<p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra MLC Election Result 2024:</strong> महाराष्ट्र में विधान परिषद चुनाव में लगे झटके पर एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जयंत पाटिल (शेकाप- शेतकरी कामगार पार्टी) को लेकर हमारा कोई संयुक्त निर्णय नहीं था. मेरे पास 12 वोट थे. हमने सोचा कि हमें उनकी मदद करनी चाहिए. क्योंकि लोकसभा चुनाव साथ लड़ते समय वामपंथियों ने हमसे शेकाप के साथ सीटें नहीं मांगी थीं. हम देने की स्थिति में नहीं थे. मैंने उन्हें यह बताया. हम इस बार साथ नहीं दे सकते, हम अगले चुनाव के लिए व्यवस्था करेंगे. इसलिए हमने पाटिल का सहयोग किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शरद पवार ने कहा कि अवसर आने पर वामपंथ पर विचार करना चाहिए. इस रणनीति में मतभेद था. मेरी मौखिक राय अलग थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>शरद पवार ने कहा कि कांग्रेस को ज्यादा वोट मिले थे. मेरा गणित अलग था. कांग्रेस एक नंबर के सारे वोट ले लेती. शेतकरी कामगार पार्टी दो नंबर के वोटों में से आधे वोट मिलते. मेरे गणित के मुताबिक होता तो शिवसेना (यूबीटी) और शेकाप दोनों की जीत होती. किसी ने किसी को धोखा नहीं दिया. रणनीति बिल्कुल गलत थी.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra MLC Election Result 2024:</strong> महाराष्ट्र में विधान परिषद चुनाव में लगे झटके पर एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जयंत पाटिल (शेकाप- शेतकरी कामगार पार्टी) को लेकर हमारा कोई संयुक्त निर्णय नहीं था. मेरे पास 12 वोट थे. हमने सोचा कि हमें उनकी मदद करनी चाहिए. क्योंकि लोकसभा चुनाव साथ लड़ते समय वामपंथियों ने हमसे शेकाप के साथ सीटें नहीं मांगी थीं. हम देने की स्थिति में नहीं थे. मैंने उन्हें यह बताया. हम इस बार साथ नहीं दे सकते, हम अगले चुनाव के लिए व्यवस्था करेंगे. इसलिए हमने पाटिल का सहयोग किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शरद पवार ने कहा कि अवसर आने पर वामपंथ पर विचार करना चाहिए. इस रणनीति में मतभेद था. मेरी मौखिक राय अलग थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>शरद पवार ने कहा कि कांग्रेस को ज्यादा वोट मिले थे. मेरा गणित अलग था. कांग्रेस एक नंबर के सारे वोट ले लेती. शेतकरी कामगार पार्टी दो नंबर के वोटों में से आधे वोट मिलते. मेरे गणित के मुताबिक होता तो शिवसेना (यूबीटी) और शेकाप दोनों की जीत होती. किसी ने किसी को धोखा नहीं दिया. रणनीति बिल्कुल गलत थी.</p> महाराष्ट्र कहां है भगवान विट्ठल का मंदिर? देवशयनी एकादशी पर जुटती है लाखों की भीड़, जानें पूरी कहानी