हिमाचल प्रदेश के सैंकड़ों लोगों को आज पटवारी और कानूनगो के ऑनलाइन काम नहीं करने की वजह से परेशानी झेलनी पड़ी। प्रदेशभर में हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ ने ऑनलाइन सेवाएं ठप कर दी है। इस वजह से लोग परेशान है। सरकार और महासंघ के बीच यह विवाद जल्द नहीं सुलझाया गया तो इससे आने वाले दिनों में प्रदेशवासियों की परेशानी और बढ़ेगी। दरअसल, बीते सप्ताह कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने पटवारी-कानूनगो को स्टेट कॉडर बनाने का फैसला लिया था। अभी पटवारी और कानूनगो दोनों ही जिला कॉडर है। कैबिनेट द्वारा इन्हें स्टेट कॉडर बनाए जाने के फैसले के बाद महासघ भड़क गया है। इन्होंने आज सभी ऑफिशियल वॉट्सऐप ग्रुप से भी एग्जिट कर दिया है। इसके विरोध में आज इन्होंने ऑनलाइन काम बंद कर दिए है और अधिकांश जगह पर डिवीजन स्तर पर SDM के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। अगले कल जिलों में डीसी के माध्यम मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप कर स्टेट कॉडर बनाए जाने का फैसला वापस लेने की महासंघ मांग करेगा। आज ये काम प्रभावित हुए बोनोफाइड सर्टिफकेट, करेक्टर सर्टिफिकेट, इनकम सर्टिफिकेट, ईडब्ल्यूस सर्टिफिकेट, ओबीसी सर्टिफिकेट, कास्ट सर्टिफिकेट, एग्रीकल्चर सर्टिफिकेट, अन-इम्पलायमेंट सर्टिफिकेट, लैंड होल्डिंग सर्टिफिकेट, PM किसान सम्मान निधि योजना की ऑनलाइन रिपोर्टिंग जैसे काम बंद कर दिए हैं। स्टेट कॉडर से प्रभावित होगी सीनियोरिटी: सतीश हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने बताया कि पटवारी और कानूनगों की भर्ती जिला कॉडर के हिसाब से हुई है। अब उन्हें अचानक स्टेट कॉडर बना देने से सीनियोरिटी प्रभावित होगी। इससे प्रमोशन में देरी होगी और स्टेट कॉडर में मर्ज होने से सीनियोरिटी में पीछे जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि पटवारी कानून को इसलिए जिला कॉडर में रखा गया, क्योंकि अपने जिला में उन्हें लोकल बोल चाल और एरिया के बारे में जानकारी होती है। यदि उन्हें दूसरे जिला में ट्रांसफर जाता है तो इससे उन्हें बोल चाल और एरिया समझने में वक्त लगेगा। इससे काम में एफिशिएंसी नहीं आएगी। उन्होंने बताया कि भर्ती एवं पदोन्नति नियम के हिसाब से उन्हें जिला कॉडर में रखा जाए। 17 जुलाई को अगली रणनीति तैयार करेगा महासंघ सतीश चौधरी ने कहा कि 17 जुलाई को महासंघ ने कुल्लू में मीटिंग बुलाई है। यदि उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया तो महासंघ आंदोलन की अगली रणनीति कुल्लू में तय करेगा। हिमाचल प्रदेश के सैंकड़ों लोगों को आज पटवारी और कानूनगो के ऑनलाइन काम नहीं करने की वजह से परेशानी झेलनी पड़ी। प्रदेशभर में हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ ने ऑनलाइन सेवाएं ठप कर दी है। इस वजह से लोग परेशान है। सरकार और महासंघ के बीच यह विवाद जल्द नहीं सुलझाया गया तो इससे आने वाले दिनों में प्रदेशवासियों की परेशानी और बढ़ेगी। दरअसल, बीते सप्ताह कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने पटवारी-कानूनगो को स्टेट कॉडर बनाने का फैसला लिया था। अभी पटवारी और कानूनगो दोनों ही जिला कॉडर है। कैबिनेट द्वारा इन्हें स्टेट कॉडर बनाए जाने के फैसले के बाद महासघ भड़क गया है। इन्होंने आज सभी ऑफिशियल वॉट्सऐप ग्रुप से भी एग्जिट कर दिया है। इसके विरोध में आज इन्होंने ऑनलाइन काम बंद कर दिए है और अधिकांश जगह पर डिवीजन स्तर पर SDM के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। अगले कल जिलों में डीसी के माध्यम मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप कर स्टेट कॉडर बनाए जाने का फैसला वापस लेने की महासंघ मांग करेगा। आज ये काम प्रभावित हुए बोनोफाइड सर्टिफकेट, करेक्टर सर्टिफिकेट, इनकम सर्टिफिकेट, ईडब्ल्यूस सर्टिफिकेट, ओबीसी सर्टिफिकेट, कास्ट सर्टिफिकेट, एग्रीकल्चर सर्टिफिकेट, अन-इम्पलायमेंट सर्टिफिकेट, लैंड होल्डिंग सर्टिफिकेट, PM किसान सम्मान निधि योजना की ऑनलाइन रिपोर्टिंग जैसे काम बंद कर दिए हैं। स्टेट कॉडर से प्रभावित होगी सीनियोरिटी: सतीश हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने बताया कि पटवारी और कानूनगों की भर्ती जिला कॉडर के हिसाब से हुई है। अब उन्हें अचानक स्टेट कॉडर बना देने से सीनियोरिटी प्रभावित होगी। इससे प्रमोशन में देरी होगी और स्टेट कॉडर में मर्ज होने से सीनियोरिटी में पीछे जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि पटवारी कानून को इसलिए जिला कॉडर में रखा गया, क्योंकि अपने जिला में उन्हें लोकल बोल चाल और एरिया के बारे में जानकारी होती है। यदि उन्हें दूसरे जिला में ट्रांसफर जाता है तो इससे उन्हें बोल चाल और एरिया समझने में वक्त लगेगा। इससे काम में एफिशिएंसी नहीं आएगी। उन्होंने बताया कि भर्ती एवं पदोन्नति नियम के हिसाब से उन्हें जिला कॉडर में रखा जाए। 