<p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> उत्तराखंड में भारी बारिश की वजह से पूर्वोत्तर रेलवे के कई रेलवे खंड और रेलवे स्‍टेशनों के बीच ट्रैक पर पानी आने और कटान की वजह से रेल ट्रैक बाधित हो गया था. वहां पर रेलवे ट्रैक को सुचारू रूप से संचालित करने का कार्य पूरा कर दिया गया है. भारी बारिश और बाढ़ के बीच रेलवे प्रशासन की ओर से लोगों से खुद की सुरक्षा की भी अपील की जा रही है. रेलवे ने बाधित ट्रैक को बहाल करने के साथ ही अन्‍य बाधित ट्रैक को बहाल करने के लिए कार्य किया जा रहा है. सावन के महीने को देखते हुए कुछ स्पेशल ट्रेन भी संचालित की है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>गोरखपुर पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि रेलवे यात्री सुविधाओं के लिए सदैव तत्पर है. ऐसे में लोगों से अपील की जाती है कि वह बाढ़ के समय में अपनी जान को जोखिम में नहीं डालें. क्योंकि गांव के तालाब और नदी की गहराई में फर्क होता है. उन्होंने बताया कि सावन महीने को ध्यान में रखते हुए कई स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है. उन्‍होंने बताया कि उत्तराखण्ड एवं तराई क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण लालकुंआ-काठगोदाम रेल खण्ड के लालकुंआ यार्ड एवं लालकुंआ-काशीपुर रेल खण्ड के बाजपुर यार्ड में जल जमाव, पीलीभीत-टनकपुर रेल खण्ड खटीमा बनबसा स्टेशनों के मध्य जल जमाव और कटान की वजह से बाधित यातायात को शुरू करने का प्रयास जारी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लालकुंआ-काशीपुर रेल लाइन पर यातायात बहाल</strong><br />भोजीपुरा-पीलीभीत रेल खण्ड पीलीभीत-शाही स्टेशनों के मध्य, पीलीभीत-शाहजहाँपुर रेल खण्ड बिसलपुर-निगोही स्टेशनों के मध्य जल जमाव तथा पीलीभीत मैलानी रेल खण्ड माला-शाहगढ़ स्टेशनों के मध्य बीच (कटान) होने के कारण रेल यातायात बाधित हो गया. 8 जुलाई की रात्रि में टनकपुर एवं इसके आसपास के क्षेत्र में अप्रत्याशित रूप से 431 मिमी वर्षा होने, नानक सागर बांध से 39 हजार क्यूसेक, लाहौरिया बांध से 3000 क्यूसेक और शारदा नदी के बनबसा बांध से 2.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से पूरे क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति बन गई है. वरिष्ठ रेल अधिकारियों की निगरानी में इन रेल खण्डों पर रेल संचलन बहाल करने के लिए पुनर्स्थापन कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. नदियों के जलस्तर पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है. लालकुंआ काठगोदाम रेल खण्ड 08 जुलाई को 16 बजे व लालकुंआ-काशीपुर रेल खण्ड 9 जुलाई को 06.30 बजे से संरक्षित रेल यातायात हेतु बहाल कर दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पीलीभीत-टनकपुर रेल खण्ड पर खटीमा बनबसा स्टेशनों के मध्य रेल कर्मचारियों के विशेष प्रयासों के फलस्वरूप 10 जुलाई को 20.40 बजे से खटीमा बनबसा रेल खंड पर ट्रेनों का संचलन बहाल कर दिया गया है. पहली गाड़ी 05392 टनकपुर-पीलीभीत अनारक्षित विशेष गाड़ी का 11 जुलाई से प्रारम्भ कर दिया गया. पीलीभीत-भोपतपुर रेल खंड पर भी पुनर्स्थापन कार्य पूरा कर ट्रेनों का संचलन बहाल कर दिया गया है और आज से इस खण्ड पर ट्रेनों का संचलन प्रारम्भ कर दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/jaya-prada-visit-rathonda-shiva-temple-after-acquitted-in-2019-poll-code-violation-case-ann-2736103″>आचार संहिता उल्लंघन मामले में राहत मिलने पर रठौंडा मंदिर पहुंचीं जया प्रदा, भगवान का किया धन्यवाद</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भोजीपुरा-पीलीभीत रेलवे सेक्शन पुनर्स्‍थापन का प्रयास जारी</strong><br />भोजीपुरा-पीलीभीत रेल खण्ड पर शाही के पास देवहा नदी में आई बाढ़ के कारण बीच (कटान) हो गई. जिससे निपटने के लिए रेल प्रशासन ने अपने अनुभवी इंजीनियरों की निगरानी में पुनर्स्थापन कार्य चल रहा है. यहां पर लगभग 65 श्रमिक कार्य कर रहे हैं, जो एक मैटेरियल ट्रॉली द्वारा लाए गए लगभग 37 घन मीटर बोल्डर को साइट पर लगा रहे हैं. बोल्डर एवं सिण्डर लाने का कार्य चल रहा है. रेलवे द्वारा रात-दिन पुनर्स्थापन कार्य किया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>माला-शाहगढ़ स्टेशनों के मध्य पुलिया संख्या- 305 के पुनर्स्थापन हेतु इंजीनियरिंग विशेषज्ञों की निगरानी में लगभग 90 श्रमिक अथक परिश्रम कर रहे है, यहाँ पर 04 वैगनों में लगभग 64.4 घन मीटर बोल्डर लाए गए. 3 मटेरियल ट्राली की मदद से बोल्डर एवं 4 वैगन में लाए गए. सिंडर यहाँ बीच (कटान) साइट पर एकत्र कर लिए गए हैं. इन श्रमिकों की मदद से बोल्डर को ब्रीच (कटान) स्थल पर लगाया जा रहा है. अतिरिक्त बोल्डर लाने का कार्य किया जा रहा है, यहाँ आरएच गर्डर लाने का कार्य किया जा रहा है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> उत्तराखंड में भारी बारिश की वजह से पूर्वोत्तर रेलवे के कई रेलवे खंड और रेलवे स्‍टेशनों के बीच ट्रैक पर पानी आने और कटान की वजह से रेल ट्रैक बाधित हो गया था. वहां पर रेलवे ट्रैक को सुचारू रूप से संचालित करने का कार्य पूरा कर दिया गया है. भारी बारिश और बाढ़ के बीच रेलवे प्रशासन की ओर से लोगों से खुद की सुरक्षा की भी अपील की जा रही है. रेलवे ने बाधित ट्रैक को बहाल करने के साथ ही अन्‍य बाधित ट्रैक को बहाल करने के लिए कार्य किया जा रहा है. सावन के महीने को देखते हुए कुछ स्पेशल ट्रेन भी संचालित की है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>गोरखपुर पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि रेलवे यात्री सुविधाओं के लिए सदैव तत्पर है. ऐसे में लोगों से अपील की जाती है कि वह बाढ़ के समय में अपनी जान को जोखिम में नहीं डालें. क्योंकि गांव के तालाब और नदी की गहराई में फर्क होता है. उन्होंने बताया कि सावन महीने को ध्यान में रखते हुए कई स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है. उन्‍होंने बताया कि उत्तराखण्ड एवं तराई क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण लालकुंआ-काठगोदाम रेल खण्ड के लालकुंआ यार्ड एवं लालकुंआ-काशीपुर रेल खण्ड के बाजपुर यार्ड में जल जमाव, पीलीभीत-टनकपुर रेल खण्ड खटीमा बनबसा स्टेशनों के मध्य जल जमाव और कटान की वजह से बाधित यातायात को शुरू करने का प्रयास जारी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लालकुंआ-काशीपुर रेल लाइन पर यातायात बहाल</strong><br />भोजीपुरा-पीलीभीत रेल खण्ड पीलीभीत-शाही स्टेशनों के मध्य, पीलीभीत-शाहजहाँपुर रेल खण्ड बिसलपुर-निगोही स्टेशनों के मध्य जल जमाव तथा पीलीभीत मैलानी रेल खण्ड माला-शाहगढ़ स्टेशनों के मध्य बीच (कटान) होने के कारण रेल यातायात बाधित हो गया. 