतिविधियां न होने से धीरे-धीरे सम्पूर्ण इलाके में तापमान में बढ़ोतरी और प्रचुर मात्रा में नमी से आमजन को पसीने वाली उमस भरी गर्मी से रूबरू होना पड़ रहा है। हरियाणा में मानसून आज रात से फिर सक्रिय हो जाएगा। 13 जुलाई तक प्रदेश के ज्यादातर जिलों में कहीं हल्की तो कहीं मध्यम बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। चौधरी चरणसिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार, दक्षिण-पश्चिमी मानसून की सक्रियता के कारण ज्यादातर क्षेत्रों में 11 से 13 जुलाई के दौरान कहीं कहीं हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। परंतु 14 व 15 जुलाई के दौरान मानसूनी हवाओं की सक्रियता में थोड़ी कमी रहने की संभावना से उत्तरी जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश तथा पश्चिमी व दक्षिणी जिलों में कुछ एक स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना है। इस दौरान दिन के तापमान में हल्की गिरावट रहने तथा वातावरण में नमी की मात्रा में बढ़ोतरी होने की संभावना है। 10 दिनों में 73.5 MM बारिश हुई वहीं अभी तक मानसून की बात करें तो हरियाणा में 1 जून से 10 जुलाई तक कुल 73.5 मिली मिलीमिटर बारिश दर्ज हुई है, जबकि इस दौरान पूरे राज्य में 84.4 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, जो सामान्य से 17% कम हैं। मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्र मोहन के अनुसार, हरियाणा राज्य में मानसून ब्रेक और कमजोर मानसून की स्थिति बनी हुई है। आधा से ज्यादा जिलों में मानसून बारिश में कमी बनी हुई है। दक्षिण-पश्चिम में मेहरबान मानसून अभी तक हरियाणा के पश्चिमी और दक्षिणी जिलों में लगातार मानसून मेहरबान रहा है। यहां बारिश सामान्य से ज्यादा दर्ज हों रही है। जबकि उत्तरी और पूर्वी जिलों में अभी भी मानसून की झमाझम बारिश की दरकार बनीं हुईं हैं। हरियाणा-एनसीआर के दक्षिणी हिस्सों पर आज भी उत्तर-पूर्वी राजस्थान के ऊपर एक चक्रवातीय सर्कुलेशन (परिसंचरण तंत्र ) बना हुआ है। जिसका आंशिक असर देखने को मिलेगा। दक्षिण के जिलों महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, मेवात और सोनीपत में कहीं-कहीं बिखराव वाली छिटपुट बूंदा-बांदी/बारिश की गतिविधियां देखने को मिल रही है। बता दें कि हरियाणा-एनसीआर के दक्षिणी हिस्सों पर मानसून का आगमन 28 जून को हुआ था। 11 जुलाई को एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की वजह से एक चक्रवातीय सर्कुलेशन पंजाब पर बनेगा। इस दौरान मानसून ट्रफ लाइन अपनी सामान्य स्थिति यानी हरियाणा-एनसीआर पर पहुंचने की संभावना बन रही है। आज से 13 जुलाई तक हरियाणा-एनसीआर के उत्तरी और पूर्वी जिलों में मेघ गर्जन के साथ हल्की-मध्यम बारिश और कुछ स्थानों पर मूसलाधार बारिश होने की संभावना है। जबकि शेष हरियाणा में इस दौरान हल्की बारिश बूंदाबांदी देखने को मिलेगी। इस मौसम प्रणालियों द्वारा पिछली मौसम प्रणाली से विपरीत स्थानों पर बारिश की गतिविधियों की संभावना है। पिछली बार पश्चिमी और दक्षिणी जिलों पर ज्यादा असर रहा। इस बार उसके विपरीत उत्तरी और पूर्वी जिलों में ज्यादा असर देखने को मिलेगा। हरियाणा-एनसीआर में अधिकतर स्थानों पर रात्रि तापमान 25.0 से 29.0 डिग्री सेल्सियस के बीच चल रहा था। राज्य में एक दिन पहले अधिकतर स्थानों पर दिन का तापमान 35.0 से 38.0 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है। मानसून गतिविधियां न होने से धीरे-धीरे सम्पूर्ण इलाके में तापमान में बढ़ोतरी और प्रचुर मात्रा में नमी से आमजन को पसीने वाली उमस भरी गर्मी से रूबरू होना पड़ रहा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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भिवानी में एक्शन में आए सांसद धर्मवीर:लोगों की शिकायतें सुनी; अधिकारियों को जल्द निपटारा करने के आदेश हरियाणा में लोकसभा चुनाव समाप्त होते ही सरकार ने अधिकारियों की खिंचाई करनी शुरू कर दी है। भिवानी-महेंद्रगढ़ से तीसरी बार सांसद बने चौधरी धर्मवीर भी एक्शन में आ गए हैं। सांसद धर्मवीर ने आज लोगों की समस्याओं को सुना। इस दौरान एडीसी हर्षित कुमार व पुलिस अधीक्षक वरूण सिंगला मौजूद रहे। भिवानी के लघु सचिवालय स्थित डीआरडीए हॉल में समाधान शिविर में लोगों की 46 समस्याएं सुनी गई। सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह ने लोगों की अधिकतम समस्याएं मौके पर ही निपटाई। उन्होंने जो शिकायतें मौके पर निपटाने की थी, उनका तत्काल समाधान कर दिया। शिकायतें तत्काल संभव नहीं थी, उनके लिए संबंधित अधिकारियों को प्राथमिकता से समाधान करने के निर्देश दिए। प्रॉपर्टी आईडी, परिवार पहचान पत्र की थी ज्यादा शिकायतें
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हरियाणा में आज भंग होगी विधानसभा:सैनी कैबिनेट ने की सिफारिश; बंसीलाल, ओपी चौटाला, हुड्डा भी 3 बार कर चुके भंग
हरियाणा में आज भंग होगी विधानसभा:सैनी कैबिनेट ने की सिफारिश; बंसीलाल, ओपी चौटाला, हुड्डा भी 3 बार कर चुके भंग हरियाणा की विधानसभा आज भंग हो जाएगी। 6 महीने की अवधि में विधानसभा सत्र बुलाने के नियम के कारण सरकार ने 14वीं विधानसभा समय से पहले भंग करने का फैसला किया है। दरअसल, सरकार का कार्यकाल 3 नवंबर तक था। यानी यह 52 दिन बचा था। नियमों के चलते 12 सितंबर तक सत्र बुलाना अनिवार्य था। इससे एक दिन पहले बुधवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई गई। इसमें विधानसभा भंग करने की सिफारिश के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह प्रस्ताव स्वीकृति के लिए आज राज्यपाल के पास जाएगा। उनकी मंजूरी के बाद विधानसभा भंग करने की अधिसूचना जारी होगी। नई सरकार के गठन तक नायब रहेंगे सीएम अब, जब तक नई सरकार का गठन नहीं होता , तब तक नायब सिंह सैनी कार्यवाहक सीएम के तौर पर कार्य करते रहेंगे । बता दें कि 15वीं विधानसभा के लिए 16 अगस्त को चुनाव की घोषणा हुई थी। सरकार ने 17 अगस्त को कैबिनेट बुलाई हुई थी। इसमें विधानसभा सत्र की तारीख तय हो सकती थी, पर चुनाव की घोषणा से समय की कमी को देखते हुए सरकार ने सत्र टाल दिया । अब विधानसभा भंग करने का ही निर्णय लिया है। सरकार को बहुमत न होने का डर तो नहीं था ? 90 सदस्यीय विधानसभा में अभी 81 विधायक हैं। 