चंडीगढ़ हाईकोर्ट बार काउंसिल का पूर्व प्रधान गिरफ्तार:शुक्रवार देर रात पुलिस ने की कार्यवाही, वकील के साथ मारपीट का मामला

चंडीगढ़ हाईकोर्ट बार काउंसिल का पूर्व प्रधान गिरफ्तार:शुक्रवार देर रात पुलिस ने की कार्यवाही, वकील के साथ मारपीट का मामला

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट बार काउंसिल के पूर्व प्रधान विकास मलिक को चंडीगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनकी गिरफ्तारी शुक्रवार देर रात उनके घर से की गई है। उन पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के ही एक वकील रंजीत के साथ मारपीट का मामला दर्ज है। यह मामला चंडीगढ़ पुलिस ने 1 जुलाई को दर्ज किया था। सबूतों को मिटाने के लिए उनके ऊपर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट बार काउंसिल में लगे सीसीटीवी कैमरा की DVR को गायब करने का भी आरोप है। बार काउंसिल ने किया था लाइसेंस रद्द अभी पिछले दिनों पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट बार काउंसिल की अनुशासन कमेटी ने उनका लाइसेंस भी रद्द कर दिया था। उसके बाद से ही उनके ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई थी। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए आदेश जारी किए गए थे कि विकास मलिक के खिलाफ जांच की जाए और 10 दिन के अंदर कार्रवाई की जाए। हाईकोर्ट के इसी आदेश के बाद उनका लाइसेंस रद्द किया गया था। यह था मामला मामले में हाईकोर्ट के ही एक वकील रंजीत सिंह ने शिकायत दी थी। शिकायत में उसने कहा कि वह विकास मलिक और स्वर्ण सिंह के खिलाफ कोई केस लड़ रहा है। वह इस केस के संबंध में वकील विकास मलिक के दफ्तर में एक समन देने गए थे। यहां पर 7-8 लोग बैठे हुए थे। जिनमें से वह कुछ लोगों को जानता है। इसी दौरान उसके साथ मारपीट की गई थी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर यह मुकदमा दर्ज किया था। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट बार काउंसिल के पूर्व प्रधान विकास मलिक को चंडीगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनकी गिरफ्तारी शुक्रवार देर रात उनके घर से की गई है। उन पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के ही एक वकील रंजीत के साथ मारपीट का मामला दर्ज है। यह मामला चंडीगढ़ पुलिस ने 1 जुलाई को दर्ज किया था। सबूतों को मिटाने के लिए उनके ऊपर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट बार काउंसिल में लगे सीसीटीवी कैमरा की DVR को गायब करने का भी आरोप है। बार काउंसिल ने किया था लाइसेंस रद्द अभी पिछले दिनों पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट बार काउंसिल की अनुशासन कमेटी ने उनका लाइसेंस भी रद्द कर दिया था। उसके बाद से ही उनके ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई थी। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए आदेश जारी किए गए थे कि विकास मलिक के खिलाफ जांच की जाए और 10 दिन के अंदर कार्रवाई की जाए। हाईकोर्ट के इसी आदेश के बाद उनका लाइसेंस रद्द किया गया था। यह था मामला मामले में हाईकोर्ट के ही एक वकील रंजीत सिंह ने शिकायत दी थी। शिकायत में उसने कहा कि वह विकास मलिक और स्वर्ण सिंह के खिलाफ कोई केस लड़ रहा है। वह इस केस के संबंध में वकील विकास मलिक के दफ्तर में एक समन देने गए थे। यहां पर 7-8 लोग बैठे हुए थे। जिनमें से वह कुछ लोगों को जानता है। इसी दौरान उसके साथ मारपीट की गई थी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर यह मुकदमा दर्ज किया था।   पंजाब | दैनिक भास्कर