हरियाणा में एक बार फिर मानसून सक्रिय हो गया है। हालांकि इसका असर सिर्फ 2 दिन तक ही रहेगा। आज हरियाणा के उत्तरी इलाकों में बारिश हो सकती है। वहीं, कुछ अन्य इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान जताया गया है। यमुनानगर और आसपास के इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल में भी बारिश देखने को मिल सकती है। आपको बता दें कि एक दिन पहले बुधवार को प्रदेश के 15 जिलों में बारिश हुई थी। हल्की और मध्यम बारिश के साथ ही तापमान में गिरावट दर्ज की गई थी। अब 19 जुलाई तक प्रदेश के जिलों में बारिश की संभावना है। इससे अधिकतम और न्यूनतम तापमान में भी गिरावट हो सकती है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार हरियाणा में 2 दिन तक मानसूनी गतिविधियां रहेंगी, लेकिन उसके बाद मौसम सामान्य रहेगा। इस दौरान धूप निकलने से उमस का सामना करना पड़ सकता है। अंबाला-यमुनानगर में भारी बारिश की संभावना भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पहले ही मौसम में बदलाव की भविष्यवाणी की थी। इसके तहत 17 से 19 जुलाई की रात तक बारिश की संभावना है। इसके साथ ही बुधवार सुबह से ही मौसम में बदलाव देखने को मिला। सुबह से ही कई जिलों में बारिश हुई। अंबाला, भिवानी, चरखी दादरी, गुरुग्राम, हिसार, जींद, कुरुक्षेत्र, नूंह, रेवाड़ी, रोहतक, सिरसा, सोनीपत, यमुनानगर में बारिश दर्ज की गई है। आने वाले दिनों में फिर से बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर में भारी बारिश की संभावना है। प्रदेश में 36 फीसदी कम बारिश 1 जून से 17 जुलाई तक अब तक प्रदेश में सामान्य से 36 फीसदी कम बारिश हुई है। प्रदेश में सामान्य बारिश 133.2 मिमी होनी चाहिए थी, लेकिन अब तक 84.8 मिमी बारिश का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है। इसी तरह प्रदेश के 4 जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। हरियाणा में एक बार फिर मानसून सक्रिय हो गया है। हालांकि इसका असर सिर्फ 2 दिन तक ही रहेगा। आज हरियाणा के उत्तरी इलाकों में बारिश हो सकती है। वहीं, कुछ अन्य इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान जताया गया है। यमुनानगर और आसपास के इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल में भी बारिश देखने को मिल सकती है। आपको बता दें कि एक दिन पहले बुधवार को प्रदेश के 15 जिलों में बारिश हुई थी। हल्की और मध्यम बारिश के साथ ही तापमान में गिरावट दर्ज की गई थी। अब 19 जुलाई तक प्रदेश के जिलों में बारिश की संभावना है। इससे अधिकतम और न्यूनतम तापमान में भी गिरावट हो सकती है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार हरियाणा में 2 दिन तक मानसूनी गतिविधियां रहेंगी, लेकिन उसके बाद मौसम सामान्य रहेगा। इस दौरान धूप निकलने से उमस का सामना करना पड़ सकता है। अंबाला-यमुनानगर में भारी बारिश की संभावना भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पहले ही मौसम में बदलाव की भविष्यवाणी की थी। इसके तहत 17 से 19 जुलाई की रात तक बारिश की संभावना है। इसके साथ ही बुधवार सुबह से ही मौसम में बदलाव देखने को मिला। सुबह से ही कई जिलों में बारिश हुई। अंबाला, भिवानी, चरखी दादरी, गुरुग्राम, हिसार, जींद, कुरुक्षेत्र, नूंह, रेवाड़ी, रोहतक, सिरसा, सोनीपत, यमुनानगर में बारिश दर्ज की गई है। आने वाले दिनों में फिर से बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर में भारी बारिश की संभावना है। प्रदेश में 36 फीसदी कम बारिश 1 जून से 17 जुलाई तक अब तक प्रदेश में सामान्य से 36 फीसदी कम बारिश हुई है। प्रदेश में सामान्य बारिश 133.2 मिमी होनी चाहिए थी, लेकिन अब तक 84.8 मिमी बारिश का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है। इसी तरह प्रदेश के 4 जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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देवेंद्र बबली ने खोले दुष्यंत के राज:कहा- विधायक दल का नेता बनने के बाद बदले सुर, कोटे से 4 मंत्री भी नहीं बनाए
