पंजाब के जालंधर की रहने वाली एक महिला कारोबारी ने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान साध्वी बनने का ऐलान किया है। शहर की सिल्वर हाइट्स कॉलोनी में रहने वाली 50 वर्षीय अनंत गिरि ने महाकुंभ में मौजूद हैं और वहां बच्चों को स्वर योग साधना सिखा रही हैं। स्वामी अनंत गिरि का विवाह 1996 में हुआ था। उनके पति की साल 2012 में किन्हीं कारणों से मौत हो गई थी। महिला ने अपना सारा कारोबार अपने बेटे संचित चोपड़ा को सौंप दिया है। पति के निधन के बाद उन्होंने अपने पति का व्यवसाय संभाला और एक सफल व्यवसायी बन गईं। जब उनका बेटा संचित 20 वर्ष का हुआ तो उन्होंने पूरा कारोबार उसे सौंप दिया और आध्यात्मिक साधना का मार्ग अपना लिया। अपने पति की मृत्यु के बाद अनंत गिरि की मुलाकात गुरु स्वामी सत्यस्वरूपानंद से हुई। गुरु जी ने उन्हें अपना आत्मविश्वास बढ़ाने और आध्यात्मिक ज्ञान की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद उन्होंने स्वयं को पूरी तरह ध्यान और आध्यात्मिक साधना के लिए समर्पित कर दिया। वर्ष 2019 में स्वर विद्या में दीक्षा वर्ष 2019 में उनकी मुलाकात गुरु श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी चरणाश्रित गिरि जी महाराज से हुई थी। उनसे स्वर विद्या की दीक्षा ली और श्री विद्या साधना शुरू की। अनंत गिरी बताती हैं कि स्वर शास्त्र का ज्ञान भगवान शिव और माता पार्वती के बीच हुए संवाद से प्रेरित है। इस ज्ञान के माध्यम से वह युवाओं को आत्म-जागरूकता, मानसिक संतुलन और आध्यात्मिक प्रगति की कला सिखा रही हैं। वह गायत्री मंत्र, अग्निहोत्र और श्वास अभ्यास के माध्यम से युवाओं को सनातन धर्म से जोड़ने का प्रयास कर रही हैं। 600 से अधिक युवाओं को नशा छुड़वाकर अध्यात्म की ओर बढ़ाया कदम बता दें कि, अनंत गिरि युवाओं को सनातन धर्म का सही ज्ञान देने के लिए पिछले काफी समय से काम कर रही हैं। उन्होंने 600 से अधिक युवाओं को नशे की लत से दूर कर आध्यात्मिक जीवन की ओर अग्रसर किया है। वह छात्रों को ध्यान सिखाने और आध्यात्मिक जागरूकता फैलाने के लिए स्कूलों और कॉलेजों का दौरा करती रहती हैं। अब वे स्वर विज्ञान, श्री विद्या साधना और ध्यान के माध्यम से इस ज्ञान को हजारों लोगों तक फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अनंत गिरि सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं। वह लगातार युवाओं को आध्यात्मिक ज्ञान की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं। पंजाब के जालंधर की रहने वाली एक महिला कारोबारी ने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान साध्वी बनने का ऐलान किया है। शहर की सिल्वर हाइट्स कॉलोनी में रहने वाली 50 वर्षीय अनंत गिरि ने महाकुंभ में मौजूद हैं और वहां बच्चों को स्वर योग साधना सिखा रही हैं। स्वामी अनंत गिरि का विवाह 1996 में हुआ था। उनके पति की साल 2012 में किन्हीं कारणों से मौत हो गई थी। महिला ने अपना सारा कारोबार अपने बेटे संचित चोपड़ा को सौंप दिया है। पति के निधन के बाद उन्होंने अपने पति का व्यवसाय संभाला और एक सफल व्यवसायी बन गईं। जब उनका बेटा संचित 20 वर्ष का हुआ तो उन्होंने पूरा कारोबार उसे सौंप दिया और आध्यात्मिक साधना का मार्ग अपना लिया। अपने पति की मृत्यु के बाद अनंत गिरि की मुलाकात गुरु स्वामी सत्यस्वरूपानंद से हुई। गुरु जी ने उन्हें अपना आत्मविश्वास बढ़ाने और आध्यात्मिक ज्ञान की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद उन्होंने स्वयं को पूरी तरह ध्यान और आध्यात्मिक साधना के लिए समर्पित कर दिया। वर्ष 2019 में स्वर विद्या में दीक्षा वर्ष 2019 में उनकी मुलाकात गुरु श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी चरणाश्रित गिरि जी महाराज से हुई थी। उनसे स्वर विद्या की दीक्षा ली और श्री विद्या साधना शुरू की। अनंत गिरी बताती हैं कि स्वर शास्त्र का ज्ञान भगवान शिव और माता पार्वती के बीच हुए संवाद से प्रेरित है। इस ज्ञान के माध्यम से वह युवाओं को आत्म-जागरूकता, मानसिक संतुलन और आध्यात्मिक प्रगति की कला सिखा रही हैं। वह गायत्री मंत्र, अग्निहोत्र और श्वास अभ्यास के माध्यम से युवाओं को सनातन धर्म से जोड़ने का प्रयास कर रही हैं। 600 से अधिक युवाओं को नशा छुड़वाकर अध्यात्म की ओर बढ़ाया कदम बता दें कि, अनंत गिरि युवाओं को सनातन धर्म का सही ज्ञान देने के लिए पिछले काफी समय से काम कर रही हैं। उन्होंने 600 से अधिक युवाओं को नशे की लत से दूर कर आध्यात्मिक जीवन की ओर अग्रसर किया है। वह छात्रों को ध्यान सिखाने और आध्यात्मिक जागरूकता फैलाने के लिए स्कूलों और कॉलेजों का दौरा करती रहती हैं। अब वे स्वर विज्ञान, श्री विद्या साधना और ध्यान के माध्यम से इस ज्ञान को हजारों लोगों तक फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अनंत गिरि सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं। वह लगातार युवाओं को आध्यात्मिक ज्ञान की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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