बीकानेर में गुरुवार रात भीषण सड़क हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई। घटना बीकानेर से 100 किमी दूर महाजन थाना क्षेत्र में हुई। सभी मृतक कार में सवार थे। मरने वाले सभी लोग हरियाणा के डबवाली के रहने वाले थे। बताया जा रहा है कि पंजाब के डबवाली से बीकानेर जा रही तेज रफ्तार कार खड़े ट्रक में पीछे से घुस गई। इससे कार में सवार लोग चपेट में आ गए। कार से दो यात्री उछल कर सड़क पर गिर गए और मौके पर ही दम तोड़ दिया। हादसा इतना भीषण था कि कार का अगला हिस्सा चकनाचूर हो गया। कार को काटकर शव निकाले गए। पूरा परिवार खत्म महाजन एसएचओ कश्यप सिंह ने बताया- डबवाली से कार में महिलाओं और बच्चों समेत छह लोग बीकानेर जा रहे थे। हादसे में कार पूरी तरह पिचक गई। कार को काटकर बड़ी मशक्कत से शवों को बाहर निकाला गया। पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और एक बच्ची ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया। इस हादसे में हरियाणा के डबवाली का पूरा परिवार खत्म हो गया। मरने वालों में नीरज कुमार, सुनयना, नीरज के पिता शिव कुमार, मां आरती, बेटा डूग्गू, बेटी भूमिका शामिल हैं। बीकानेर में गुरुवार रात भीषण सड़क हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई। घटना बीकानेर से 100 किमी दूर महाजन थाना क्षेत्र में हुई। सभी मृतक कार में सवार थे। मरने वाले सभी लोग हरियाणा के डबवाली के रहने वाले थे। बताया जा रहा है कि पंजाब के डबवाली से बीकानेर जा रही तेज रफ्तार कार खड़े ट्रक में पीछे से घुस गई। इससे कार में सवार लोग चपेट में आ गए। कार से दो यात्री उछल कर सड़क पर गिर गए और मौके पर ही दम तोड़ दिया। हादसा इतना भीषण था कि कार का अगला हिस्सा चकनाचूर हो गया। कार को काटकर शव निकाले गए। पूरा परिवार खत्म महाजन एसएचओ कश्यप सिंह ने बताया- डबवाली से कार में महिलाओं और बच्चों समेत छह लोग बीकानेर जा रहे थे। हादसे में कार पूरी तरह पिचक गई। कार को काटकर बड़ी मशक्कत से शवों को बाहर निकाला गया। पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और एक बच्ची ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया। इस हादसे में हरियाणा के डबवाली का पूरा परिवार खत्म हो गया। मरने वालों में नीरज कुमार, सुनयना, नीरज के पिता शिव कुमार, मां आरती, बेटा डूग्गू, बेटी भूमिका शामिल हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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शंभू बॉर्डर खोलने के लिए HC में याचिका दायर:एडवोकेट वासु रंजन बोले- 5 माह से बंद है NH-44; किसानों ने घर बनाए
शंभू बॉर्डर खोलने के लिए HC में याचिका दायर:एडवोकेट वासु रंजन बोले- 5 माह से बंद है NH-44; किसानों ने घर बनाए पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य ने आज पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में शंभू बॉर्डर खुलवाने को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। वासु रंजन शांडिल्य ने दायर जनहित याचिका में बताया कि 5 महीने से नेशनल हाईवे 44 बंद पड़ा है। अंबाला के दुकानदार, व्यापारी, छोटे बड़े रेहड़ी फड़ी वाले भुखमरी के कगार पर आ गए हैं। याचिका पर सोमवार को सुनवाई होने की उम्मीद है। वासु रंजन शांडिल्य ने याचिका में पंजाब व हरियाणा सरकार सहित किसान नेता स्वर्ण सिंह पंढेर व जगजीत सिंह डल्लेवाल को भी पार्टी बनाया है। याचिका में हाईकोर्ट को बताया कि शंभू बॉर्डर बंद होने के कारण सरकारी बसों को रूट डायवर्ट किया हुआ है, जिससे तेल का खर्च बढ़ रहा है। अंबाला व शंभू के आसपास के मरीज बॉर्डर बंद होने के कारण दिक्कत में है। एंबुलेंस के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं वासु रंजन ने कहा कि हरियाणा पंजाब के वकीलों को भी अंबाला से पटियाला व पटियाला वालों को अंबाला की अदालतों में आने में भारी दिक्कतें हो रही है। उन्होंने बताया कि फरवरी 2024 से गैर कानूनी तरीके से संविधान का उल्लंघन कर राष्ट्रीय हाईवे को बंद किया हुआ है। शंभू बॉर्डर के आसपास किसानों ने अस्थाई घर बना लिए हैं, ऐसा लगता है कि जैसे अब शंभू बॉर्डर कभी खुलेगा ही नहीं अनिश्चित काल के लिए बंद हो गया है। वासु रंजन ने दायर जनहित याचिका में कहा कि तुरंत हाईकोर्ट केंद्र व दोनों राज्य सरकारों को रास्ता खोलने के आदेश दें। वासु रंजन ने कहा कि रास्ता किसके कारण ओर क्यों बंद है इस पर निर्णय हाईकोर्ट करेगा, लेकिन चाहे हरियाणा सरकार हो या पंजाब सरकार हो या केंद्र रोड को बंद करना जनता के मौलिक अधिकारों का हनन है। जबकि फरवरी 2024 से शंभू बॉर्डर बंद पड़ा है जिस कारण अंबाला जिला व पटियाला जिला का छोटा बड़ा काम बंद हो चुका है। हाईवे पंजाब हिमाचल, जम्मू कश्मीर को जोड़ता है इसके बंद होने से न केवल सरकारों को नुकसान हो रहा है बल्कि आम आदमी तो बिना मतलब से भुखमरी के कगार पर आ गया है।
हरियाणा में हत्या कर शव खेत में फेंका:ज्वार काटने गया किसान तो आई बदबू, आस-पास देखा तो सड़ी हुई लाश मिली
हरियाणा में हत्या कर शव खेत में फेंका:ज्वार काटने गया किसान तो आई बदबू, आस-पास देखा तो सड़ी हुई लाश मिली हरियाणा के सोनीपत में व्यक्ति की हत्या कर शव को ज्वार के खेत में फेंक दिया गया। जब किसान खेत में गया और उसे दुर्गंध आई तो वारदात का खुलासा हुआ। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की तो पाया कि शव पूरी तरह सड़ चुका था। शव के पास से ऐसी कोई चीज नहीं मिली जिससे उसकी पहचान हो सके। पुलिस ने बहालगढ़ थाने में हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मृतक की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस ने शव को मॉर्च्युरी में रखवा दिया है। दुर्गंध आने लगी, सड़ी-गली लाश पड़ी थी
सोनीपत के गांव लिवासपुर निवासी बालकिशन ने बताया कि वह खेतीबाड़ी का काम करता है। उसने अपने गांव के जिले सिंह से आधा एकड़ जमीन ठेके पर ली हुई है और ज्वार की फसल बो रखी है। शुक्रवार शाम करीब पांच बजे वह ज्वार काटने के लिए खेत में गया था। ज्वार काटते समय उसे तेज दुर्गंध आने लगी। इसके बाद उसने अंदर जाकर देखा तो वहां एक व्यक्ति की सड़ी-गली लाश पड़ी थी। छिपाने की नीयत से फेंका
बालकिशन ने आसपास के लोगों को बुलाकर मामले की सूचना पुलिस को दी। उसने बताया कि शव को देखकर ऐसा लग रहा है कि किसी ने व्यक्ति की हत्या कर शव को छिपाने की नीयत से ज्वार के खेत में फेंक दिया है। इस व्यक्ति को उसने पहले कभी आसपास के क्षेत्र में नहीं देखा था। सूचना के बाद डायल 112 की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लेने के बाद बहालगढ़ थाना पुलिस को सूचना दी। फोरेंसिक टीम बुलाई, शव अस्पताल भिजवाया
बहालगढ़ थाने के सब इंस्पेक्टर ओम प्रकाश ने बताया कि थाने को डायल 112 टीम से सूचना मिली कि गांव लिवासपुर के खेत में एक अज्ञात व्यक्ति का शव पड़ा है। जब वह टीम के साथ मौके पर पहुंचे तो देखा कि शव सड़ी गली हालत में था। वहां गांव का बालकिशन मिला और उसने पूरी बात बताई। इसके बाद फोरेंसिक टीम बुलाई गई। जरूरी कार्रवाई और जांच के बाद शव को सिविल अस्पताल सोनीपत पहुंचाया गया। पुलिस ने धारा 103(1), 238 बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