देवेंद्र बबली ने खोले दुष्यंत के राज:कहा- विधायक दल का नेता बनने के बाद बदले सुर, कोटे से 4 मंत्री भी नहीं बनाए टोहाना से जननायक जनता पार्टी (JJP) के विधायक देवेंद्र बबली हरियाणा के पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला के राज खोलने में लग गए हैं। देवेंद्र बबली ने कहा कि दुष्यंत चौटाला पार्टी के नेताओं को आगे नहीं बढ़ा पाए। यह उनकी नाकामी है। 10 विधायक में आज उनके साथ आधे भी साथ नहीं है। बबली ने कहा कि जजपा के 10 विधायक चुनकर आने के बाद गठबंधन सरकार बनाने का फैसला हुआ।
दुष्यंत को विधायक दल का नेता बनाया गया मगर विधायक दल का नेता बनने के बाद से ही दुष्यंत के सुर बदल गए। पहले पार्टी की मीटिंग में बुलाया जाता मगर फिर अचानक व्यवहार बदल गया और विधायकों के साथ दूरियां बढ़ती गई। बबली ने बताया कि भाजपा ने जजपा कोटे से 4 मंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया था मगर दुष्यंत चौटाला खुद ही सारे महकमे लेकर बैठ गया। अगर दुष्यंत चौटाला ऐसी गलती ना करता तो आज पार्टी की यह हालत नहीं हुई होती। दुष्यंत ने ऐसा क्यों किया आज तक पता नहीं चला। निशान सिंह जैसे नेताओं ने बढ़ाई दूरी बबली ने कहा कि जजपा ने निशान सिंह जैसे नेताओं को पार्टी का प्रदेशाध्यक्ष बताया। इसका पता था कि यह पीठ में छुरा घोपेगा। मगर एक नहीं सुनी गई अब वहीं हुआ। अगर हमारी बात सुनी होती तो हम पार्टी के बुरे वक्त में भी साथ खड़े होते मगर निशान सिंह जैसे नेता ने किसी को दुष्यंत के करीब नहीं लगने दिया। बबली ने कहा जजपा से विधायक बनने वाले 80 प्रतिशत नेता अपने दम पर विधायक बने हैं। यह अगल बात है सभी सिंबल पर चुनाव लड़े अब वह जजपा के विधायक कहलाएंगे। बराला पर किया हमला, भाजपा को दी नसीहत विधायक देवेंद्र बबली ने बिना नाम लिए सुभाष बराला पर हमला किया है। देवेंद्र बबली ने कहा कि बराला को बड़ा नेता कहना गलत है क्योंकि उसको जनता ने नकार दिया है। भाजपा जनता के नकारे हुए नेताओं को आगे बढ़ा रही है इससे उसे नुकसान हो रहा है। इसमें भाजपा नेताओं की क्या मजबूरी है वह समझ नहीं आता। बबली ने कहा कि एक बार गलती से विधायक बन जाने से कोई इंसान बड़ा नहीं हो जाता। अगर बड़े नेता में दम है तो एक बार फिर टोहाना से लड़कर देख ले कौन बड़ा है जनता अपने आप बता देगी। लोकसभा में स्थानीय मुद्दे हावी रहे
विधायक बबली ने कहा कि लोकसभा में इस बार स्थानीय मुद्दे हावी रहे। भाजपा के यहां के स्थानीय नेता के खिलाफ क्षेत्र में नाराजगी है। इसका फायदा कांग्रेस को मिला। बबली ने कहा कि मेरे से सैलजा के लोगों ने संपर्क किया और जब मेरे समर्थकों ने कांग्रेस को समर्थन की बात कही तो हमने भी सैलजा से संपर्क कर उनको समर्थन देने की बात कही। बबली ने कहा कि मैं पहले भी कांग्रेस में रह चुका हूं। मेरे लिए टोहाना की जनता पहले है इसके बाद प्रदेश की जनता।
हरियाणा में CPS-CM के आज जारी होंगे ऑर्डर:दो दिन पहले 4 घंटे में पलटे थे आदेश; 3 कैबिनेट मंत्रियों ने किया ऑब्जेक्शन
हरियाणा में CPS-CM के आज जारी होंगे ऑर्डर:दो दिन पहले 4 घंटे में पलटे थे आदेश; 3 कैबिनेट मंत्रियों ने किया ऑब्जेक्शन हरियाणा मुख्यमंत्री नायब सैनी के मुख्य प्रधान सचिव (CPS) की नियुक्ति के आदेश आज जारी कर दिए जाएंगे। इससे 2 दिन पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी की नियुक्ति के आदेश पर नाटकीय ढंग से रोक लग गई। प्रदेश के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने शुक्रवार रात करीब 8 बजे रिटायर्ड IAS राजेश खुल्लर को मुख्यमंत्री का मुख्य प्रधान सचिव बनाने के आदेश जारी किए थे। इसमें उन्हें कैबिनेट मिनिस्टर का