नोएडा एयरपोर्ट पर दिसंबर में पहली कॉमर्शियल फ्लाइट उड़ान भरेगी। एयरपोर्ट के स्टेज-2 के फेज-1 निर्माण के लिए प्राधिकरण ने करीब 104 करोड़ 42 लाख 55 हजार रुपए रिलीज किया। ये पैसा 1181.2793 हैक्टेयर जमीन अधिग्रहण में यूज किया गया। इसी तरह बिजली आपूर्ति के लिए करीब 10 करोड़ 28 लाख रुपए दिए गया। एयरपोर्ट में 19.5 एमवीए (एचवी-1) की सप्लाई होनी है। जिसके लिए 33 केवी लाइन जाएगी। स्टेज-2 के फेज-2 में जमीन अधिग्रहण (1888.90 हेक्टेयर) प्रोसेस के लिए 31 लाख रुपए भी दिए गए। दरअसल, नोएडा प्राधिकरण नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की जॉइंट वेंचर कंपनी है। जिसमें प्राधिकरण की 37.5 प्रतिशत की शेयर होल्डिंग है। ऐसे में 31 दिसंबर 2023 तक नोएडा एयरपोर्ट के निर्माण के लिए करीब 3529 करोड़ 87 लाख रुपए से ज्यादा की रकम दे चुकी है। हाल ही में उपरोक्त की गई तीन मांगों को पूरा करने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने 115 करोड़ से अधिक की रकम को रिलीज किया। ऐसे में यहां निर्माण कार्य तेजी से होगा। जिससे एयरपोर्ट का संचालन समय से किया जा सके। 31 मई तक 78.11 % काम हो चुका है पूरा
31 मई तक कुल परियोजना का 78.11% काम पूरा हो चुका है। फेज-1 की कुल अनुमानित विकास लागत 10,056 करोड़ रुपए है। जिसमें जेवर में 1,334 हेक्टेयर साइट क्षेत्र शामिल है। कुल लागत में से, राज्य सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण पर 4,328.05 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। अब तक 7,798.35 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। पहले फेज में 12 मिलियन मुसाफिर उठाएंगे फायदा
पहले फेज में एयरपोर्ट पर एक रनवे और एक टर्मिनल होगा। इसकी क्षमता करीब 12 मिलियन मुसाफिर की होगी। परियोजना को चार फेज में विकसित करने की तैयारी है। अंततः दो रनवे और दो टर्मिनल भवनों तक निर्माण किया जाएगा। अंतिम चरण तक सालाना 70 मिलियन मुसाफिर इसका प्रयोग कर सकेंगे। परियोजना की कुल लागत 29,561 करोड़ रुपए अनुमानित है। फ्रिक्शन टेस्ट पूरा, अब मेन ट्रायल
पिछले दिनों रनवे का फ्रिक्शन टेस्ट लिया गया था। टेस्ट पूरी तरह से सफल पाया गया था। इसमें यह पता लगाया गया था कि अगर अलग मौसम और स्थिति है, तो रनवे पर कोई बाधा तो उत्पन्न नहीं होगी। साथ ही किसी तरीके की कोई रुकावट तो पैदा नहीं होगी। कोई फिसलन तो नहीं होगी। इसके बाद अगले स्टैप के टेस्ट का रास्ता साफ हो गया है। दिसंबर में यहां कॉमर्शियल उड़ान शुरू करनी है। नोएडा एयरपोर्ट पर दिसंबर में पहली कॉमर्शियल फ्लाइट उड़ान भरेगी। एयरपोर्ट के स्टेज-2 के फेज-1 निर्माण के लिए प्राधिकरण ने करीब 104 करोड़ 42 लाख 55 हजार रुपए रिलीज किया। ये पैसा 1181.2793 हैक्टेयर जमीन अधिग्रहण में यूज किया गया। इसी तरह बिजली आपूर्ति के लिए करीब 10 करोड़ 28 लाख रुपए दिए गया। एयरपोर्ट में 19.5 एमवीए (एचवी-1) की सप्लाई होनी है। जिसके लिए 33 केवी लाइन जाएगी। स्टेज-2 के फेज-2 में जमीन अधिग्रहण (1888.90 हेक्टेयर) प्रोसेस के लिए 31 लाख रुपए भी दिए गए। दरअसल, नोएडा प्राधिकरण नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की जॉइंट वेंचर कंपनी है। जिसमें प्राधिकरण की 37.5 प्रतिशत की शेयर होल्डिंग है। ऐसे में 31 दिसंबर 2023 तक नोएडा एयरपोर्ट के निर्माण के लिए करीब 3529 करोड़ 87 लाख रुपए से ज्यादा की रकम दे चुकी है। हाल ही में उपरोक्त की गई तीन मांगों को पूरा करने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने 115 करोड़ से अधिक की रकम को रिलीज किया। ऐसे में यहां निर्माण कार्य तेजी से होगा। जिससे एयरपोर्ट का संचालन समय से किया जा सके। 31 मई तक 78.11 % काम हो चुका है पूरा
31 मई तक कुल परियोजना का 78.11% काम पूरा हो चुका है। फेज-1 की कुल अनुमानित विकास लागत 10,056 करोड़ रुपए है। जिसमें जेवर में 1,334 हेक्टेयर साइट क्षेत्र शामिल है। कुल लागत में से, राज्य सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण पर 4,328.05 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। अब तक 7,798.35 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। पहले फेज में 12 मिलियन मुसाफिर उठाएंगे फायदा
पहले फेज में एयरपोर्ट पर एक रनवे और एक टर्मिनल होगा। इसकी क्षमता करीब 12 मिलियन मुसाफिर की होगी। परियोजना को चार फेज में विकसित करने की तैयारी है। अंततः दो रनवे और दो टर्मिनल भवनों तक निर्माण किया जाएगा। अंतिम चरण तक सालाना 70 मिलियन मुसाफिर इसका प्रयोग कर सकेंगे। परियोजना की कुल लागत 29,561 करोड़ रुपए अनुमानित है। फ्रिक्शन टेस्ट पूरा, अब मेन ट्रायल
पिछले दिनों रनवे का फ्रिक्शन टेस्ट लिया गया था। टेस्ट पूरी तरह से सफल पाया गया था। इसमें यह पता लगाया गया था कि अगर अलग मौसम और स्थिति है, तो रनवे पर कोई बाधा तो उत्पन्न नहीं होगी। साथ ही किसी तरीके की कोई रुकावट तो पैदा नहीं होगी। कोई फिसलन तो नहीं होगी। इसके बाद अगले स्टैप के टेस्ट का रास्ता साफ हो गया है। दिसंबर में यहां कॉमर्शियल उड़ान शुरू करनी है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर