गोंडा में रेल दुर्घटना, रेलवे ने कर्मचारियों को भेजे नोटिस:पांच कारणों में समझिए कैसे ट्रैक में खामी और सिग्नल में लापरवाही की तरफ घूमी जांच

गोंडा में रेल दुर्घटना, रेलवे ने कर्मचारियों को भेजे नोटिस:पांच कारणों में समझिए कैसे ट्रैक में खामी और सिग्नल में लापरवाही की तरफ घूमी जांच

गोंडा में हुए चंडीगढ़- डिब्रूगढ़ रेल हादसे की जांच लखनऊ में हो रही। रेल संरक्षा आयुक्त की जांच में पटरी में खामी का मुद्दा सबसे अहम बना हुआ है। बीते करीब एक महीने की रिपोर्ट जांच में मांगी गई है। 18 जुलाई को हुई घटना के तीन दिन बीत चुके हैं, लेकिन रेलवे की तरफ से अभी जवाबदेही नहीं तय की जा सकी है। वहीं, रेलवे की तरफ से कर्मचारियों को नोटिस आ गई है कि सभी लोको पायलट अपना दो मोबाइल नंबर दर्ज कराएं। आम तौर पर एक ही मोबाइल नंबर दर्ज होता है। इसके साथ ही उन्हें प्रॉपर रेस्ट कर के काम करने का निर्देश है। साथ ही समय – समय पर गाड़ी की चेकिंग करने। गाड़ी चलाने के दौरान मोबाइल – फोन स्विच ऑफ करने के लिए निर्देशित किया गया है। अन्य विभागीय कर्मचारियों को भी एहतियातन नोटिस भेजा गया है। पांच कारणों पर चल रही जांच, इससे तय होगी जवाबदेही (यह बात संयुक्त रिपोर्ट में भी सामने आई है, इसकी जांच चल रही है।) इंजन था ऑन ट्रैक, गड़बड़ी की ये वजह संभव जानकार बताते हैं कि गाड़ी संख्या 15904 का ब्रेकिंग सिस्टम 100 फीसदी सही था। लोको पायलट का मेडीकल सही था। इस दौरान कोई अल्कोहल भी नहीं मिला। इंजन की सर्विस भी निर्धारित समय में ही की गई है। इंजन ऑन ट्रैक था, लेकिन पटरी और सिग्नल में अभी संयुक्त जांच में खामियां सामने आई हैं। ट्रैक में जर्क, गाड़ी जंप या लाइन में फाल्ट होने की स्थिति में इस तरह के हादसे होने की संभावना ज्यादा है। इसके साथ ही ट्रेन क्रॉस ओवर होने पर सिंगनल डिपार्टमेंट की गलती है। इसके साथ ही किसी कोच का पहिया खराब होने की स्थिति में ऐसा होने की संभावना है। वीडियो के साथ दर्ज होगा बयान ट्रेन आने से लेकर दुर्घटना होने तक सबकी सूची तैयार की गई है। घटना होने के पहले तक क्या कर रहे थे, इसपर रिपोर्ट मांगी गई है। पटरी की रिपोर्ट को लेकर चर्चा की गई है। बीते एक महीने तक का रिकार्ड मांगा गया है। ऑडियो, वीडियो सभी की रिपोर्ट तैयार हो रही। वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ बयान दर्ज किया जाएगा। गोंडा में हुए चंडीगढ़- डिब्रूगढ़ रेल हादसे की जांच लखनऊ में हो रही। रेल संरक्षा आयुक्त की जांच में पटरी में खामी का मुद्दा सबसे अहम बना हुआ है। बीते करीब एक महीने की रिपोर्ट जांच में मांगी गई है। 18 जुलाई को हुई घटना के तीन दिन बीत चुके हैं, लेकिन रेलवे की तरफ से अभी जवाबदेही नहीं तय की जा सकी है। वहीं, रेलवे की तरफ से कर्मचारियों को नोटिस आ गई है कि सभी लोको पायलट अपना दो मोबाइल नंबर दर्ज कराएं। आम तौर पर एक ही मोबाइल नंबर दर्ज होता है। इसके साथ ही उन्हें प्रॉपर रेस्ट कर के काम करने का निर्देश है। साथ ही समय – समय पर गाड़ी की चेकिंग करने। गाड़ी चलाने के दौरान मोबाइल – फोन स्विच ऑफ करने के लिए निर्देशित किया गया है। अन्य विभागीय कर्मचारियों को भी एहतियातन नोटिस भेजा गया है। पांच कारणों पर चल रही जांच, इससे तय होगी जवाबदेही (यह बात संयुक्त रिपोर्ट में भी सामने आई है, इसकी जांच चल रही है।) इंजन था ऑन ट्रैक, गड़बड़ी की ये वजह संभव जानकार बताते हैं कि गाड़ी संख्या 15904 का ब्रेकिंग सिस्टम 100 फीसदी सही था। लोको पायलट का मेडीकल सही था। इस दौरान कोई अल्कोहल भी नहीं मिला। इंजन की सर्विस भी निर्धारित समय में ही की गई है। इंजन ऑन ट्रैक था, लेकिन पटरी और सिग्नल में अभी संयुक्त जांच में खामियां सामने आई हैं। ट्रैक में जर्क, गाड़ी जंप या लाइन में फाल्ट होने की स्थिति में इस तरह के हादसे होने की संभावना ज्यादा है। इसके साथ ही ट्रेन क्रॉस ओवर होने पर सिंगनल डिपार्टमेंट की गलती है। इसके साथ ही किसी कोच का पहिया खराब होने की स्थिति में ऐसा होने की संभावना है। वीडियो के साथ दर्ज होगा बयान ट्रेन आने से लेकर दुर्घटना होने तक सबकी सूची तैयार की गई है। घटना होने के पहले तक क्या कर रहे थे, इसपर रिपोर्ट मांगी गई है। पटरी की रिपोर्ट को लेकर चर्चा की गई है। बीते एक महीने तक का रिकार्ड मांगा गया है। ऑडियो, वीडियो सभी की रिपोर्ट तैयार हो रही। वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ बयान दर्ज किया जाएगा।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर