कपूरथला में नौकर समेत 6 को 7 साल की सजा:NRI की जमीन पर किया था कब्जा, 50-50 हजार का जुर्माना

कपूरथला में नौकर समेत 6 को 7 साल की सजा:NRI की जमीन पर किया था कब्जा, 50-50 हजार का जुर्माना

पंजाब के कपूरथला जिले की फगवाड़ा सब डिवीजन में एक एनआरआई की 15 एकड़ जमीन हड़पने के मामले में न्यायालय ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। एसीजेएम की कोर्ट ने सभी 6 आरोपियों को 7-7 साल की कैद और 50-50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। मामला कैलिफोर्निया के बगीचा सिंह की जमीन से जुड़ा है। उनकी जमीन चक हाकिम और फगवाड़ा गरबी में स्थित थी। विदेश में रहने के कारण जमीन की देखभाल उनका नौकर मंगत राम करता था। 1.25 करोड़ प्रति एकड़ दर्शाया मूल्य वहीं नौकर ने 6 नवंबर 2009 को बिना पावर ऑफ अटॉर्नी के गगनदीप के नाम पर जमीन का इकरारनामा बनवा दिया। इकरारनामे में जमीन का मूल्य 1.25 करोड़ रुपए प्रति एकड़ दर्शाया गया। बाद में मंगत राम ने 2010 में बचितर सिंह से पावर ऑफ अटॉर्नी प्राप्त की। 31 जुलाई 2014 को एनआरआई थाने में जतिंदर सिंह की शिकायत पर केस दर्ज किया गया। 47 पन्नों का विस्तृत आदेश जारी मामले में गगनदीप, मनीष कपूर, मंगत राम, गुरपाल सिंह उर्फ मोंटी, प्रदीप कुमार और जतिंदर को आरोपी बनाया गया। इन पर धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराएं लगाई गई। एसीजेएम सुमन पाठक ने 47 पन्नों का विस्तृत आदेश जारी किया। सरकारी पक्ष की ओर से वरिष्ठ वकील मनु देव गौतम और सौरव खुल्लर ने पैरवी की। आरोपियों का प्रतिनिधित्व जेजेएस अरोड़ा, सुखदेव सिंह, मोहित कपूर, दीपक सिधाना और टीएस शर्मा ने किया। 3 स्पेशल पावर आफ अटॉर्नी जिसको इंडस 02 -01 -2010 में करवाया गया, लेकिन उसमें आगे पावर ऑफ़ अटॉर्नी करने के अधिकार न होने के बावजूद मंगत राम ने 19 -05 -10 तथा 25 -10 -2010 को 3 स्पेशल पावर आफ अटॉर्नी, मनीष कपूर पुत्र जतिंदर सिंह, महिंद्रू मोहल्ला जालंधर को तथा एक जतिंदर पुत्र गजन सिंह मेहली गेट फगवाड़ा के नाम पर कर दी। जिसमें प्रदीप कुमार ने गवाह के तौर पर हस्ताक्षर किया थे। 57 लोगों को बेच दी जमीन मनीष और जतिंदर ने इन्ही स्पेशल पावर ऑफ़ अटॉर्नी के बिहाफ पर 57 लोगों को 59 कनाल 16 मरले के करीब जमीन बेच दी। इसी गड़बड़ी के दौरान जब बगीचा सिंह को धोखाधड़ी का पता चला, तो उनकी मौत हो गई। दोषियों ने जबरदस्ती बगीचा सिंह के फगवाड़ा वाले घर पर कब्जा भी कर लिया। उनके बेटे जतिंदर ने मामले में दोषियों के खिलाफ शिकायत दी और एनआरआई थाने में 6 दोषियों के खिलाफ धारा 120 बी, 420, 465, 467, 468, 471, 406 के तहत केस दर्ज करवाया। 11 वर्षों से चल रही थी केस की सुनवाई उक्त केस की सुनवाई 11 वर्षों से चल रही थी, जिसमें कुल 20 गवाह पेश किए गए। स्टेट की तरफ से सरकारी वकील सौरव खुल्लर के साथ शिकायककर्ता के वकील मनुदेव गौतम ने तथ्यों को कोर्ट के सामने रखा। केस के दौरान ही जतिंदर सिंह की मौत हो गई। जिसके बाद उनके एक रिश्तेदार तेजप्रीत संधू ने विदेश से आकर केस की पैरवी की। जुर्माना न भरने पर 3 माह की अतिरिक्त सजा कोर्ट ने दोनों पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद IPC की धारा 120 बी , 420, 465, 467, 468, 471, 406 के तहत प्रदीप कुमार, मंगत राम, गुरपाल सिंह, मनीष कपूर, जतिंदर कुमार तथा गगनदीप सिंह को दोषी मानते हुए 465, 471 IPC में 2 -2 वर्ष, 468, 420 IPC में 3-3 वर्ष, 467, 120 बी में 7 -7 वर्ष की सजा सुनाई हैं। तथा कुल 50 -50 हजार रूपए जुर्माने का भी फैसला