सेना में भी होगा आरक्षण? BJP प्रवक्ता ने अपनी ही सरकार से की ये मांग

सेना में भी होगा आरक्षण? BJP प्रवक्ता ने अपनी ही सरकार से की ये मांग

<p>आरक्षण के मुद्दे पर सहयोगी दलों से लेटर वॉर झेल रही भारतीय जनता पार्टी को अब उसके अपने ही नेता परेशान करने लगे हैं. बीजेपी के एक नेता ने बयान जारी कर कहा है कि सेना में भी आरक्षण होना चाहिए.</p>
<p>भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता जुगल किशोर ने मांग की है कि सेना, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी आरक्षण देने की मांग की है. हालांकि उन्होंने कहा है कि यह उनका निजी मत है.</p>
<p>किशोर ने कहा कि मैं बीजेपी प्रवक्ता होने के नाते नहीं बल्कि व्यक्तिगत राय देता हूं कि जब कभी सेना में महार रेजीमेंट होते थे, आज क्यों नहीं है? जब ये रेजीमेंट थे तब हमने कई युद्ध जीते थे. मैं ये मांग करता हूं कि सेना, सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट में भी आरक्षण लागू होना चाहिए. इसके अलावा किशोर ने नेम प्लेट मामले पर भी अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि हमें अपना नाम लिखना चाहिए. इसमें क्या दिक्कत है?&nbsp;&nbsp;</p>
<p>किशोर की यह व्यक्तिगत राय ऐसे वक्त में सामने आई है जब राज्य के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की दो चिट्ठियां वायरल हो रही हैं. इन चिट्ठियों में डिप्टी सीएम ने पूछा था – संविदा और आउटसोर्सिंग से भर्तियों में कितना आरक्षण दिया? साल 2023 में केशव मौर्य ने पत्र लिखकर सरकारी विभागों में संविदा और आउटसोर्सिंग से हुई भर्तियों की रिपोर्ट मांगी थी.&nbsp;</p>
<p>[tw]https://x.com/sanjayjourno/status/1815315897113809363[/tw]</p>
<p>इसके साथ ही केशव की एक और चिट्ठी सामने आई जो साल 2024 के जून में ही लिखी गई थी.</p> <p>आरक्षण के मुद्दे पर सहयोगी दलों से लेटर वॉर झेल रही भारतीय जनता पार्टी को अब उसके अपने ही नेता परेशान करने लगे हैं. बीजेपी के एक नेता ने बयान जारी कर कहा है कि सेना में भी आरक्षण होना चाहिए.</p>
<p>भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता जुगल किशोर ने मांग की है कि सेना, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी आरक्षण देने की मांग की है. हालांकि उन्होंने कहा है कि यह उनका निजी मत है.</p>
<p>किशोर ने कहा कि मैं बीजेपी प्रवक्ता होने के नाते नहीं बल्कि व्यक्तिगत राय देता हूं कि जब कभी सेना में महार रेजीमेंट होते थे, आज क्यों नहीं है? जब ये रेजीमेंट थे तब हमने कई युद्ध जीते थे. मैं ये मांग करता हूं कि सेना, सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट में भी आरक्षण लागू होना चाहिए. इसके अलावा किशोर ने नेम प्लेट मामले पर भी अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि हमें अपना नाम लिखना चाहिए. इसमें क्या दिक्कत है?&nbsp;&nbsp;</p>
<p>किशोर की यह व्यक्तिगत राय ऐसे वक्त में सामने आई है जब राज्य के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की दो चिट्ठियां वायरल हो रही हैं. इन चिट्ठियों में डिप्टी सीएम ने पूछा था – संविदा और आउटसोर्सिंग से भर्तियों में कितना आरक्षण दिया? साल 2023 में केशव मौर्य ने पत्र लिखकर सरकारी विभागों में संविदा और आउटसोर्सिंग से हुई भर्तियों की रिपोर्ट मांगी थी.&nbsp;</p>
<p>[tw]https://x.com/sanjayjourno/status/1815315897113809363[/tw]</p>
<p>इसके साथ ही केशव की एक और चिट्ठी सामने आई जो साल 2024 के जून में ही लिखी गई थी.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड UP Crime News:लड़कियों से छेड़छाड़ का विरोध करने पर बदमाशों ने किया धारदार हथियार से हमला, 9 के खिलाफ FIR