41 के बहुमत का आंकड़ा अकेले खुद भाजपा के पास था, लेकिन 14 विधायकों के टिकट काटे गए हैं। ऐसे में सरकार कोई प्रस्ताव लाती तो वहां क्रॉस वोटिंग के चलते यह गिर सकता था। इस स्थिति से भी सरकार बची। सीएम नायब सिंह सैनी व मंत्री कार्यवाहक के तौर पर कार्य करते रहेंगे, पर नीतिगत फैसले नहीं ले सकेंगे। हालांकि, कोई महामारी, प्राकृतिक आपदा या असुरक्षा जैसा मामला आता है तो फैसला लेने में सक्षम रहेंगे। इस फैसले का विधायकों पर क्या असर होगा ? विधायकों का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। वे पूर्व विधायक कहलाएंगे। सभी सुविधाएं खत्म हो जाएगी। समय से पहले 3 बार विधानसभा और भंग हो चुकी है। फरवरी 1972 में कांग्रेस सरकार में बंसीलाल ने एक साल पहले विधानसभा भंग कराई थी। दिसंबर 1999 में इनेलो सरकार में ओमप्रकाश चौटाला ने 16 माह पहले विस भंग कराई। तीसरी बार अगस्त 2009 में कांग्रेस सरकार में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विधानसभा भंग कर समय से पहले चुनाव कराए। विधानसभा भंग करना ही सिंगल ऑप्शन विधायी एवं संवैधानिक मामलों के जानकार हेमंत कुमार का कहना है कि बेशक चुनाव आयोग ने 15वीं हरियाणा विधानसभा के गठन के लिए आम चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी हो, फिर भी सरकार सत्र बुला सकती है। उनका कहना है कि 14वीं हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 तक है। इसका पिछला विशेष सत्र 1 दिन का बुलाया गया था। वह विशेष सत्र 13 मार्च 2024 को बुलाया गया था। उसमें CM ने अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ अपना बहुमत साबित किया था। इसके बाद उन्होंने कोई सत्र नहीं बुलाया। हेमंत कुमार कहते हैं कि संविधान के अनुच्छेद 174(1) की सख्त अनुपालना में मौजूदा विधानसभा का एक सत्र भले ही 1 दिन या आधे दिन की अवधि का ही क्यों न हो, वह आगामी 12 सितंबर 2024 से पहले बुलाना अनिवार्य है। क्योंकि 6 माह के अंदर दूसरा सत्र बुलाना ही होता है। क्या कहता है संविधान संविधान में स्पष्ट उल्लेख है कि पिछले सत्र की अंतिम बैठक और अगले सत्र की प्रथम बैठक के बीच 6 महीने का अंतराल नहीं होना चाहिए। सरकार की ओर से पिछली कैबिनेट बैठक में मानसून सत्र पर कोई फैसला नहीं लिया गया था। ऐसे में अब सरकार के पास हरियाणा विधानसभा को समयपूर्व भंग करने के लिए राज्यपाल से सिफारिश करना ही एकमात्र विकल्प बचा था। हरियाणा में संवैधानिक संकट का कारण हरियाणा में चुनाव की घोषणा के बाद संवैधानिक संकट खड़ा हुआ है। इसकी वजह 6 महीने के भीतर एक बार विधानसभा सेशन बुलाना है। राज्य विधानसभा का अंतिम सेशन 13 मार्च को हुआ था। उसमें नए बने CM नायब सैनी ने विश्वास मत हासिल किया था। इसके बाद 12 सितंबर तक सेशन बुलाना अनिवार्य है। यह संवैधानिक संकट ऐतिहासिक भी है, क्योंकि देश आजाद होने के बाद कभी ऐसी स्थिति नहीं आई। हरियाणा में ही कोरोना के दौरान भी इस संकट को टालने के लिए 1 दिन का सेशन बुलाया गया था। 6 माह में सत्र न बुलाने का इतिहास में उदाहरण नहीं है। 5 अक्टूबर को होगी वोटिंग राज्य में इस समय 14वीं विधानसभा चल रही है। 15वीं विधानसभा के गठन के लिए चुनाव की घोषणा हो चुकी है। 5 अक्टूबर को वोटिंग और 8 अक्टूबर को काउंटिंग होगी। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर तक है।