सुनाया है। वहीं जुर्माना न भरने की सूरत में 3 महीने की अतिरिक्त सजा सुनाई गई हैं। पंजाब के कपूरथला जिले की फगवाड़ा सब डिवीजन में एक एनआरआई की 15 एकड़ जमीन हड़पने के मामले में न्यायालय ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। एसीजेएम की कोर्ट ने सभी 6 आरोपियों को 7-7 साल की कैद और 50-50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। मामला कैलिफोर्निया के बगीचा सिंह की जमीन से जुड़ा है। उनकी जमीन चक हाकिम और फगवाड़ा गरबी में स्थित थी। विदेश में रहने के कारण जमीन की देखभाल उनका नौकर मंगत राम करता था। 1.25 करोड़ प्रति एकड़ दर्शाया मूल्य वहीं नौकर ने 6 नवंबर 2009 को बिना पावर ऑफ अटॉर्नी के गगनदीप के नाम पर जमीन का इकरारनामा बनवा दिया। इकरारनामे में जमीन का मूल्य 1.25 करोड़ रुपए प्रति एकड़ दर्शाया गया। बाद में मंगत राम ने 2010 में बचितर सिंह से पावर ऑफ अटॉर्नी प्राप्त की। 31 जुलाई 2014 को एनआरआई थाने में जतिंदर सिंह की शिकायत पर केस दर्ज किया गया। 47 पन्नों का विस्तृत आदेश जारी मामले में गगनदीप, मनीष कपूर, मंगत राम, गुरपाल सिंह उर्फ मोंटी, प्रदीप कुमार और जतिंदर को आरोपी बनाया गया। इन पर धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराएं लगाई गई। एसीजेएम सुमन पाठक ने 47 पन्नों का विस्तृत आदेश जारी किया। सरकारी पक्ष की ओर से वरिष्ठ वकील मनु देव गौतम और सौरव खुल्लर ने पैरवी की। आरोपियों का प्रतिनिधित्व जेजेएस अरोड़ा, सुखदेव सिंह, मोहित कपूर, दीपक सिधाना और टीएस शर्मा ने किया। 3 स्पेशल पावर आफ अटॉर्नी जिसको इंडस 02 -01 -2010 में करवाया गया, लेकिन उसमें आगे पावर ऑफ़ अटॉर्नी करने के अधिकार न होने के बावजूद मंगत राम ने 19 -05 -10 तथा 25 -10 -2010 को 3 स्पेशल पावर आफ अटॉर्नी, मनीष कपूर पुत्र जतिंदर सिंह, महिंद्रू मोहल्ला जालंधर को तथा एक जतिंदर पुत्र गजन सिंह मेहली गेट फगवाड़ा के नाम पर कर दी। जिसमें प्रदीप कुमार ने गवाह के तौर पर हस्ताक्षर किया थे। 57 लोगों को बेच दी जमीन मनीष और जतिंदर ने इन्ही स्पेशल पावर ऑफ़ अटॉर्नी के बिहाफ पर 57 लोगों को 59 कनाल 16 मरले के करीब जमीन बेच दी। इसी गड़बड़ी के दौरान जब बगीचा सिंह को धोखाधड़ी का पता चला, तो उनकी मौत हो गई। दोषियों ने जबरदस्ती बगीचा सिंह के फगवाड़ा वाले घर पर कब्जा भी कर लिया। उनके बेटे जतिंदर ने मामले में दोषियों के खिलाफ शिकायत दी और एनआरआई थाने में 6 दोषियों के खिलाफ धारा 120 बी, 420, 465, 467, 468, 471, 406 के तहत केस दर्ज करवाया। 11 वर्षों से चल रही थी केस की सुनवाई उक्त केस की सुनवाई 11 वर्षों से चल रही थी, जिसमें कुल 20 गवाह पेश किए गए। स्टेट की तरफ से सरकारी वकील सौरव खुल्लर के साथ शिकायककर्ता के वकील मनुदेव गौतम ने तथ्यों को कोर्ट के सामने रखा। केस के दौरान ही जतिंदर सिंह की मौत हो गई। जिसके बाद उनके एक रिश्तेदार तेजप्रीत संधू ने विदेश से आकर केस की पैरवी की। जुर्माना न भरने पर 3 माह की अतिरिक्त सजा कोर्ट ने दोनों पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद IPC की धारा 120 बी , 420, 465, 467, 468, 471, 406 के तहत प्रदीप कुमार, मंगत राम, गुरपाल सिंह, मनीष कपूर, जतिंदर कुमार तथा गगनदीप सिंह को दोषी मानते हुए 465, 471 IPC में 2 -2 वर्ष, 468, 420 IPC में 3-3 वर्ष, 467, 120 बी में 7 -7 वर्ष की सजा सुनाई हैं। तथा कुल 50 -50 हजार रूपए जुर्माने का भी फैसला सुनाया है। वहीं जुर्माना न भरने की सूरत में 3 महीने की अतिरिक्त सजा सुनाई गई हैं।   पंजाब | दैनिक भास्कर