खन्ना के नजदीकी गांव घुराला के प्रसिद्ध पंजाबी गायक करण औजला ने दरियादिली दिखाई है। इन दिनों विदेश बैठे करण औजला ने अपने शहर के अंतरराष्ट्रीय कराटे खिलाड़ी तरुण शर्मा का करीब 9 लाख रुपए का बैंक कर्ज चुका दिया। जिसके बाद इस खिलाड़ी और उसके परिवार को उनका घर मालिकाना हक दोबारा नसीब हुआ है। इससे पहले तरुण अपने घर गिरवी रखकर देश के लिए खेल रहा था। 12 लाख का लिया था कर्ज तरुण शर्मा ने कई साल पहले विदेशी धरती पर खेलने के लिए अपना घर करीब 12 लाख रुपए में गिरवी रखा और बैंक से कर्ज लिया गया था। इसके बाद तरुण शर्मा ने कई देशों में भारत का नाम रोशन किया। लेकिन किसी सरकार ने उसकी सार नहीं ली। जिसके चलते वह कर्ज नहीं चुका सका था। सोशल मीडिया के माध्यम से सुर्खियों में आए तरुण की आर्थिक हालत को देखकर कुछ एनआरआइज ने मदद की थी। जिसके चलते करीब 3 लाख का कर्ज वापस किया गया था। कुछ समय पहले इस खिलाड़ी पर करण औजला की मेहर की नजर पड़ी। जिसके बाद करण ने अब करीब 9 लाख का कर्ज चुका दिया। तरुण शर्मा ने जताया आभार करण औजला के कर्ज लौटाने के बाद तरुण ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट की। जिसमें इस बात की पुष्टि की कि करण औजला ने उनका करीब 9 लाख का कर्ज बैंक में जमा करवा दिया है। अब उनका घर कर्ज मुक्त हो गया है। इसके लिए तरुण ने करण औजला का आभार जताया। साथ ही मदद करने वाले एनआरआइज का भी धन्यवाद किया। कई बार अपमानित हो चुका तरुण शर्मा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तिरंगा फहराकर देश का नाम रोशन करने वाला तरुण कई बार अपमानित हो चुका है। अमेरिका में पैरा वर्ल्ड कराटे चैंपियनशिप जीतकर शहर लौटे इस खिलाड़ी का कोई स्वागत तक नहीं किया गया था। पिछले साल भी तरुण शर्मा 21 से 23 जुलाई तक आयोजित दूसरी एशियन कराटे चैंपियनशिप में भारत की तरफ से भाग लेने मलेशिया गया था। 43 देशों के खिलाड़ियों के बीच तरुण ने कांस्य पदक जीता था। लेकिन दोनों बार वह दिल्ली से बस में खन्ना आया था। किसी ने स्वागत नहीं किया था। गरीब परिवार से संबंधित है तरुण तरुण शर्मा पैरा कराटे खिलाड़ी है। गरीब परिवार से संबंधित है। पिता के साथ सब्जी की रेहड़ी लगाकर परिवार का गुजारा चलाता था। कुछ समय पहले पिता की मौत हो गई। अब खुद रेहड़ी लगाता है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार देश और राज्य का नाम रोशन कर चुका है। लंबे समय से सरकार के पास नौकरी की गुहार लगा रहा है। किसी प्रकार की कोई सरकारी मदद नहीं मिल रही है। अपने खेल के शौक को पूरा करने के लिए तरुण ने घर तक गिरवी रखा था। खन्ना के नजदीकी गांव घुराला के प्रसिद्ध पंजाबी गायक करण औजला ने दरियादिली दिखाई है। इन दिनों विदेश बैठे करण औजला ने अपने शहर के अंतरराष्ट्रीय कराटे खिलाड़ी तरुण शर्मा का करीब 9 लाख रुपए का बैंक कर्ज चुका दिया। जिसके बाद इस खिलाड़ी और उसके परिवार को उनका घर मालिकाना हक दोबारा नसीब हुआ है। इससे पहले तरुण अपने घर गिरवी रखकर देश के लिए खेल रहा था। 