रैंक दिया गया था। हालांकि 4 घंटे बाद ही रात करीब 12 बजे दूसरा ऑर्डर जारी हो गया। जिसमें लिखा गया कि मुख्य प्रधान सचिव की नियुक्ति के संबंध में जारी आदेश अगले आदेश तक स्थगित किया जाता है। यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब CM नायब सैनी दिल्ली गए हुए हैं। आदेश पर रोक लगने की ये थी वजह इसके पीछे की इनसाइड स्टोरी अब सामने आई है। जिसमें पता चला है कि जब देर शाम उनकी नियुक्ति के ऑर्डर जारी किए गए, तो कैबिनेट के तीन सीनियर मंत्रियों ने इस पर ऑब्जेक्शन कर दिया। तीनों मंत्रियों ने राजेश खुल्लर को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने पर विरोध जताया। उनका कहना था कि हम चुनाव जीतकर आए हैं। वहीं अधिकारी को बैठे-बिठाए ही यह दर्जा दिया जा रहा है। जिसके बाद आदेश वापस ले लिए गए। हालांकि सरकार खुल्लर की नियुक्ति जरूर करेगी, इसके लिए अब बिना कैबिनेट रैंक के ये ऑर्डर आज या कल जारी कर सकती है। नियुक्ति और फिर उसे रोकने के ऑर्डर की कॉपी… कौन हैं राजेश खुल्लर राजेश खुल्लर 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। 2014 में राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद से ही वे तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर की गुडबुक में रहे। खुल्लर 31 अगस्त 2023 को रिटायर हुए और रिटायरमेंट के 24 घंटे के भीतर ही उन्हें तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर का चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी (CPS) नियुक्त कर दिया गया। तब उन्होंने 1982 बैच के सीनियर रिटायर्ड आईएएस अधिकारी डीएस ढेसी की जगह ली थी। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जब भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सैनी को हरियाणा का नया सीएम बनाया था, तब भी राजेश खुल्लर उनके चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी (CPS) थे। पर्ची सिस्टम के विरोधी अपने 35 साल के लंबे कार्यकाल के दौरान राजेश खुल्लर कई जिलों के डीसी, विभागाध्यक्ष और प्रशासनिक सचिव रहे। वर्ष 2019 में खट्टर ने उन्हें अपने प्रधान सचिव के साथ-साथ गृह सचिव की जिम्मेदारी सौंपी। खुल्लर ने जनसंपर्क एवं भाषा, जेल, आपराधिक जांच और न्याय विभाग की जिम्मेदारी भी संभाली। हरियाणा में करप्शन की जड़ समझे जाने वाले तीन प्रमुख क्षेत्रों- सरकारी भर्ती, ट्रांसफर और लैंड यूज चेंज (CLU) से जुड़ी प्रक्रिया को कम्प्यूटराइज्ड कराने का श्रेय राजेश खुल्लर को ही जाता है। हरियाणा इन तीनों कामों में चलने वाले पर्ची सिस्टम के कारण देशभर में सुर्खियों में रहता था। सीएम ऑफिस (CMO) में रहते हुए खुल्लर ने ही पर्ची सिस्टम की जगह पारदर्शी व्यवस्था बनाई। इसके बाद अब आम लोगों या कर्मचारियों को अपने ट्रांसफर से लेकर बीपीएल राशन कार्ड बनवाने तक, किसी अधिकारी या कर्मचारी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। मनोहर ने वर्ल्ड बैंक से वापस बुलवाया राजेश खुल्लर की सितंबर-2020 में वर्ल्ड बैंक के वॉशिंगटन डीसी कार्यालय में कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्ति हो गई। उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए हुई थी। अमेरिका जाने से पहले उन्होंने करीब 5 साल हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ उनके प्रधान सचिव के रूप में काम किया।