एक तरफ पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से हरियाणा में बार्डर खोलने के आदेश को लागू न किए जाने के चलते किसानों में भारी रोष है। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली की तरफ कूच कर रहे किसानों से साथ हरियाणा सरकार की मीटिंग की चर्चा है। इसके बीच किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का बड़ा बयान सामने आया। किसान यूनियन ने खन्ना में डल्लेवाल का वीडियो जारी किया। जिसमें हरियाणा सरकार पर निशाना साधा गया है। सरकार के साथ मीटिंग में जाने वाले अपने साथी नेताओं से भी अपील की कि वे सरकार के किसी झांसे में आकर संघर्ष को कमजोर न करें। अपनी एकता का सबूत दें। पहले क्यों नहीं जागी सरकार ? जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि हरियाणा सरकार कुछ नेताओं से मीटिंग करने जा रही है। लंबे समय से किसानों का संघर्ष जारी है। शंभू बार्डर पर लगातार धरना दिया जा रहा है। हरियाणा सरकार ने उन्हें दिल्ली जाने से रोक रखा है। इससे पहले जब किसान सरकार के नुमाइंदों को ज्ञापन दे रहे थे, तब सरकार ने मीटिंग क्यों नहीं रखी। अब हरियाणा में चुनाव हैं। ऊपर से हाईकोर्ट ने सख्त फैसला सुनाया है। इसके डर से किसान यूनियनों को झांसे में लेकर हरियाणा सरकार नई साजिश रच रही है। किसानों की सभी को किया जाए पूरा उन्होंने कहा कि किसान नेताओं को अब बगैर किसी चर्चा के सिर्फ इस बात पर जोर देना चाहिए कि उनकी मांगों को पूरा करो। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार अपने प्रदेश के किसानी मसले तो हल कर सकती है। लेकिन इससे पूरे देश में किसानों का आंदोलन नहीं रुकेगा। डल्लेवाल ने कहा कि फसलों पर एमएसपी को यकीनी बनाना, स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने सहित किसान मजदूरों की सभी 12 मांगों को बिना शर्त पूरा किया जाना चाहिए। शुभकरण की शहादत पर जवाब मांगा जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि यह चर्चा है कि हरियाणा सरकार ने कुछ यूनियनों के नुमाइंदों को मीटिंग में बुलाया है। पहली बात को यह है कि किसान नेताओं को एकता का सबूत देना चाहिए। संयुक्त किसान मोर्चे का फैसला लेकर ही मीटिंग में जाना चाहिए। अगर फिर भी कोई नुमाइंदा मीटिंग में जाता है, तो सबसे पहले हरियाणा सरकार से शुभकरण की शहादत का जवाब मांगना चाहिए। किसानों पर गोलियां बरसाने वाले पुलिस अधिकारियों को सम्मानित करने की सिफारिश को रद्द कराना चाहिए और इन अधिकारियों खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाए। एक तरफ पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से हरियाणा में बार्डर खोलने के आदेश को लागू न किए जाने के चलते किसानों में भारी रोष है। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली की तरफ कूच कर रहे किसानों से साथ हरियाणा सरकार की मीटिंग की चर्चा है। इसके बीच किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का बड़ा बयान सामने आया। किसान यूनियन ने खन्ना में डल्लेवाल का वीडियो जारी किया। जिसमें हरियाणा सरकार पर निशाना साधा गया है। सरकार के साथ मीटिंग में जाने वाले अपने साथी नेताओं से भी अपील की कि वे सरकार के किसी झांसे में आकर संघर्ष को कमजोर न करें। अपनी एकता का सबूत दें। पहले क्यों नहीं जागी सरकार ? जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि हरियाणा सरकार कुछ नेताओं से मीटिंग करने जा रही है। लंबे समय से किसानों का संघर्ष जारी है। शंभू बार्डर पर लगातार धरना दिया जा रहा है। हरियाणा सरकार ने उन्हें दिल्ली जाने से रोक रखा है। इससे पहले जब किसान सरकार के नुमाइंदों को ज्ञापन दे रहे थे, तब सरकार ने मीटिंग क्यों नहीं रखी। अब हरियाणा में चुनाव हैं। ऊपर से हाईकोर्ट ने सख्त फैसला सुनाया है। इसके डर से किसान यूनियनों को झांसे में लेकर हरियाणा सरकार नई साजिश रच रही है। किसानों की सभी को किया जाए पूरा उन्होंने कहा कि किसान नेताओं को अब बगैर किसी चर्चा के सिर्फ इस बात पर जोर देना चाहिए कि उनकी मांगों को पूरा करो। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार अपने प्रदेश के किसानी मसले तो हल कर सकती है। लेकिन इससे पूरे देश में किसानों का आंदोलन नहीं रुकेगा। डल्लेवाल ने कहा कि फसलों पर एमएसपी को यकीनी बनाना, स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने सहित किसान मजदूरों की सभी 12 मांगों को बिना शर्त पूरा किया जाना चाहिए। शुभकरण की शहादत पर जवाब मांगा जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि यह चर्चा है कि हरियाणा सरकार ने कुछ यूनियनों के नुमाइंदों को मीटिंग में बुलाया है। पहली बात को यह है कि किसान नेताओं को एकता का सबूत देना चाहिए। संयुक्त किसान मोर्चे का फैसला लेकर ही मीटिंग में जाना चाहिए। अगर फिर भी कोई नुमाइंदा मीटिंग में जाता है, तो सबसे पहले हरियाणा सरकार से शुभकरण की शहादत का जवाब मांगना चाहिए। किसानों पर गोलियां बरसाने वाले पुलिस अधिकारियों को सम्मानित करने की सिफारिश को रद्द कराना चाहिए और इन अधिकारियों खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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