हरियाणा की रीना स्नो लेपर्ड मिशन पर:7000 मीटर से ऊंची 5 चोटियों की चढ़ाई पर मिलती है उपाधि, पहली बाधा पार
हरियाणा की रीना स्नो लेपर्ड मिशन पर:7000 मीटर से ऊंची 5 चोटियों की चढ़ाई पर मिलती है उपाधि, पहली बाधा पार हरियाणा के हिसार के बालक गांव की रहने वाली पर्वतारोही रीना भट्टी स्नो लेपर्ड का खिताब जीतने के मिशन पर हैं। रीना ने 2 महीने पहले ही दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट और दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से पर महज 20 घंटे 50 मिनट में चढ़ाई कर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है। अब रीना की नजर स्नो लेपर्ड के खिताब पर है। रीना का दावा है कि आज तक किसी भारतीय ने यह खिताब नहीं जीता है। इस खिताब को जीतने के लिए रीना को 7000 फीट ऊंची 5 पर्वत चोटियों पर चढ़ना होगा। रीना ने 1 चोटी पर चढ़ाई पूरी कर ली है। उन्होंने 23,406 फीट (7,134 मीटर) ऊंची इब्न सिना पीक (लेनिन पीक) को फतह किया है। रीना ने बताया कि “मैंने कैंप से साढ़े 6 घंटे की चढ़ाई के बाद यह चोटी फतह की। मैं 14 जुलाई को दिल्ली से गई थी। मैंने 18 जुलाई को चढ़ाई शुरू की और 26 जुलाई को चोटी पूरी कर ली। आज तक कोई भारतीय इस चोटी पर नहीं चढ़ सका है।” क्या है स्नो लेपर्ड की उपाधि यह उपाधि भूतपूर्व सोवियत संघ द्वारा शुरू की गई थी। स्नो लेपर्ड की उपाधि सोवियत संघ के विभिन्न देशों में 5 चोटियों पर चढ़ने के लिए दी जाती है। ताजिकिस्तान में पामीर पर्वतों में 3 चोटियां हैं, इस्माइल समानी पीक (पूर्व में कम्युनिज्म पीक) 7,495 मीटर (24,590 फीट), पीक कोरझेनेव्स्काया 7,105 मीटर (23,310 फीट), और इब्न सिना पीक (पूर्व में लेनिन पीक) 7,134 मीटर (23,406 फीट) किर्गिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा पर। तियान शान में 2 चोटियां हैं, किर्गिस्तान में जेंगिश चोकुसु (पूर्व में पीक पोबेडा) 7,439 मीटर (24,406 फीट) और खान तेंगरी किर्गिस्तान-कजाकिस्तान सीमा पर 7,010 मीटर (23,000 फीट) ऊंची है। खान तेंगरी की ऊंचाई 6,995 मीटर (22,949 फीट) है, लेकिन इसकी हिमनदी की चोटी 7,010 मीटर (23,000 फीट) तक बढ़ जाती है। इस कारण से, इसे 7,000 मीटर (23,000 फीट) की चोटी माना जाता है। इनमें से, पीक पोबेडा चढ़ाई के लिए अब तक की सबसे कठिन और खतरनाक है, इसके बाद खान तेंगरी, इस्माइल समानी पीक, पीक कोरझेनेव्स्काया और लेनिन (इब्न सिना) पीक हैं। स्नो लेपर्ड में ये 5 पीक शामिल हैं
1. इस्मोइल सोमोनी पीक 24,590 फीट (7,500 मीटर)
2. जेंगीश चोकसु 24,406 फीट (7,439 मीटर)
3. इब्न सिना पीक 23,406 फीट (7,134 मीटर)
4. शिखर कोरझेनेव्स्काया 23,310 फीट (7,100 मीटर)
5. खान तेंगरी 22,999 फीट (7,010 मीटर) रीना बना चुकी हैं नेशनल रिकॉर्ड
रीना ने 20 घंटे 50 मिनट के अंतराल में में विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट और दुनिया की सबसे ऊंची चौथी चोटी माउंट ल्होत्से को फतह किया था। रीना ने पिछली 21 मई को सुबह 10:10 बजे माउंट एवरेस्ट और 22 मई को सुबह 6:55 बजे माउंट ल्होत्से पर तिरंगा फहराया था। रीना मूलरूप से गांव बालक की रहने वाली हैं, वह हिसार के श्यामलाल बाग में रहती हैं। वहीं 2022 में रीना ने 70 घंटे में माउंट कांग यात्से और माउंट जोजंगो चोटी को फतह कर रिकॉर्ड बनाया था। 2 चोटी को एक साथ फतह करने वाली रीना हरियाणा की पहली पर्वतारोही बन गई थी। माउंट कांग यात्से लद्दाख में 6250 मीटर और माउंट जोजंगो 6240 मीटर ऊंची चोटी है। इससे पहले रीना माउंट किलिमंजारो और नन सहित विभिन्न चोटियों को फतह कर चुकी हैं। रीना के पिता बलवान सिंह ऑटो मार्केट में काम करते हैं जबकि माता बाला देवी गृहिणी हैं।