पंजाब के बठिंढा में व्यापारियों व डाक्टर को फोन पर धमकी देकर फिरौती मांगने और रुपए नहीं देने पर जान से मारने की धमकी देने वाले एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। 26 साल का आरोपी नामदेव रोड में एक मोटर गेराज में डेटिंग- पेटिंग का काम करता है। एसएसपी दीपक पारीक ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि 14 जुलाई 2024 को शहर के एक डाक्टर को अज्ञात व्यक्ति से धमकी भरा फोन आया और 30 लाख रुपए की फिरौती देने का मामला सामने आया था। आरोपी द्वारा रुपए ना देने पर डाक्टर के परिवार के सदस्यों को नुकसान पहुंचाने की बात कही गई। इसके अलावा एक अन्य व्यक्ति जो बठिंडा शहर का व्यापारी है उससे भी 10 लाख रुपए की फिरौती फोन पर मांगी गई थी। इसमें शिकायतकर्ता के परिवार वालों को भी नुकसान पहुंचाने की धमकी दी। पकड़ने के लिए गया गया था टीमों का गठन आरोपियों की तलाश के लिए विभिन्न टीमों का गठन किया गया था। इसमें सबसे पहले तकनीकी पहलुओं के जरिए मामले की जांच शुरू की गई। जांच के दौरान जिस मोबाइल नंबर से दोनों व्यक्तियों को रंगदारी मांगने के लिए फोन किया गया था, उसी मोबाइल नंबर से आरोपी विनय कुमार पुत्र मुरारी निवासी नामदेव नगर बठिंडा ने फोन किया था। रंगदारी के लिए कॉल कर धमकी देने में प्रयुक्त मोबाइल फोन समेत आरोपी को पुलिस टीम ने संतपुरा रोड फ्लाईओवर ब्रिज के नीचे टैक्सी यूनियन स्टैंड से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को न्यायालय में पेश कर एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। आरोपी से पूछताछ की जा रही है। आरोपी, मुरारी मोटर्स बठिंडा में डेंटिंग-पेंटिंग का काम करता है। आरोपी का इससे पहले किसी तरह का अपराधिक रिकार्ड नहीं मिला है। पंजाब के बठिंढा में व्यापारियों व डाक्टर को फोन पर धमकी देकर फिरौती मांगने और रुपए नहीं देने पर जान से मारने की धमकी देने वाले एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। 26 साल का आरोपी नामदेव रोड में एक मोटर गेराज में डेटिंग- पेटिंग का काम करता है। एसएसपी दीपक पारीक ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि 14 जुलाई 2024 को शहर के एक डाक्टर को अज्ञात व्यक्ति से धमकी भरा फोन आया और 30 लाख रुपए की फिरौती देने का मामला सामने आया था। आरोपी द्वारा रुपए ना देने पर डाक्टर के परिवार के सदस्यों को नुकसान पहुंचाने की बात कही गई। इसके अलावा एक अन्य व्यक्ति जो बठिंडा शहर का व्यापारी है उससे भी 10 लाख रुपए की फिरौती फोन पर मांगी गई थी। इसमें शिकायतकर्ता के परिवार वालों को भी नुकसान पहुंचाने की धमकी दी। पकड़ने के लिए गया गया था टीमों का गठन आरोपियों की तलाश के लिए विभिन्न टीमों का गठन किया गया था। इसमें सबसे पहले तकनीकी पहलुओं के जरिए मामले की जांच शुरू की गई। जांच के दौरान जिस मोबाइल नंबर से दोनों व्यक्तियों को रंगदारी मांगने के लिए फोन किया गया था, उसी मोबाइल नंबर से आरोपी विनय कुमार पुत्र मुरारी निवासी नामदेव नगर बठिंडा ने फोन किया था। रंगदारी के लिए कॉल कर धमकी देने में प्रयुक्त मोबाइल फोन समेत आरोपी को पुलिस टीम ने संतपुरा रोड फ्लाईओवर ब्रिज के नीचे टैक्सी यूनियन स्टैंड से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को न्यायालय में पेश कर एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। आरोपी से पूछताछ की जा रही है। आरोपी, मुरारी मोटर्स बठिंडा में डेंटिंग-पेंटिंग का काम करता है। आरोपी का इससे पहले किसी तरह का अपराधिक रिकार्ड नहीं मिला है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अटक सकती है कंगना की इमरजेंसी फिल्म:सेंसर बोर्ड ने हाईकोर्ट में दिया जवाब, कहा- सर्टिफिकेट नहीं हुआ जारी; 6 सितंबर है रिलीज डेट
अटक सकती है कंगना की इमरजेंसी फिल्म:सेंसर बोर्ड ने हाईकोर्ट में दिया जवाब, कहा- सर्टिफिकेट नहीं हुआ जारी; 6 सितंबर है रिलीज डेट भाजपा सांसद व एक्ट्रेस कंगना रनोट की फिल्म इमरजेंसी की रिलीज अटक सकती है। दरअसल, पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल याचिका की सुनवाई के दौरान सेंसर बोर्ड ने साफ कर दिया है कि इस फिल्म को अभी तक सर्टिफिकेट ही जारी नहीं किया गया। जबकि फिल्म को रिलीज करने के लिए मात्र 6 दिन ही शेष बचे हैं। फिल्म इमरजेंसी के खिलाफ एडवोकेट ईमान सिंह खारा की तरफ से याचिका दायर की गई थी। जिसकी सुनवाई हाईकोर्ट में हुई। एडवोकेट ईमान सिंह खारा का कहना है कि कोर्ट में सेंसर बोर्ड ने अपना जवाब दाखिल किया है। जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि इस फिल्म को अभी तक रिलीज के लिए सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया। जवाब के अनुसार फिल्म के खिलाफ कई शिकायतें हैं। शिकायतों को सुने जाने के बाद ही फिल्म को सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। एसजीपीसी