12 लाख का लिया था कर्ज तरुण शर्मा ने कई साल पहले विदेशी धरती पर खेलने के लिए अपना घर करीब 12 लाख रुपए में गिरवी रखा और बैंक से कर्ज लिया गया था। इसके बाद तरुण शर्मा ने कई देशों में भारत का नाम रोशन किया। लेकिन किसी सरकार ने उसकी सार नहीं ली। जिसके चलते वह कर्ज नहीं चुका सका था। सोशल मीडिया के माध्यम से सुर्खियों में आए तरुण की आर्थिक हालत को देखकर कुछ एनआरआइज ने मदद की थी। जिसके चलते करीब 3 लाख का कर्ज वापस किया गया था। कुछ समय पहले इस खिलाड़ी पर करण औजला की मेहर की नजर पड़ी। जिसके बाद करण ने अब करीब 9 लाख का कर्ज चुका दिया। तरुण शर्मा ने जताया आभार करण औजला के कर्ज लौटाने के बाद तरुण ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट की। जिसमें इस बात की पुष्टि की कि करण औजला ने उनका करीब 9 लाख का कर्ज बैंक में जमा करवा दिया है। अब उनका घर कर्ज मुक्त हो गया है। इसके लिए तरुण ने करण औजला का आभार जताया। साथ ही मदद करने वाले एनआरआइज का भी धन्यवाद किया। कई बार अपमानित हो चुका तरुण शर्मा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तिरंगा फहराकर देश का नाम रोशन करने वाला तरुण कई बार अपमानित हो चुका है। अमेरिका में पैरा वर्ल्ड कराटे चैंपियनशिप जीतकर शहर लौटे इस खिलाड़ी का कोई स्वागत तक नहीं किया गया था। पिछले साल भी तरुण शर्मा 21 से 23 जुलाई तक आयोजित दूसरी एशियन कराटे चैंपियनशिप में भारत की तरफ से भाग लेने मलेशिया गया था। 43 देशों के खिलाड़ियों के बीच तरुण ने कांस्य पदक जीता था। लेकिन दोनों बार वह दिल्ली से बस में खन्ना आया था। किसी ने स्वागत नहीं किया था। गरीब परिवार से संबंधित है तरुण तरुण शर्मा पैरा कराटे खिलाड़ी है। गरीब परिवार से संबंधित है। पिता के साथ सब्जी की रेहड़ी लगाकर परिवार का गुजारा चलाता था। कुछ समय पहले पिता की मौत हो गई। अब खुद रेहड़ी लगाता है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार देश और राज्य का नाम रोशन कर चुका है। लंबे समय से सरकार के पास नौकरी की गुहार लगा रहा है। किसी प्रकार की कोई सरकारी मदद नहीं मिल रही है। अपने खेल के शौक को पूरा करने के लिए तरुण ने घर तक गिरवी रखा था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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खन्ना के तरुणप्रीत का वर्कर से मंत्री बनने का सफर:केजरीवाल की किताब पढ़कर सियासत में आए, पूर्व सीएम के पोते को हराया विधानसभा क्षेत्र खन्ना से विधायक तरुणप्रीत सिंह सौंध ने एक आम वर्कर के तौर पर आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी। आज उन्हें पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। उनके आम वर्कर से मंत्री बनने तक का सफर मेहनत और संघर्ष से भरपूर रहा। अन्ना हजारे आंदोलन के बाद सौंध ने अरविंद केजरीवाल की लिखी स्वराज किताब पढ़कर सियासत में आने का मन बनाया था। कान्वेंट स्कूल से प्राइमरी शिक्षा 7 सितंबर 1983 को पिता भूपिंदर सिंह सौंध और माता सुखविंदर कौर के घर में जन्मे तरुणप्रीत सिंह सौंध ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा खन्ना के सेक्रेड हार्ट कान्वेंट स्कूल से प्राप्त की। जिसके बाद राधा वाटिका से 12वीं करने उपरांत सीएनसी डिप्लोमा, इंपोर्ट एक्सपोर्ट कोर्स, ऑटोकैड कोर्स कर अपने पिता के साथ व्यवसाय में हाथ बंटाया। 