पंजाब के जालंधर में सुच्ची पिंड के पास एक सेना ट्रक और ट्राले के बीच भीषण टक्कर हो गई। घटना में करीब पांच सेना के जवान जख्मी हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए आर्मी के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। फिलहाल हादसा कैसे हुआ, इस पर पुलिस की जांच जारी है। ये हादसा हुआ करीब 6 बजे हुआ था। मिली जानकारी के अनुसार पीएपी चौक की तरफ से लोडेट ट्राला और सेना का ट्रक अमृतसर की ओर जा रहे थे। इतने में पता नहीं चला कि कब और कैसे सेना का ट्रक हाईवे पर बने लोहे की ग्रिल और डवाइडर से टकराने के बाद ट्रक से टकराया और फिर हाईवे पर पलट गया। हालांकि आरोप है कि सेना के ट्रक को पीछे से ट्राले ने टक्कर मारी थी, जिससे सेना का ट्रक बेकाबू हो गया। जिससे ये हादसा हुआ। घटना के वक्त सेना के वाहन में करीब पांच लोग सवार थे। घटना में सभी लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं, जिन्हें तुरंत इलाज के लिए आर्मी अस्पताल जालंधर कैंट में भर्ती करवाया गया था। सभी का इलाज चल रहा है। ड्राइवर और एक कंडक्टर आगे की सीट पर बैठा था। वहीं, तीन जवान पीछे डाले में बैठे थे। देखें हादसे के बाद की क्राइम सीन की तस्वीरें…. सड़क सुरक्षा फोर्स की टीमें मौके पर पहुंची मिली जानकारी के अनुसार घटना की सूचना मिलते ही राज्य की सड़क सुरक्षा फोर्स की टीमें मौके पर पहुंच गई थी और जांच शुरू कर दी थी। तुरंत प्रभाव से सभी जख्मी हुए मुलाजिमों को बाहर निकाला गया और एका एक कर सभी को इलाज के लिए भेजा गया था। घटना के बाद मौके पर मौजूद लोगों ने क्रेन की मदद के किसी तरह सेना का क्षतिग्रस्त हुआ ट्रक साइड पर करवाया और ट्रैफिक खुलवाया। क्योंकि हादसे के बाद हाईवे पर लंबा जाम लग गया था। पंजाब के जालंधर में सुच्ची पिंड के पास एक सेना ट्रक और ट्राले के बीच भीषण टक्कर हो गई। घटना में करीब पांच सेना के जवान जख्मी हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए आर्मी के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। फिलहाल हादसा कैसे हुआ, इस पर पुलिस की जांच जारी है। ये हादसा हुआ करीब 6 बजे हुआ था। मिली जानकारी के अनुसार पीएपी चौक की तरफ से लोडेट ट्राला और सेना का ट्रक अमृतसर की ओर जा रहे थे। इतने में पता नहीं चला कि कब और कैसे सेना का ट्रक हाईवे पर बने लोहे की ग्रिल और डवाइडर से टकराने के बाद ट्रक से टकराया और फिर हाईवे पर पलट गया। हालांकि आरोप है कि सेना के ट्रक को पीछे से ट्राले ने टक्कर मारी थी, जिससे सेना का ट्रक बेकाबू हो गया। जिससे ये हादसा हुआ। घटना के वक्त सेना के वाहन में करीब पांच लोग सवार थे। घटना में सभी लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं, जिन्हें तुरंत इलाज के लिए आर्मी अस्पताल जालंधर कैंट में भर्ती करवाया गया था। सभी का इलाज चल रहा है। ड्राइवर और एक कंडक्टर आगे की सीट पर बैठा था। वहीं, तीन जवान पीछे डाले में बैठे थे। देखें हादसे के बाद की क्राइम सीन की तस्वीरें…. सड़क सुरक्षा फोर्स की टीमें मौके पर पहुंची मिली जानकारी के अनुसार घटना की सूचना मिलते ही राज्य की सड़क सुरक्षा फोर्स की टीमें मौके पर पहुंच गई थी और जांच शुरू कर दी थी। तुरंत प्रभाव से सभी जख्मी हुए मुलाजिमों को बाहर निकाला गया और एका एक कर सभी को इलाज के लिए भेजा गया था। घटना के बाद मौके पर मौजूद लोगों ने क्रेन की मदद के किसी तरह सेना का क्षतिग्रस्त हुआ ट्रक साइड पर करवाया और ट्रैफिक खुलवाया। क्योंकि हादसे के बाद हाईवे पर लंबा जाम लग गया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
संगरूर में दलित युवकों की पिटाई का मामला:बीकेयू ने किसान नेता को पुलिस के हवाले किया, पुलिस से की निष्पक्ष जांच की मांग