ने सीन डिलीट करने की मांग रखी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के सदस्य गुरचरण सिंह गरेवाल ने कहा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सूचना और प्रसारण मंत्री के साथ-साथ सेंसर बोर्ड को भी पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया कि हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं है। फिल्म का विरोध सिर्फ इसलिए नहीं कर रहे कि इसमें कंगना रनोट हैं। हमारा रुख हमारे तर्क पर आधारित है। गुरुद्वारा कमेटी ने भी एक कानूनी नोटिस जारी किया था और कुछ सदस्यों ने अपनी रिट याचिका दायर करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया था। कंगना की फिल्म का प्रमोशन रोक दिया गया है, ये तो 6 सितंबर को ही पता चलेगा। कंगना अपनी फिल्म को प्रमोट करने के लिए बहुत कुछ करती हैंद्ध उनका कहना है कि उन्हें रेप और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। ये सब फिल्म प्रमोशन के स्टंट हैं, लेकिन अगर सेंसर बोर्ड ने यह (फिल्म को पास न करने का) फैसला किया है, तो यह एक अच्छी बात है, क्योंकि यह मामला सिर्फ सिखों से जुड़ा नहीं है, यह देश में सद्भाव की चिंताओं से भी जुड़ा है। कंगना का दावा, सेंसर वालों को आ रहीं धमकियां फिल्म का सेंसर सर्टिफिकेट रोके जाने पर कंगना रनोट ने अपना एक वीडियो भी बीते दिन जारी किया था। जिस पर कंगना ने दावा किया है कि सेंसर वालों को धमकियां आ रही हैं, जिसके चलते फिल्म की रिलीज को रोका गया है। वीडियो में कंगना ने कहा- कई तरह की अफवाहें उड़ रही हैं कि हमारी फिल्म इमरजेंसी को सेंसर सर्टिफिकेट मिल गया है। इट इज नॉट ट्रू (ये सच नहीं है)। इनफैक्ट, हमारी फिल्म क्लीयर हो गई थी, लेकिन उसकी सर्टिफिकेशन रोक ली गई है। क्योंकि, बहुत ज्यादा धमकियां आ रही हैं, जान से मार देने की। सेंसर वालों को बहुत ज्यादा धमकियां आ रही हैं। तो हम पर ये प्रेशर है कि मिसेज गांधी की असेसिनेशन ना दिखाई जाए। भिंडरांवाला को ना दिखाएं। पंजाब रॉयट्स ना दिखाएं। आई डोंट नो (मुझे नहीं पता) फिर क्या दिखाएं। क्या हुआ कि फिल्म अचानक से ब्लैक-आउट हो जाती है। दिस इज अनब्लीवेबल टाइम फोर मी ( ये मेरे लिए अविश्वसनीय समय है)। आई एम वैरी सॉरी फॉर द स्टेट ऑफ थिंग्स इन दिस कंट्री (मुझे इस देश की स्थिति पर बहुत खेद है)। पंजाब सहित तेलंगाना भी बैन लगाने की तैयारी में पंजाब में विवाद के बाद आम आदमी पार्टी के सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने बीते दिन ही संकेत दिया था कि फिल्म को पंजाब में रिलीज के लिए रोका जा सकता है। पंजाब के अलावा तेलंगाना भी इस फिल्म की रिलीज पर बैन लगाने की तैयारी में है। दोनों राज्यों में सिख संगठन की मांग के बाद ही इस पर बैन लगाने पर विचार किया जा रहा है। कंगना सहित जी-स्टूडियो को भेजा जा चुका नोटिस इससे पहले SGPC प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी फिल्म अदाकारा कंगना रनोट के खिलाफ FIR की मांग कर चुके हैं। एडवोकेट धामी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा था कि कंगना रनोट अक्सर जानबूझकर सिखों की भावनाओं को भड़काने वाली बातें करती रही हैं। सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचा रही है। सरकार को कंगना रनोट के खिलाफ फिल्म इमरजेंसी के जरिए सिखों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज करना चाहिए। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह भी फिल्म पर कड़े ऐतराज जता चुके हैं और फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग कर चुके हैं। इसके अलावा एसजीपीसी की तरफ से कंगना रनोट सहित फिल्म का ट्रेलर रिलीज करने वाले जी-स्टूडियो को भी नोटिस भेजा जा चुका है। सांसद सर्बजीत खालसा ने उठाया था मामला ये मामला सबसे पहले पंजाब के फरीदकोट से निर्वाचित सांसद सर्बजीत सिंह खालसा की तरफ से अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर उठाया गया था। सर्बजीत खालसा ने ब्रॉडकास्ट मंत्रालय से इस फिल्म की रिलीज को रोकने की मांग रखी थी। उनकी तरफ से ऐतराज उठाए जाने के बाद ही ये मामला श्री अकाल तख्त साहिब व एसजीपीसी के ध्यान में आया था। फिल्म में दिखाया आतंकवाद का दौर, भिंडरांवाले का कैरेक्टर भी रखा कंगना ने कुछ दिन पहले इस फिल्म का ट्रेलर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था। जिसमें पंजाब में 1980 के दशक में आतंकवाद के दौर को भी दिखाया गया है। इसमें एक कैरेक्टर को जरनैल सिंह भिंडरांवाला भी बनाया गया है, जिसे कट्टरपंथी सिख संत के तौर पर देखते हैं। सर्बजीत खालसा का मानना है कि फिल्म में ब्लू स्टार ऑपरेशन को लेकर भी फिल्माया गया है, जो जरनैल सिंह भिंडरांवाला को खत्म करने के लिए ही चलाया गया था।
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