उसके बाद मनोहर सरकार के आग्रह पर केंद्र सरकार ने राजेश खुल्लर को तय टाइम से पहले वर्ल्ड बैंक से वापस हरियाणा बुलाने की मंजूरी दे दी थी। वर्ल्ड बैंक से लौटने के बाद खुल्लर को एफसीआर और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव बनाया गया। CMO के रहे ओवरऑल इंचार्ज इस साल 19 अप्रैल से 1 जून के बीच हुए लोकसभा चुनाव से करीब सवा 2 महीने पहले यानी 8 फरवरी 2024 को हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने सीएम ऑफिस (सीएमओ) में बड़ा बदलाव किया था। उस समय खट्टर ने 58 प्रमुख विभागों को 6 अफसरों में बांट दिया था। उस फेरबदल के दौरान सीएम के तत्कालीन मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर को 17, तत्कालीन सहायक प्रधान सचिव आशिमा बराड़ को 11, तत्कालीन प्रधान सचिव वी उमाशंकर को 10, अमित अग्रवाल को 9, रिटायर्ड आईएएस अधिकारी देवेंद्र सिंह को 3, एचसीएस सुधांशु गौतम को 6 और भूपेश्वर दयाल को 2 विभाग दिए गए थे। इसके साथ ही खट्टर ने राजेश खुल्लर को सीएम ऑफिस (सीएमओ) का ओवरऑल इंचार्ज भी बनाया था।
हरियाणा के IAS ऑफिसर्स की वापस होगी सिक्योरिटी:HC ने दिए निर्देश; येलो बुक को प्रशासन के कब्जे में रखने को कहा, DGP से मांगा जवाब
हरियाणा के IAS ऑफिसर्स की वापस होगी सिक्योरिटी:HC ने दिए निर्देश; येलो बुक को प्रशासन के कब्जे में रखने को कहा, DGP से मांगा जवाब पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा की टॉप ब्यूरोक्रेसी को बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया है कि वह राज्य में किसी भी आईएएस अधिकारी को दी गई सिक्योरिटी को वापस ले। कोर्ट ने कहा है कि जिन ऑफिसर्स को नागरिक प्रशासन की जिम्मेदारी या अर्ध-न्यायिक कार्य के लिए तैनात किया गया यह आदेश उन्ही अफसरों पर लागू होगा। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने पुलिस महानिदेशक हरियाणा (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर को एक हलफनामा दायर कर यह बताने का भी निर्देश दिया है कि क्या हरियाणा राज्य में किसी आईपीएस अधिकारी को किसी बोर्ड या निगम आदि में नागरिक प्रशासन की ड्यूटी सौंपी गई है। येलो बुक कब्जे में लेने के निर्देश हाईकोर्ट ने सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी देने वाली येलो बुक (सुरक्षा उपलब्ध कराने व सुरक्षा प्राप्त लोगों की जानकारी की किताब) को भी प्रशासन के सुरक्षित कब्जे में रखने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई की तारीख पर बुक वापस कर दी जाएगी। मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर के लिए स्थगित कर दी गई है। जस्टिस हरकेश मनुजा ने पंजाब एवं हरियाणा राज्य में विभिन्न सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों को दी गई सुरक्षा से संबंधित एक चल रही याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश पारित किए हैं। कोर्ट ने डीजीपी के दिए फैक्ट का वेरिफिकेशन कराने को कहा राज्य पुलिस प्रमुख को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने उनसे कहा कि वह हलफनामा दायर करें, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाए कि यदि हरियाणा राज्य में किसी भी आईएएस अधिकारी को नागरिक प्रशासन की जिम्मेदारियों या अर्ध-न्यायिक कार्यों से निपटने के दौरान कोई सुरक्षा प्रदान की जाती है, तो उसे तुरंत प्रभाव से वापस ले लिया जाए। डीजीपी ने यह जानकारी दी है कि आज तक राज्य में किसी भी आईपीएस अधिकारी को किसी भी बोर्ड या निगम आदि में नागरिक प्रशासन का कर्तव्य नहीं सौंपा गया है। कोर्ट ने डीजीपी से अनुरोध किया कि वह इन इस तथ्यों के उचित सत्यापन के बाद अपने हलफनामे में उचित जवाब दें। डीजीपी बोले- हरियाणा शांतिपूर्ण राज्य चार अक्टूबर को हाईकोर्ट में मामले की हुई सुनवाई के दौरान पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यवाही में शामिल हुए और कहा कि हरियाणा अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण राज्य है, राज्य के भीतर आईएएस अधिकारियों को कोई सुरक्षा प्रदान नहीं की गई है, जिन्हें नागरिक प्रशासनिक कार्यों और जिम्मेदारियों से जोड़ा गया है, सिवाय किसी ऐसे अधिकारी को छोड़कर जिसे असाधारण परिस्थितियों में कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए काम सौंपा गया हो।