संगरूर में दलित युवकों की पिटाई का मामला:बीकेयू ने किसान नेता को पुलिस के हवाले किया, पुलिस से की निष्पक्ष जांच की मांग दो दलित युवकों की पिटाई करने वाले भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) उगराहां के मनजीत सिंह घराचो को यूनियन नेताओं ने ही संगरूर पुलिस के हवाले कर दिया है। गौरतलब है कि यह वही मनजीत सिंह है, जिसका दलित मजदूरों की पिटाई का वीडियो सामने आया था। दोनों मजदूर गंभीर रूप से घायल हैं और उनके कई फ्रैक्चर हैं। मामला बढ़ने के बाद किसान नेताओं ने खुद मनजीत सिंह घराचो को संगरूर डीएसपी मनोज गोरसी के हवाले कर दिया। बीकेयू (उगराहां) के प्रधान जोगिंदर सिंह उगराहां ने मनजीत व अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर से एससी/एसटी एक्ट-1989 (संशोधन 2022) की धारा 3 (आई) (एक्स) को रद्द करने की मांग की थी। हरजीत सिंह के बयान पर किसान नेता मनजीत और जगतार सिंह लाडी के खिलाफ IPC की धारा 341, 323, 325, 148 और 149 और SC/ST एक्ट की धारा के तहत मारपीट का मामला दर्ज किया गया है। अपनी शिकायत में हरजीत सिंह ने कहा था कि उसे व अमन को पीटते समय जातिसूचक अपशब्दों का प्रयोग भी किया गया। निष्पक्ष जांच की रखी मांग उगराहां किसान नेता की गिरफ्तारी को लेकर भी किसानों ने निष्पक्ष जांच की मांग रखी है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने लाडी को इस मामले में झूठा फंसाया है और उसका नाम FIR से हटाया जाना चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच नहीं करने के लिए संगरूर (सदर) SHO के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की। उगराहां ने कहा कि उन्होंने मनजीत को पुलिस को सौंप दिया है, ताकि कोई इसे मजदूर बनाम किसान बनाकर फायदा न उठा सके। उन्होंने कहा कि पहले दलित युवकों ने मनजीत के बेटे पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। जिसके बाद मामला बिगड़ा।
पंजाब 105Kg ड्रग मामले में एक और गिरफ्तारी:6 किलो हेरोइन के साथ तस्कर काबू; राजस्थान से लाया था नशे की खेप
पंजाब 105Kg ड्रग मामले में एक और गिरफ्तारी:6 किलो हेरोइन के साथ तस्कर काबू; राजस्थान से लाया था नशे की खेप पंजाब में अमृतसर के काउंटर इंटेलिजेंस विंग (सीआई) ने हाल ही में हुए 105 किलोग्राम हेरोइन तस्करी के मामले में जांच को आगे बढ़ाते हुए बड़ी कामयाबी हासिल की है। इस मामले के तार जोड़ते हुए सीआई ने कपूरथला निवासी लवप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया है। उसकी कार से 6 किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई, जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में करोड़ों में बताई जा रही है। डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि यह हेरोइन लवप्रीत सिंह ने हनुमानगढ़ राजस्थान से प्राप्त की थी और उसे एक अन्य ड्रग पेडलर नवजोत सिंह को सौंपना था। जिसे पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। यह मामला तब सामने आया था जब पंजाब पुलिस ने अमृतसर में 105 किलोग्राम हेरोइन के एक बड़े खेप को जब्त किया था। इस खेप के पकड़े जाने के बाद से ही पंजाब के काउंटर इंटेलिजेंस विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी गहराई से जांच शुरू कर दी थी। पकड़ी गई हेरोइन के बाद जांच के दौरान पुलिस ने ड्रग तस्करी से जुड़े अन्य लोगों की पहचान करना शुरू किया। इस सिलसिले में अमृतसर और पंजाब के अन्य इलाकों में कई संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। लवप्रीत सिंह की भूमिका काउंटर इंटेलिजेंस की टीम ने छानबीन के दौरान