17 जुलाई को अगली रणनीति तैयार करेगा महासंघ सतीश चौधरी ने कहा कि 17 जुलाई को महासंघ ने कुल्लू में मीटिंग बुलाई है। यदि उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया तो महासंघ आंदोलन की अगली रणनीति कुल्लू में तय करेगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में 6297 प्री प्राइमरी टीचर की भर्ती:राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स निगम करेगा भर्ती; आउटसोर्स आधार पर होगी तैनाती,2 साल का डिप्लोमा जरूरी
हिमाचल में 6297 प्री प्राइमरी टीचर की भर्ती:राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स निगम करेगा भर्ती; आउटसोर्स आधार पर होगी तैनाती,2 साल का डिप्लोमा जरूरी हिमाचल कैबिनेट की हरी झंडी के बाद सरकार ने 6297 प्री प्राइमरी शिक्षक भर्ती की तैयारी कर दी है। इनकी भर्ती आउटसोर्स पर स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन के माध्यम से की जाएगी। जिन लोगों ने 2 साल की नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (NTT) कर रखी हैं, उन्हें भर्ती किया जाएगा। प्रदेश के प्री प्राइमरी स्कूलों में करीब 60 हजार विद्यार्थी पंजीकृत हैं। मगर अब तक टीचर नहीं है। इसे देखते हुए NTT की भर्ती की जा रही है। बीते डेढ़ सप्ताह पहले संपन्न कैबिनेट मीटिंग में ही इनकी भर्ती को हरी झंडी दी गई है। अब शिक्षा विभाग ने भी इनकी भर्ती को लेकर आदेश जारी कर दिए है। प्रदेश में दो सालों से NTT की भर्ती लटकी हुई थी, क्योंकि राज्य में ज्यादातर लोगों ने NTT का एक वर्षीय डिप्लोमा कर रखा है, जबकि NCTE (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) के अनुसार, NTT के लिए 2 वर्षीय डिप्लोमा जरूरी है। इसे लेकर कई बार केंद्र से भी क्लैरिफिकेशन मांगी गई। अब जाकर इनकी भर्ती का रास्ता साफ हो पाया है। इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन करेगा NTT की भर्ती शिक्षा विभाग के आदेशानुसार NTT की भर्ती इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन करेगा। इसके बाद इन्हें आउट सोर्स आधार पर स्कूलों में तैनाती दी जाएगी। NTT को 10 हजार रुपए मानदेय मिलेगा प्री प्राइमरी स्कूलों में भर्ती होने वाले इन शिक्षकों को 10,000 रुपए मासिक मानदेय मिलेगा। एजेंसी चार्जेज, जीएसटी, EPF व कॉर्पोरेशन के चार्जेट काटने के बाद इन शिक्षकों को करीब 7000 रुपए मासिक मिलेगा।
हिमाचल के 7 जिलों में बारिश का अलर्ट:2 दिन एक्टिव रहेगा मानसून; बीते सप्ताह सामान्य से 56% कम बादल बरसे
हिमाचल के 7 जिलों में बारिश का अलर्ट:2 दिन एक्टिव रहेगा मानसून; बीते सप्ताह सामान्य से 56% कम बादल बरसे हिमाचल प्रदेश में एक सप्ताह से कमजोर पड़ा मानसून 2 दिन तक एक्टिव रहेगा। मौसम विभाग ने आज 7 जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। अगले कल 9 जिलों में अलर्ट है। मौसम विभाग के अनुसार, बिलासपुर, कांगड़ा, कुल्लू, शिमला, मंडी, सोलन और सिरमौर जिला में आज बारिश होगी। येलो अलर्ट की चेतावनी के बीच बीती रात को शिमला में तेज बारिश हुई। कल के लिए कुल्लू, किन्नौर और लाहौल स्पीति को छोड़कर अन्य सभी जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश में बीते एक सप्ताह में मानसून बिल्कुल धीमा पड़ा हुआ था। 19 से 26 अगस्त के बीच सामान्य से 56 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस अवधि में 48.8 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है, लेकिन इस बार 21.7 मिलीमीटर ही बादल बरसे है। हमीरपुर जिला में सामान्य की तुलना में 77% कम बारिश हुई है। 19 से 26 अगस्त के बीच किस जिला में सामान्य से कितनी कम बारिश हुई मानसून सीजन में 25% कम बादल बरसे इसी तरह पूरे मानसून सीजन यानी 1 जून से 26 अगस्त के बीच भी सामान्य से 25 प्रतिशत कम बादल बरसे हैं। प्रदेश में एक भी जिला ऐसा नहीं है जहां सामान्य से ज्यादा बारिश हुई हो। मानसून सीजन में 26 अगस्त तक 584.2 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 439.9 मिलीमीटर बादल बरसे है।
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