8 जुलाई की रात्रि में टनकपुर एवं इसके आसपास के क्षेत्र में अप्रत्याशित रूप से 431 मिमी वर्षा होने, नानक सागर बांध से 39 हजार क्यूसेक, लाहौरिया बांध से 3000 क्यूसेक और शारदा नदी के बनबसा बांध से 2.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से पूरे क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति बन गई है. वरिष्ठ रेल अधिकारियों की निगरानी में इन रेल खण्डों पर रेल संचलन बहाल करने के लिए पुनर्स्थापन कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. नदियों के जलस्तर पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है. लालकुंआ काठगोदाम रेल खण्ड 08 जुलाई को 16 बजे व लालकुंआ-काशीपुर रेल खण्ड 9 जुलाई को 06.30 बजे से संरक्षित रेल यातायात हेतु बहाल कर दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पीलीभीत-टनकपुर रेल खण्ड पर खटीमा बनबसा स्टेशनों के मध्य रेल कर्मचारियों के विशेष प्रयासों के फलस्वरूप 10 जुलाई को 20.40 बजे से खटीमा बनबसा रेल खंड पर ट्रेनों का संचलन बहाल कर दिया गया है. पहली गाड़ी 05392 टनकपुर-पीलीभीत अनारक्षित विशेष गाड़ी का 11 जुलाई से प्रारम्भ कर दिया गया. पीलीभीत-भोपतपुर रेल खंड पर भी पुनर्स्थापन कार्य पूरा कर ट्रेनों का संचलन बहाल कर दिया गया है और आज से इस खण्ड पर ट्रेनों का संचलन प्रारम्भ कर दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/jaya-prada-visit-rathonda-shiva-temple-after-acquitted-in-2019-poll-code-violation-case-ann-2736103″>आचार संहिता उल्लंघन मामले में राहत मिलने पर रठौंडा मंदिर पहुंचीं जया प्रदा, भगवान का किया धन्यवाद</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भोजीपुरा-पीलीभीत रेलवे सेक्शन पुनर्स्‍थापन का प्रयास जारी</strong><br />भोजीपुरा-पीलीभीत रेल खण्ड पर शाही के पास देवहा नदी में आई बाढ़ के कारण बीच (कटान) हो गई. जिससे निपटने के लिए रेल प्रशासन ने अपने अनुभवी इंजीनियरों की निगरानी में पुनर्स्थापन कार्य चल रहा है. यहां पर लगभग 65 श्रमिक कार्य कर रहे हैं, जो एक मैटेरियल ट्रॉली द्वारा लाए गए लगभग 37 घन मीटर बोल्डर को साइट पर लगा रहे हैं. बोल्डर एवं सिण्डर लाने का कार्य चल रहा है. रेलवे द्वारा रात-दिन पुनर्स्थापन कार्य किया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>माला-शाहगढ़ स्टेशनों के मध्य पुलिया संख्या- 305 के पुनर्स्थापन हेतु इंजीनियरिंग विशेषज्ञों की निगरानी में लगभग 90 श्रमिक अथक परिश्रम कर रहे है, यहाँ पर 04 वैगनों में लगभग 64.4 घन मीटर बोल्डर लाए गए. 3 मटेरियल ट्राली की मदद से बोल्डर एवं 4 वैगन में लाए गए. सिंडर यहाँ बीच (कटान) साइट पर एकत्र कर लिए गए हैं. इन श्रमिकों की मदद से बोल्डर को ब्रीच (कटान) स्थल पर लगाया जा रहा है. अतिरिक्त बोल्डर लाने का कार्य किया जा रहा है, यहाँ आरएच गर्डर लाने का कार्य किया जा रहा है.</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Ram Mandir Visit: सीएम साय कैबिनेट के साथ करेंगे अयोध्या की यात्रा, जानें रामलला के लिए क्या ले जायेंगे उपहार