यह पता लगाया कि कपूरथला निवासी लवप्रीत सिंह भी इस ड्रग नेटवर्क का हिस्सा है। बताया जा रहा है कि लवप्रीत सिंह राजस्थान के हनुमानगढ़ से हेरोइन की खेप पंजाब लाया था। उसका काम हेरोइन को नवजोत सिंह तक पहुंचाना था, जो खुद भी इस गिरोह का सक्रिय सदस्य था। नवजोत सिंह को सीआई ने एक दिन पहले ही 105 किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार कर लिया था। लवप्रीत की गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस को इस नेटवर्क के अन्य महत्वपूर्ण कड़ियों को उजागर करने में मदद मिली है। पुलिस की आगे की रणनीति पुलिस ने अमृतसर के स्पेशल स्टेट ऑपरेशंस सेल (SSOC) में इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज कर ली है और मामले में गहन जांच जारी है। अधिकारियों का कहना है कि इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है और इसके लिए अन्य राज्यों के पुलिस विभागों से भी सहयोग लिया जा रहा है। पंजाब पुलिस का यह भी मानना है कि यह ड्रग नेटवर्क राज्य के बाहर के कुछ बड़े तस्करों से भी जुड़ा हो सकता है।
पंजाब में मालवा के बाद दशमेश नहर की तैयारी:जल स्रोत विभाग ने जिलों से जमीन का रिकॉर्ड मांगा, पानी की दिक्कत होगी दूर
पंजाब में मालवा के बाद दशमेश नहर की तैयारी:जल स्रोत विभाग ने जिलों से जमीन का रिकॉर्ड मांगा, पानी की दिक्कत होगी दूर पंजाब के तीन जिलों रूपनगर, पटियाला व मोहाली में आने वाले समय में पानी की किल्लत दूर हो सकती है। पंजाब सरकार ने मालवा नहर के साथ ही दशमेश नहर को बनाने के लिए भी स्ट्रेटजी शुरू कर दी है। जल स्रोत विभाग ने रूपनगर, पटियाला और मोहाली के 58 गांवों का जमीनी रिकॉर्ड मांग लिया है।वही, रिकॉर्ड हासिल करने के लिए नहरी पटवारियों की ड्यूटियां लगा दी गई हैं। पहले यह नहर मोहाली शहर में आ चुके गांवों में से गुजरनी थी। हालांकि अब विभाग ने बनूड़ के पास के गांवों का रिकॉर्ड तलब किया गया है। पानी की किल्लत का मुद्दा विधानसभा में उठा था होशियारपुर के उप मंडल अफसर की तरफ से इस बारे में पत्र जारी किया गया है। इसके बाद यह प्रक्रिया शुरू हुई है। हालांकि दशमेश नहर का मामला पंजाब विधानसभा में उठ चुका है। क्योंकि डेराबस्सी के साथ लगते 50 के करीब गांव हर साल सूखे का सामना करते हैं। इस वजह से वहां के लोगों को पीने वाले पानी के लिए दिक्कत उठाते हैं, जबकि फसलों पर भी असर पड़ता है। हालांकि उस समय सरकार ने कहा था कि अभी तक किसी नहर की कोई योजना नहीं है। 1989-90 बनी थी नहर की योजना पटियाला, मोहाली, फतेहगढ़ साहिब जिलों में 3.21 लाख एकड़ रकबे को सिंचाई के लिए 900 क्यूसिक पानी देने की योजना के तहत 1989-90 में 24 हजार से 40 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से जमीन एक्वायर हुई थी। एवाईएल नहर के विवादों में आने के बाद दशमेश नहर की योजना उस समय स्व. कैप्टन कंवलजीत सिंह ने बनाई थी। वहीं, एसवाईएल की दो स्कीमों अप्पर ब्रांच व लोअर ब्रांच कैनाल को नया नाम दशमेश नहर देने के लिए केंद्रीय जल कमीशन को भेजा गया था। लेकिन ने नाम रद कर दिया था। लेकिन अब दोबारा स्कीम शुरू करने पर विचार हो रहा है। इसके पीछे की वजह यह भी है कि पंजाब में पानी स्तर 600 फुट से नीचे चला गया है। हालांकि इस परियोजना पर सालों से मांग उठती रही है। 2019 में गत कांग्रेस सरकार की तरफ से विधानसभा में बताया गया था कि नहर को लेकर दिक्कत पंजाब से नहीं बल्कि हरियाणा की तरफ से आएगी। क्योंकि यह मामला दोबारा जल कमीशन में जाएगा। क्योंकि पानी एसवाईएल के लिंक से ही उठाना है। ऐसे में नए सिरे से अपना पक्ष रखना होगा। हालांकि उस समय इस मामले को लेकर एक कमेटी भी गठित की गई थी।