हरियाणा के भिवानी में विद्या नगर निवासी अपर्णा गिल ने मंगलवार काे आए UPSC के कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) परीक्षा परिणाम में बाजी मारी है। उनको ईपीएफओ में असिस्टेंट कमिश्नर का द्वितीय रेंक मिला है। इसके बाद अपर्णा गिल को बधाई देने के लिए लोगों का तांता लग गया। अपर्णा गिल मूलरूप से खचरखी दादरी जिले के बाढ़ड़़ा क्षेत्र के गांव लाडावास की है। उनके दादा हुक्म चंद गांव के पूर्व सरपंच रह चुके हैं। उनकी माता का नाम सुनीता देवी व पिता महाबीर सिंह है। वे दो भाई-बहनों में छोटी है। अपर्णा की सफलता के पीछे माता-पिता व परिजनों का सहयोग रहा है। हालांकि 2022 में उनके पिता की मौत हो चुकी है। अपर्णा ने बताया कि वह यूपीएससी के आईएएस का इंटरव्यू देने के अलावा दो बार एचसीएस मेन भी क्लियर कर चुकी है। असिस्टेंट कमांडेंट की परीक्षा भी पास कर चुकी है, परन्तु फिजिकल में रहने से इस पद पर नहीं जा पाई। वर्ष 2017 से निरंतर सिविल सर्विस की तैयारी कर रही है। ईपीएफओ के सहायक भविष्य निधि आयुक्त के पद पर द्वितीय रैंक पाने के बाद भी वे यूपीएससी आईएएस परीक्षा की तैयारी करती रहेगी। उन्होंने कहा कि सेल्फ स्टडी के माध्यम से कोई भी विद्यार्थी परीक्षाओं को पास कर सकता है। चंडीगढ़ विश्वविद्यालय की है टॉपर अपर्णा गिल चंडीगढ़ विश्वविद्यालय की टॉपर भी रह चुकी है। वर्ष 2022 में उनके पिता महाबीर गिल के निधन के बाद भी लक्ष्य से विचलित नहीं हुई। उसने अपनी पढ़ाई को जारी रखी। अब वे भारत सरकार के श्रम व रोजगार मंत्रालय के तहत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में असिस्टेंट कमिश्नर पद पर कार्य करेंगी। अपर्णा स्कूल समय से है होनहार अपर्णा के मामा बलवान, माता सुनीता व भाई अनुज ने बताया कि अपर्णा स्कूल के समय से ही होनहार रही है। अपनी कक्षा में प्रथम आती रही। उसके बाद निरंतर कॉलेज की पढ़ाई के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी शुरू कर दी। आज असिस्टेंट कमिश्नर पद तक पहुंच पाई। उनका अगला लक्ष्य यूपीएससी परीक्षा के माध्यम से आईएएस के एग्जाम को पास करना है। हरियाणा के भिवानी में विद्या नगर निवासी अपर्णा गिल ने मंगलवार काे आए UPSC के कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) परीक्षा परिणाम में बाजी मारी है। उनको ईपीएफओ में असिस्टेंट कमिश्नर का द्वितीय रेंक मिला है। इसके बाद अपर्णा गिल को बधाई देने के लिए लोगों का तांता लग गया। अपर्णा गिल मूलरूप से खचरखी दादरी जिले के बाढ़ड़़ा क्षेत्र के गांव लाडावास की है। उनके दादा हुक्म चंद गांव के पूर्व सरपंच रह चुके हैं। उनकी माता का नाम सुनीता देवी व पिता महाबीर सिंह है। वे दो भाई-बहनों में छोटी है। अपर्णा की सफलता के पीछे माता-पिता व परिजनों का सहयोग रहा है। हालांकि 2022 में उनके पिता की मौत हो चुकी है। अपर्णा ने बताया कि वह यूपीएससी के आईएएस का इंटरव्यू देने के अलावा दो बार एचसीएस मेन भी क्लियर कर चुकी है। असिस्टेंट कमांडेंट की परीक्षा भी पास कर चुकी है, परन्तु फिजिकल में रहने से इस पद पर नहीं जा पाई। वर्ष 2017 से निरंतर सिविल सर्विस की तैयारी कर रही है। ईपीएफओ के सहायक भविष्य निधि आयुक्त के पद पर द्वितीय रैंक पाने के बाद भी वे यूपीएससी आईएएस परीक्षा की तैयारी करती रहेगी। उन्होंने कहा कि सेल्फ स्टडी के माध्यम से कोई भी विद्यार्थी परीक्षाओं को पास कर सकता है। चंडीगढ़ विश्वविद्यालय की है टॉपर अपर्णा गिल चंडीगढ़ विश्वविद्यालय की टॉपर भी रह चुकी है। वर्ष 2022 में उनके पिता महाबीर गिल के निधन के बाद भी लक्ष्य से विचलित नहीं हुई। उसने अपनी पढ़ाई को जारी रखी। अब वे