2004 में कमलजीत कौर के साथ शादी होने के बाद एक बेटे और एक बेटी के पिता बने। तरुणप्रीत सौंध ने सोप मैन्युफैक्चरिंग मशीन इंडस्ट्री में अपने पिता के साथ हाथ बंटाते हुए देशभर में मशीनें सप्लाई की और एक सफल उद्योगपति के रूप में अपनी पहचान बनाई। कांग्रेस का समर्थक था परिवार किसी समय कांग्रेस पार्टी का समर्थक रहा सौंध परिवार देश में कांग्रेस पार्टी की आम जन विरोधी गतिविधियों और लगातार हो रहे कथित भ्रष्टाचार से आहत था। किसी विभाग में काम होता तो व्यापारियों के साथ अधिकारियों का रूखा रवैया सौंध परिवार को हमेशा से खटकता। मन में आता कि देश के मात्र 2 फीसदी उद्योगपति टैक्स देकर भी सरकारी दरबार में नजरअंदाज किए जाते हैं और आम जनता की सरकार के दरबार में कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। मन के भीतर जारी जंग को 2012 में हुए अन्ना हजारे के आंदोलन से अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पनपी आम आदमी पार्टी से एक आशा की किरण दिखाई दी। सौंध ने अरविंद केजरीवाल की लिखी किताब स्वराज को पढ़ा। बड़ी संख्या में किताब स्वराज की लिपियां वितरित भी कीं। 2014 में आम आदमी पार्टी के पहले चुनाव में सौंध ने पार्टी का भरपूर साथ दिया। पार्टी की ओर से लगाई प्रत्येक ड्यूटी को पूरी तनदेही से निभाया। पार्टी में अलग-अलग ओहदे मिले पार्टी के प्रति सच्ची लगन और निष्ठा देखते हुए तरुणप्रीत सिंह सौंध को पार्टी ने पहले ट्रेड ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री विंग का खन्ना प्रधान बनाया। इसके बाद खन्ना के साथ साहनेवाल और समराला का प्रधान, फिर लोकसभा फतेहगढ़ साहिब का प्रधान बनाया गया। 2017 के विधानसभा चुनावों में भी सौंध ने पार्टी के हर आदेश को मानते हुए चुनावों में कड़ी मेहनत की। बेशक उन्हें पार्टी की तरफ से टिकट नहीं दी गई थी, लेकिन वे एक ऐसे कार्यकर्ता के रूप में उभरे जिन्होंने पार्टी के अस्तित्व में आने के बाद उस समय पार्टी का झंडा उठाया। जिस समय पार्टी को ऐसे कार्यकर्ताओं की बेहद अधिक जरूरत थी। सौंध के जीवन में उस समय क्रांतिकारी बदलाव आया जब पार्टी ने उनकी अथक मेहनत और नि:स्वार्थ सेवा देखते हुए उन्हें हलका खन्ना इंचार्ज की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई। सौंध की कार्यकुशलता को देखते हुए उन्हें 2022 के विधानसभा चुनावों में हलका खन्ना से अपना प्रत्याशी घोषित किया। वह नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए रिकार्ड 35620 मतों से विजयी हुए। उन्हें 48.55 फीसद की दर से रिकार्ड 62 हजार 425 वोट मिले। इस चुनाव में उन्होंने पूर्व सीएम बेअंत सिंह के पोते एवं पूर्व मंत्री गुरकीरत सिंह कोटली की जमानत जब्त कराई। मंत्री बनने के बाद बोले- परिवारवाद हमारी पार्टी में नहीं शपथ ग्रहण करने के बाद बतौर कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंध ने जब मीडिया से बात की तो सबसे पहले अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान का आभार जताया। उन्होंने कहा कि AAP में परिवारवाद नहीं है। कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा कुछ परिवारों के हाथों में हैं। आप में ऐसा नहीं है। उन्हें पार्टी ने मंत्री बनाकर बहुत मान सम्मान दिया है। वे पार्टी के भरोसे पर खरा उतरेंगे। पूरे पंजाब की भलाई के लिए काम किए जाएंगे।
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