भारत सरकार के श्रम व रोजगार मंत्रालय के तहत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में असिस्टेंट कमिश्नर पद पर कार्य करेंगी। अपर्णा स्कूल समय से है होनहार अपर्णा के मामा बलवान, माता सुनीता व भाई अनुज ने बताया कि अपर्णा स्कूल के समय से ही होनहार रही है। अपनी कक्षा में प्रथम आती रही। उसके बाद निरंतर कॉलेज की पढ़ाई के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी शुरू कर दी। आज असिस्टेंट कमिश्नर पद तक पहुंच पाई। उनका अगला लक्ष्य यूपीएससी परीक्षा के माध्यम से आईएएस के एग्जाम को पास करना है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा कांग्रेस कोर्ट जाने के लिए सबूत जुटा रही:चुनाव हारे 53 नेता दिल्ली तलब, 8 सदस्यीय कमेटी पूछेगी 4 सवाल
हरियाणा कांग्रेस कोर्ट जाने के लिए सबूत जुटा रही:चुनाव हारे 53 नेता दिल्ली तलब, 8 सदस्यीय कमेटी पूछेगी 4 सवाल हरियाणा में कांग्रेस हार के मंथन के साथ-साथ हार के सबूत भी तलाश रही है। इसके लिए आज (9 नवंबर) को दिल्ली में कांग्रेस की हार के कारण जानने के लिए बनाई गई 8 मेंबरी कमेटी की मीटिंग होगी। बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान और हरियाणा कांग्रेस सह प्रभारी जितेंद्र बघेल करेंगे। कांग्रेस का मानना है कि भाजपा हेराफेरी, धन-बल के इस्तेमाल और सरकारी तंत्र की मदद के कारण चुनाव जीती है। पार्टी ने नतीजे सामने आने के बाद चुनाव आयोग से भी गुहार लगाई थी मगर आयोग ने उलटा कांग्रेस को ही आइना दिखा दिया, जिससे खफा होकर कांग्रेस कोर्ट जाने की भी तैयारी कर रही है। इसी केस को दायर करने के लिए वह सबूत एकत्रित कर रही है। कांग्रेस ने इस मीटिंग में विधानसभा चुनाव में हारे हुए सभी 53 नेताओं को दोपहर 12 बजे बुलाया है। इन नेताओं के पास मैसेज पहुंच गए हैं। कांग्रेस ने हार के बाद पहले फैक्ट एंड फाइंडिंग कमेटी बनाई थी, जिसकी रिपोर्ट हाईकमान के पास पेंडिंग है। इसके बाद हाल ही में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने सहप्रभारी से मुलाकात के बाद 8 मेंबर कमेटी बनाई। घोड़ेला बोले- मेरे पास लंबी लिस्ट, खुलासे करूंगा
वहीं मीटिंग में जाने को लेकर पूछे गए सवाल में नलवा से कांग्रेस प्रत्याशी रहे अनिल मान ने कहा कि वह दिल्ली में बैठक में नहीं जाएंगे। उनको कोई निजी काम है हालांकि मीटिंग के लिए उनके पास मैसेज व कॉल आई थी। वहीं बरवाला से प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला ने बताया कि मीटिंग में वह जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि मेरे पास एक लंबी सूची है। मीटिंग में अगर पूछा जाएगा तो मैं इन नामों का खुलासा भी करूंगा जिनके कारण हम हारे। घोड़ेला ने बताया कि सांसद के चुनाव में 53 हजार वोट सांसद को मिलते हैं मगर 3 महीने बाद चुनाव में मुझे 40 हजार वोट मिलते हैं। ऐसे में सवाल तो उठते हैं। मीटिंग में कमेटी के 8 मेंबर के अलावा प्रदेशाध्यक्ष भी रहेंगे… राठौर बोले- भाजपा की कैबिनेट ही चुनाव हार गई
कांग्रेस नेता वीरेंद्र राठौर ने भाजपा के पक्ष में आए चुनावी नतीजों को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा कैबिनेट ने अच्छा काम किया होता तो अनिल विज को छोड़कर सभी कैबिनेट मंत्री क्यों चुनाव हारते? अगर विधायकों ने काम अच्छा काम किया होता तो 11 उम्मीदवारों की जमानत जब्त न होती। भाजपा 89 सीटों पर चुनाव लड़ी और 89 में से 10 कैबिनेट मंत्री चुनाव हारे और 11 लोगों की जमानत जब्त हो गई। फिर बचीं 69 सीटें। ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि ऐसी कौन सी आंधी भाजपा की चल रही थी कि 69 में से 48 सीटें भाजपा जीत गई? आज भी लोग इस नतीजे को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। फैक्ट एंड फाइंडिंग कमेटी सौंप चुकी हाईकमान को रिपोर्ट बता दें कि राहुल गांधी की समीक्षा बैठक के बाद कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल और राजस्थान के कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी की दो सदस्यीय फैक्ट एंड फाइंडिंग कमेटी बनाई थी। दोनों नेताओं ने खुद बैठकर जूम मीटिंग के जरिए एक-एक नेता से वन टू वन बात की। प्रदेश के 90 में से चुनाव हारे 53 नेताओं से उनकी बातचीत हुई। कमेटी ने चुनाव हारे उम्मीदवारों से 4 तरह के सवाल पूछे। जिसके बाद कमेटी ने इसकी लिखित रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें EVM से ज्यादा चुनाव के बीच तालमेल की कमी और गुटबाजी की वजह सामने आई है। हालांकि कमेटी हाईकमान को अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है।
झज्जर में विधायक कुलदीप का किरण चौधरी पर तंज:बोले- हुड्डा से पहले अपना हिसाब दें, बताइए वो कितनी बड़ी भ्रष्ट थी
झज्जर में विधायक कुलदीप का किरण चौधरी पर तंज:बोले- हुड्डा से पहले अपना हिसाब दें, बताइए वो कितनी बड़ी भ्रष्ट थी कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स झज्जर की अनाज मंडी में स्थित कार्यालय पर बादली विधानसभा क्षेत्र के लोगों की समस्याएं सुनने पहुंचे l कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स ने अपने कार्यालय में पहुंचकर बादली क्षेत्र के लोगों की समस्या सुनी और उन्हें समस्याओं के समाधान के लिए आश्वासन भी दिया है l बीजेपी कि लोग अहंकार के घोड़े पर सवार हैं हरियाणा के वित्त मंत्री जेपी दलाल के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को लेकर दिए गए पर कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स ने पलटवार करते हुए कहा बीजेपी कि लोग अहंकार के घोड़े पर सवार हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा की जनता ने लोकसभा चुनाव में दिखा दिया, जिसमें 48 विधानसभा सीटों पर बीजेपी को जनता ने हराया है। भाजपा ने मोदी के नाम पर जात के नाम पर धर्म के नाम पर चुनाव लड़ा था। अपनी सीट जीतकर दिखाए जेपी दलाल उन्होंने कहा कि जेपी दलाल जी आप अपनी सीट से जीत के दिखाना आपको पता चल जाएगा। आप हरियाणा की छोड़ो और किसानों को लेकर जेपी दलाल ने जो बात कही थी। यह लोग अहंकार के घोड़े पर सवार हैं विधानसभा चुनाव में जनता इन्हें जवाब देगी और हरियाणा में चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनेगी l कांग्रेस पार्टी की पीठ में छुरा घोंपने का काम किया कुलदीप वत्स ने भाजपा नेता किरण चौधरी द्वारा भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा को सबसे भ्रष्ट नेता बताए जाने के सवाल पर किया पलटवार किया। उन्होंने कहा किरण चौधरी के अंदर खुद कमी नहीं होती तो उनकी ऐसी दुर्दशा नहीं होती और जिस प्रकार किरण चौधरी ने कांग्रेस पार्टी की पीठ में छुरा घोंपने का काम किया। पार्टी के साथ रहकर और किरण चौधरी भी 10 साल मंत्री रही थी और बताइए वो कितनी बड़ी भ्रष्ट थी। पहले किरण चौधरी अपना हिसाब दें उन्होंने कहा कि किरण चौधरी हरियाणा की जनता को बताएं कि उन्होंने 10 साल में हरियाणा की जनता को कितना लूटा था और किरण चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा का हिसाब मांगने से पहले अपना हिसाब दे कि 10 साल उन्होंने हरियाणा को कैसे लूटा था। यह तो वह बात है कि खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे और आज मैं आपको बता रहा हूं जो हाल और नेताओं का हुआ है उससे भी बुरा हाल किरण चौधरी का होगा l